‘भारतीय सेना से सीधे टकराव से बचता है चीन, हमें गलवान की घटना से लेना चाहिए सबक’

'भारत, चीन को रोकने में काफी हद तक विफल हो रहा है क्योंकि भारत सरकार यह समझने से इनकार करती है कि प्रतिरोध केवल सैन्य ताकत के बारे में नहीं है. प्रभावी होने के लिए, प्रतिरोध की प्रकृति व्यापक होनी चाहिए और रणनीतिक व कूटनीतिक स्तर पर इसका नेतृत्व किया जाना चाहिए.'

चीन द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण की शुरुआत 1950 के दशक के मध्य में हुई थी लेकिन यह सिलसिला आज भी जारी है और चीन के इस रवैये की वजह से न सिर्फ भारत के साथ बल्कि दुनिया के अन्य देशों के साथ भी उसके रिश्ते लगातार बिगड़ ही रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यह कोशिश की है और इससे पहले उसने गलवान घाटी में भी यही कोशिश की थी. इन्हीं सब मुद्दों पर जाने-माने जियोस्ट्रैटेजिस्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार ब्रह्म चेलानी से पांच सवाल और उनके जवाब…

सवाल: तवांग में चीनी अतिक्रमण और इस पर भारत की प्रतिक्रिया को कैसे जब व्यापार करने के लिए नहीं देखते हैं आप?

जवाब: चीन चुपके से आक्रामकता दिखाना पसंद करता है. आमने-सामने की लड़ाई से बचने के लिए वह किसी भी हद तक जाता है. यही कारण है कि वह भारतीय सेना के साथ सीधे टकराव से बचता है. चीनी सेना एक ऐसी सेना है जिसमें काफी हद तक बलपूर्वक कर्मियों की भर्ती की जाती है. भारत में स्थिति इसके विपरीत है. स्वयं लोग सेना में भर्ती होते हैं. भारत की कमजोरी उसकी रणनीति है. वह प्रतिक्रियाशील होने और जोखिम से बचने वाली रणनीतिक संस्कृति पर भरोसा करता है. नतीजतन, वह एक ऐसे विरोधी के खिलाफ अत्यधिक रक्षात्मक रणनीति का अनुसरण करता है जो क्षेत्रीय विस्तारवाद के लिए नए अवसर तलाशते रहता है और भारतीय सुरक्षा को परखते रहता है. स्पष्ट तथ्य यह है कि चीन के खिलाफ भारत की यह रणनीति काम नहीं कर रही है. भारत सरकार ने बार-बार चेतावनी दी है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि चीन सीमा पर शांति बहाल नहीं करता. लेकिन चीन, दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हुए अपनी आक्रामक कार्रवाइयों पर कायम है. वास्तव में, लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) में बदलाव करने की कोशिशों में असफल होने के कारण, चीन अब पूर्वी क्षेत्र में अपने विस्तारवाद को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, वह भी सर्दियों के मौसम में जब स्थितियां बेहद ठंडी होती हैं.

सवाल: क्या आप कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस टिप्पणी से सहमत हैं कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है और भारत को इससे सचेत रहना चाहिए?

जवाब: इस तरह के आक्रामक दुश्मन के खिलाफ लगातार रक्षात्मक बने रहना भारतीय सुरक्षा बलों पर बड़ा बोझ डालता है. क्योंकि चीनी सैन्य आक्रामकता का अनुमान लगाने या प्रतिक्रिया देने में एक भी चूक महंगी साबित हो सकती है. हमें अप्रैल 2020 की घटना से सबक लेना चाहिए, जब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कुछ प्रमुख सीमावर्ती क्षेत्रों में चुपके से अतिक्रमण कर लिया था. चीनी हमेशा भारतीयों को आश्चर्यचकित करने के लिए समय और स्थान चुनते हैं. सलामी स्लाइसिंग या चुपके से आक्रामकता केवल चीनी पक्ष का विशेषाधिकार क्यों होना चाहिए? भारत क्यों नहीं चीन को इसी अंदाज में जवाब देता है? किसी मुल्क द्वारा अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ छोटे-छोटे सैन्य अभियान के जरिये धीरे-धीरे किसी बड़े इलाके पर कब्जा कर लेने की नीति को सलामी स्लाइसिंग कहा जाता है.

सवाल: वैश्विक मंच पर भी चीन का आक्रामक व्यवहार एक ‘बहुत बड़ा खतरा’ है. चीन का मुकाबला करने के लिए भारत की रणनीति क्या होनी चाहिए?

जवाब: भारत, चीन को रोकने में काफी हद तक विफल हो रहा है क्योंकि भारत सरकार यह समझने से इनकार करती है कि प्रतिरोध केवल सैन्य ताकत के बारे में नहीं है. प्रभावी होने के लिए, प्रतिरोध की प्रकृति व्यापक होनी चाहिए और रणनीतिक व कूटनीतिक स्तर पर इसका नेतृत्व किया जाना चाहिए. इसका मतलब है कि भारत को व्यापार और कूटनीतिक मंच का उपयोग करना चाहिए. भारत के अब तक के मुख्य कदम चीनी मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाना और भारत सरकार के अनुबंधों तक चीनी कंपनियों की पहुंच को प्रतिबंधित करना रहा है. यह सब बुरी तरह से अपर्याप्त साबित हुए हैं. इस प्रकार के कदमों के साथ ही भारत को अनौपचारिक व्यापार प्रतिबंधों के रास्ते को भी अपनाने की आवश्यकता है. वास्तव में, भारत के पास गैर-आवश्यक आयातों को प्रतिबंधित करके चीन के साथ अपने बड़े पैमाने पर व्यापार घाटे को ठीक करने के लिए अपनी खरीद शक्ति का लाभ उठाने का एक शानदार अवसर है.

सवाल: चीन पिछले कुछ वर्षों से अपनी भू-राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन कर रहा है, और कई देशों जब व्यापार करने के लिए नहीं के साथ उसके संबंध भी खराब हुए है. मौजूदा परिस्थितियों में आप इसे कैसे देखते हैं?

जवाब: ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय माहौल चीन की महत्वाकांक्षाओं के प्रति शत्रुतापूर्ण हो रहा है, भारत को चीनी आक्रामकता को उजागर करने के लिए एक कूटनीतिक आक्रमण शुरू करना चाहिए. चीन का नाम लेकर और उसे शर्मिंदा करने के भारत के पास कई अवसर होते हैं लेकिन वह इससे परहेज करता है जबकि चीन अपनी आक्रामकता के बीच भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने में कोई हिचक नहीं दिखाता है.

सवाल: चीन की आक्रामकता सिर्फ सीमा पर ही नहीं है. वह भारत के खिलाफ साइबर वार भी चला रहा है. इस संबंध में आपका क्या कहना है?

जवाब: भारत जब तक चीन को उसकी आक्रामकता का ठोस जवाब नहीं देगा (ताकि बीजिंग को उसकी कारस्तानी महंगी पड़े), वह भारत के खिलाफ नए मोर्चे खोलता रहेगा. नहीं तो वह अपनी साइबर आक्रामकता को बढ़ाएगा और भारत को उसके समुद्री इलाकों में भी चुनौती देगा.

Delhi Airport पर भीड़ से बचने के लिए इन स्मार्ट ट्रैवल टिप्स को करें फॉलो

एयरपोर्ट पर लोगों को हो रही असुविधा के कारण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक भी है. अगर आप भी हवाई जहाज से सफर करने वाले हैं, तो भीड़ से बचने वाले इन टिप्स को फॉलो करना न भूलें.

पिछले कुछ दिनों से आप ऐसी खबरें देख या सुन रहे होंगे कि दिल्ली इंटरनेशल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. जिसके चलते लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. एयरपोर्ट पर लोगों को हो रही असुविधा के कारण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक भी है. अगर आप भी हवाई जहाज से सफर करने वाले हैं, तो भीड़ से बचने वाले इन टिप्स को फॉलो करना न भूलें.

पिछले कुछ दिनों से आप ऐसी खबरें देख या सुन रहे होंगे कि दिल्ली इंटरनेशल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. जिसके चलते लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. एयरपोर्ट पर लोगों को हो रही असुविधा के कारण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक भी है. अगर आप भी हवाई जहाज से सफर करने वाले हैं, तो भीड़ से बचने वाले इन टिप्स को फॉलो करना न भूलें.

सुरक्षा जांच में लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं, जहां यात्रियों के बैग को स्कैनर से चेक किया जाता है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने लोगों से सिंगल बैग कैरी करने की अपील की है ताकि एक्सट्रा भीड़ से बचा जाए.

सुरक्षा जांच में लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं, जहां यात्रियों के बैग को स्कैनर से चेक किया जाता है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने लोगों से सिंगल बैग कैरी करने की अपील की है ताकि जब व्यापार करने के लिए नहीं एक्सट्रा भीड़ से बचा जाए.

Delhi International Airport Limited की ओर से यात्रियों को Digi-Yatra डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. एक बार जब आप डिजी-यात्रा पर रजिस्टर करने पर आपको अपना पासपोर्ट/पहचान पत्र और बोर्डिंग पास बार-बार चेक करने की जरूरत नहीं होगी.

Delhi International Airport Limited की ओर से यात्रियों को Digi-Yatra डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. एक बार जब आप डिजी-यात्रा पर जब व्यापार करने के लिए नहीं रजिस्टर करने पर आपको अपना पासपोर्ट/पहचान पत्र और बोर्डिंग पास बार-बार चेक करने की जरूरत नहीं होगी.

यदि आपके पास चेक-इन करने के लिए कोई सामान नहीं है, तो अपना चेक-इन ऑनलाइन पूरा करें. वेब चेक-इन करके आप सीधे सुरक्षा गेट की ओर जा सकते हैं.

यदि आपके पास चेक-इन करने के लिए कोई सामान नहीं है, तो अपना चेक-इन ऑनलाइन पूरा करें. वेब चेक-इन करके आप सीधे सुरक्षा गेट की ओर जा सकते हैं.

अपनी फ्लाइट उस समय बुक करने की कोशिश करें, जब पीक आवर्स न हों. दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 5 से सुबह 9 बजे तक पीक आवर्स होते हैं. इसके अलावा, आप करीब साढ़े 3 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने की कोशिश करें.

अपनी फ्लाइट उस समय बुक करने की कोशिश करें, जब पीक आवर्स न हों. दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 5 से सुबह 9 बजे तक पीक आवर्स होते हैं. इसके अलावा, आप करीब साढ़े 3 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने की कोशिश करें.

Gwalior Mela 2023: जब व्यापार करने के लिए नहीं मेला में बीएसएफ की आटोमेटिक हथियारों की प्रदर्शनी होगी आकर्षण का केंन्द्र

Gwalior Mela 2023: माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला में इस बार आकृषण का केंद्र बीएसएफ की प्रदर्शनी होगी। बीएसएफ द्वारा मेला में आटो मेटिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।इसके लिए बीएसएफ द्वारा मेला प्राधिकरण से प्रदर्शनी लगाने के लिए जगह की मांग की और जगह के लिए प्रस्ताव भी बनाकरदेदिया।

Gwalior Mela 2023: मेला में बीएसएफ की आटोमेटिक हथियारों की प्रदर्शनी होगी आकर्षण का केंन्द्र

मदनमोहन दानिस और तेज नारायण शर्मा को बनाया समन्वयक

Gwalior Mela 2023:ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला में इस बार आकृषण का केंद्र बीएसएफ की प्रदर्शनी होगी। बीएसएफ द्वारा मेला में आटो मेटिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके लिए बीएसएफ द्वारा मेला प्राधिकरण से प्रदर्शनी लगाने के लिए जगह की मांग की और जगह के लिए प्रस्ताव भी बनाकर दे दिया। अब मेला प्राधिकरण बीएसएफ को जब उपलब्ध कराने के लिए स्थान चिन्हित करेगा। हालांकि मेला प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बीएसएफ की प्रदर्शनी के लिए मेला थाने की ओर जगह उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे वहां पर खाली स्थान पर डाग शो भी हो सकेगा। यह पहला मौका होगा जब बीएसएफ मेला में हथियारों में प्रदर्शनी लगाएगा। प्रदर्शनी की सुरक्षा बीएसएफ के जवान खुद संभालेंगे। इधर सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए समन्वयक दो लोगों को बना दिया गया है।

Gwalior Mela 2023: ग्वालियर मेले में लगेगी रेलवे की प्रदर्शनी, बाल रेल नहीं चलेगी

मेला में होने जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में कौन कौन से कलाकार भाग लेंगे,उनके सम्मान में क्या राशि दी जाएगी। इन सब के लिए दो समन्वयक बनाए गए हैं जो सांस्कृतिक समिति और कलाकारों के बीच समन्वय स्थापित करेंगे। अखिल भारतीय मुशायरा के लिए मदनमोहन दानिस को समन्वयक बनाया गया। जबकि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के लिए तेज नारायण शर्मा को समन्वयक बना दिया गया।

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रेलवे प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन-

रेलवे द्वारा प्रस्ताव मिलने के बाद मेला प्राधिकरण ने रेलवे की जगह की सफाई करा दी है। अब उस स्थान पर रंगाई पुताई भी कराई जा रही है। रेलवे ने प्रस्ताव भेजकर साफ सफाई की प्राधिकरण से मांग की थी। जिससे रेलवे प्रदर्शनी लगा सके। हालांकि बाल रेल संचालन को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं पर माना जा रहा है कि बाल रेल का संचालन इस बार मेला में नहीं हो सकेगा। असल में बाल रेल के संचालन के लिए रेलवे सेफ्टी की ओर से एनओसी मिलना अब संभव नहीं है। क्योंकि जो रेलवे लाइन मेला में डली हुई है उसमें काफी गेप आ चुका है और उसका संधारण करने में वक्त् लगेगा। इसलिए इस बार केवल प्रदर्शनी ही लगाई जाएगी।

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धीमी गति से सज रही दुकानें-

मेला के शुभारंभ में चंद रोग शेष है। लेकिन मेला अभी तक पूरी तरह से आकार नहीं ले सका है। मेला में 70 फीसद से अधिक दुकानें खाली पड़ी हुई हैं। असल में ग्वालियर मेला से पहले आयोजित होने वाले मेला में व्यापारी अपना व्यापार कर रहे हैं। जब वह मेला समाप्त होंगे तब वह व्यापारी ग्वालियर व्यापार में मेला में व्यापार करने आएंगे। इस कारण से अभी दुकानें धीमी गति से सज रही हैं। हालांकि प्रधिकरण का कहना है कि जिन लोगों को दुकानें आवंटित की गई उन्हें जल्द से जल्द दुकान तैयार करने की हिदायत भी दी गई है।

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बीएसएफ की ओर से प्रस्ताव मिल चुका है, वह हथियारों की प्रदर्शनी लगाना चाहते हैं। बाल रेल के लिए साफ सफाई करा दी गई है । दुकानें धीमी गति से सजने का कारण आसपास के जिलाें में संचालित हो रहे मेला हैं। वह मेला जैसे ही समाप्त होंगे ग्वालियर मेला पूरी तरह से लग जाएगा। दो लोगों को समन्वयक बनाया गया है।

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धीमी गति से सज रही दुकानें-

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व्यापार के लिए हर किसी से पैसे नहीं मांगे जाते, जान लीजिए ये 5 खास बातें

अगर आपने अपना स्टार्टअप शुरू किया है या शुरू करने की सोच रहे हैं और इसके लिए आपको किसी निवेशक की तलाश है, तो ये लेख आपके कुछ काम आ सकता है.

अगर उद्यमी को निवेशक की तलाश है, तो ये बात भी उतनी ही सच है कि निवेशकों को भी उद्यमियों की तलाश रहती है.

अगर आपने अपना स्टार्टअप शुरू किया है या शुरू करने की सोच रहे हैं और इसके लिए आपको किसी निवेशक की तलाश है, तो ये लेख आपके कुछ काम आ सकता है. स्टार्टअप या कोई नया व्यापार शुरू करने के लिए उद्यमी को निवेशक की जरूरत होती है, लेकिन ये बात भी उतनी ही सच है कि निवेशक को अपना पैसा लगाने के लिए किसी उद्यमी की जरूरत होती है. यानी दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. व्यापार के लिए इस बात को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. निवेशक अपने पैसे से पैसा बनाना चाहता है. आप उसे अपनी जरूरत बताने की जगह अगर उसकी जरूरत पर होमवर्क करेंगे, तो फंडिंग मिलने में दिक्कत नहीं आएगी. यहां हम आपको कुछ ऐसी ही जरूरी बातें बता रहे हैं.

1. बैकग्राउंड
निवेशक आपकी कंपनी और आपके व्यापार के बारे में कितना जानते हैं. आम तौर पर निवेशक उसी व्यापार में पैसे लगाते हैं, जिसके बारे में उन्हें जानकारी होती है. जैसे यदि किसी निवेशक ने खेती और बागवानी का काम किया है तो वो किसी टेक्नालॉजी स्टार्टअप में पैसे लगाने के लिए जल्दी तैयार नहीं होगा. तो ऐसे लोगों से मिलिए जो आपके व्यापार और संभावनाओं के बारे में जानते हों. तभी वो आपके प्रस्ताव का सही आकलन कर पाएंगे.

2. पिछला निवेश
आपको ये भी पता होना चाहिए कि इससे पहले उन्होंने किन कंपनियों में निवेश किया है. आमतौर पर वो पहले जैसी कंपनियों में निवेश कर चुके हैं, ज्यादा संभावना रहती है कि वे उससे मिलती जुलती कंपनी में निवेश करेंगे. इसके अलावा सही जगह पर सही व्यक्ति से मिलना भी जरूरी है. यानी आप ऐसी कंपनी में पहुंच गए तो जब व्यापार करने के लिए नहीं आपके व्यापार में निवेश कर सकी है, लेकिन आपको ये पता करना भी जरूरी है कि यहां वो कौन व्यक्ति है जो आपके प्रस्ताव में रुचि ले सकता है.

3. निवेश की अवस्था
क्या आप जिस निवेशक के पास जा रहे हैं वो नई या छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं. क्या उनका कोई ऐसा मापदंड है कि कंपनी की आय कम से कम इतनी हो होनी चाहिए या उनकी कोई और मांग है. निवेश का प्रस्ताव ले जाने से पहले इस बात को जान लेना जरूरी होता है.

4. निवेश जब व्यापार करने के लिए नहीं का आकार
आपको पता होना चाहिए कि आपको कितना पैसा चाहिए. आपके व्यापार को कितने रुपये की जरूरत है. इसके लिए व्यापार और विस्तार की पक्की योजना आपके पास होनी चाहिए. आपको उन्हें बताना पड़ेगा कि आपको इतने धन की जरूरत क्यों है और इस पैसे का कआप करेंगे क्या?

5. अपेक्षित मुनाफा
कोई भी पैसा यूं ही नहीं दे देता है. आपको पता होना चाहिए कि निवेश के बदले में वो कितना मुनाफा पाने की उम्मीद कर रहे हैं. क्या आप अपने व्यापार से निवेशकों को उनकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न दे पाएंगे. दूसरी बात ये कि वो अपने निवेश पर कब से रिटर्न पाने की उम्मीद कर रहे हैं. आपने क्या सोचा है कि आपका व्यापार कब से मुनाफे में आ जाएगा. इस बारे में पहले दिन ही स्थिति साफ होनी चाहिए.

इन बातों के बारे में अगर आप पहले से तैयारी कर लेंगे, तो किसी संभावित निवेशक के साथ मीटिंग का नतीजा जरूर सकारात्मक होगा. ये याद रखिए आप चाहें जितने काबिल हों, आपका आइडिया कितना भी बढ़िया क्यों न हो, लेकिन पैसे जुटाना आसान नहीं है. लेकिन होमवर्क पूरा करने पर और सही व्यक्ति के साथ मीटिंग करने पर आपको सफलता जरूर मिलेगी. याद रखिए अगर आपको उनकी तलाश है, तो उन्हें भी आपकी तलाश है.

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