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पेनी स्टॉक में क्या आप भी पैसा लगाते रहते हैं, शेयर खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
पेनी स्टॉक्स में उतना ही इन्वेस्ट करें जितना डूबने पर आप बर्दाश्त कर सकें, क्योंकि पेनी स्टॉक ज्यादा रिस्की होता है.
पेनी स्टॉक को बहुत सारे निवेशक कम समय में अमीर बनने का रास्ता भी समझते हैं. लेकिन ये रास्ता अक्सर कांटों भरा ही होता है . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 30, 2022, 22:59 IST
मुंबई . शेयर बाजार में निवेशकों के बीच अक्सर पेनी स्टॉक की चर्चा होती रहती है. बहुत सारे निवेशक मल्टीबैगर स्टॉक की तलाश में पेनी स्टॉक में पैसा लगाते रहते हैं. पेनी स्टॉक को बहुत सारे निवेशक कम समय में स्टॉक क्या है? अमीर बनने का रास्ता भी समझते हैं. लेकिन ये रास्ता अक्सर कांटों भरा ही होता है. ज्यादातर निवेशक पेनी स्टॉक के चक्कर में अपनी पूंजी गंवा बैठते हैं.
दरअसल पेनी स्टॉक वैसे शेयर होते हैं जिनकी कीमत कम होती या 10 रुपए से कम होती है. साथ ही कंपनी का मार्केट कम होता है. तमाम एक्सपर्टस 500 करोड़ के नीचे मार्केट कैप वालों को इसी कटगरी में रखते हैं. पेनी स्टॉक से जुड़ी कंपनियां छोटी होती हैं. इनके बारे में पता लगाना और जानकारियां इक्ट्ठा करना बहुत मुश्किल होता है. बिना किसी स्टॉक क्या है? जानकारी ऐसे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना रिस्की होता है.
शेयर की कीमतों में मैनुपुलेशन
ऐसे सटॉक्स की लिक्वीडिटी भी कम होती है. यानी, बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयर सीमित होते है. पेनी स्टॉक कंपनियों के कम बाजार पूंजीकरण और कम लिक्वीडिटी के कारण इसकी कीमत में हेरफेर आसान होता है.
ऑपरेटर इसमें खेल करते हैं
इंवेस्टर्स कई बार फर्जीवाड़े का शिकार हो जाते हैं. ऑपरेटर कम दाम में एक साथ ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं जिसके चलते शेयर के दाम बढ़ने लगते हैं. शेयर के दाम बढ़ते देख रिटेल निवेशक इसमें एंट्री करते हैं. दाम ज्यादा बढ़ने के बाद ऑपरेटर शेयर बेच देते हैं. इससे शेयर के दाम गिरने लगते हैं. लोअर सर्किट के कारण इसमें फंसे रिटेल निवेशक शेयरों को बेच नहीं पाते.
रिसर्च जरूरी
किसी भी कंपनी के स्टॉक्स खरीदने से स्टॉक क्या है? पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च करें. ये कंपनियां बहुत छोटी होती हैं. इनके बारे में जानकारियां अवेलेबल नहीं होती. कंपनी के फ्यूचर ग्रोथ, प्रोडक्ट, परफॉरमेंस और बैकग्राउंड को जानने के बाद ही स्टॉक्स खरीदें.
ज्यादा पैसा एक साथ न लगाएं
एक साथ ज्यादा रुपए इन्वेस्ट न करें. पेनी स्टॉक्स में उतना ही इन्वेस्ट करें जितना डूबने पर आप बर्दाश्त कर सकें, क्योंकि पेनी स्टॉक ज्यादा रिस्की होता है. पेनी स्टॉक्स के प्राइस स्टेबल नहीं होतें, इसलिए इन्वेस्ट करने से पहले मार्केट को जरूर समझें. मार्केट को समझने के लिए किसी एक्सपर्ट से बात कर सकते हैं.
मुनाफा मिले तो निकल लें
पेनी स्टॉक्स में ज्यादा दिनों के लिए इन्वेस्ट न करें. इनके शेयर का दाम तेजी से बढ़ता है, उतना ही तेजी से गिरता भी है. इसलिए शेयर खरीद कर भूल न जाएं, अच्छे रिटर्न मिलने पर शेयर बेच दें. आज इंटरनेट पर ज्ञान की कमीं नहीं है. किसी पर आंख बंद कर विश्वास न करें. जांचने और समझने के बाद ही इन्वेस्ट करें.
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Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी स्टॉक क्या है? SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
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स्टॉक क्या है?
Buffer stock : देश में जब भी सूखा या खाद्य संबंधी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उस वक्त स्टॉक क्या है? नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इस बात का ख्याल रखते हुए सरकार ने बफर स्टॉक की व्यवस्था की है। कभी भी देश में संकट आने की परिस्थिति में इसी बफर स्टॉक का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे नागरिकों को खाद्य सामग्री का नियमित वितरण किया जा सके। और उन्हें इसकी कमी न हो। आज इस लेख में हम Buffer stock / बफर स्टॉक क्या है? सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है? आदि से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे। यदि आप भी इस बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
क्या होता है बफर स्टॉक ?
बफर स्टॉक क्या है?
भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली Food Corporation Of India (भारतीय खाद्य निगम) देश में सभा राज्यों में खाद्य आपूर्ति हेतु गठित की गयी है। भारतीय खाद्य निगम फसलों के पकने पर स्टॉक क्या है? की जाने वाली बिक्री में किसानों से अनाज की खरीद करती है। जिसका बाद में देश के सभी हिस्सों में आपूर्ति की जाती है। बता दें कि जब भी अच्छी फसल होती है, सरकार देश के किसानों से उन फसलों की खरीद करके उसका स्टॉक तैयार करती है या उसे स्टोर करती है। जिसे समय आने पर या किसी खाद्य संकट काल के दौरान इस स्टॉक को जारी करती है। यानी की फसल तैयार हो जाने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद और इसका भण्डारण करना ही बफर स्टॉक कहलाता है।
सरकार द्वारा रखे गए खाद्यान्न का स्टॉक / स्टोर ऐसे वक्त पर जारी किया जाता है जब देश में किसी अन्न या खाद्य वस्तु की कमी हो जाती है। कई बार होता है कि किसी वर्ष अनाज या फसल खराब हो जाती है। जिससे न केवल बाजार में उसकी कमी हो जाती है बल्कि इससे उस के दाम भी बहुत बढ़ जाते हैं। ऐसे में उस वस्तु के दाम को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा स्टोर किया गया बफर स्टॉक जारी कर दिया जाता है। जो कि बढ़ते हुए दाम को काफी हद तक नियंत्रित कर सके।
सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है?
बफर स्टॉक एक व्यवस्था है जिसे देशहित में शुरू किया गया है, खासकर हमारे देश के किसानों के लिए। कुल मिलाकर आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि बफर स्टॉक एक ऐसी व्यवस्था स्टॉक क्या है? या योजना है जिस में अच्छी फसल होने पर उसका भंडारण किया जाता है जिस से फसलों का खरीद मूल्य निर्धारित न्यूनतम सीमा से कम न हो जाए। और इसे तब जारी किया जाता है जब फसल खराब होने या अच्छी न होने की स्थिति आती है ताकि बाजार में फसलों का मूल्य में अधिक वृद्धि होने की स्थिति न आ जाए या महंगाई न आ जाए। आप की जानकारी के लिए बता दें कि बफर स्टॉक को केंद्रीय पूल भी कहते हैं।
Buffer stock से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
बफर स्टॉक को बेहतर समझने के लिए आप इस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को समझ सकते हैं –
- देश में बफर सिस्टम में किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा। क्यूंकि सरकार द्वारा उनके अच्छी फसल को निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर खरीदा जाएगा। जिससे उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।
- जब भी देश में किसी खाद्य जैसे की – गेंहू, चावल व अन्य ऐसी फसलों की कमी होने की स्थिति में बफर स्टॉक को जारी किया जाता है।
- देश में बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से ही केंद्र सरकार बफर स्टॉक जारी करती है। खासकर जब फसल अच्छी नहीं होती तब मूल्यों के बढ़ने की अधिक संभावना होती है। ऐसे में बफर स्टॉक जारी स्टॉक क्या है? करने से संबंधित फसल या खाद्यान की कीमत नहीं बढ़ती।
- बफर स्टॉक का प्रयोग लक्षित सार्वजानिक वितान प्रणाली केअंतर्गत किया जाता है। साथ ही किसी अनु आपात स्थिति में भी इसका प्रयोग होता है।
- बफर स्टॉक को ही केंद्रीय पूल भी कहते हैं।
- भारत सरकार द्वारा केंद्रीय पूल या बफर स्टॉक तैयार करने का कार्य भारतीय खाद्य निगम का होता है। इस की स्थापना वर्ष 1965 में की गयी थी।
- भारतीय खड़े निगम की स्थापना के पीछे उद्देश्य ये था की देश में खाद्यान्नों का न्यायपूर्ण वितरण हो सके और साथ ही उनके मूल्यों में स्थायित्व लाया जा सके।
- सरकार द्वारा इसी निगम के माध्यम से किसानों से अच्छी फसल होने पर फसलों की खरीद की जाती है और बफर स्टॉक तैयार किया जाता है।
- इसी खरीद की गयी फसलों को सार्वजानिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित स्टॉक क्या है? मूल्य स्टॉक क्या है? की दुकानों पर बेचने हेतु उपलब्ध करा दिया जाता है।
Buffer stock से संबंधित प्रश्न उत्तर
Buffer stock का दूसरा नाम केंद्रीय पूल है।
बफर स्टॉक भारत सरकार के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी. आई.) के माध्यम से बनाया जाता है।
Buffer stock का उद्देश्य देश में खाद्यान्नों का न्यायपूर्ण वितरण और साथ ही उनके मूल्यों में स्थायित्व लाना था।
इसकी जिम्मेदारी एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) की होती है।
Buffer Stock के कुछ हिस्से को गरीब नागरिकों को कम कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध करा दिया जाता है। इस कीमत को निर्गत कीमत कहते हैं।
आज इस लेख में आप ने आप को Buffer stock / बफर स्टॉक से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी गयी है। उम्मीद है आप को स्टॉक क्या है? ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य लेखों को पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।
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