Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: December 11, 2022 17:46 IST

आरबीआई अधिनियम, 1934 का कौन सा भाग संविधान और मौद्रिक नीति समिति के अधिकारों से संबंधित है?

SBI PO Prelims Admit Card was released on 3rd December for the SBI PO Prelims exam. The Prelims exam is scheduled for 17th, 18th, 19th, and 20th December 2022. The State Bank of India (SBI) released the official notification of the SBI PO 2022 Recruitment. A total of 1673 vacancies have been released under SBI PO 2022-23 Recruitment. Candidates who will qualify in the prelims are eligible to attend the mains. The SBI has revised the main exam pattern a bit. The candidates can check out the SBI PO Mains Exam Pattern here.

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रुपये में व्यापार बढ़ाने पर केंद्र सरकार का जोर, ट्रेड बॉडी और बैंकों को दिया यह निर्देश

आरबीआई ने जुलाई में घरेलू मुद्रा में सीमापार व्यापार लेनदेन पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: December 11, 2022 17:46 IST

रुपये - India TV Hindi

Photo:FILE रुपये

सरकार ने ट्रेड बॉडी और बैंकों से अधिक देशों के साथ रुपये में व्यापार बढ़ाने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि रूस, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ रुपये में व्यापार को सुगम बनाने के बाद अब नये देशों को इस पहल में जोड़ने की कवायद की जा रही है। भारतीय बैंकों ने पहले से ही इन तीन देशों के बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो रुपया खाते (एसवीआरए) खोले हैं। इन खातों से रुपये में व्यापार व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है।

कई विदेशी बैंकों ने भी दिखाई दिलचस्पी

हाल ही में, एसबीआई मॉरीशस लिमिटेड और पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ एक एसवीआरए खोला था। इसके अलावा बैंक ऑफ सीलोन ने चेन्नई में अपनी भारतीय अनुषंगी कंपनी में एक खाता खोला। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने रूस के रॉस बैंक का विशेष रुपया खाता खोला है। चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने कोलंबो स्थित एनडीबी बैंक और सीलोन बैंक आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश सहित तीन श्रीलंकाई बैंकों के ऐसे खाते खोले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी के बाद रूस के दो और श्रीलंका के एक बैंक सहित 11 बैंकों ने ऐसे कुल 18 विशेष आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश रुपया खाते खोले हैं।

आरबीआई ने जुलाई में जारी किया था निर्देश

आरबीआई ने जुलाई में घरेलू मुद्रा में सीमापार व्यापार लेनदेन पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे। सूत्रों ने कहा कि हाल ही में हितधारकों के साथ समीक्षा बैठक में वित्त मंत्रालय ने रुपये में द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने पर जोर दिया। इसके अलावा स्वदेशी भुगतान प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की योजना के बारे में बताया। रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।

कंट्रोल में क्यों नहीं है महंगाई? RBI गवर्नर ने बताई ये 3 वजह

नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश महंगाई कंट्रोल में नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2022 में केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई बढ़ने के कारणों का जिक्र किया है। इसके साथ ही उन्होंने रुपया, डिजिटल करेंसी, विदेशी मुद्रा भंडार समेत इकोनॉमी से जुड़े अहम मुद्दों पर बात की।

महंगाई क्यों नहीं कंट्रोल: शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनियाभर की इकोनॉमी तनाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने इस हालात के लिए मुख्यतौर पर 3 वजह को जिम्मेदार ठहराया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड महामारी, यूक्रेन-रूस के बीच जंग और वित्तीय बाजार की वजह से उभरे संकट की वजह से भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी स्ट्रेस में है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक वर्तमान में देश की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े ठीक हैं। वैश्विक स्तर के मुकाबले भारत की इकोनॉमी का ग्रोथ तेजी से हो रहा है। महंगाई के आंकड़े भी अब धीरे-धीरे कंट्रोल हो रहे हैं।

अक्टूबर के आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश आंकड़ों से राहत की उम्मीद: उन्होंने उम्मीद जताई कि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर के महंगाई आंकड़े राहत देने वाले होंगे। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7% से कम होने की संभावना है। शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि अगर लगातार तीन तिमाहियों के लिए मुद्रास्फीति 6% से ऊपर है, तो इसे मौद्रिक नीति की विफलता है।

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रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश के लिये तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर उसका कारण और महंगाई को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार इस तरह की नौबत आई है कि केंद्र सरकार को आरबीआई ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए निर्देश रिपोर्ट देनी पड़ेगी।

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