वैसे तो मार्किट में और भी बहुत सी किताबें हिंदी और इंग्लिश में मौजूद हैं किन्तु जिनके विषय में मै जानती थी और जो मुझे अच्छी लगीं वो मैंने बता दिया आपको मेरा ये लेख कैसा लगा कमेंट में अवश्य बताएं और अगर कोई सवाल हो तो कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं - धन्यवादनिवेशकों के लिए सोरोस रणनीति
अभद्र भाषा छापों में गिरावट के बीच एलोन मस्क ने ट्विटर टीम की सराहना की
ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर पर घृणास्पद भाषण कुछ शांत हो रहा है। यह टेस्ला के सीईओ और नए ट्विटर मालिक एलोन मस्क के अनुसार था, जिन्होंने हाल ही में नोट किया था कि हेट स्पीच इंप्रेशन प्री-स्पाइक स्तरों से ट्विटर पर गिरावट आई है।
मस्क ने उपलब्धि के लिए ट्विटर की टीम को श्रेय देने का भी एक बिंदु बनाया। “अभद्र भाषा के प्रभाव पूर्व-स्पाइक स्तरों से 1/3 कम हो गए। ट्विटर टीम को बधाई!” कस्तूरी लिखा था.
बाद में टेस्ला के सीईओ के पोस्ट ने ट्विटर और उसके अभद्र भाषा के बारे में कुछ और जानकारी प्रदान की। एक के लिए, मस्क ने संकेत दिया कि अभद्र भाषा के उपयोग में स्पाइक मोटे तौर पर लगभग 1,500 खातों के कारण हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि प्रति दिन भेजे जाने वाले ट्वीट्स की निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति अधिकतम संख्या को कम करना था अभद्र भाषा पर अंकुश लगाने में सहायक.
अमेरिकन संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत को बताया ‘आंशिक आजाद’ मुल्क, फ्रीडम रिपोर्ट 2021 में निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर को किया गायब
अमेरिकी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ ने Freedom Report 2021 जारी की है। इस रिपोर्ट में संस्था ने जहां ‘पॉलिटिकल फ्रीडम’ और ‘मानवाधिकार’ को लेकर भारत की रेटिंग घटाई है, वहीं भारत की संप्रभुता के साथ भी खिलवाड़ किया है। रिपोर्ट में भारत का गलत नक्शा इस्तेमाल करते हुए जम्मू-कश्मीर को गायब कर दिया गया है। वहीं इस रिपोर्ट में भारत को ‘आजाद’ मुल्क से हटाकर ‘आंशिक आजाद’ मुल्क बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जबसे मोदी निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति सरकार आई है तबसे यहां अल्पसंख्यकों और दलितों के अधिकार कम हो गए हैं।
BREAKING: India is not rated “Free” in Freedom in the World 2021. Political rights and civil liberties have eroded in India since Narendra Modi became prime minister in 2014, causing the country to drop from Free to Partly Free in 2020. #FreedomInTheWorld https://t.co/HuNzEAc6Nw pic.twitter.com/mae0CmGpi5
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बहुत से लोग शेयर मार्किट सीखने के लिए गूगल पर सर्च किया करते हैं और वहाँ पर उन्हें बहुत से ब्लॉग और वेबसाइट भी मिलती हैं वे आपको सिखा निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति तो सकते हैं कि शेयर मार्किट क्या है , कैसे काम करता है , टेक्निकल एनलिसिस क्या है या फिर कैंडल स्टिक कैसे काम करती है
इन सबका तरीका भी काफी मिलता जुलता होता है लेकिन काफी सारी चीजें ऐसी होती हैं जो सब अलग - अलग बताते हैं जिससे लोगों के मन में काफी कन्फूजन की स्थिति पैदा हो जाती है वैसे तो मै स्वयं एक ब्लॉगर हूँ निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति और यहां आपको फ्री सिखाती भी हूँ
किन्तु क्या आपने कभी ये सोचा है कि जो आपको सिखाता है या पेड टिप्स प्रोवाइड करता है वो स्वयं से क्यों नहीं इन्वेस्ट करके करोड़ों कमाते या कभी आपने ये सोंचा है कि क्या आपको सिखाने वाले सफल इन्वेस्टर हैं अगर वो स्वयं सफल नही हैं तो वो आपको कैसे सफल बनाएंगे किन्तु यहां एक थोड़ा सा विरोधाभास भी है कि अगर हम अपनी बात करें तो हमारे पास सिर्फ ज्ञान है किन्तु पैसे से पैसा बनाने लिए पैसा नहीं है
Jeff Bezos, Elon Musk समेत 25 रईसों ने नहीं भरा टैक्स, अमेरिकी टैक्स सिस्टम की खुली पोल!
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अमेरिका के टॉप 25 रईस नहीं भरते हैं Tax
एनालिसिस से पता चलता है कि Forbes की ओर से तैयार की गई एक सारणी के मुताबिक, अमेरिका में देश के सबसे अमीर लोगों ने टैक्स में अपनी संपत्ति का केवल एक अंश - 13.6 बिलियन डॉलर का ही भुगतान किया जबकि उनकी कुल सामूहिक संपत्ति 401 बिलियन डॉलर से बढ़ी थी. एनालिसिस के मुताबिक साल 2014 से 2018 के दौरान अमेरिका के टॉप 25 सबसे रईस लोगों ने 15.8 परसेंट या 13.6 बिलियन डॉलर का औसत टैक्स चुकाया.
इन डॉक्यूमेंट्स से पता पता चलता है कि अमेरिकी टैक्स सिस्टम में किस कदर असामनता है. क्योंकि जेफ बेजोस, ब्लूमबर्ग, वॉरेन बफे, एलन मस्क और जॉर्ज सोरोस जैसे
प्लूटोक्रेट टैक्स कोड में खामियों का फायदा उठाने में सक्षम थे. दरअसल, ज्यादातर धन जो ये अमीर कमाते निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति हैं, जैसे- उनके द्वारा चलाई जा रही कंपनियों के शेयर, वैकेशन होम्स, यॉट और दूसरे तमाम तरह के निवेश 'टैक्सेबल इनकम' के दायरे में ही नहीं आते हैं. इन्हें तभी टैक्सेबल माना जाता है जब उन संपत्तियों को बेचते हैं और फायदा उठाते है. इसके बाद भी टैक्स कोड में कई खामियां हैं जो उनकी टैक्स देनदारी को या तो सीमित कर देते हैं या खत्म कर देते हैं.सदी के सबसे बड़े दानवीर साबित हुए जमशेदजी टाटा, बिल गेट्स जैसे बड़े अरबपतियों को भी पछाड़ा
पिछली सदी में जमशेदजी टाटा ने 102 अरब अमेरिकी डॉलर दान दिए (Photo-Tata.com )
नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले कारोबारी समूह टाटा के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) पिछली सदी के सबसे बड़े दानवीर बनकर उभरे हैं। इसी के साथ जमशेदजी टाटा ने दान के मामले में अमेरिका के बिल गेट्स और वॉरेन बफे जैसे बड़े कारोबारियों को पछाड़ दिया है।
102 अरब अमेरिकी डॉलर दान दिए: दरअसल, हुरुन रिपोर्ट और एडेलगिव निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति फाउंडेशन की तरफ से दुनिया के शीर्ष 50 दानवीरों की सूची तैयार की गई है। इस सूची में शीर्ष पर भारत के दिग्गज उद्योगपति जमशेदजी टाटा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछली सदी में जमशेदजी टाटा ने 102 अरब अमेरिकी डॉलर दान दिए थे। इस वजह से वह सदी यानी 100 साल के सबसे बड़े दानवीर बन गए हैं।
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