तीस साल पहले ही दुनिया में कंप्यूटरों का व्यापक इस्तेमाल शुरू हुआ था. देखते ही देखते दुनिया बदल गई और यह डिजिटल हो गई है. सेविंग्स और निवेश की दुनिया भी बदल गई है. अब पैसे बचाने के बारे में नहीं बल्कि बनाने के बारे में सोचा जाता है. रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखे जाते हैं. शेयर बाजार से लेकर मुद्रा बाजार तक सभी में निवेश किया जा रहा है. लेकिन जिसने सभी को चौंकाया वह है क्रिप्टोकरेंसी जिसने धन निवेश और उसे बढ़ाने का नया अनोखा तरीका बताया. यह पूरी तरह से गोपनीय है और कूट भाषा में अंकित होता है. इसे डिजिटल एसेट कहा जा सकता है जो कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है. इसका खाता बही सारी दुनिया में होता है और यह जबर्दस्त तरीके से इसे ‘क्रिपटिक’ यानी गोपनीय ढंग से रखा जाता है. हर ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कहा जाता है और सारे मिलकर एक ब्लॉकचेन बनाते हैं.

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किसने खाया 40 अरब का पिज़्ज़ा? जानिये बिटकॉइन पिज़्ज़ा की अनोखी कहानी

पिज़्ज़ा फ़ास्ट फ़ूड (pizza fast food) का एक ऐसा प्रकार है जिसका नाम लेते ही मुँह में पानी आ जाता है। बच्चे, बढे, बूढ़े सभी की सबसे पसंदीदा डिश पिज़्ज़ा (pizza) माना जाता है। कभी किसी दोस्त की पार्टी में तो कभी ख़ुशी के मौकों पर पिज़्ज़ा हमारा मोस्ट प्रिफर्ड ऑप्शन होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की दुनिया का सबसे महंगा पिज़्ज़ा कितना Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला महंगा हो सकता है?

इंसान की भूख उससे कुछ भी करवा सकती है यह तो Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला सभी जानते है लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा की एक ऐसा अमेरिकी भी है जो अपनी पिज़्ज़ा की भूख मिटाने के लिए 40 अरब रुपये तक खर्च कर चुका है।

पिज़्ज़ा और बिटकॉइन की अनोखी दास्ताँ

अरबों रूपए के पिज़्ज़ा की ये कहानी आज कल की नहीं है। इस को समझने के लिए आइये हम आपको लेकर चलते हैं 12 साल पहले के ज़माने में जब क्रिप्टोकरंसी बाजार में अपने वर्चस्व को स्थापित करने में लगी हुई थी।

2010 में बिटकॉइन अपने इस्तेमाल को बढ़ावा देने और और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए लिए संघर्ष कर रहा था। उन्ही दिनों फ्लोरिडा के एक व्यक्ति Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला ने साधारण जीवन में बिटकॉइन के इस्तेमाल का उदहारण पेश करने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया।

लास्ज़लो हान्येक्ज़ नाम के इस व्यक्ति ने बिटकॉइन फोरम (bitcoin forum) पर अपनी लिखी एक पोस्ट में एक पिज़्ज़ा डिलीवरी के बदले 10,000 बिटकॉइन देने का प्रस्ताव रख दिया।

उस समय बिटकॉइन की कीमत बहुत कम होने की वजह से लास्ज़लो को कई दिनों तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली लेकिन उनके इस प्रस्ताव ने बिटकॉइन प्रेमियों के बीच इसकी बढ़ती संभावनाओं को और हवा देने का काम किया।

किसने खाया 40 अरब का पिज़्ज़ा?

जिस समय लास्ज़लो हान्येक्ज़ ने बिटकॉइन फोरम के सामने यह प्रस्ताव रखा था तब ना तो लास्ज़लो को और ना ही जेरेमी को इस बात का अंदाजा था की आने वाले भविष्य में एक बिटकॉइन की कीमत कहाँ तक पहुँच सकती है। जिस समय 10,000 बिटकॉइन के बदले 2 पिज़्ज़ा को जेरेमी द्वारा डिलीवर किये Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला गए उस समय इन बिटकॉइन की कुल कीमत $41 से ज्यादा नहीं थी। हालाँकि इस ट्रांसैक्शन के कुछ ही सालों बाद बिटकॉइन की कीमतों ने तेज़ी से रफ़्तार पकड़ी।

बिटकॉइन की कीमतों में तेज़ी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की 2021 में अपने चरम पर ट्रेड कर रहे एक बिटकॉइन की कीमत 50 लाख रूपए तक पहुँच चुकी थी।

अगर लास्ज़लो अपने बिटकॉइन को पिज़्ज़ा पर खर्च ना करके 11 साल बाद उन्हें बेचते तो उन 10,000 बिटकॉइन की कीमत 2021 में 40 अरब रूपए से भी ज्यादा होती। लास्ज़लो ने खुद इस बात को स्वीकारा है की उन बिटकॉइन की बचत न कर पाने का उन्हें बेहद अफ़सोस है।

क्या है बिटकॉइन पिज़्ज़ा डे?

बिटकॉइन पिज़्ज़ा (bitcoin pizza) के बारे में तो आप जान ही चुके हैं लेकिन बिटकॉइन कम्युनिटी में इसकी लोकप्रियता बस एक किस्से तक ही सीमित नहीं। बिटकॉइन पिज़्ज़ा की ये कहानी लोगों के दिलों के इतने क़रीब है की हर साल बिटकॉइन कम्युनिटी, 22 मई को ‘बिटकॉइन पिज़्ज़ा डे’ (bitcoin pizza day) के तौर पर मनाती है।

22 मई के दिन ही जेरेमी ने लास्ज़लो के घर पर दो लज़ीज़ पिज़्ज़ा की डिलीवरी करी गयी थी और यह बात लास्ज़लो ने बिटकॉइन फोरम पर कमेंट कर दुनिया से साझा भी की थी।

बिटकॉइन से वास्तविक दुनिया में भी कुछ खरीदा जा सकता है यह बात सभी ने इस प्रसंग के बाद ही जानी और आज हाल ये है की बिटकॉइन इंटरनेट की नयी करंसी बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 40 अरब का यह पिज़्ज़ा दुनिया में बिटकॉइन लेन-देन की नींव बना और इसके साथ ही डिजिटल करंसी के नए युग की शुरुवात हुई।

क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम

पिक्साबे से ग्राफिक

यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की . किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.

क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है

आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.

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सरकारों के सामने बड़ी चुनौती

क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.

बिटकॉइन: बना सकते हैं करोड़ों लेकिन इन वजहों से न करें निवेश

Updated On: Dec 12, 2017 11:07 AM IST

Tulika Kushwaha

बिटकॉइन: बना सकते हैं करोड़ों लेकिन इन वजहों से न करें निवेश


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