डेट फंड में रकम लगाएं प्रतिफल का लाभ उठाएं
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई अक्टूबर में घटकर 6.77 फीसदी रह गई, जो सितंबर में 7.41 फीसदी थी। माना जा रहा है कि महंगाई आगे भी कम ही होगी, इसलिए डेट फंड में निवेश करने वालों को अपनी निवेश की नीति इसी अनुमान के हिसाब से दुरुस्त करनी चाहिए।
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि महंगाई अपने चरम को छूकर लौट आई है। खुदरा महंगाई अगले छह महीने में शायद और भी नीचे जाएगी। ऐक्सिस म्युचुअल फंड में को-हेड (फिक्स्ड इनकम) देवांग शाह कहते हैं, 'हमें लगता है कि रिजर्व बैंक दिसंबर में तकरीबन 35 आधार अंक की दर बढ़ोतरी कर सकता है और फरवरी में 25 आधार अंक का इजाफा होगा। इस तरह रीपो दर शायद 6.5 फीसदी तक पहुंच जाएगी और उसके बाद केंद्रीय बैंक शांत बैठ जाएगा।'
दर की बढ़ोतरी रुकने के पीछे तुक समझाते हुए शाह कहते हैं, 'हालांकि महंगाई अभी नीचे जाती दिख रही है मगर यह 4 फीसदी के आरबीआई के सहज दायरे से अब भी ऊपर है। ऐसा नहीं लगता कि खुदरा महंगाई निकट भविष्य में गिरकर 4 फीसदी रह जाएगी। हमारे हिसाब से खुदरा महंगाई वित्त वर्ष 2023-24 में 5 और 5.5 फीसदी के बीच रहेगी। हमें नहीं लगता कि महंगाई के इस स्तर पर रीपो दर 6.5 फीसदी के ऊपर की जाएगी।'
विशेषज्ञों का कहना है कि दरों में बढ़ोतरी का बड़ा दौर गुजर चुका है। अगर वैश्विक वित्त व्यवस्था पर असर करने वाली कोई बड़ी घटना नहीं होती है तो बॉन्ड प्रतिफल मौजूदा स्तर से ज्यादा ऊपर नहीं जाएगा। निवेशकों को अगले तीन महीने में ज्यादातर रकम डेट फंडों में लगानी चाहिए क्योंकि कई श्रेणियों में परिपक्वता पर शुद्ध प्रतिफल (वाईटीएम) आकर्षक हो गया है और थोड़ा बढ़ भी सकता है। डेट फंडों में तीन साल से ज्यादा निवेश किया जाए तो ये सावधि (एफडी) से बेहतर साबित होते हैं क्योंकि कर के मामले में इन्हें राहत मिलती है।
किस श्रेणी का डेट फंड लेना है, इसका फैसला यह देखकर करें कि आपको कितने समय के लिए निवेश करना है और आप कितना जोखिम उठा सकते हैं। शाह समझाते हैं, अगर निवेशक को एक साल से भी कम समय के लिए रकम लगानी है तो वह अल्ट्रा टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? शॉर्ट ड्यूरेशन फंड और मनी मार्केट फंड चुन सकता है।'
प्राइमइन्वेस्टर डॉट इन की सह संस्थापक विद्या बाला की राय है, 'जो एक साल से ज्यादा मगर पांच साल से कम मियाद के लिए रकम लगाना चाहते हैं वे शॉर्ट ड्यूरेशन फंड और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड चुन सकते हैं।'
वह तय परिपक्वता वाले यानी टारगेट मैच्योरिटी फंड में भी निवेश करने की सलाह देती हैं क्योंकि उनकी परिपक्वता की तारीख निवेशक की निवेश अवधि के हिसाब से होती है। विद्या समझाती हैं, 'अगर आप इन फंडों में परिपक्वता तक रकम लगाए रहते हैं तो आपको निवेश के समय के शुद्ध वाईटीएम के लगभग बराबर प्रतिफल मिलेगा। 2027 में परिपक्व होने वाले टारगेट मैच्योरिटी फंड अभी बहुत आकर्षक हैं।'
लंबी अवधि के फंडों में वे निवेशक ही रकम लगाएं, जिनके पास अभी अच्छा खासा समय है। विद्या कहती हैं, 'अगर आप 10 साल के लिए पोर्टफोलियो तैयार कर रहे हैं तो 10 साल की अवधि के गिल्ट फंडों में निवेश करना अभी अच्छा रहेगा। बस एक बात का ध्यान रहे कि थोड़े बहुत समय के लिए तकलीफ झेलने को तैयार रहना होगा क्योंकि जब भी प्रतिफल बढ़ेगा, मार्क टु मार्केट घाटा होगा।'
मगर लंबी अवधि के फंडों में केवल एकाध साल के लिए निवेश सही नहीं होगा। कॉरपोरेट ट्रेनर (डेट मार्केट) और लेखक जयदीप सेन कहते हैं, 'फरवरी के बाद रिजर्व बैंक से दर कटौती की उम्मीद नहीं है। हां, उसके बाद लंबे अरसे तक दरों में बदलाव नहीं होगा। इसलिए निवेशकों को अगले छह महीने या एक साल के भीतर दर कटौती का फायदा शायद ही मिले।'
कंपनियों के लिए क्रेडिट की तस्वीर बेहतर हुई है। लेकिन क्रेडिट रिस्क फंड में निवेश करने से पहले उनके शुद्ध वाईटीएम की तुलना कॉरपोरेट बॉन्ड फंड और बैंक तथा पीएसयू फंड के शुद्ध वाईटीएम से जरूर कर लें। क्रेडिट रिस्क फंड एएए, एए और ए रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करते हैं मगर कॉरपोरेट टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? बॉन्ड फंड, बैंक और पीएसयू फंड केवल एएए रेटिंग वाले बॉन्ड में ही रकम लगाते हैं।
सेन की सलाह है, 'अगर क्रेडिट रिस्क फंड का शुद्ध प्रतिफल कॉरपोरेट बॉन्ड फंड, बैंक तथा पीएसयू फंड के शुद्ध प्रतिफल से बहुत ज्यादा नहीं हो तब तक क्रेडिट रिस्क फंड से परहेज ही करना चाहिए। प्रतिफल में अंतर 75 से 100 आधार अंक हो तभी क्रेडिट रिस्क फंड पर दांव खेलें।' फिलहाल क्रेडिट रिस्क फंड के डायरेक्ट प्लान में औसत शुद्ध वाईटीएम 6.97 फीसदी है।
ICICI प्रूडेंशियल MF ने लॉन्च किए दो टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड, 11 अक्टूबर तक निवेश का मौका, चेक डिटेल
ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स फंड की मैच्योरिटी डेट 29 दिसंबर, 2028 है जबकि ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स फंड 31 दिसंबर, 2030 को परिपक्व होगा.
ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने दो टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं.
ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने दो टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं. इसमें ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स फंड और ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स फंड शामिल हैं. ये ओपन-एंडेड पैसिवली मैनेज्ड फंड हैं, जो कि एक स्पेसिफिक डेट पर मैच्योर होंगे. दोनों स्कीम के लिए न्यू फंड ऑफर 4 अक्टूबर, 2022 से 11 अक्टूबर, 2022 तक उपलब्ध होगा. ICICI प्रूडेंशियल AMC के प्रोडक्ट डेवलपमेंट और स्ट्रैटेजी हेड चिंतन हरिया ने कहा, “बढ़ती ब्याज दरों के दौर में, एक स्पेसिफिक मैच्योरिटी बकेट के भीतर निश्चित अवधि में रिटर्न की तलाश करने वाले निवेशक टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “टारगेट मैच्योरिटी फंड्स की मुख्य खासियत यह है कि यह बड़े पैमाने पर होल्ड-टू-मैच्योरिटी दृष्टिकोण अपनाता है. यह भारत के अलग-अलग राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के स्टेट डेवलपमेंट लोन या सरकारी प्रतिभूतियों के आधार पर बनता है. अगर तीन साल से अधिक समय तक निवेश रखा जाता है, तो निवेशकों को इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है जो हायर टैक्स ब्रैकेट में पोस्ट-टैक्स रिटर्न में काफी वृद्धि करता है.”
Post Office TD: ये सरकारी स्कीम 10 लाख पर देगी 3.8 लाख ब्याज, 1 साल से 5 साल तक निवेश के हैं विकल्प
मैच्योरिटी डेट्स
ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स फंड की मैच्योरिटी डेट 29 दिसंबर, 2028 है जबकि ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स फंड 31 दिसंबर, 2030 को परिपक्व होगा. ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स फंड के तहत निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स में निवेश किया जाएगा. जबकि ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स फंड के तहत निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स के घटकों में निवेश किया जाएगा.
क्या आपको करना चाहिए निवेश?
टारगेट मैच्योरिटी फंड (TMF) कम क्रेडिट रिस्क के साथ आते हैं क्योंकि ये स्कीम्स SDL और G-Secs (संबंधित योजनाओं के आधार पर) जैसे सॉवरेन इंस्ट्रूमेंट्स से युक्त इंडेक्स में निवेश करती हैं. यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट या गोल्ड जैसे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट से बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं तो आप TMF में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट में गारंटीड रिटर्न मिलता है जबकि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है.
(डिस्क्लेमर: म्युचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं. कृपया निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.)
Mutual Fund में निवेश की प्लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी
शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए।
Mutual Funds में निवेश की कैसे करें प्लानिंग (फोटो-Freepik)
म्यूचुअल फंड में अधिक समय के लिए निवेश की सलाह दी जाती है, ताकि आपको एक अच्छा फंड मिल सके। अगर आप भी निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं और म्यूच्युअल फंड से अच्छा पैसा बनाना चाहते हैं तो यह खबर आपकी मदद कर सकती है। आइए विशेषज्ञों से जाने कैसे करें निवेश की प्लानिंग और किस तरह आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है?
किस तरह के फंड में अधिक रिटर्न
कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, दरों में बढ़ोतरी का असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर शॉर्ट टर्म यानी 6 महीने से लेकर दो साल तक हो सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए। इस तरह के फंड से उनके मौजूदा वार्षिक औसत रिटर्न से 0.50 से 1 फीसदी अधिक ब्याज मिल सकता है।
एक से तीन महीने के लिए इन फंडों में कर सकते हैं निवेश
माईफंडबाजार के सीईओ और संस्थापक विनीत खंडारे ने मिंट से कहा कि प्रत्येक निवेशक पोर्टफोलियो को उन फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिनके ब्याज दर बढ़ रहे हैं। हालाकि इसमें 2 से कम के लिए निवेशित रहना चाहिए। वहीं अगर एक महीने या उससे कम के निवेश करना चाहते हैं तो अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड ले सकते हैं, जबकि तिमाही महीने के निवेश के लिए मनी मार्केट फंड खरीद सकते हैं।
Budhaditya Yog: सूर्य देव का होगा वृश्चिक में प्रवेश, बुधादित्य राजयोग से 3 राशि वालों की चमक सकती है किस्मत
Venus Transit: शुक्र ग्रह ने किया वृश्चिक राशि में प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिली दरिद्र योग से मुक्ति, धनलाभ के आसार
Raj Yog: नवपंचम राजयोग बनने से इन 3 राशि वालों का चमक सकता है भाग्य, बुध और शुक्र ग्रह की रहेगी असीम कृपा
लंबे समय तक निवेशित रहने वाले टारगेट फंड का कर सकते हैं चयन
इसके अलावा अगर आप एक साल के लिए निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं, तो निवेशकों को हाई रिटर्न और बाजार में उसके स्थिति को देखना चाहिए। लंबे समय तक निवेशित रहने वाले निवेशक टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? टर्म निवेश के साथ टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश कर सकते हैं।
बदल सकते हैं म्यूच्युल फंड
आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर म्यूचुअल फंड निवेश में बदलाव पर, मास्टरट्रस्ट की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पालका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरों में वृद्धि के साथ, निवेशकों को अपने मौजूदा डेट फंड पोर्टफोलियो को बदलना होगा। साथ ही नए निवेश की योजना भी बनाई चाहिए। बढ़ती ब्याज दरों से लाभ प्राप्त करने के लिए तरल और मुद्रा बाजार फंड में निवेश करना चाहिए। निवेशक लंबे समय तक डायनेमिक बॉन्ड फंड देख सकते हैं।
शॉर्ट टर्म के लिए किस फंड में अधिक ब्याज
शॉर्ट टर्म में डेट फंड से उम्मीद जैसे रिटर्न पर ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि दो साल तक की मैच्योरिटी वाला कोई भी डेट म्यूचुअल फंड लिक्विड या ओवरनाइट फंड की तुलना में काफी अधिक ब्याज दे सकता है। लिक्विड फंड में कम अस्थिरता के साथ लगभग 4.75 प्रतिशत से 5 प्रतिशत ब्याज आय की पेशकश करने की संभावना है। एक बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड जिसमें 6.80 प्रतिशत से 7 प्रतिशत दो साल के लिए बैलेंस फंड हो सकते हैं। इन फंडों के 3-6 महीनों में काफी अच्छा होने की उम्मीद है।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मथपाल के अनुसार, डेट म्यूचुअल फंड के लिए नीचे दिए गए कुछ फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिसमें निवेशकों को वार्षिक रिटर्न से 0.50 प्रतिशत से 1.0 प्रतिशत अधिक ब्याज मिल सकता है।
Mutual Fund में निवेश की प्लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी
शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए।
Mutual Funds में निवेश की कैसे करें प्लानिंग (फोटो-Freepik)
म्यूचुअल फंड में अधिक समय के लिए निवेश की सलाह दी जाती है, ताकि आपको एक अच्छा फंड मिल सके। अगर आप भी निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं और म्यूच्युअल फंड से अच्छा पैसा बनाना चाहते हैं तो यह खबर आपकी मदद कर सकती है। आइए विशेषज्ञों से जाने कैसे करें निवेश की प्लानिंग और किस तरह आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है?
किस तरह के फंड में अधिक रिटर्न
कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, दरों में बढ़ोतरी का असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर शॉर्ट टर्म यानी 6 महीने से लेकर दो साल तक हो सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए। इस तरह के फंड से उनके मौजूदा वार्षिक औसत रिटर्न से 0.50 से टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? 1 फीसदी अधिक ब्याज मिल सकता है।
एक से तीन महीने के लिए इन फंडों में कर सकते हैं निवेश
माईफंडबाजार के सीईओ और संस्थापक विनीत खंडारे ने मिंट से कहा कि प्रत्येक निवेशक पोर्टफोलियो को उन फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिनके ब्याज दर बढ़ रहे हैं। हालाकि इसमें 2 से कम के लिए निवेशित रहना चाहिए। वहीं अगर एक महीने या उससे कम के निवेश करना चाहते हैं तो अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड ले सकते हैं, जबकि तिमाही महीने के निवेश के लिए मनी मार्केट फंड खरीद सकते हैं।
Budhaditya Yog: सूर्य देव का होगा वृश्चिक में प्रवेश, बुधादित्य राजयोग से 3 राशि वालों की चमक सकती है किस्मत
Venus Transit: शुक्र ग्रह ने किया वृश्चिक राशि में प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिली दरिद्र योग से मुक्ति, धनलाभ के आसार
Raj Yog: नवपंचम राजयोग बनने से इन 3 राशि वालों का चमक सकता है भाग्य, बुध और शुक्र ग्रह की रहेगी असीम कृपा
लंबे समय तक निवेशित रहने वाले टारगेट फंड का कर सकते हैं चयन
इसके अलावा अगर आप एक साल के लिए निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं, तो निवेशकों को हाई रिटर्न और बाजार में उसके स्थिति को देखना चाहिए। लंबे समय तक निवेशित रहने वाले निवेशक टर्म निवेश के साथ टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश कर सकते हैं।
बदल सकते हैं म्यूच्युल फंड
आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर म्यूचुअल फंड निवेश में बदलाव पर, मास्टरट्रस्ट की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पालका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरों में वृद्धि के साथ, निवेशकों को अपने मौजूदा डेट फंड पोर्टफोलियो को बदलना होगा। साथ ही नए निवेश की योजना भी बनाई चाहिए। बढ़ती ब्याज दरों से लाभ प्राप्त करने के लिए तरल और मुद्रा बाजार फंड में निवेश करना चाहिए। निवेशक लंबे समय तक डायनेमिक बॉन्ड फंड देख सकते हैं।
शॉर्ट टर्म के लिए किस फंड में अधिक ब्याज
शॉर्ट टर्म में डेट फंड से उम्मीद जैसे रिटर्न पर ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि दो साल तक की मैच्योरिटी वाला कोई भी डेट म्यूचुअल फंड लिक्विड या ओवरनाइट फंड की तुलना में काफी अधिक ब्याज दे सकता है। लिक्विड फंड में कम अस्थिरता के साथ लगभग 4.75 प्रतिशत से 5 प्रतिशत ब्याज आय की पेशकश करने की संभावना है। एक बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड जिसमें 6.80 प्रतिशत से 7 प्रतिशत दो साल के लिए बैलेंस फंड हो सकते हैं। इन फंडों के 3-6 महीनों में काफी अच्छा होने की उम्मीद है।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मथपाल के अनुसार, डेट म्यूचुअल फंड के लिए नीचे दिए गए कुछ फंडों में निवेश कर सकते हैं, जिसमें निवेशकों को वार्षिक रिटर्न से 0.50 प्रतिशत से 1.0 प्रतिशत अधिक ब्याज मिल सकता है।
Target Maturity Fund Kya Hai? निवेशकों का रुझान इस तरफ क्यों बढ़ रहा है, यहां जानिए सबकुछ
Target Maturity Funds in Hindi: अगर आप डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन इन हालिया घटनाओं से चिंतित हैं, तो टारगेट मैच्योरिटी फंड (Target Maturity Funds) आपके पोर्टफोलियो के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आइये जानते कि Target Maturity Fund Kya Hai?
Target Maturity Funds in Hindi: लोगों द्वारा डेट फंडों में निवेश करने के सबसे बड़े कारणों में से एक अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाना है। लेकिन डेट मार्केट में उतार-चढ़ाव और एक प्रमुख फंड हाउस से कई डेट स्कीमों के बंद होने से लोग इस मार्केट सेगमेंट से सावधान हो गए हैं।
अगर आप डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन इन हालिया घटनाओं से चिंतित हैं, तो टारगेट मैच्योरिटी फंड (Target Maturity Funds) आपके पोर्टफोलियो के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। तो अगर आप जानना चाहते है कि Target Maturity Fund Kya Hai? (What is Target Maturity Fund in Hindi) और इसमें निवेश करने के क्या फायदें है तो लेख को अंत तक पढ़े।
टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? टारगेट मैच्योरिटी फंड क्या है? | What is Target Maturity Fund in Hindi
Target Maturity Fund in Hindi: टारगेट मैच्योरिटी फंड पैसिव डेट फंड हैं जो एक फिक्स्ड मैच्योरिटी डेट के साथ आते हैं। इन स्कीम के सेंटर में एक बॉन्ड इंडेक्स होता है जो इसके पोर्टफोलियो में शामिल बॉन्ड से बना होता है। फंड की मैच्योरिटी उस बांड की मैच्योरिटी के साथ पंक्ति में होती है जिसमें स्कीम ने निवेश किया है।
पोर्टफोलियो में शामिल सभी बांड मैच्योरिटी तक रखे जाते हैं। इस पीरियड के दौरान प्राप्त किसी भी ब्याज को उसी बांड में फिर से निवेश किया जाता है। इस प्रकार, ये स्कीम FMPs (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान) के समान एक मॉडल पर काम करती हैं। हालांकि, टारगेट मैच्योरिटी फंड FMP की तुलना में अधिक तरलता वाली ओपन-एंडेड स्कीम हैं।
टारगेट मैच्योरिटी फंड की विशेषताएं | Features of Target Maturity Fund in Hindi
TMF में निवेश करने पर विचार करने के कुछ कारण यहां दिए गए हैं-
जैसा कि ऊपर बताया गया है Target Maturity Fund अलग अलग फिक्स्ड मैच्योरिटी बॉन्ड में निवेश करते हैं। इन बांडों की ब्याज दर अलग-अलग होती है। इस प्रकार अपने पोर्टफोलियो में सिंगल बांड वाली योजना में निवेश करने की तुलना में TMF में निवेश करना अधिक फायदेमंद हो सकता है।
Target Maturity Fund अपने बांड निवेश को मैच्योरिटी तक रोक कर रखते हैं। इस वजह से ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव काफी कम होता है। ये उतार-चढ़ाव अन्य डेट म्यूचुअल फंड में मार्क-टू-मार्केट (MTM) को प्रभावित करते हैं। लेकिन MTM कम ब्याज दर की अस्थिरता के कारण टारगेट मैच्योरिटी स्कीम में रिफ्लेक्ट नहीं होता है।
ओपन एंडेड स्कीम
FMP के विपरीत, TMF ओपन-एंडेड स्कीम हैं। निवेशक जब चाहें निवेश करने और रिडीम करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, जब निवेशक अपने निवेश को भुनाते हैं, तो उन्हें या तो लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा।
कई अन्य सिंगल-बॉन्ड फंडों की तुलना में, Target Maturity Fund अधिक कर-कुशल हैं क्योंकि वे लॉन्ग टर्म के लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ प्रदान करते हैं। इस प्रकार लॉन्ग मैच्योरिटी फंड से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की गणना करते समय, आप टैक्स योग्य लाभ को कम करने के लिए मुद्रास्फीति सूचकांक के अनुसार खरीद मूल्य को समायोजित कर सकते हैं।
टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश करने के क्या जोखिम हैं? | Risks of Target Maturity Fund
यहां तक कि सबसे सुरक्षित म्यूचुअल फंड भी एक निश्चित स्तर के जोखिम के साथ आते हैं। TMF के लिए भी यही सच है। अगर आप इन योजनाओं में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ नुकसान हैं जिनसे आपको अवगत होना चाहिए-
Target Maturity Fund ओपन एंडेड स्कीम हैं। निवेशक बांड के मैच्योर होने से पहले ही अपने निवेश को भुना सकते हैं। लेकिन समय से पहले निकासी के मामले में ब्याज दर जोखिम काफी अधिक है। उदाहरण के लिए अगर देश में समग्र ब्याज दरें बढ़ रही हैं, तो समय से पहले निकासी से नुकसान भी हो सकता है।
ट्रैक रिकॉर्ड में परेशानी
टारगेट मैच्योरिटी फंड बाजार के लिए अपेक्षाकृत नए हैं, इसलिए विभिन्न आर्थिक चक्रों में उनके प्रदर्शन का विश्लेषण और तुलना करने के लिए सीमित डेटा है। नतीजतन आप ज्यादातर अपने निवेश के लिए फंड हाउस के दावों पर निर्भर रहेंगे।
हालांकि यह एक फायदा हो सकता है अगर आप एक ऐसे म्यूचुअल फंड की तलाश में जोखिम से बचने वाले निवेशक हैं जो किसी इंडेक्स टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? के रिटर्न को रिफ्लेक्ट कर सकता है, तो स्ट्रेटेजी सभी के लिए काम नहीं कर सकती है। चूंकि TMF एक इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, फंड मैनेजरों के पास पोर्टफोलियो घटकों को समायोजित करने के मामले में बहुत अधिक लचीलापन नहीं होता है।
ट्रैकिंग त्रुटि
अंडरलाइंग बेंचमार्क वाली स्कीम में ट्रैकिंग त्रुटि आम है। अगर ट्रैकिंग त्रुटि अधिक है, तो योजना द्वारा दिया गया रिटर्न इंडेक्स द्वारा उत्पन्न रिटर्न टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? से काफी भिन्न हो सकता है।
क्या आपको टार्गेट मैच्योरिटी फंड में निवेश करना चाहिए? | Should you Invest in Target Maturity Funds?
डेट मार्केट में मौजूदा अस्थिरता और बढ़ते मुद्रास्फीति जोखिम TMF को एक विविध पोर्टफोलियो के लिए एक आदर्श जोड़ बनाते हैं। लेकिन इन योजनाओं की सिफारिश केवल तभी की जाती है जब आपके पास मध्यम से लंबी अवधि के निवेश का नजरिया हो। इसके अलावा, ध्यान दें कि टीएमएफ मध्यम ब्याज दर जोखिम के साथ आते हैं। अगर प्रतिफल बढ़ता है, तो बांड की कीमतों को नुकसान होगा और टीएमएफ के एनएवी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
निवेश करने से पहले, टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? सुनिश्चित करें कि आप स्पष्ट रूप से समझते हैं कि ये फंड कैसे काम करते हैं और इनके जोखिम क्या हैं। एक पेशेवर निवेश सलाहकार भी आपको सही निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 466