S L kashyap जून 03, 2021 0

Demat Account: डीमैट खाता खुलवाने से पहले इन बातों की कर लें जांच, नहीं तो होगी परेशानी

Demat Account Tips: शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलना जरूरी है. इसे खुलवाते वक्त कुछ बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 08 Oct 2021 11:19 PM (IST)

Demat Account: डीमैट अकाउंट (Demat account) के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल शेयर मार्केट (share market) में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना होता आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए है.

1-ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस

  • ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.
  • आजकल ज्यादातर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.
  • इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.

इन बातों की करें जांच

  • डीमैट अकाउंट की फीस, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस.
  • ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है.

2-अन्य सुविधाएं

  • आपको ब्रोकरेज हाउस क्या-क्या सुविधाएं देगा यह जरूर जान लें.
  • कुछ ब्रोकरेज हाउस इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा के अतिरक्त भी कई प्रकार की अन्य सेवाएं देते हैं.
  • जैसे कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं. यह रिसर्च आपको सही जगह निवेश करने में मदद करती है.

3-डीमैट और ट्रेडिंग खाता

  • आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं तो यह सबसे अच्छा है.
  • ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है.
  • ध्यान रखें कि डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
  • ट्रेडिंग खाते के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.

4-पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी

  • कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते हैं.
  • इससे निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलती है.

5-कनेक्टिविटी

  • कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • ब्रोकरेज हाउस दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है यह जानना जरूरी है.
  • ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.

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Published at : 08 Oct 2021 11:19 PM (IST) Tags: ABP News Investment Stock Market share demat account broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Demat Account: डीमैट खाता खोलने से जुड़ी जानकारी यहां लें, आपके लिए हैं काम की

Demat Account Opening: अगर आप डीमैट खाता खोलना चाहते हैं तो आपको कुछ बेसिक जानकारी के विषय में पता होना चाहिए जो आपको यहां मिल सकती है.

By: ABP Live | Updated at : 22 Mar 2022 12:19 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

Demat Account: शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे पहले आपको डीमैट अकाउंट खुलवाना जरूरी है. कई बार इसके लिए लोगों को जानकारी नहीं मिल पाती है और इसके लिए उन्हें परेशानी उठानी पड़ सकती है. डीमैच अकाउंट ऑनलाइन या फिजिकल मोड में खोला जा सकता है. डीमैट अकाउंट के लिए आप ब्रोकरेज कंपनी या स्टॉक ब्रोकिंग फर्म में अकाउंट खुलवा सकते हैं.

क्या है सेबी का आदेश
SEBI का आदेश है कि सभी तरह के शेयर ट्रेडिंग के लिए फिजिकल या ऑनलाइन मोड से डीमैट खाता खुलवाना जरूरी है. शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है और इसे कैसे खोला जा सकता है आप यहां आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए जान सकते हैं.

कैसे खोला जा सकता है Demat अकाउंट
ऑनलाइन तरीके से डीमैट अकाउंट 18 साल से ऊपर की उम्र का कोई भी शख्स खोल सकता है. डिजिटल तरीके से डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए पहले फैसला कर लें कि आप किस कंपनी या ब्रोकरेज फर्म के जरिए ये खाता खोलना चाहते हैं.

डीमैट अकाउंट कैसे खोला जाता है-ये यहां जानें
पहले तय किए गए ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं और अकाउंट खोलने के लिए डिजिटल फॉर्म भरें. फॉर्म में आपको नाम, पता, परमानेंट अकाउंट नंबर और उस अकाउंट की डीटेल्स डालनी हैं जिन्हें ट्रेडिंग या डीमैट खाते से लिंक करना है. आपको यहीं पर अपने लिए सबसे सूटेबल प्लान को सेलेक्ट करने की भी जरूरत होगी.

इस काम के बिना नहीं खुलेगा ट्रेडिंग अकाउंट
आधार, कैंसिल्ड चेक और पैन की स्कैन कॉपी यहां फॉर्म में अपलोड करने की जरूरत होती है और आपकी फोटो के साथ स्कैंड सिग्नेचर की भी जरूरत हो सकती है. एक बार जानकारी सबमिट की जाने के बाद स्‍कैंन्‍ड डॉक्यूमेंट और इन पर्सन वेरिफिकेशन हो जाने के बाद आपका डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है.

इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
इसके लिए PAN, एक बैंक अकाउंट, आपका आइडेंटिटी कार्ड और एड्रेस प्रूफ का डॉक्यूमेंट आपको लगाना होगा.

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Published at : 22 Mar 2022 12:19 PM (IST) Tags: Stock Market demat account Stock Trading online Demat Account online Demat account opening process हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

डीमैट अकाउंट खोलना क्यों जरूरी है

S L kashyap जून 03, 2021 0

डीमैट अकाउंट खोलना क्यों जरूरी है

सेबी SEBI के दिशा निर्देश के अनुसार किसी प्राइवेट ब्रोकर या बैंक ब्रोकर के डीमेट खाते को छोड़कर कोई व्यक्ति किसी अन्य तरीके से शेयरों की खरीद और बिक्री नहीं कर सकता इसलिए भी डीमैट अकाउंट जरूरी है अगर आप अपने बचत के पैसों को शेयर बाजार या शेयर बाजार के अन्य विकल्पों में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए डीमैट खाता खुलवाना अनिवार्य है।

डीमैट अकाउंट क्या है पूर्ण जानकारी

डीमैट खाता पूर्ण रुप से आपके बैंक खाते की तरह ही काम करता है। अब डीमैट खाता पूर्ण रूप से ऑनलाइन हो गया है जैसे बैंक में आपको पासबुक में लेनदेन की समरी मिलती है वैसे ही डीमैट खाता में आपको आपके स्टेटमेंट की प्रविष्टि कराई जा सकती है आप इसे भौतिक रूप से नहीं रख सकते, इसकी सुरक्षा भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ब्रोकर कंपनियां करती हैं और सरकार की इस पर पूरी नजर रहती है. और बैंक खाते की ही तरह यहां पर भी डेबिट और क्रेडिट होता है!

डिमैट अकाउंट खुलवाने के क्या फायदे है?

डीमैट अकाउंट खुलवाने के क्या फायदे है ?

डीमेट अकाउंट के कई फायदे हैं। अपनी बचत के पैसों को निवेश करके जीवन में अपने सपनों को पूरा करने के लिए और आपके बेहतर भविष्य के लिए आपके पास पैसों को निवेश करने के लिए एक डीमैट अकाउंट जरूर होना चाहिए. डीमेट अकाउंट के जरिए आप स्टॉक, म्यूच्यूअल फंड, गोल्ड, करंसी, इटीएफ आदि भी खरीद सकते हैं आपके पास डीमैट अकाउंट होने से शेयर बाजार में आप ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट को बहुत ही आसान बना देता है। आप अपने भिन्न-भिन्न शेयरों में किए गए निवेश के पोर्टफोलियो को नियमित रूप से चेक कर सकते हैं। इसका स्टेटस देख सकते हैं। डिमैट अकाउंट होने से शेयरों की खरीद बिक्री इटीएफ, म्यूचल फंड एसआईपी और अन्य भी कार्य आसान हो जाते हैं

डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?

भारत के 2 प्रमुख एक्सचेंज हैं NSE और BSE यहां पर हजारों की संख्या में शेयर लिस्टेड होते हैं जिनकी हम खरीदारी और बिकवाली करते हैं जब आप शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट के जरिए शेयरों की खरीदारी करते हैं तब ब्रोकर आपके डीमैट खाते में शेयर को क्रेडिट कर देता है और यह आपको पोर्टफोलियो अथवा होल्डिंग के विवरण में दिखने लगता है यदि आप इंटरनेट आधारित ऑनलाइन डिमैट अकाउंट के साथ व्यापार करते हैं. तो आप अपनी होल्डिंग का विवरण ऑनलाइन ही देख सकते हैं ब्रोकर की ऐप में इस प्रकार एक डीमैट अकाउंट में शेयर की खरीदारी होती है।

डीमैट अकाउंट की सेफ़्टी

जब आपको आपके के खरीदे हुए शेयर को बेचना होता है तब आप अपने ब्रोकर को डिलीवरी निर्देश देते हैं जिसमें आपको आपके बिके हुए शेयर का विवरण भरना होता है. अब तो डिपॉजिटरीज ने T-pin अनिवार्य कर दिया है ताकि ब्रोकर आपके खाते में पड़े शेयर या पैसों का गलत उपयोग ना कर सके यह ऑनलाइन प्रोसेस होती है। लेकिन अब यह बहुत आसान हो गया है इसके बाद आपके शेयर डेबिट हो जाते हैं और बिके हुए शेयरों का भुगतान ब्रोकर आपको दो-तीन दिन के सेटलमेंट के बाद कर देता है अगर आप यह प्रक्रिया ब्रोकर के ऐप से कर रहे हैं तो आपको तुरंत ही आपकी क्रेडिट और डेबिट धनराशि दिखने लगती है

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज

डीमेट अकाउंट खोलने के लिए सबसे पहले तो आपके पास पैन कार्ड एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए इसके अलावा फ्यूचर ऑप्शन और करेंसी ट्रेडिंग के लिए आपके बैंक खाते का 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट भी देना होता है। डीमेट अकाउंट खोलने के लिए आप सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर या सब ब्रोकर से संपर्क कर सकते है।

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

Demat account ऑनलाइन तरीके से कुछ ही समय में खुल जाता है इसके लिए आपको किसी ऑफिस या बैंक के चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे अब डिमैट अकाउंट घर बैठे मोबाइल से ही खोला जा सकता है बस आपके आधार नंबर पर मोबाइल अपडेट होना चाहिए और पैन कार्ड बैंक स्टेटमेंट का होना जरूरी है

डीमैट अकाउंट खोलने से पहले निवेशकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए

यदि आप डिमैट अकाउंट खोलने जा रहे हैं तो सबसे पहले आप ब्रोकरेज और वार्षिक रखरखाव शुल्क के बारे में कंपनी की सारी सूचना और शर्तें ध्यान से पढ़नी चाहिए और कई कंपनियों मैं तुलना करके डीमेट अकाउंट खोलना चाहिए

अगर आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं और अपना डीमैट खाता भारत के नंबर 1 ब्रोकर के साथ खोलना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से आप अपना खाता खोल सकते हैं।

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है.

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा ( डिपॉजिट ) करना चाहते हैं . जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं . इसी तरह जब आप शेयर खरीदेंगे तो वह आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे . यदि आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है .

2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है , जिसे बाजार नियामक ( मार्केट रेगुलेटर ) सेबी (SEBI) ने पेश किया है . छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है . 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज ( रखरखाव शुल्क ) नहीं देना होगा . 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगेगा .

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account) प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट NRI ( अनिवासी भारतीयों ) के लिए है . इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेश में भी पैसा भेज सकते हैं . हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट अकाउंट को NRI (Non-Resident External) अकाउंट से जोड़ना होगा .

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट (Non-repatriable Demat Account) अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर – प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट भी मौजूद है . हालांकि इस अकाउंट के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता .

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है . शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से रखे जाते हैं . ऐसे में उनकी चोरी , जालसाजी और नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है . ट्रेडिंग एक्टिविटीज को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है . डीमैट अकाउंट को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है . बोनस स्टॉक , राइट्स इश्यू , स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं .

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खोलना अनिवार्य है . आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के जरिए डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को चुनना होगा . यह एक वित्तीय संस्थान , अधिकृत बैंक या ब्रोकर हो सकता है . आप उनके साथ एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . DP को ब्रोकरेज चार्ज , सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए . DP का चयन करने के बाद आपको अकाउंट खोलने का फॉर्म , KYC फॉर्म भरना होगा और उसे जमा करना होगा . इसके साथ आपको कुछ दस्तावेज भी देने होंगे . इनमें पैन कार्ड , रेजिडेंस प्रूफ , आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं .

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