सही उत्तर 574 अरब डॉलर है। Key Points

27 नवम्बर 2020 तक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग ______बिलियन था।

सही उत्तर 574 अरब डॉलर है। Key Points

  • विदेशी मुद्रा भंडार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आयोजित विदेशी मुद्रा है।
  • भारत के विदेशी भंडार में विदेशी संपत्ति, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार और IMF के पास आरक्षित निधि शामिल हैं।
  • यह संकटकाल के प्रबंधन में मदद करता है, और रुपये का अभिमूल्यन करता है तथा निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है।
  • अगस्त 2022 तक, भारत का विदेशी भंडार 572.978 अरब डॉलर है।

प्रह्लाद सबनानी

पांच लाख करोड़ डालर की भारतीय अर्थव्यवस्था

दिनांक 5 जून, 2020 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। भारतीय इतिहास में पहली बार देश में विदेशी मुद्रा भंडार ने 500 बिलियन (50,000 करोड़) अमेरिकी डॉलर के आँकड़े को पार करते हुए 501.70 बिलियन (50,170 करोड़) अमेरिकी डॉलर के स्तर को छुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार का यह स्तर भारत के एक साल के आयात के बराबर है। इस आँकड़े, अमेरिकी डॉलर को यदि (एक डॉलर को भारतीय रुपए 76.50 की दर से) भारतीय रुपए में परिवर्तित करें तो भारतीय रुपए में यह रक़म 38,38,005 करोड़ रुपए बनती है। भारत में विदेशी मुद्रा भंडार ने कभी भी इस स्तर को नहीं छुआ है।

कल्पना करें, भारत ने किस स्थिति से आगे बढ़ना प्रारंभ किया है। वर्ष 1991 में देश के पास 15 दिनों के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध नहीं था और तत्कालीन प्रधान मंत्री ने इंग्लैंड में सोना गिरवी रखकर विदेश मुद्रा की व्यवस्था की थी ताकि विदेशी मुद्रा के भुगतान में भारत को चूककर्ता की श्रेणी में शामिल होने से बचाया जा सके।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के पार

विदेशी निवेश में तेजी के कारण पांच जून को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 8.22 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया।

विदेशी निवेश में तेजी के कारण पांच जून को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 8.22 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि हुई। इसके दम पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली।

आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियों में तेज वृद्धि के कारण आलोच्य सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह भंडार एक साल के आयात जरूरतों को पूरा करने के बराबर है। इससे पहले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 493.48 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। पांच जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और यह 493.48 अरब डॉलर पर पहुंच गई।

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, 5 फायदे

नई दिल्ली
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी निवेशकों द्वारा शेयर विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास बाजार में रिकॉर्ड निवेश से विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह सुस्‍त पड़ी भारतीय इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है। आइए जानते हैं मुद्रा भंडार बढ़ने के मायने।

1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पार करने के साथ रिकॉर्ड लेवल पर विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास पहुंच गया है। भारत अब उन देशों के क्‍लब में शामिल हो गया है जिनके पास 600 अरब डॉलर से ज्‍यादा फॉरेक्‍स रिजर्व है। विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास वैसे भारत के मुकाबले चीन के पास 5 गुना और जापान के पास दो गुना विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास भंडार है। वहीं रूस से भारत काफी कम अंतर से पीछे है , जिसे देश काफी जल्‍दी पीछे छोड़ सकता है। वहीं टॉप थ्री में पहुंचने के लिए भारत को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है , जिसके पास एक हजार अरब डॉलर से ज्‍यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। जानकारों की मानें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार में निवेश है।

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