लाल रंग की कैन्डल स्टिक में भी कभी - कभार नीचे की विक नहीं बनती जिसका मतबल होता है कि कैन्डल शुरू होने के बाद उसके स्तर में कोई गिरावट आई है और वह अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुई है यानि कैन्डल स्टिक का न्यूनतम स्तर और बंद होने का स्तर समान होता है।
Bullish Harami Candle कैसे काम करती है?
Bullish Harami Candle में पहली कैंडल Long Bearish यानी लंबी मंदी को प्रदर्शित करने वाली लाल रंग की होती है और दूसरी कैंडल Small Bullish candle होती है यानी यह छोटी तेजी को प्रदर्शित करती हुई हरे रंग की कैंडल होती है।
जैसे ऊपर बताया की Bullish Harami Candle को प्रेगनेट महिला के ऊपर है यानी इसमें पहली कैंडल "मां" और दूसरी कैंडल "उनका गर्भ में बच्चा" ऐसा होता है।
Bullish Harami Candle हमेशा चार्ट में लंबी गिरावट के बाद Bottom पर बनती है अगर ऊपर बने तो यह एक आम कैंडल ही मानी जायेगी।
क्युकी यह कैंडल को चार्ट में बने के बाद उस शेयर में मंदी या ज्यादा गिरावट की संभावना खत्म हो जाती है और तेजी की शरुआत हो सकती है।
Bullish Harami Candle कैसे बनता है?
जब Bullish Harami Candle में दूसरी कैंडल बनती है तब वह पहली कैंडल से Gape up open या तेजी के साथ खुलनी चाहिए।
ध्यान रहे जब दूसरी कैंडल बनके तैयार हो जाए तब यह पहली कैंडल के बीच में ही ट्रेड करनी चाहिए पहली कैंडल के open या High Prise के पार नहीं जानी चाहिए।
दूसरी कैंडल जब Close हो तब वह पहली कैंडल के Open Prise के बराबर या नीचे बंद होना चाहिए यानी दूसरी कैंडल पहली कैंडल के बीच में होनी चाहिए।
Bullish Harami Candle में सबसे ध्यान रखने वाली बात यह है की जो Small Bullish कैंडल है वह Long Bearish candle के Open और close prise के बीच में ही होनी चाहिए।
यह कैंडल में Volume का भी काफी महत्व होता है दोनो कैंडल में दूसरी कैंडल में पहली कैंडल से ज्यादा volume होना चाहिए तो शेयर को ऊपर जानेकी संभावना बढ़ जाती है लेकिन कभी कभी अगर वॉल्यूम कम हो तो भी अच्छे से काम करती है।
Bullish Harami Candle की मदद से Trade (ट्रेड) कैसे ले?
जब चार्ट में Bullish Harami Candle बनती है तब आपको ऊपर दिए गई तरीके हरी कैंडल को समझना से उनको देख के Conformation करना है की यह कैंडल सही बनी है या नहीं।
जब चार्ट में Bullish Harami Candle बन जाए तो इसके बाद की कैंडल अगर Gape up open होती है तो खरीददारी करे, अगर ऐसा नहीं होता तो आपको जबतक नई कैंडल का भाव Bullish Harami Candle की पहली कैंडल के High के ऊपर बंद हो जाए उसके बाद Buy करनी है।
जब आप अपनी पोजिशन बनाते है तब आपको Bullish Harami Candle की पहली कैंडल के Low Prise पर Stop Loss लगाना है।
- दूसरी कैंडल पूरी तरह पहली कैंडल के Open और Close Prise के बिचमे होना चाहिए।
- पहली कैंडल Bearish marubozu भी हो सकती है।
- पोजिशन बनाते समय नई कैंडल को Bullish Harami Candle की पहली कैंडल के High के ऊपर बंद होना जरूरी है।
कैंडल स्टिक क्या होतें है इन्हें कैसे समझें ? What is Candlestick How to understand them?
अगर आप स्टॉक, कॉमोडिटी या क्रिप्टो मार्केट में ट्रैडिंग या निवेश करतें है तो आपके सामने कैन्डल स्टिक चार्ट काफी बार आया होगा । काफी लोग इसे बड़े अच्छे से समझते है । वही पर काफी लोगों को इसे समझने में दिक्कत होती है । उनकी इस दिक्कत का कारण होता है या तो वह नए नए इस ट्रैडिंग या निवेश की दुनिया में आते है या किसी जान पहचान वाले के जरिए उन्हें कैन्डल स्टिक को जानने के फायदे पता लगते हैं। जिसकी उत्सुकता में वह भी कैन्डल स्टिक को सीखना चाहते है। आज इस लेख में हम कैन्डल स्टिक के बारे में जानेंगे।
ट्रैडिंग और निवेश की दुनिया में कैन्डल स्टिक का अपना अलग ही महत्व है। जो कोई भी ट्रैडिंग या निवेश करने आता है उसे शुरुआत के दिनों में कैन्डल स्टिक को समझने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शुरुआत में तो समझ ही नहीं आता है कि यह क्या है ?
कैन्डल स्टिक कहां से और कब आई ?
हालांकि कैन्डल स्टिक की बीती कहानी बताने से कोई खास फर्क तो नहीं आएगा मगर फिर भी इसे जान लेना चाहिए। इसके बनाने वाले का जिक्र न हो तो शरुआत करना अधूरा लगता है।
दो शब्दों में बताना चाहेंगे की हरी कैंडल को समझना कैन्डल स्टिक को जापान में सन 1700 के करीब होमा नाम के एक चावल के व्यापारी ने बनाया था। तब से चलते - चलते आज कैन्डल स्टिक का यह रूप हमारे सामने है।
क्या दिखाती है कैन्डल स्टिक ?
दरअसल एक कैन्डल स्टिक हमें चार तरह की जानकारी देती है:
1. कैन्डल के शुरू होने का स्तर (A)
2. कैन्डल के खत्म या बंद होने का स्तर (B)
3. कैन्डल की उच्चतम स्तर (C)
4. कैन्डल का न्यूनतम स्तर (D)
यह चार जानकारी हमें एक कैन्डल स्टिक देती है। मगर इन चार जानकारियों को देखने और समझने का खेल कैन्डल के रंग पर निर्भर करता है।
कैन्डल स्टिक को संभवतः दो रंगों से प्रस्तुत किया जाता है हरी कैंडल को समझना जिसमे एक रंग तेजी और एक रंग गिरावट को दर्शाता है। आमतौर पर यह लाल और हरे रंग से दर्शाया जाता है। जिसमें हरा रंग तेजी और लाल रंग गिरावट को दर्शाता है। दोनों ही दशाओं में कैन्डल को पढ़ने और देखने का नजरिया बदल जाता है। आइये हम इसे चित्र के द्वारा दर्शाते हैं।
हरे रंग की कैन्डल स्टिक
हरे रंग की कैन्डल स्टिक (GREEN CANDLE STICK) के चित्र में (A) कैन्डल के उस स्तर को दर्शाता है जहा से कैन्डल बनना शुरू हुई है यानि यह नीचे से बनना शुरू होती है । (B) उस स्तर को दर्शता है जहां पर कैन्डल बननी बंद हो जाती है। (C) और (D) को विक या शैडो (WICK OR SHADOW) कहा जाता है। (C) दर्शाती है कि स्तर कितना ऊपर तक गया है मगर वहाँ रुकने की बजाए वापस आ गया। (D) दर्शाती है कि स्तर कितना नीचे तक गिरा मगर वहाँ रुके बिना वापस ऊपर आ गया।
कैन्डल स्टिक में समय अविधि
कैन्डल स्टिक का पैटर्न अलग - अलग समय अविधि पर अलग - अलग तरह से दिखता है।
बताना चाहेंगे कि आप कैन्डल स्टिक चार्ट पर एक कैन्डल की समय अविधि को भी बदल सकते है, यहाँ हम चार्ट की समय अविधि की बात नहीं कर रहें हैं । एक कैन्डल की समय अविधि को बदलने से एक कैन्डल स्टिक आपको उस निर्धारित समय में कितना उतार-चढ़ाव हुआ है यह सब दर्शाती है।
आप अगर कैन्डल स्टिक चार्ट को 5 मिनट की समय अविधि पर सेट करना चाहते है तो आपको एक कैन्डल 5 मिनट की हलचल को कैन्डल के मध्यम से दर्शाती है।
आप अगर कैन्डल स्टिक चार्ट को 15 मिनट की समय अविधि पर सेट करना चाहते है तो आपको एक कैन्डल 15 मिनट की हलचल को कैन्डल के मध्यम से दर्शाती है और ऐसे ही 1 घंटा , 1 दिन, 1 सप्ताह और 1 साल की अविधि का भी विकल्प होता है।
Tweezer Top Candlestick Patterns in Hindi_ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न
Tweezer Top Candlestick pattern अपट्रेंड के दौरान टॉप पर बनता है यह एक शार्ट-टर्म बीयरिश रिवर्सल पैटर्न है। जब बायर्स प्राइस को ऊपर की तरफ पुश कर रहे होते हैं, लेकिन बायर्स प्राइस को सेशन के आखिर में ऊपर रख नहीं पाते। इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर बाजार/शेयर में पोजीशन लेते समय किन बातों का धयान रखना चाहिए? Stop loss कहाँ पर लगाना चाहिए? ट्वीज़र कैंडलस्टिक पैटर्न दो प्रकार के होते हैं- ट्वीज़र टॉप & ट्वीज़र बॉटम। इस आर्टिकल में Tweezer Top Candlestick Pattern in Hindi ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे विस्तार से बताया गया हैं।
Tweezer Top Candlestick Patterns
ट्वीज़र टॉप दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला शब्द है ट्वीज़र जिसका अर्थ चिमटी है। दूसरा शब्द है, टॉप जिसका अर्थ ऊपर है। Tweezer Top Candlestick Patterns का नाम जापान के लोगों ने ऐसी चिमटी के ऊपर रखा है। जिसका पकड़ने वाला सिरा ऊपर की तरफ हो। यह शेयर बाजार /स्टॉक्स में मंदी को दर्शाने वाला पैटर्न है। यह हमे बताता है कि अब शेयर बाजार में तेजी का समय समाप्त हो गया है तथा मंदी की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ गयी है।
Tweezer Top Candlestick Pattern हरी कैंडल को समझना एक डबल कैंडलस्टिक पैटर्न है। जिसकी पहली कैंडल एक बुलिश यानि हरे रंग की होती है तथा दूसरी बीयरिश यानि लाल रंग की होती है। यह चार्ट पर हमेशा लम्बी तेजी के बाद चार्ट के टॉप पर बनता है। गिरावट का कन्फर्मेशन मिलने पर ट्रेड करने से फायदा जरूर होता है।
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट पर कैसे बनता है ?
इस पैटर्न की जो पहली कैंडल होती है वह लॉन्ग बुलिश, स्माल बुलिश या कोई भी सिंगल बुलिश कैंडल हो सकती है। इसके बाद जो दूसरी कैंडल होती है वह भी लॉन्ग बीयरिश, स्मॉल बीयरिश या कोई भी सिंगल बीयरिश कैंडल हो सकती है। यह, पहली कैंडल के क्लोजिंग प्राइस के बराबर या उसके ऊपर कहीं भी खुल सकती है। दूसरी कैंडल भी, पहली कैंडल के बराबर का हाई बनती है या उससे थोड़ा कम जैसे कि पहली कैंडल ने 95 रूपये का हाई बनाया तो दूसरी कैंडल भी 95 का हाई बनाएगी या उससे थोड़ा कम।
Tweezer Top Candlestick Pattern की दूसरी कैंडल कहीं भी क्लोज हो सकती है। पहली कैंडल के low प्राइस के बराबर या उसके आस-पास इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह कैंडल बीयरिश यानि लाल रंग की होनी चाहिए। कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है
वॉल्यूम: ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक में volume का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पैटर्न में पहली कैंडल के समय जितना वॉल्यूम होता है उसे ज्यादा दूसरी कैंडल के समय होना चाहिए। यानि की वॉल्यूम बढ़ते क्रम में होना चाहिए तभी यह पैटर्न अच्छी तरह काम करता है। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि वॉल्यूम घटते हुए क्रम में होने के बावजूद ट्वीज़र टॉप अच्छा परिणाम दे देता है। इस पैटर्न में कभी-कभी ऐसा भी देखा कि, पहली कैंडल बुलिश मोरूबाज़ू तथा दूसरी बीयरिश मोरूबाज़ू भी हो सकती है। Candlestick pattern - Hammer Hanging man, Inverted hammer and Shooting star
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न Intraday chart, Daily chart, Weekly chart तथा Monthly chart पर बहुत अच्छा काम करता है। जब यह पैटर्न चार्ट पर बनता है और उसके अगले दिन शेयर के प्राइस Gap Down ओपन होते है, तो उसे बिकवाली कन्फर्मेशन समझना चाहिए। इस पैटर्न के बनने के बाद बाजार / शेयर पर मंदड़ियों की पकड़ मजबूत हो जाती है। अगर आप इंटरडे ट्रेडिंग करते है तो आपको इसे फाइव मिनट, फिफ्टीन मिनट तथा hourly chart पर देखना चाहिए। इस तरह आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। Candlestick Patterns Doji, Marubozu, Spinning Tops
ध्यान देने योग्य बातें
दोनों कैंडल का हाई सामान होना चाहिए। पहली कैंडल कोई भी सिंगल बुलिश कैंडलस्टिक तथा दूसरी कोई भी सिंगल बीयरिश कैंडलस्टिक हो सकती। है। दोनों हरी कैंडल को समझना कैंडल्स का low price एक समान या थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। SHARE MARKET BEGINNER'S GUIDE
प्रॉफिट बुकिंग के लिए आपको तब तक इंतजार करना है। जब तक चार्ट पर कोई ऐसा सिग्नल ना बन जाय जोकि मार्केट का ट्रेंड बदल सकता है। जैसे ही आपको ऐसा सिग्नल दिख जाय तुरंत आपको प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए।अब आपको पता चल गया होगा कि Tweezer Top Candlestick Pattern चार्ट पर कैसे बनता है तथा यह कैसे काम करता है।
यदि आप कैंडलेस्टिक पेटर्न को संपूर्ण रुप से सीखना चाहते हैं द्वारा लिखित पुस्तक टेक्निकल एनालिसिस और कैंडल स्टिक पैटर्न की पहचान को अवश्य पढ़ें इस पुस्तक को आप इस लिंक पर क्लिक करके आसानी से खरीद सकते हैं। Ear Gaming Headphones
क्रिप्टो चार्ट को कैसे पढ़े?
किसी ने भी जिसने क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी तरह का निवेश किया है, वह जानता है कि क्रिप्टोकरेंसी का चार्ट रियल-टाइम में कितनी तेजी से लगातार बदलते रहता है। इस एसेट की विख्यात वोलैटिलिटी के कारण कीमतों में जो भारी उतार-चढ़ाव दिखता है, वह भले ही सांसे थमाने वाला हो, लेकिन अपेक्षाकृत कम ही लोग ऐसे हैं जो वास्तव में समझ पाते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी चार्ट को कैसे पढ़ा जाए और उससे भी कम लोग इस बात को सच में समझ पाते हैं कि चार्ट के आधार पर कैसे काम किया जाए, या उनसे मिलने वाले संकेतों को कैसे मुनाफे में बदला जाए।
चार्ट क्या है?
जो लोग ट्रेडिंग में नए हैं, उनके लिए क्रिप्टो चार्ट लाइन और कैंडलस्टिक पैटर्न का एक ऐसा समूह हैं जो क्रिप्टोकरेंसी का ऐतिहासिक प्राइस परफॉर्मेंस दिखाते हैं। ये बाजार की परिस्थितियों में होने वाले बदलावों और भविष्य के रुझानों का अनुमान लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं, जिससे आपको निवेश के बेहतर फैसले लेने में मदद मिल सके।
संबंधित खबरें
यस बैंक और DR LAL PATHLABS ये दो स्टॉक्स हैं आज के लिए ब्रोकरेज की टॉप पिक्स
Daily Voice: राइट होराइजन्स के अनिल रेगो की राय, बैंकिग, ऑटो और खपत वाले शेयर 2023 में भी कराएंगे जोरदार कमाई
Buzzing Stocks : आज अल्ट्राटेक सीमेंट, एक्सिस बैंक, TVS मोटर और इन स्टॉक्स पर रहेगा फोकस
यह एक स्नैपशॉट है, सेकेंड से लेकर मिनट, दिन, हरी कैंडल को समझना हफ्ते, महीने और यहां तक कि साल और उससे भी ज्यादा समय के दौरान हुए ऐतिहासिक और मौजूदा प्राइस मूमेंट का। क्रिप्टो चार्ट अप्रशिक्षित हरी कैंडल को समझना आंखों के लिए काफी जटिल मालूम पड़ सकते हैं, इसलिए बेहतर यही होगा कि इसके मूलभूत सिद्धांतों को समझ लिया जाए।
क्रिप्टोकरेंसी चार्ट ट्रेडिंग पेयर, अवधि और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का संकेत करते हैं। अमूमन, चार्ट हर समयावधि में खुलने, बंद होने, उस दौरान छुए गये सबसे ऊंचे और सबसे नीचे के भाव की जानकारी देते हैं। चार्ट के सबसे नीचे और बगल में तारीख और कीमतों में होने वाली वृद्धि दर्शाई जाती है।
Adhik Maas and Kharmas: अधिकमास और खरमास में होता है अंतर, एक ही समझने की न करें भूल
By: ABP Live | Updated at : 18 Nov 2022 04:47 PM (IST)
मलमास और खरमास में अंतर
Adhik Maas and kharmas Difference: हिंदू पंचांग के अनुसार कुछ साल ऐसे होते हैं जिसमें अधिकमास लगता है. अधिकमास हरी कैंडल कोहरी कैंडल को समझना समझना लगने के कारण पर्व-त्योहारों की तिथियों में भी अंतर हो जाता है. तो वहीं खरमास लगने पर शुभ-मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है. अधिकमास को मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. इसके अधिपति श्री हरि विष्णु माने जाते हैं. लेकिन लोग अधिकमास और खरमास के बीच हरी कैंडल को समझना अंतर को नहीं समझ पाते और इसे समान मान लेते हैं. जानते हैं क्या है अधिकमास और खरमास में अंतर.
क्या है अधिकमास (What is Adhik Mass)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य के सभी राशियों के भ्रमण में लगने वाले कुल समय को सौरवर्ष कहा जाता है. सौरवर्ष की अवधि 365 दिन और 6 घंटे होती है. वहीं चंद्र एक वर्ष में 12 बार प्रत्येक राशि का भ्रमण कर लेता है. इसे हम चंद्र वर्ष कहते हैं. चंद्र वर्ष की अवधि 365 दिन और लगभग 9 घंटे की होती है. सूर्य और चंद्रमा के वर्ष के बीच समीकरण को ठीक करने को ही अधिकमास कहा जाता है. सूर्य ग्रह हर माह अपनी राशि बदलते हैं और इसी राशि परिवर्तन को उस राशि के नाम हरी कैंडल को समझना की संक्राति कहा जाता है. लेकिन जिस माह सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे ही अधिकमास कहा जाता है. अधिकमास के अधिपति भगवान विष्णु कहलाते हैं.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 568