Forex Reserve: देश के खजाने में आई गिरावट, विदेशी निवेशक निकाल रहे पैसा, जानें क्या है कारण?
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.713 अरब डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया.
By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 04 Dec 2021 07:25 AM (IST)
Edited By: Shivani
विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.713 अरब डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया. रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 28.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 640.401 अरब डॉलर हो गया था.
3 सितंबर को रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा था रिजर्व
इसके अलावा तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. शुक्रवार को जारी किये गये भारतीय रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों में बताया गया है कि 26 नवंबर को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार में गिरावट आने की वजह विदेशीमुद्रा आस्तियाों में गिरावट आना था जो कुल मुद्राभंडार का अहम हिस्सा होता है.
RBI ने जारी विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? किए आंकड़े
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान एफसीए 1.048 अरब डॉलर घटकर 574.664 अरब डॉलर रह गया. डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में विदेशीमुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट बढ़ को भी समाहित किया जाता है.
गोल्ड रिजर्व में भी आई गिरावट
इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.566 अरब डॉलर घटकर 38.825 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास विशेष आहरण अधिकार 7.4 करोड़ डॉलर घटकर 19.036 अरब डॉलर रह गया. अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का मुद्रा भंडार 2.5 करोड़ डॉलर घटकर 5.162 अरब डॉलर रह गया.
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Published at : 04 Dec 2021 07:25 AM (IST) Tags: Reserve Bank of India RBI Governor gold reserve foreign exchange reserves Forex reserves business news in hindi हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
विदेशी मुद्रा भंडार ने फिर बनाया रिकॉर्ड, जानिए भारत के लिए कैसे है लाभदायक
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.94 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
13.4 माह के आयात खर्च के बराबर
गुरुवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 534.57 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार 13.4 माह के आयात खर्च के बराबर है। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में अभी तक (31 जुलाई तक) मुद्रा भंडार में 56.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
इसलिए हुई वृद्धि
24 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.993 अरब डॉलर बढ़कर 522.630 अरब डॉलर हो गया था। इससे पूर्व पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होने का कारण 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) का बढ़ना है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
37.63 अरब डॉलर हो गया स्वर्ण आरक्षित भंडार
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.35 अरब डॉलर बढ़कर 490.83 अरब डॉलर हो गईं। रिजर्व बैंक के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 1.53 अरब डॉलर बढ़कर 37.63 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार 5.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के चार बड़े फायदे
- साल 1991 में देश को पैसा जुटाने के लिए सोना गिरवी रखना पड़ा था। तब सिर्फ 40 करोड़ डॉलर के लिए भारत को 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति सरलता से की जा सकती है, जो इसका सबसे बड़ा फायदा है।
- अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।
- सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय बी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है।
- इसके अतिरिक्त विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.94 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
13.4 माह के आयात खर्च के बराबर
गुरुवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 534.57 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार 13.4 माह के आयात खर्च के बराबर है। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में अभी तक (31 जुलाई तक) मुद्रा भंडार में 56.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
इसलिए हुई वृद्धि
24 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? 4.993 अरब डॉलर बढ़कर 522.630 अरब डॉलर हो गया था। इससे पूर्व पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होने का कारण 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों (विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? एफसीए) का बढ़ना है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
37.63 अरब डॉलर हो गया स्वर्ण आरक्षित भंडार
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.35 अरब डॉलर बढ़कर 490.83 अरब डॉलर हो गईं। रिजर्व बैंक के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 1.53 अरब डॉलर बढ़कर 37.63 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार 5.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार ने फिर बनाया रिकॉर्ड, जानिए भारत के लिए कैसे है लाभदायक
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.94 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
13.4 माह के आयात खर्च के बराबर
गुरुवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 534.57 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार 13.4 माह के आयात खर्च के बराबर है। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में अभी तक (31 जुलाई तक) मुद्रा भंडार में 56.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
इसलिए हुई वृद्धि
24 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.993 अरब डॉलर बढ़कर 522.630 अरब डॉलर हो गया था। इससे पूर्व पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होने का कारण 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) का बढ़ना है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
37.63 अरब डॉलर हो गया स्वर्ण आरक्षित भंडार
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.35 अरब डॉलर बढ़कर 490.83 अरब डॉलर हो गईं। रिजर्व बैंक के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 1.53 अरब डॉलर बढ़कर 37.63 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार 5.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के चार बड़े फायदे
- साल 1991 में देश को पैसा जुटाने के लिए सोना गिरवी रखना पड़ा था। तब सिर्फ 40 करोड़ डॉलर के लिए भारत को 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति सरलता से की जा सकती है, जो इसका सबसे बड़ा फायदा है।
- अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।
- सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय बी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है।
- इसके अतिरिक्त विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.94 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
13.4 माह के आयात खर्च के बराबर
गुरुवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 534.57 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार 13.4 माह के आयात खर्च के बराबर है। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में अभी तक (31 जुलाई तक) मुद्रा भंडार में 56.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
इसलिए हुई वृद्धि
24 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.993 अरब डॉलर बढ़कर 522.630 अरब डॉलर हो गया था। इससे पूर्व पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होने का कारण 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) का बढ़ना है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
37.63 अरब डॉलर हो गया स्वर्ण आरक्षित भंडार
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.35 अरब डॉलर बढ़कर 490.83 अरब डॉलर हो गईं। रिजर्व बैंक के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 1.53 अरब डॉलर बढ़कर 37.63 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया, जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार 5.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
Foreign Exchange Reserves:विदेशी मुद्रा भंडार में आई फिर से गिरावट, जानिए इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपया फिसल कर कहां बंद हुआ
Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 571 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. FOMC की बैठक के बाद डॉलर में मजबूती आई है और यह फिसल कर इस सप्ताह 79.84 के स्तर पर बंद हुआ.
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? of India) ने कहा कि इससे पहले पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.97 अरब डॉलर रहा था. 12 विदेशी मुद्रा में पैसा कैसे बनाया जाता है? अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का कम होना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं. दूसरी तरफ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 20 पैसे की गिरावट के साथ 79.84 के भाव पर बंद हुआ.
विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Assets) 2.65 अरब डॉलर घटकर 506.99 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.
गोल्ड रिजर्व में आया 30.5 करोड़ डॉलर का उछाल
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 30.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.61 अरब डॉलर हो गया.
समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.13 अरब डॉलर हो गया. जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 70 लाख डॉलर बढ़कर 4.99 अरब डॉलर से अधिक हो गया.
FOMC के ब्योरे के बाद डॉलर में आई मजबूती
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक का ब्योरा सामने आने के बाद अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में तेजी देखी गई. इसी के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 20 पैसे की गिरावट के साथ 79.84 के भाव पर बंद हुआ. विदेशी बाजारों में डॉलर की मजबूती से रुपए में गिरावट आई. इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.64 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था.
डॉलर इंडेक्स फिर से 108 के पार
फेडरल रिजर्व ओपन मार्केट कमिटी की बैठक के बाद डॉलर इंडेक्स इस सप्ताह 108.015 पर बंद हुआ. यह इंडेक्स दुनिया की छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को बतलाता है. वहीं, इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल 96.72 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर और WTI क्रूड 90.77 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ.
FX Academy
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