कैसे निवेश करें Mutual Fund Direct Plans (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान) में?

अगर आप लम्बी अवधि (long term) के लिए निवेश कर रहे हैं, तो जमा राशि (Direct plan vs. Regular plan) में अंतर काफी बड़ा हो सकता है| इसका मतलब की अगर आप बराबर पैसा एक ही स्कीम के रेगुलर और डायरेक्ट प्लान में निवेश करते हैं, तो डायरेक्ट प्लान में ज्यादा पैसा जमा हो जाएगा (रेगुलर प्लान के मुकाबले)|

वैसे, अगर आप म्यूच्यूअल फंड के बारे में शुरुआत (mutual fund basics) से समझना चाहते हैं , तो इस पोस्ट (म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं? Mutual Fund Basics in Hindi को अवश्य पढ़ें|

अब सवाल आता है की: Mutual Funds के Direct Plans में निवेश कैसे करें? म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करें?

आइये इस पोस्ट में देखते है की आप किन तरीकों से Mutual Funds के Direct Plans में निवेश कर सकते हैं|

कैसे निवेश करें म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में? How to invest in Mutual Fund Direct plans?

  1. Offline (पेपर फॉर्म भर कर)
  2. Online (website के द्वारा)

मैं online (ऑनलाइन) निवेश करना पसंद करता हूँ|

अगर आप Mutual Fund Direct Plans में ऑनलाइन (Online) निवेश नहीं करना चाहते हैं

अगर आप ऑनलाइन (online) म्यूच्यूअल फंड्स नहीं खरीदना चाहते, तो आप Direct plans में निम्नलिखित तरीकों से निवेश कर सकते हैं|

  1. अपने शहर में म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी की निकटतम (nearest) branch (शाखा) में जा कर| जैसे की, आप HDFC Mutual Fund की branch में जा कर फॉर्म भर सकते हैं| ध्यान रखें आपको HDFC Mutual Fund की शाखा में जाना है, HDFC बैंक की शाखा में नहीं| अगर आप HDFC Bank की शाखा में जायेंगे, तो आप Regular plan में ही निवेश कर पायेंगे| डायरेक्ट प्लान में निवेश नहीं कर पायेंगे|

इसमें बस एक परेशानी है की आपको अगर कई Mutual Fund कंपनी के साथ निवेश करना है, तो सबकी शाखाओं में जाना पड़ेगा|

  1. अपने शहर में निकटम CAMS या Karvy के ऑफिस में जा कर| वहां आपको सारे फॉर्म्स मिल जायेंगे| आप कई mutual funds में एक ही जगह से निवेश कर सकते हैं| से साथ रजिस्टर करने के बात आप अपने फॉर्म भर कर CAMS या Karvy office में जमा कर सकते हैं|

अगर आप Mutual Fund Direct Plans में ऑनलाइन (Online) निवेश करना चाहते हैं

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में ऑनलाइन निवेश करने के इच्छुक हैं ,तो आपके पास काफी सारे विकल्प हैं|

बहुत सारी वेबसाइट हैं, जिनकी मदद से आप म्यूच्यूअ फण्ड के Direct plans में निवेश कर सकते हैं|

  1. आप Mutual Fund House की वेबसाइट पर जा कर सकते हैं (मुफ्त) (मुफ्त) (मुफ्त) (केवल App है)

आप इन वेबसाइट पर जा कर रजिस्टर कर सकते है, उसके बाद जो आपको अच्छा लगे, उस website के माध्यम से निवेश कर सकते हैं|

ध्यान रखें यह वेबसाइट कुछ भी कमीशन नहीं कमाती (क्योंकि Direct plans में Commission नहीं होते), इसीलिए इन वेबसाइट की कुछ फीस होगी, जो आपको भरनी होगी|

परन्तु फीस (fees) commissions के मुकाबले काफी कम होगी, खासकर अगर आपका पोर्टफोलियो काफी बड़ा है|

अगर आप खुद Mutual Fund Schemes का चयन कर सकते हैं

तो अब देरी किस बात की है, अगर आप स्वयं Mutual Fund Schemes का चुनाव कर सकते है, तो जल्दी से Direct plans में निवेश करना शुरू करें|

Go Direct.

परन्तु, अगर आपको म्यूच्यूअल फंड्स के चयन में सहायता चाहिए, तो अपने लोकल डिस्ट्रीब्यूटर (Distributor) से बात करें और Regular Plan में निवेश करें|

अन्यथा आप एक SEBI Registered Investment Adviser से भी परामर्श कर सकते हैं, इसके बाद म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं|

Mutual Funds: म्‍यूचुअल फंड से तुरंत निकाल सकते हैं अपने पैसे, ये है आसान तरीका

आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 23, 2021 15:46 IST

Mutual Funds: म्‍यूचुअल फंड से. - India TV Hindi

Mutual Funds: म्‍यूचुअल फंड से झटपट निकाल सकते हैं अपने पैसे, ये है आसान तरीका

Highlights

  • लिक्विड या डेट फंडों से एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे
  • इक्विटी फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के पास आ जाता है
  • 365 दिनों के भीतर उसे भुनाने पर आपको 1% एक्जिट लोड देना

नई दिल्‍ली। म्‍यूचुअल फंड न सिर्फ बैंकों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं बल्कि ये निवेशकों के चहेते इसलिए भी हैं क्‍योंकि इससे पैसे निकालना आसान है। पिछले दो लेखों में आपने पढ़ा कि म्‍यूचुअल फंडों मैं म्यूच्यूअल फंड योजना का चयन कैसे करूं? में निवेश कैसे किया जाए और बेहतरीन फंडों का चयन कैसे किया जाए। आज हम आपको बताएंगे कि म्‍यूचुअल फंड के यूनिटों को भुनाकर आप अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं। तरीका आसान है, मुश्किल नहीं।

म्‍यूचुअल फंड यूनिट भुनाने की यह है प्रक्रिया

अगर आप म्‍यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। अगर आप खुद जाकर यह काम करना चाहते हैं तो आपको म्‍यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट से पहले ट्रांजैक्‍शन स्लिप डाउनलोड कर लीजिए और उसे अच्‍छी तरह भर लीजिए। इय रिडेंप्‍शन अप्लिकेशन को आप म्‍यूचुअल फंड कंपनी के आधिकारिक कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। आप चाहें तो म्‍यूचुअल फंड कंपनियों की ऑनलाइन सुविधा का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। कई म्‍यूचुअल फंड कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रिडेंप्‍शन (म्‍यूचुअल फंड यूनिट भुनाने) की सुविधा उपलब्‍ध कराती हैं। अगर आपने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निवेश किया है तो आप ऑनलाइन फैसिलिटी का इस्‍तेमाल करते हुए अपने यूनिट भी भुना सकते हैं।

इतने समय में मिल जाएंगे म्‍यूचुअल फंड के पैसे

अगर आपने लिक्विड या डेट ओरिएंटेड म्‍यूचुअल फंडों में निवेश किया हुआ है तो आपको एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे। इक्विटी फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के पास आ जाता है। हां, ध्‍यान रखने लायक बात यह है कि अगर आपने इक्विटी फंडों में निवेश किया हुआ है और यूनिट खरीदने के 365 दिनों के भीतर उसे भुना रहे हैं तो आपको एक फीसदी का एक्जिट लोड देना पर सकता है। लिक्विड फंड, अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स आदि पर कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है।

आपके पास ऐसे आते हैं म्‍युचुअल फंड के पैसे

म्‍यूचुअल फंड का यूनिट भुनाने से प्राप्‍त होने वाले पैसे सीधे आपके बैंक खाते में हैं अगर आपने निवेश के समय बैंक की सारी डिटेल दी हुई है। अगर म्‍यूचुअल फंड कंपनी के पास आपकी बैंक की पूरी डिटेल नहीं है तो फिर आपको चेक से पैसे भेज दिए जाएंगे।

इन्वेस्ट करने से पहले म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन कैसे करें? | How to Evaluate a Mutual Fund

जब भी नए निवेशक म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते है तो शोध करने से बचते है। नतीजन निवेशक ऐसे फंड में निवेश करते देते है, जिसका रिटर्न निम्न स्तर का होता है, इसलिए जरूरी है कि इन्वेस्ट मैं म्यूच्यूअल फंड योजना का चयन कैसे करूं? करने से पहले म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करें। अब यह कैसे करना है, आइये जानते है।

नए निवेशकों द्वारा की जाने वाली आम गलतियों में से एक यह है कि म्यूचुअल फंड के पिछले प्रदर्शन को देखकर उसके मैं म्यूच्यूअल फंड योजना का चयन कैसे करूं? प्रदर्शन का आकलन करने की कोशिश की जाती है। इस मेथड का उपयोग अन्य निवेश वाहनों का मूल्यांकन (Evaluate) करने के लिए किया जा सकता है लेकिन जब म्यूचुअल फंड की बात आती है तो यह एक अच्छा इंडिकेटर नहीं है।

म्युचुअल फंड, विविध परिसंपत्तियों (Diversified Assets) की एक टोकरी होने के नाते, जब उनका मूल्यांकन करने की बात आती है तो उनके पास कई वेरिएबल होते हैं, उनका पिछला प्रदर्शन उन कई वेरिएबल्स में से एक है। जिन्हें सही म्यूचुअल फंड का चयन करते समय विचार किया जाना चाहिए। ऐसे कई अन्य वेरिएबल हैं जो म्यूचुअल फंड के भविष्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में अधिक सहायक हो सकते हैं। इन वेरिएबल्स का उल्लेख नीचे किया गया है।

1) एक्सपेंस रेश्यो

म्यूचुअल फंड को संचालित करने के लिए पैसा खर्च होता है और इन खर्चों को फंड के एक्सपेंस रेश्यो से पूरा किया जाता है। एक्सपेंस रेशियो रिटर्न का एक छोटा प्रतिशत है जो फंड की परिचालन लागत को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाता है। ज्यादा एक्सपेंस रेशियो का मतलब यह नहीं है कि फंड आपको कम रिटर्न देगा और कम एक्सपेंस रेशियो का मतलब यह नहीं है कि फंड आपको ज्यादा रिटर्न देगा। किसी विशेष फंड केटेगरी के एवरेज एक्सपेंस रेश्यो की तुलना इंडिविजुअल फंड के एक्सपेंस रेश्यो से की जानी चाहिए, यदि किसी फंड का एक्सपेंस रेश्यो उसकी कैटेगरी के एवरेज एक्सपेंस रेश्यो से कम है तो इसे एक हेल्थी फंड माना जा सकता है। एक फंड के एक्सपेंस रेश्यो में दलालों को भुगतान किया गया कमीशन और शुल्क भी शामिल होता है, यदि कोई निवेशक रेगुलर प्लान के बजाय डायरेक्ट प्लान के माध्यम से निवेश करता है तो एक्सपेंस रेश्यो भी कम हो जाता है क्योंकि इन योजनाओं पर कोई शुल्क या कमीशन नहीं लिया जाता है।

2) डायवर्सिफिकेशन

फंड की होल्डिंग की संख्या और उसके बीच विविध सेक्टर की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि फंड किस कैटेगरी में प्रदर्शन कर रहा है। इसलिए, होल्डिंग की संख्या के लिए कैटेगरी एवरेज की जांच करना और यह देखना एक अच्छा विचार है कि फंड इन नंबरों से मेल खाता है या नहीं। अगर किसी फंड में कैटेगरी के एवरेज से ज्यादा होल्डिंग्स या कम होल्डिंग्स हैं तो इसके पीछे के कारण का पता लगाने के लिए आगे का अध्ययन किया जाना चाहिए। जोखिम तब उत्पन्न होता है जब किसी विशेष सेक्टर में एक फंड का भारी निवेश किया जाता है जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है।

3) टर्नओवर रेश्यो

म्यूचुअल फंड का टर्नओवर रेश्यो फंड की होल्डिंग का प्रतिशत दर्शाता है जो पिछले वित्तीय वर्ष में बदल दिया गया है। कम टर्नओवर रेश्यो वाला फंड फंड मैनेजर द्वारा लागू की जा रही खरीद और पकड़ की रणनीति का संकेत दे सकता है। हाई मैं म्यूच्यूअल फंड योजना का चयन कैसे करूं? टर्नओवर रेश्यो वाला फंड संभवतः फंड मैनेजर की एग्रेसिव निवेश स्ट्रेटेजी को प्रदर्शित करता है और इससे म्यूचुअल फंड की परिचालन लागत बढ़ सकती है और इस तरह फंड के एक्सपेंस रेश्यो में वृद्धि हो सकती है।

4) कर दक्षता (Tax Efficiency)

लंबी अवधि के निवेश पर विचार करते समय कई निवेशक निवेश से जुड़े कर निहितार्थ (Tax Implication) को नजरअंदाज कर देते हैं। टैक्सेशन के बाद फंड के वास्तविक रिटर्न की स्पष्ट तस्वीर रखने के लिए निवेशकों को फंड के Tax Implication से पूरी तरह अवगत होना चाहिए।

5) रणनीति में बदलाव

जब एक्टिव रूप से प्रबंधित फंड की बात आती है, तो फंड के शासनादेश में उल्लिखित मूल निवेश रणनीति से बड़े विचलन परेशानी का संकेत दे सकते हैं। अगर लार्ज-कैप फंड लगातार मिड-कैप सेक्टर में निवेश की ओर बढ़ता है, तो यह संकेत दे सकता है कि फंड अपनी कैटेगरी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है या फंड मैनेजर को अन्य बाजार सेक्टर में कुछ नए अवसर मिल गए हैं।

6) फंड मैनेजर

सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड के लिए फंड मैनेजर के कार्यकाल की जांच करना महत्वपूर्ण है। सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड में फंड मैनेजर फंड के बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। फंड के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए फंड के प्रबंधन में किसी भी बदलाव पर विचार करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि फंड मैनेजर और उनकी टीम ही इसकी सफलता का रहस्य हो सकती है। अगर कोई फंड पिछले तीन साल से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन फंड मैनेजर का कार्यकाल सिर्फ पिछले एक साल का रहा है, तो यह प्रदर्शन निश्चित नहीं है।

म्यूच्यूअल फंड का मूल्यांकन करते समय इन मापदंडों का उपयोग करके आप एक अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेंगे, क्योंकि ये आपको फंड के प्रदर्शन पर कई दृष्टिकोण देंगे और प्रत्येक म्यूचुअल फंड से जुड़े जोखिम का अधिक विस्तार से मूल्यांकन करने में भी आपकी मदद करेंगे।

Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प

पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.

Published: October 29, 2020 5:08 PM IST

Rs 500 Note

आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.

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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.

पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

कंपनियों के शेयरों में निवेश

शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.

रेकरिंग टर्म डिपॉजिट

रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड्स में निवेश

आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.

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म्यूचुअल फंड के नुकसान जानकर करें निवेश

अब हम आपको म्यूचुअल फंड के नुकसान के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे ताकि आप सभी चीजों को अच्छी तरह समझ कर ही म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करें और आपको किसी भी जोखिम का सामना ना करना पड़े। तो फिर चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं की आख़िर में क्या सच में म्यूचुअल फंड के नुकसान है भी या नहीं?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान

जिस प्रकार म्यूच्यूअल फंड मे पैसे लगाने के फायदे है उसी प्रकार म्यूचुअल फंड के नुकसान भी है जो निम्न प्रकार है.

mutual fund ke nuksan hindi

1. रिटर्न की गारंटी नहीं

बाजार में कई ऐसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस मौजूद है जो आपको एक निश्चित रिटर्न देते हैं। लेकिन म्यूच्यूअल फंड में ऐसा नहीं होता है म्यूच्यूअल फंड का फायदा सीधे स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है। स्टॉक मार्केट में हमेशा रिस्क बना रहता है। यही कारण है कि म्यूचुअल फंड के फायदे में भी उतार-चढ़ाव लगा रहता है।

अगर आपको लगता है कि आप कम समय में म्यूचुअल फंड से बहुत अधिक मुनाफा प्राप्त कर लेंगे तो यह आपकी गलतफहमी है। क्योंकि कम समय में म्यूचुअल फंड में आपको मुनाफा नहीं हो सकता इसके लिए आपको अपना निवेश लंबे समय तक के लिए म्यूचुअल फंड में लगाना होगा तभी आप बड़ा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

2. म्यूच्यूअल फंड की लागत

म्यूच्यूअल फंड को संभालने के लिए हमारे द्वारा निवेश किए गए फंड में कुछ पैसा expense ratio के रूप में फंड हाउस को दिया जाता है। अगर आप कम अवधि के लिए निवेश करते हैं तो यह खर्चा आपको कम लगेगा परंतु वही जब आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो यह बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करें तो उससे पहले म्यूचुअल फंड के खर्चों से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर लें।

3. एग्जिट लोड (Exit Load) लेना

अगर आप म्यूचुअल फंड के निवेश को 1 वर्ष के भीतर ही निकाल लेते हैं तो आपको उस पर 1% Exit Load देना होगा यह NAV का बहुत छोटा सा हिस्सा है। Exit Load को लगाने का मकसद है कि निवेशक बहार न जाये क्योकि कई लोग स्कीम्स मे एंट्री व एग्जिट करते है। यह उन लोगो के लिए बेकार है जो म्यूच्यूअल फंड से अपना पैसा जल्दी निकलना चाहते है।

कुल एग्जिट लोड = एग्जिट लोड प्रतिशत * निकली जाने वाली राशि
= 0.01 * 200000
= 2000 रुपए

4. लॉक इन अवधि

लॉक इन अवधि से तात्पर्य है कि आपको अपना निवेश किया गया पैसा एक निश्चित समय के लिए जमा करना होगा और उस दौरान आप उस पैसे को निकाल नहीं सकते है। अगर आप उस पैसे को निकालते हैं तो आपको अपने निवेश पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

वैसे तो सभी स्कीमों पर लॉक इन अवधि नहीं लगाई जाती है लेकिन क्लोज एंडेड स्कीम और elss स्कीम मे लॉक इन अवधि जरूर होता है। इसलिए आपको हमेशा उस पैसे का निवेश करना चाहिए जिसकी जरूरत आपको तुरंत ना पढ़े नहीं तो आपको जब पैसों की जरूरत होगी तो आप को परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा।

5. म्यूच्यूअल फंड रिटर्न पर टैक्स

म्यूच्यूअल फंड स्कीम पर भी आपको टैक्स देना होता है जिससे कि आप के मुनाफे का कुछ प्रतिशत कम हो जाता है। अगर आप 12 महीने से कम अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करते है तो आपको short term capital gain के रूप में 15% टैक्स।

और अगर आप 12 महीनों से अधिक समय के लिए निवेश करते है तो long term capital gain के रूप में 10% टैक्स देना होता है इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आप कोशिश करें कि आप अपनी निवेश की गई राशि को लंबे समय तक स्टॉक बाजार में लगा पाए।

6. नियंत्रण की कमी

जैसा की आप सभी जानते है म्यूचुअल फंड में जो पैसा निवेश किया जाता है उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है, मैं म्यूच्यूअल फंड योजना का चयन कैसे करूं? बल्कि उसे फंड मैनेजर के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वही अपनी इच्छा के अनुसार हमारे निवेश को स्टॉक मार्केट या अन्य बाजार में लगाता है।

यह सभी निवेशकों के लिए निर्धारित है कि उनका निवेश किया गया पैसा फंड मैनेजर के द्वारा ही संचालित किया जाएगा, इसके अलावा आपसे ही कुछ पैसा लेकर फंड मैनेजर की सुविधा दी जाती है।

7. डायरेक्ट निवेश से हानि

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए निवेशक को तकनीकी जानकारी होना आवश्यक है इसका अर्थ है कि निवेशक बाजार की स्थिति के बारे में जानता हो और उसे पता हो की म्यूच्यूअल फंड कैसे काम करता है।

अगर निवेशक को इन बातों की समझ नहीं होगी तो डायरेक्ट निवेश करने में गलतियों की संभावना रहती है। अधिक रिटर्न पाने के लिए डायरेक्ट निवेश बेहतर विकल्प है परंतु बिना समझ के इस में हाथ डालना बेवकूफी भरा हो सकता है।

8. स्कीम चुनने में गलती

भारत के अलग-अलग म्युचुअल फंड हाउस कई स्कीमों की पेशकश करते हैं। निवेशकों के द्वारा एक सही स्कीम का चयन करना आसान बात नहीं है। अधिकतर निवेशक भविष्य के प्रदर्शन को ध्यान में न रखते हुए पिछले प्रदर्शन को देखकर स्कीम का चुनाव कर देते है।

इस तरह से वह संभावित रिटर्न पाने से वंचित हो जाते हैं जिसे किसी दूसरे स्कीम में निवेश करके प्राप्त कर सकते थे इसलिए इस बात का खासतौर पर ख्याल रखना चाहिये कि आप बेहतरीन रिटर्न वाले म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करे ताकि उसका फायदा आपको मिले।

9. विविधीकरण

म्यूचुअल फंड में विविधीकरण (Diversification) से फायदा तो होता है लेकिन कई बार इससे आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

जब किसी स्टॉक का दाम दोगुना हो जाता है तब भी आपके म्यूच्यूअल फंड में निवेश की कीमत दोगुनी नहीं होती है, क्योंकि आपका निवेश फंड मैनेजर के द्वारा अलग-अलग शेयर में किया जाता है और जिस स्टॉक का दाम दोगुना होता है वह आपके म्यूचुअल फंड के निवेश का एक छोटा सा हिस्सा होता है जिसे आप बदल नहीं सकते है।

क्या आप Mutual Fund में निवेश करना चाहते हैं?

यदि आप Mutual Funds में अपने पैसे निवेश करना चाहते हैं तब ऐसे में आप Discount Broker “Groww” पर अपना account बना सकते हैं. इसमें आप बहुत ही जल्द और आसानी से Mutual Fund Account खोल उसमें अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं। निचे इसकी link दी गयी है.

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