सीपी की इस हालत के लिए कौन है जिम्मेदार?
कनॉट प्लेस की हेरिटेज इमारतों का हर पहलू से सर्वे किया जा रहा है। हर पॉइंट पर छतों की जांच की जाएगी। छतों पर किसी भी तरह के ढांचे को रेगूलेट करने के लिए नई नीति लाई जाएगी। इसके अलावा 27 फरवरी तक कारोबारियों से स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट जमा कराने के लिए भी कहा गया है। -नरेश कुमार, चेयरमैन, एनडीएमसी
रूस यूक्रेन क्राइसिस (Russia-Ukraine Crisis)
करंट समय में रूस यूक्रेन वॉर खबरों में हेडलाइंस पर कब्ज़ा जमाये हुए है | परन्तु हमें यह समझने की ज़रूरत है की आखिर इस युद्ध के कारण क्या हैं? रूस ने क्यों यूक्रेन बार्डर पर सेना तैनात किया , और यूक्रेन पर बम बरी किन करने से कर रहा है, तथा रूस को वेस्टर्न देशों से क्या चाहिए?
इन्ही सरे प्रश्नों के आंसर जांनने के लिए निचे दिए गए, पॉइंट वाइज एक्सप्लनेशन को पढ़ें| NATO (नाटो) – बड़ा कारण है
- रशिया और यूक्रेन के बीच के वर्तमान क्राइसिस के पीछे नाटो (NATO- नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) बड़ा कारण है| नाटो 30 देशों का एक ग्रुप है, जिनमें यूएस, यूके, फ्रांस और जर्मनी जैसे इनर सर्कल ट्रेडर कौन है प्रमुख देश शामिल हैं|
- यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है और नाटो भी यूक्रेन को अपना सदस्य मानने के लिए कभी राजी हुआ था | कोल्ड वॉर के समय से, यूएस, रशिया का प्रमुख दुश्मन माना जाता रहा है | मॉस्को इस वजह से यूक्रेन से तथा नाटो से नाराज है|
जियो-पोलिटिकल कारण|
- रसिया के वेस्टर्न बॉर्डर पर यूक्रेन के स्थित होने के वजह से रसिया इस बात से चिंता जाहिर कर रहा है की यदि यूक्रेन नाटो का सदस्य हो जाता है तो बाकी नाटो देशों, जैसे कि यूएस, यूके, जर्मनी, तथा फ्रांस और अन्य नाटो सदस्य देश अपना सैनिक अड्डा यूक्रेन में इस्टैबलिश् कर सकता है| नाटो के नियमों के अनुसार यदि किसी नाटो सदस्य देश पर बाहरी अटैक होता है तो बाकी सारे नाटो मेंबर देश मिलकर उस नाटो मेंबर देश को सपोर्ट कर सकते हैं या फिर मिलिट्री सपोर्ट भी दे सकते हैं | काफी हद तक रशिया मानता है कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर रशिया पर नाटो सदस्य देशों द्वारा अटैक की भी संभावना हो सकती है |
- यूएस में बेस्ड थिंक टैंक, ब्रूकिंग्स (Brookings) ने भी लिखा है की वर्ल्ड वॉर 2 के बाद मॉस्को का क्रीमिया (Crimea) को, जो कि यूक्रेन का भाग हुआ करता था, रशिया में शामिल कर लेना, यूरोप में सबसे बड़ा जमीन का कब्जा है |
- वाशिंगटन ट्रीटी के आर्टिकल 5 के अनुसार, नाटो के किसी एक देश, या एक से अधिक देश पर बाहरी हमला होता है तो इस को नाटो, प्रिंसिपल ऑफ़ कलेक्टिव डिफेन्स (Principle of Collective Defense) के अंदर अपने ऊपर हमला मानेगा | एहि कारन है कि रूस को लगता है की, और रिसेंटली रुस्सियन प्रेजिडेंट, पुतिन ने यह कहा था की “यदि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन जाता है तो यूक्रेन नाटो सदस्य देशों कि साथ मिल कर मिलिट्री एक्शन कर, क्रीमिया को रूस के पास से वापस लेने कि कोशिस करेगा | इस कंडीशन में क्या रूस नाटो ब्लॉक् से युद्ध करेगा? किसी ने यह बात सोची है ? शायद नहीं |”
- नाटो ने ईस्टर्न यूरोप में अपना फोर्स लगा रखा रखा है और रूस चाहता है की नाटो ईस्टर्न यूरोप से अपना फोर्स विथड्रॉ कर ले यूक्रेन में एक्सपैंड न करे|
- रिसेंटली रूस ने यूएस और अन्य नाटो देशो से लीगल सिक्योरिटी गारंटी मांगते हुए एक ड्राफ्ट इनर सर्कल ट्रेडर कौन है डॉक्यूमेंट शेयर किया था|
- इस डॉक्यूमेंट के आर्टिकल 6 के अनुशार, रूस नाटो देश से इस बात कि गॅरेंटी मांग रहा है के नाटो अपना और एक्सपेंशन नहीं करेगा तथा यूक्रेन और अन्य राज्यों को अपने में शामिल नहीं करेगा|
- रूस का यह भी मनना है की यूक्रेन ने रूस के विरुद्ध मिलिट्री एक्शन लेने का प्लान बनाया है और इस वजह से रूस यूक्रेन कि Demilitarization तथा Denazification करने के लिए यूक्रेन पर हमला कर रहा है|
रूस यूक्रेन क्राइसिस का इंडियन इकॉनमी पर असर
- SBI इकोनॉमिस्ट के अनुसार फाइनेंसियल मार्केट्स, एक्सचेंज रेट और क्रूड आयल के दाम पर शार्ट-टर्म इफ़ेक्ट होगा|
- इंडियन आयल कारपोरेशन (IOC), इन्सुरेंस रिस्क के वजह से रस्सियन क्रूड आयल कार्गो फ्री ऑन बोर्ड (FOB) बेसिस पर एक्सेप्ट नहीं करेगी| इंटरनॅशनस्ल मार्किट में प्रति बैरल क्रूड आयल का दाम $100 के पार जा चूका हैं | इस वजह से इंडिया में इस का सीधा असर हो सकता हैं क्यूंकि इंडिया 80% क्रूड आयल इम्पोर्ट करता हैं| जिसका असर ट्रेड पर हो सकता हैं| एक्सपोर्ट्स घटने और इम्पोर्ट बढ़ने के वजह से ट्रेड डिफिसिट बढ़ने का चांस हैं|
- इंडिया में बैंकिंग सेक्टर ने अभी तक मजबूती दिखाई है|
- कॉर्पोरेट सेक्टर अभी तक का सबसे ज्यादह, Rs 1.89 लाख करोड़, पब्लिक इक्विटी मार्किट से उठाया है| कॉर्पोरेट सेक्टर के क्रेडिट रेश्यो में भी इम्प्रूवमेंट आया है|
कनॉट प्लेस के टेरस पर हुआ है अवैध निर्माण, बसी इनर सर्कल ट्रेडर कौन है हैं झुग्गियां, बने हैं चोर रास्ते
कनॉट प्लेस के टेरस पर हुआ है अवैध निर्माण, बसी हैं झुग्गियां, बने हैं चोर रास्ते
चोर रास्ते
कनॉट प्लेस के 'दिल' इनर सर्कल के ई ब्लॉक की पड़ताल के दौरान टेरस पर 'अवैध' रूप से रहने वालों के शॉर्ट रास्तों का पता चला। एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी इमारत से होकर ये लोग आना-जाना करते हैं। जिस इमारत की टेरस पर यह रहते हैं, वहां के मुख्य गेट इनर सर्कल ट्रेडर कौन है पर ताला जड़ा है। इमारत खाली पड़ी है। मेन गेट से अंदर देखने पर इमारत वीरान लगती है। लेकिन ऊपर लोग रह रहे हैं। सर्विस लेन में लोगों ने खाली पड़ी इमारतों पर झुग्गी डाल रखी हैं। ऊपर जाने वाले रास्ते पर ताला जड़ा रहता है, लेकिन रात में इन्हीं सीढ़ियों से ये लोग टेरस पर पहुंचते हैं।
Traffic Advisory: दिल्ली में रविवार को बंद रहेंगी ये सड़कें, जाम से बचने से इन मार्गों को करें इस्तेमाल
Updated: October 15, 2022 11:04 AM IST
Delhi Police Traffic Advisory: राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह हाफ मैराथन (Half Marathon) का आयोजन किया जाएगा. हाफ मैराथन को रविवार सुबह 5.30 बजे जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा. हाफ मैराथन भीष्म पितामह मार्ग, लोधी रोड, मथुरा रोड, सुब्रमण्यम भारती मार्ग, डॉ जाकिर हुसैन मार्ग, सी-हेक्सागन, केजी मार्ग, आउटर और इनर सर्कल कनॉट प्लेस और संसद मार्ग से गुजरेगी. इसको देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है. पुलिस ने इन मार्गों पर सुबह पांच बजे से सुबह 10 बजे तक न जाने की सलाह दी है. इस दौरान वाहनों का आवागमन बंद रहेगा.
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पुलिस ने बताया कि इस दौरान आपातकालीन वाहनों को ही इन मार्गों से गुजरने दिया जाएगा.इन मार्गों से जाने वाले ट्रैफिक को अरबिंदो मार्ग-लोधी रोड जंक्शन, मथुरा रोड-भैरों रोड जंक्शन, नीला गुंबद, राजेश पायलट मार्ग पर डायवर्ट किया जाएगा. अमृता शेरगिल मार्ग जंक्शन,सुब्रमण्यम भारती मार्ग-मैक्स मुलर मार्ग जंक्शन से ही वाहनों की वाहनों की आवाजाही हो सकेगी. ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि वाहनों को कोटला रेड लाइट, सुब्रमण्यम भारती मार्ग-पंडारा रोड जंक्शन, मेहरचंद मार्केट रेड लाइट, शेरशाह रोड-मथुरा रोड जंक्शन, सेवा नगर फ्लाईओवर आदि पर भी डायवर्ट किया जाएगा.
बता दें कि दिल्ली में कोरोना महामारी के दो साल के बाद हाफ मैराथन का आयोजन किया जा रहा है. इसमें 25 हजार से ज्यादा प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. रविवार होने की वजह से ट्रैफिक का दवाब भी कम रहेगा. सुबह-सुबह बहुत कम लोग भी घर से निकलते हैं. हाफ मैराथन खत्म होने के बाद वाहनों की फिर से आवाजाही हो सकेगी.
एलडेको काउंटी फेज II
अस्वीकरण: हालांकि Housing.com इस अनुभाग में दी गई जानकारी की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए इनर सर्कल ट्रेडर कौन है सभी कदम उठाता है, कृपया डेवलपर्स के साथ भी इसकी जांच करें। Housing.com प्रदान की गई जानकारी में किसी भी विसंगतियों की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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