वरिंदर सिंह 1972 के म्यूनिख ओलंपिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। (फोटो- द इंडियन एक्सप्रेस)

खेल ग्रीस

एक मास्टर की डिग्री एक स्नातकोत्तर शैक्षणिक डिग्री है. एक पहले से ही एक मास्टर 'कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए ओलंप व्यापार अकादमी एक स्नातक की डिग्री होनी चाहिए. हाल मास्टर थीसिस या शोध पत्र की डिग्री कार्यक्रम छात्रों के लिए एक मास्टर पूरा करने की आवश्यकता होगी '.

खेल के अकादमिक अध्ययन आमतौर पर, शारीरिक या रणनीति और खेल के व्यापार पर केंद्रित है इस प्रकार खेल संगठनों, कोच टीमों या तो सिखाने का प्रबंधन या स्कूलों में या एथलीटों के लिए शारीरिक प्रशिक्षण मार्गदर्शन करने के लिए छात्रों की तैयारी।

के रूप में प्राचीन काल से बुलाया आधिकारिक तौर पर ग्रीस, यूनानी गणराज्य, या Hellas, दक्षिण पूर्व यूरोप में एक देश है. 2011 की जनगणना के अनुसार, ग्रीस की आबादी 11 लाख के आसपास है.

यूपी से पांच सदस्यीय दल जायेगा ओलंपिक

यूपी से पांच सदस्यीय दल जायेगा ओलंपिक

LUCKNOW: यूपी से यूपी ओलंपिक एसोसिएशन का पांच सदस्यीय दल रियो ओलंपिक में शिरकत करेगा। राजधानी से संघ के सचिव आनन्देश्वर पाण्डेय और उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया होंगे। टीपी हवेलिया को ओलम्पिक जाने के लिए चुने जाने पर विभिन्न खेल संघों और खिलाडि़यों ने उन्हें बधाई दी। सोमवार को खिलाडि़यों को खेल संघों ने उन्हें केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया।

रिपोर्ट तैयार करेंगे हवेलिया

यूपी ओलम्पिक संघ सचिव आनन्देश्वर पाण्डेय ने बताया कि ओलम्पिक गेम्स के बारे में टीपी हवेलिया वहां की एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिससे यहां पर खेलों के आयोजन का बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही वह वहां पर भारतीय टीम के उत्साहवर्धन भी करेंगे। इस मौके पर टीपी हवेलिया ने खुशी जताई और कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि यूपी ओलम्पिक एसोसिएशन ने मुझे रियो जाने का मौका दिया। एसोसिएशन ने जो कार्य मुझे सौंपा है, उसे पूरा करूंगा। इस मौके पर उन्होंने जल्द ही एक एडवेंचर्स स्पो‌र्ट्स अकादमी खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही इस अकादमी में बीच वॉलीबाल की व्यवस्था भी रखी गई। उन्होंने बताया कि एडवेंचर्स स्पो‌र्ट्स अकादमी में खिलाडि़यों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। कार्यक्रम में ओलम्पियन सै। अली, भारतीय स्विमिंग टीम के पूर्व कोच सुधीर शर्मा, आरएसओ एसएस मिश्रा, योग प्रशिक्षक पीआर पाण्डेय, अवधेश शुक्ला, यूपी कराटे एसोसिएशन के सचिव जसपाल सिंह समेत विभिन्न खेल संघों ओलंप व्यापार अकादमी के प्रतिनिध और खिलाड़ी मौजूद रहे।

महासचिव- आनन्देश्वर पाण्डेय, ओलम्पिक में हिस्सा ओलंप व्यापार अकादमी ले रहे भारतीय दल के डिप्टी चीफ डि मिशन-लखनऊ

हॉकी विश्व कप में भारत को इकलौता गोल्ड मेडल दिलाने वाले वरिंदर सिंह का निधन, ओलंपिक में भी देश को दिलाया था पदक

वरिंदर सिंह 1975 के पुरुष हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उनका जन्म 16 मई 1947 को पंजाब में जालंधर के पास धन्नोवाली गांव में हुआ था।

हॉकी विश्व कप में भारत को इकलौता गोल्ड मेडल दिलाने वाले वरिंदर सिंह का निधन, ओलंपिक में भी देश को दिलाया था पदक

वरिंदर सिंह 1972 के म्यूनिख ओलंपिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। (फोटो- द इंडियन एक्सप्रेस)

ओलंपिक और विश्व कप पदक विजेता टीम का हिस्सा रहे हॉकी खिलाड़ी वरिंदर सिंह का मंगलवार सुबह जालंधर में निधन हो गया। वर्ष 1970 के दशक में भारत की कई यादगार जीत का हिस्सा रहे वरिंदर 75 साल के थे। वरिंदर 1975 में कुआलालंपुर में पुरुष हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। यह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत का अब तक का एकमात्र स्वर्ण पदक है।

भारत ने तब फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से हराया था। वरिंदर 1972 म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक और एम्सटरडम में 1973 विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे। वरिंदर की मौजूदगी वाली टीम ने 1974 और 1978 एशियाई खेलों में भी रजत पदक जीता। वह 1975 मांट्रियल ओलंपिक में भी भारतीय टीम में शामिल थे।

वरिंदर को 2007 में प्रतिष्ठित ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी नवाजा गया था। हॉकी इंडिया ने वरिंदर के निधन पर शोक जताया है। हॉकी इंडिया ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘वरिंदर सिंह की उपलब्धि को दुनिया भर का हॉकी समुदाय याद रखेगा।’’ हॉकी इंडिया ने ट्वीट करके कहा, “महान हॉकी खिलाड़ी श्री वरिंदर सिंह के निधन पर हम ईश्वर से दिवंगत व्यक्ति की आत्मा को शांति और परिवार के सदस्यों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।”

उन्होंने कहा, “भारतीय हॉकी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और योगदान के लिए हम श्री वरिंदर सिंह के आभारी हैं।” सुरजीत हॉकी अकादमी जालंधर के कोच अवतार सिंह ने कहा, “यह भारतीय हॉकी के साथ-साथ पंजाब हॉकी के लिए भी बहुत बड़ी क्षति है। 1970 के दशक में कृष्णमूर्ति पेरुमल के साथ वरिंदर सिंह देश के सर्वश्रेष्ठ राइट-हाफ में से एक थे।”

अवतार सिंह ने आगे कहा, ” संन्यास लेने के बाद, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वह कोचिंग के माध्यम से खेल से जुड़े रहें। आठ साल से अधिक समय तक पंजाब एंड सिंध बैंक हॉकी टीम को कोचिंग देने के बाद, उन्होंने 2008 से पंजाब खेल विभाग के साथ कोच के रूप में काम किया और पिछले साल एक निजी अकादमी से जुड़े थे।

Tokyo Olympic: हारकर जीतने वाला बाज़ीगर विवेक सागर हैं, अर्जेंटीना के खिलाफ गोल कर भारत को दिलाई यादगार जीत

Tokyo Olympic: हारकर जीतने वाला बाज़ीगर विवेक सागर हैं, अर्जेंटीना के खिलाफ गोल कर भारत को दिलाई यादगार जीत

होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील के शिवनगर चंदौन गांव के रहने वाले हैं विवेक सागर हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहा जाता है, यह डायलॉग शाहरुख खान की फिल्म बाजीगर का है, लेकिन यह मध्य प्रदेश के विवेक प्रसाद सागर से मेल खाता है जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में अर्जेंटीना के खिलाफ शानदार फील्ड गोल किया। विवेक सागर की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब उनके लिए खेलने से दूर उन्हें जिंदगी जीने के लिए संघर्ष करना पड़ा। भोपाल के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में अभ्यास के दौरान विवेक के बाएं कंधे में गंभीर चोट लग गई। मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी के मुख्य कोच अशोक ध्यान चंदे ने उन्हें मैदान पर देखा और तुरंत अस्पताल ले गए। अशोक ध्यानचंद ने कहा कि उस समय डॉक्टरों ने कहा था कि चोट गंभीर है, कुछ भी हो सकता है लेकिन विवेक ने हार नहीं मानी और इलाज कराकर मैदान पर ओलंप व्यापार अकादमी लौट आए। और अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से ओलिंपिक तक पहुंचे। विवेक सागर होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील के शिवनगर चंदौन गांव के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन से ही हॉकी से प्यार रहा है। ओलंपियन अशोक ध्यान चंदे ने मैच के दौरान विवेक की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मध्य प्रदेश अकादमी में भर्ती कराया। यहां से विवेक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ओलंपिक में खेलने और ओलंपिक में देश के लिए गोल करने के अपने सपने को पूरा करते हुए आज वह देश के पसंदीदा हॉकी खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं। Tokyo Olympics Update: तीरंदाजी में दीपिका ने जीता दूसरा मैच, पूजा रानी भी पहुंची क्वार्टरफाइनल में

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