ऑनलाइन सेल करने वाली कई वेबसाइट्स कस्टमर को ऑफर कूपन और प्रमोशनल कोड भी सेंड करती रहती हैं। ये बोनस पॉइंट भी देती ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? हैं। इन कोड के मैसेज भी आपके मोबाइल पर आते हैं। इन सभी बातों का फायदा ये होता है कि जब आप ऑनलाइन शॉपिंग करेंगे तब ऑफर कूपन, प्रमोशनल कोड और बोनस पॉइंट का इस्तेमाल से उस प्रोडक्ट की कीमत और कम हो जाती है। ऐसे कूपन ज्यादातर गूगल पे, पेटीएम पर मिलते रहते हैं।
E-Commerce in Hindi , ई-कॉमर्स क्या है
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आज के इंटरनेट के जमाने में लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं। ई-कॉमर्स के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग होना संभव हो पाया है। ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग तथा होम डिलीवरी की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के पश्चात लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने में काफी अधिक रुचि दिखा रहे हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से यह क्या ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? है और इसका क्या इतिहास है, इसके बारे में बात करेंगे।
E-Commerce in Hindi :- e-commerce जिसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कहते हैं। आज के इंटरनेट के समय में लोग इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उत्पाद और सेवाओं को खरीदना व बेचना पसंद करते हैं। ऑनलाइन मनी ट्रांसफर करना ऑनलाइन डाटा शेयर करना यह सभी प्रक्रिया ई-कॉमर्स के अंतर्गत आते फिजिकल प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक का व्यापार भी होता है। इस प्रकार की ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचना खरीदना और पैसों का ट्रांसफर e-commerce कहलाता है।
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ई-कॉमर्स का इतिहास:- ई-कॉमर्स के शुरुआती 11 अगस्त 1994 को हुई ई-कॉमर्स की शुरुआत ‘फिल ब्रेंडनबर्जर’ ने की थी। फिल ब्रेंडनबर्जर ने सबसे पहले अपने कंप्यूटर के माध्यम से एक स्टिंग की सीडी को खरीदा था और उसका भुगतान कई रिकॉर्ड कार्ड के माध्यम से 12.48$ किया था। एक सीडी का नाम ‘Ten Summoners’ Tales’ था।
फिल ब्रेंडनबर्जर के द्वारा सबसे पहले ऑनलाइन शॉपिंग करने की यह घटना इतिहास रच चुकी है। आज के समय भी इसे ही असल उम्र ट्रांजैक्शन माना जाता ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? है। क्योंकि इस ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान पहली बार कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए। ऑनलाइन तौर पर कुछ प्रोडक्ट खरीदा गया था। हालांकि आज के समय में यह आम बात हो चुकी है।
ऑनलाइनल शॉपिंग मेला शुरू: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के सेलेक्शन से लेकर कूपन कोड अप्लाई करने तक, ऑनलाइन शॉपिंग में आपको फायदा दिलाने वाले टिप्स
इस फेस्टिव सीजन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर धमाकेदार ऑफर मिल रहे हैं। फ्लिपकार्ट और अमेजन इंडिया ने बताया है कि उन्हें बीते साल की तुलना में इस बार बंपर ओपनिंग मिली है। गैजेट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, क्लॉथ, फुटवेयर, होम अप्लायंस, फर्नीचर, किचन अप्लायंस समेत कई प्रॉडक्ट्स मिल रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म पर मार्केट से कम कीमत के साथ EMI, कैशबैक, गिफ्ट कार्ड्स और कैश ऑन डिलीवरी जैसे कई शानदार ऑफर्स भी मिल जाते हैं।
ये जरूरी नहीं कि ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाली डील या प्रोडक्ट हमेशा सही हो। ऐसे में आप भी इन प्लेटफॉर्म से कोई प्रोडक्ट खरीदने जा रहे हैं तब कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। हम यहां ऐसी ही 10 बातें बता रहे हैं.
कौन सा बेहतर है, नया मीडिया या पारंपरिक ई-कॉमर्स?इंटरनेट न्यू मीडिया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के बीच अंतर
अगर आप पारंपरिक ई-कॉमर्स सोच का इस्तेमाल करते हैं, तो आप न्यू मीडिया में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।
पारंपरिक ई-कॉमर्स धीमी गति से चलता है। कई व्यापारी कई सालों से ऑर्डर दे रहे हैं। पारंपरिक ई-कॉमर्स लंबे समय से कारोबार में है, जो लोगों को सुन्न करना आसान है।
हर दिन एक कदम-दर-कदम काम है।
न्यू मीडिया एक ऐसा मंच है जहां केवल नए विचार, नया ज्ञान और नए दृष्टिकोण ही विस्फोट कर सकते हैं।सेल्फ-मीडिया करने वाले होशियार और अधिक रचनात्मक बनेंगे।
इंटरनेट न्यू मीडिया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के बीच अंतर
कई चीनी लाइव प्रसारण ई-कॉमर्स ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? प्लेटफॉर्मों में से, ताओबाओ लाइव सबसे तेजी से बढ़ने वाला पहला सोपानक है।抖 音और कुइशौ ने दूसरे सोपानक ▼ के रूप में बारीकी से पीछा किया
पारंपरिक चीनी ई-कॉमर्स के लिए, निम्नलिखित प्लेटफॉर्म पर्याप्त हैं:
- Taobao
- टोक्यो
- 拼 多多
- कुछ पाया
- Vipshop
- 95% से अधिक बाजार हिस्सेदारी जोड़ें, अन्य छोटे दिवालिया होने और भागने में आसान हैं।उन्हें मत छुओ।
E-Commerce क्या है? उपयोग तथा लाभ
ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का अर्थ है- इन्टरनेट के जरिये व्यापार करना। वस्तुओं और सेवाओं को इन्टरनेट के जरिए खरीदना एवं बेचना ही ई-कॉमर्स कहलाता है। ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग व ई-बिजनेस इत्यादि ई-कॉमर्स के हो भाग हैं। इससे उत्पादकों एवं विक्रेताओं को वस्तुओं एवं सेवाओं के विश्वव्यापी बाजार मिले है एवं व्यापारिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के समय एवं लागत में भारी कटौती हुई है।
इन्टरनेट पर ई-कॉमर्स के लिए विभिन्न साइट्स हैं, जिनमें छोटी से लेकर बड़ी वस्तुओं की रिटेल शॉप मौजूद हैं। एक ई-कॉमर्स साइट कैसिट लोग पेन की तरह होती हैं, जहाँ से ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? उपभोक्ता वस्तुओं को क्रय कर सकता है एवं क्रेडिट कार्ड के जरिए क्रय की गई वस्तु के मूल्य का भुगतान कर सकता है।
ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of E-Commerce)
ई-कॉमर्स तीन प्रकार का होता है-
1. बिजनेस To विजनेस (B2B):– इसके अन्तर्गत दो कम्पनियों के मध्य व्यापार सम्मिलित होता हैं। एक कम्पनी को उत्पादन हेतु कच्चे माल, लेवर मशीनरी आदि अन्य कई चीजों की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति वे दूसरी कम्पनियों से करती हैं। इस हेतु यदि वे कम्प्यूटर व इंटरनेट का प्रयोग करती हैं तो इस प्रकार का ई-कॉमर्स बिजनेस टू बिजनेस कहलाता है।
2. बिजनेस To कंज्यूमर (B2C):- विभिन्न कम्पनियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को उपर्युक्त अपनी आवश्यकता की पूर्ति हेतु क्रय करते हैं। इस प्रकार का व्यापार बिजनेस टू कंज्यूमर कहलाता है।
3. कंज्यूमर To कंज्यूमर (C2C):- उपर्युक्त ई-कॉमर्स के दो प्रकारों के अतिरिक्त यह ई-कॉमर्स का तीसरा प्रकार है जिसके अन्तर्गत दो उपभोक्ताओं के मध्य व्यापार होता है।
ई-कॉमर्स के उपयोग (Uses of E-Commerce)
इन्टरनेट पर ई-कॉमर्स की वजह से विश्व-भर के बाजार 'ग्लोबल विलेज' की दिशा में बढ़ रहे हैं। ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा लाभ उसकी पहुँच है। ई-कॉमर्स ने बड़े एवं छोटे उत्पादकों एवं विक्रेताओं के मध्य अन्तर को समाप्त कर दिया है, इससे छोटे व्यावसायियों को भी बड़े व्यवसायियों से प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है। ई-कॉमर्स में परम्परागत व्यवसाय की तुलना में विपणन लागत कम होती है एवं व्यापार का क्षेत्र विश्वव्यापी होने के कारण व्यापार की कुल लागत कम होती है, जिससे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? वस्तुएँ एवं सेवाएं उपभोक्ता को कम कीमतों पर उपलब्ध होती है।
ई-कॉमर्स में व्यावसायिक सूचनाओं का आदान-प्रदान शीघ्र व मितव्ययी होता है। ई-कॉमर्स द्वारा बहुत कम पूंजी से विश्वभर में व्यापार किया जा सकता है।
सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? GeM पर सरकार के साथ कर पाएंगे बिजनेस, घर बैठे मिलेंगे खरीदार
जरा सोचिये अगर आप भी सरकार के साथ बिजनेस कर पाएं तो? जी हां, केंद्र सरकार ने सभी सरकारी विभागों को गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (GeM) से जोड़ा हुआ है। जिसके माध्यम से सरकारी विभाग अपने उपयोग के लिए वस्तुओं और सेवाओं को ई पोर्टल GeM के जरिए खरीदते हैं, यानि सभी तरह की खरीदारी ऑनलाइन होती है।
बुनकरों और कारीगरों को बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के एक प्रयास के तहत उन्हें जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल से जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है ताकि वे अपने उत्पादों को सीधे सरकारी विभागों को बेच सकें। इससे हथकरघा और हस्तशिल्प में काम करने वाले कारीगरों, बुनकरों, सूक्ष्म उद्यमियों, ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? महिलाओं, आदिवासी उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों जैसे उन विक्रेता समूहों की भागीदारी बढ़ेगी, जिन्हें सरकारी बाजारों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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