हुंडई ग्रैंड i10 निओस

हुंडई ग्रैंड i10 निओस 5 सीटर हैचबैक है। जिसकी प्राइस ₹ 5.42 - 8.46 लाख है। यह 14 वेरीएंट्स, 998 to 1197 cc इंजन विकल्प और 2 ट्रैंस्मिशन विकल्पों में उपलब्ध है: मैनुअल और स्वचालित (एएमटी)। ग्रैंड i10 निओस के अन्य प्रमुख विशेषताओं में 260 लीटर्स का बूटस्पेस शामिल है। ग्रैंड i10 निओस 7 रंगों में उपलब्ध है। ग्रैंड i10 निओस का माइलेज 0 किमी प्रति लीटर से 25 किमी प्रति लीटर के बीच है।

क्या होता है बीएचके?

बीएचके यानी एक फ्लैट में बेडरूम, हॉल और किचन. इस आर्टिकल में हम आपको इस शब्द के बारे में सब कुछ बताएंगे.

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बजट और लोकेशन को तवज्जो के अलावा, एक घर खरीदार को यह भी सोचना चाहिए कि उसे कितना बड़ा घर लेना है यानी 1बीएचके, 2बीएचके या फिर 3बीएचके. लेकिन उससे पहले आपको यह समझना पड़ेगा कि बीएचके होता क्या है.

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#NindakNiyre: राहुल गांधी की 100 दिनी यात्रा में उन्होंने क्या खोया और क्या पाया, पढ़िए पूरा विश्लेषण परत दर परत

100 days of Rahul Gandhi BHARAT JODO YATRA: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को आज पूरे 100 दिन हो चुके हैं। कन्याकुमारी से शुरू इस यात्रा का 100वें दिन राजस्थान में पड़ाव है। भारत में राजनीतिक यात्राओं के नतीजे हमेशा ही राजनीतिक रूप से अच्छे आए हैं। इस उम्मीद से भले ही यह यात्रा शुरू की गई है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि ऐसी यात्राएं राजनेता में विश्वास बढ़ाती हैं। नेता अपने जीवन काल में फिर चाहे वह चुनाव हारे या जीते, लेकिन उसकी आत्मशक्ति में अद्भुत निखार होता है। भारत में राजनीतिक लोगों की यात्राएं एक तो भारत की असली समझ को विकसित करने में विकल्प विश्लेषण क्या है? सहायक होती हैं दूसरी ये यात्राएं समाज, देश, दुनिया के बीच बनी नेता की छवि का भी रियल टेस्ट हो जाती हैं। अब तक की यात्राएं देखें तो समझ सकते हैं कि नेताओं ने इनके जरिए पॉलिटिकली हाईजंप तो लिया है।

आज जब 100 दिन हो गए हैं तो यह जानना जरूरी है कि राहुल ने इस यात्रा से क्या खोया और क्या पाया और क्या वे पा सकते हैं। राहुल गांधी भारत के बड़े नेता हैं। उनकी स्वीकार्यता को लेकर भले ही प्रश्न होते रहे हैं, लेकिन बड़ी पार्टी के बड़े नेता को लेकर कोई संशय नहीं है। राहुल गांधी ने इस यात्रा में 10 चीजें हासिल की हैं, जिनका काट किसी के पास फिलहाल नहीं है।

अथक नेता

राहुल पर यह इल्जाम लगता रहा है कि वे ठहरते नहीं। चुनावों के तुरंत बाद छुट्टियां मनाने चले जाते हैं। इस यात्रा ने उनकी यह छवि तोड़ी है।

अपरिपक्व नहीं, निर्मल नेता

उनकी छवि अपरिपक्व की भी बनी हुई है। जिसे तोड़ने में वे कामयाब नजर आ रहे हैं। वे इस दौरान निर्मल नेता के रूप में उभर रहे हैं।

सामाजिक समझ वाले नेता

समाज के हर वर्ग से मिलने के कारण उनकी छवि इस यात्रा में समाज की अच्छी समझ रखने वाले नेता की भी बन रही है।

सबको साथ लेने वाले नेता

सबको साथ लेकर चलने की कोशिश के मूलमंत्र के साथ राहुल की इस यात्रा से यह छवि प्रमाणित हो रही है।

सिर्फ चुनावी नहीं, सर्वकालिक राजनेता

राहुल ने मौजूदा हिमाचल, गुजरात जैसे अहम चुनावों के दौरान भी अपनी यात्रा को जारी रखा। इससे उनकी छवि चुनावी नेता से ज्यादा पूर्णकालिक नेता की बनी।

शारीरिक रूप से नौजवान नेता

राहुल गांधी की छवि पर लगी अपरिपक्वता की मुहर को वे साफ करते हुए शारीरिक रूप से भी बलिष्ठ नौजवान विकल्प विश्लेषण क्या है? नेता की बनाने में कामयाब हैं। वे युवा हैं यह उनकी थकानमुक्त यात्रा सिद्ध कर रही है।

बिजनेस बाजार की समझ वाला नेता

उनकी यात्रा में आरबीआई गवर्नर का साक्षात्कार दिखाता है कि वे बिजनेस, बाजार को भी अच्छी तरह से समझते हैं। विशेषज्ञों को मोबलाइज कर सकते हैं।

प्रेस से मिलने वाले प्रेस प्रिय नेता

भारत में प्रेसप्रिय नेताओं में इस वक्त सबसे ऊपर मोदी हैं। विवादों से तो बहुत से नेता प्रेसप्रिय विकल्प विश्लेषण क्या है? रहे हैं, लेकिन राहुल मोदी के बाद दूसरे ऐसे नेता हैं, जो निर्विवाद रूप से प्रेस के प्रिय नेता बनकर उभर रहे हैं। इंदौर की प्रेस कॉन्फ्रेंस और सधी हुई बातें इसका प्रमाण हैं।

वंशवादी नहीं, समन्वयवादी

राहुल ने अपनी मां की राजनीति से इतर अपने आपको अलग गढ़ने की कोशिश की है। वे वंशवादी नहीं बल्कि समन्वयवादी नेता के रूप में उभर रहे हैं। भाजपा नेता जब छत से मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे तो राहुल उन्हें फूल दे रहे थे। यह नाटकीय होकर भी संदेशपूर्ण है।

राजनीतिक रूप से अच्छे प्रशासक भी

वे अपनी यात्राओं में कांग्रेस के ही नेताओं को डांट, डपट भी कर रहे हैं। जहां वे असहमत हैं वहां वे साफ कह रहे हैं। इससे सिद्ध हो रहा है कि वे एक अच्छे प्रशासक भी हैं।

नए भारत में जोड़-तोड़ की सरकारों के लिए स्थान कम हो रहा विकल्प विश्लेषण क्या है? है। ऐसे में जो आएगा बहुमत से ही आएगा। क्योंकि लोग करीब से बहुमत की सरकार की ताकत और काम देख रहे हैं। ऐसे में राहुल की यह यात्रा कांग्रेस के लिए संजीवनी सिद्ध होगी। 2024 में वे भले न जीतें, लेकिन देश में एक मजबूत विकल्प बनकर तो उभर रहे हैं। यह ऐसा विकल्प भी ऐसा विकल्प नहीं जो विकल्पहीनता में चुना जाए, बल्कि स्वमेव, स्वस्फूर्त चुना जा सकने वाला विकल्प। हल्के-फुल्के अंदाज में कहें तो वे कुंवारे हैं और दाढ़ी भी बढ़ा रखी है। पैदल चल ही रहे हैं। सकारात्मकता से सबसे मिल ही रहे हैं और देश को अपना एक विजन भी बता ही रहे हैं। ऐसे में वे मोदी के विकल्प बनने की ओर से बढ़ चुके हैं।

IND vs AUS: क्या वनडे में कम गेंदबाजी विकल्प होने से भारत को हो सकती है मुश्किलें? जानिए जस्टिन लैंगर का विश्लेषण

आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज में आलराउंडर रवींद्र जडेजा को छोड़कर भारत के पास ऐसे कम ही बल्लेबाज हैं, जो गेंदबाजी भी कर सकते हैं। आस्ट्रेलिया दौरे पर गए हार्दिक पांड्या.

IANS News

India Tour of Australia

आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज में आलराउंडर रवींद्र जडेजा को छोड़कर भारत के पास ऐसे कम ही बल्लेबाज हैं, जो गेंदबाजी भी कर सकते हैं।

आस्ट्रेलिया दौरे पर गए हार्दिक पांड्या गेंदबाजी नहीं कर सकते, क्योंकि वह अभी विकल्प विश्लेषण क्या है? तक गेंदबाजी करने के लिए पूरी तरह से फिट नहीं हुए हैं और वह बतौर बल्लेबाज ही खेल सकते हैं।

भारत ने जब इस साल फरवरी में न्यूजीलैंड का दौरा किया था, तो वहां भी उसे इसी तरह की समस्याओं से जूझना पड़ा था। वह दो बार अपने स्कोर का बचाव नहीं कर सका था, इनमें पहले मैच में बनाए गए 347 का स्कोर भी है।

16 सदस्यीय वनडे टीम में आठ मुख्य रूप से बल्लेबाज हैं, जो गेंदबाजी नहीं कर सकते हैं और हार्दिक को बल्लेबाज के तौर पर खेलाया जाता है तो नौ बल्लेबाज हो जाएंगे। बाकी सात खिलाड़ियों में छह तो मुख्य रूप से गेंदबाज हैं।

इसकी तुलना में, आस्ट्रेलिया के पास वनडे में मार्कस स्टोइनिस, मोइसेस हेनरिक्स, कैमरन ग्रीन और डैनियल सैम्स के रूप में चार आलराउंडर हैं।

उनके पास गेंदबाज पैट कमिंस भी हैं जो बल्लेबाजी भी अच्छी करते हैं और अंत तक रन बना सकते हैं। बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल भी नियमित रूप से ऑफ-स्पिनर के रूप में कुछ ओवर गेंदबाजी करते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने बुधवार सुबह मीडिया से बात करते हुए , "हम वास्तव में वनडे में अतिरिक्त गेंदबाज रखना पसंद करते हैं। इंग्लैंड में हमने अतिरिक्त 10 ओवर के लिए मिशेल मार्श, स्टोइनिस और (ग्लेन) मैक्सवेल को चुना था और हमें वह संयोजन पसंद आया।"

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में आलराउंडरों, विशेषकर एक तेज-तर्रार ऑलराउंडर को खोजने के लिए संघर्ष किया है।

हार्दिक के भाई क्रुणाल पांड्या टी20 सीरीज भारतीय टीम का हिस्सा हैं। वह स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर है। हालांकि उन्हें केवल टी20 क्रिकेट के लिए फिट माना जाता है।

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एनएसई द्वारा तकनीकी विश्लेषण और विकल्प प्रशिक्षण का कार्यक्रम हुआ शुरू

एनएसई द्वारा तकनीकी विश्लेषण और विकल्प प्रशिक्षण का कार्यक्रम हुआ शुरू

भारत का प्रमुख समूह, द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NSE) तकनीकी विश्लेषण और विकल्प प्रशिक्षण पर एक व्यावहारिक और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्योग विशेषज्ञ से व्यावहारिक उन्मुख समग्र सीखने के 30 घंटे के लिए होगा। एनएसई ने कहा प्रत्येक वर्ग 2.5 घंटे एक दिन के लिए होगा और घर के आराम में एक वास्तविक समय लाइव ऑनलाइन कक्षाएं होगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को इंटरनेट कनेक्शन के साथ मोबाइल, डेस्कटॉप, लैपटॉप के माध्यम से भाग लिया जा सकता है। संकाय और अन्य शिक्षार्थियों के साथ बातचीत करना भी संभव है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पूरा होने पर एनएसई अकादमी प्रमाणपत्र प्रदान करेगा।

सरल तकनीकी विश्लेषण की कीमत 3,000 रुपये होगी और 17, 18 और 19 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। 26 दिसंबर, 27, 28 और 29 दिसंबर को डीमिस्टीफाइंग ऑप्शन ट्रेडिंग होगी और इसकी कीमत 3,000 रुपये होगी।

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