अर्शदीप सिंह अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 2018 में ऑस्ट्रेलिया गया था और 2020 में पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे ब्रिजिंग ए वीजा प्रदान किया गया था, जिसके बाद से वह वहां रह रहा है।
E-Visa Facility: कनाडा के पासपोर्ट मेडिकल वीजा में सहायता धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा शुरू, भारत ने की घोषणा
ओटावा में स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को कनाडा के पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा बहाल करने की घोषणा की। ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कहा कनाडाई पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा 20 दिसंबर 2022 से बहाल कर दी गई है।
ओटावा, एएनआइ। ओटावा में स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को कनाडा के पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा बहाल करने की घोषणा की। ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने कहा, 'कनाडाई पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा 20 मेडिकल वीजा में सहायता दिसंबर 2022 से बहाल कर दी गई है।' उन्होंने कहा कि जो कनाडाई पासपोर्ट धारक पर्यटन, व्यवसाय, चिकित्सा या सम्मेलन के उद्देश्य से भारत आना चाहते हैं। वे https://indianvisaonline.gov.in/evisa/tvoa.html पर ई-वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं और उसमें निहित निर्देशों का पालन कर सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं अप्लाई?
उच्चायोग ने कहा कि कनाडाई पासपोर्ट धारक किसी भी उद्देश्य के लिए भारत की यात्रा करना चाहते हैं, जो ई-वीजा के लिए योग्य नहीं हैं, वे https://www.bisindia-canada.com पर पेपर वीजा के लिए मेडिकल वीजा में सहायता आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ही प्रक्रिया लाईसेज़-पास यात्रा दस्तावेज़ धारकों पर लागू होती है। इसके अलावा, भारतीय उच्चायोग ने कहा कि जिन लोगों ने कनाडा में विभिन्न बीएलएस केंद्रों के माध्यम से वीजा के लिए आवेदन किया है, उन्हें इसके जारी होने की प्रतीक्षा करने की सलाह दी जाती है।
इस वेबसाइट के जरिए मिलेगी मदद
भारतीय उच्चायोग के बयान में कहा गया, 'ऐसे सभी आवेदनों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, जो आवेदक अपने संबंधित वीज़ा आवेदन वापस लेना चाहते हैं, वे वेबसाइट https://www.bisindia canada.com/ पर जाकर और आवेदन वापसी का विकल्प चुनकर ऐसा कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कनाडा में बीएलएस केंद्रों में पर्यटक, व्यवसाय, चिकित्सा या सम्मेलन वीजा के लिए आवेदन करने के लिए अपॉइंटमेंट बुक किया है और अब इसके बजाय ई-वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे अपने अपॉइंटमेंट मेडिकल वीजा में सहायता स्लॉट को खाली/रद्द कर दें ताकि अन्य लोगों को इसका लाभ मिले।
चिकित्सा व स्वास्थ्य पर्यटन के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है मंत्रालय
नई दिल्ली। टीम डिजिटल। भारत को एक प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के कार्य में केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा निजी क्षेत्र के बीच एक मजबूत ढांचा और तालमेल विकसित करने हेतु पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है। चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य को और आगे मेडिकल वीजा में सहायता बढ़ाने में समर्पित संस्थागत ढांचा प्रदान करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय मेडिकल वीजा में सहायता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन बोर्ड का गठन किया है।
स्वदेश दर्शन योजना के तहत 76 परियोजनाओं को दी है मंजूरी : रेड्डी
पर्यटन मंत्रालय ने शुरू किया ई-मेडिकल वीजा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा
बता दें कि पर्यटन मंत्रालय अपनी मौजूदा गतिविधियों के हिस्से के रूप में मेडिकल वीजा में सहायता देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों व उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अतुल्य भारत ब्रांड-लाइन के तहत विदेशों में महत्वपूर्ण और संभावित बाजारों में वैश्विक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा ऑनलाइन मीडिया अभियान संचालित करता है। चिकित्सा पर्यटन के विषय सहित विभिन्न मुद्दों पर मंत्रालय के सोशल मीडिया एकाउंटस के माध्यम से डिजिटल प्रचार भी नियमित रूप मेडिकल वीजा में सहायता से किए जाते हैं। अब मेडिकल वीजा की शुरुआत की गई है, जो चिकित्सा उपचार के लिए भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है। 156 देशों में सुविधा के लिए ई-मेडिकल वीजा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा भी प्रारंभ किए गए हैं। मालूम हो कि पर्यटन मंत्रालय विभिन्न पहल के जरिए चिकित्सा व पर्यटन मेलों, चिकित्सा सम्मेलनों, स्वास्थ्य सम्मेलनों, स्वास्थ्य मेलों और संबद्ध रोड शो में भाग लेने के लिए अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को बाजार विकास सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
वीजा देने और विदेश में गंभीर रूप से बीमार बेटे की सहायता करने के लिए विदेश मंत्रालय को निर्देश देने की मांग करते हुए विधवा मां दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची
एक विधवा मां और एक अन्य रिश्तेदार ने दिल्ली हाईकोर्ट में मेडिकल वीजा में सहायता एक याचिका दायर कर मांग की है कि विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि उन्हें विदेश में गंभीर रूप से बीमार अपने बेटे के पास जाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग से वीजा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करें और साथ ही उनके बेटे को चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।
एडवोकेट गुरिंदर पाल सिंह के माध्यम से दायर इस याचिका में भारत के विदेश मंत्रालय के माध्यम से यूनियन ऑफ इंडिया को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि सरकार अपने अधिकारियों के जरिए याचिकाकर्ताओं को ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग से वीजा विजिटर (पर्यटक) उप-वर्ग 600 प्राप्त करने में मदद व सुविधा प्रदान कर सके।
सुषमा ने चिकित्सा वीजा के लिए पाकिस्तानी नागरिक से अजीज से पत्र लेने को कहा
नई दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के एक व्यक्ति को चिकित्सा वीजा देने का आश्वासन दिया है लेकिन तब, जब प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज उसके मामले की सिफारिश करें। पाक नागरिक सईद अयूब ने अपने मामले का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैंने भारत में अपने पिता के लीवर प्रत्यारोपण के लिए अपनी आधी संपत्ति बेच दी और अब हमारे लिए कोई मेडि़कल वीजा मेडिकल वीजा में सहायता नहीं। क्यों सिर्फ आम आदमी ही पिसता है।’’
सोशल मीडिया में मदद की गुहार लगाने वालों की सहायता में आगे रहने वाली सुषमा ने कहा कि उनकी संवेदनाएं उसके साथ हैं। ‘‘हम आपको वीजा दे देंगे। सरताज अजीज साहब को आपके मामले की सिफारिश करनी चाहिए।’’ दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच रिश्ते तल्ख होने के कारण हाल ही में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के सिफारिशी पत्र वाले व्यक्ति को ही भारत में चिकित्सा वीजा दिया जाएगा।
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