ओपन इंटरेस्ट में गिरावट का मतलब है कि मार्केट में उस कमोडिटी की डिमांड कम है. कमोडिटी बाजार के जानकार किसी भी कमोडिटी में तेजी या मंदी का विश्लेषण करने के लिए ओपन इंटरेस्ट का सहारा लेते हैं. यह किसी भी कमोडिटी का टेक्नीकल इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है एनालिसिस होता है. अगर किसी कमोडिटी का ओपन इंटरेस्ट ज्यादा है तो उस कमोडिटी की कीमतों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है

Share Market

SHARE MARKET – The Way of Making Money in Stock Market

SHARE MARKET के बारे में अच्छी जानकारी होने से आपके पास, पैसो से पैसा बनाने की एक खास स्किल्स आ जाती है,

और आप शेयर बाजार से अपने लिए PASSIVE INCOME भी बना सकते है,

स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत कैसे करे

शेयर बाजार से पैसे कमाने के बहुत सारे तरीके है, जिसमे सबसे प्रमुख है-

  1. शेयर्स के भाव बढ़ने पर उन्हें बेचकर लाभ कमाना (PROFIT ON SELLING)
      इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है
    1. इंट्रा डे ट्रेडिंग (Intra day Trading)
    2. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
    3. शोर्ट टर्म ट्रेडिंग (Short Term Trading)
    4. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग (Long Term Trading)
    1. फ्यूचर मार्केट ट्रेडिंग (FUTURE MARKET)
    2. ऑप्शन मार्केट ट्रेडिंग (OPTION MARKET)

    हम इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है यहाँ पे शेयर मार्केट के बारे में बेसिक से एडवांस लेवल तक कि जानकारी आपके सामने लाना चाहते है,

    ताकि आप शेयर इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है मार्केट से पैसे कमाने के तरीको को सिख कर, पैसो से पैसा बनाने की कला को सिख सके,

    Dubey Ji

    TRADING का हिंदी अर्थ व्यापर होता है ,जब हम कोई बस्तु या सेवा इसी उद्देश्य से खरीदते है इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है कि उस वस्तु और सेवा को कुछ समय बाद बेच कर हम उस से लाभ कमाएंगे तो इस कार्य को “TRADING” कहा जाता है, हम अपने आस पास जितने भी व्यापर होता देखते है – चाहे राशन या सब्जी की दुकान हो अन्य दुकान, सभी इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है दुकानदार बस्तु या सेवा इस उद्देश्य से खरीदते है ताकि वे उसे बेच कर लाभ कमा सके,

    कमोडिटी बाजार में इंट्रा डे ट्रेडिंग और ओपन इंटरेस्ट के क्या हैं मायने ?

    trading

    इंट्रा डे ट्रेडिंग दिन भर के अन्तराल में की जाने वाली खरीद और बिक्री को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है.

    किसी कमोडिटी को जिस दिन खरीदा जाये, उसी दिन उस मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये या अगर आप शार्ट सेलिंग करते है, तो मार्केट बंद होने से अपनी ओपन पोजीशन को काट लें तो इस तरह कि कारोबारी रणनीति को इंट्रा डे ट्रेडिंग इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है कहा जाता है.

    क्या होता ओपन इंटरेस्ट ?
    ओपन इंटरेस्ट मार्केट पार्टिसिपेंट्स (कारोबारियों) की कुल संख्या है. इससे पता चलता है कि किसी कमोडिटी के प्रति निवेशकों और कारोबारियों का रुझान कैसा है. ओपन इंटरेस्ट बढ़ने का मतलब है की नया पैसा मार्केट में आ रहा है.

    Trading stocks:आइए जानते हैं आज कैसी रह सकती है बाजार की चाल, इंट्रा डे में कहां होगी कमाई

    निफ्टी के लिए ऊपर की तरफ 16350-16400 के रेंज में इमीडिएट रजिस्टेंस है। वहीं, नीचे की तरफ 16000 पर सपोर्ट दिख रहा है

    मंगलवार को एक गैपअप ओपनिंग के के बाद बाजर में बढ़त कायम रही और कारोबार के अंत में सेंसेक्स निफ्टी बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहे। कल के कारोबार में निफ्टी 417 अंकों की बढ़त के साथ 16,259 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, सेंसेक्स 1344 अंक चढ़कर 54,318 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक भी कल 704 अंक बढ़कर 34,301 के स्तर पर बंद हुआ था। लाइव मिंट इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है में छपी रिपोर्ट के मुताबित बाजार जानकारों का कहना है कि अभी भी ये साफ नहीं है कि क्या बाजार अब अपना बॉटम इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है हासिल कर चुका है और अब यहां से नई रैली आती दिखेगा या फिर ये सिर्फ एक पुल बैक है। ये जानने के लिए आज की क्लोजिंग काफी अहम होगी। ऐसे में कल की रैली को एक पुलबैक मूव ही मानकर चलना चाहिए।

    शेयर बाजार के निवेशकों पर आयकर विभाग की नजर, कमाई छुपाने पर मिलेगा नोटिस

    शेयर बाजार और म्युच्युअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों पर भी अब आयकर विभाग की नजर है। खासकर इंट्रा डे ट्रेडिंग करने वाले जो करदाता अपने आयकर रिटर्न में सही.

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    ग्वालियर. शेयर बाजार और म्युच्युअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों पर भी अब आयकर विभाग की नजर है। खासकर इंट्रा डे ट्रेडिंग करने वाले जो करदाता अपने आयकर रिटर्न में सही जानकारी नहीं देते, आयकर विभाग पेन नंबर और ब्रोकर्स के जरिए उनकी जानकारी जुटा रहा है। इसलिए ऐसी जानकारी नहीं देने पर आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है, इसमें टैक्स के साथ ब्याज और जुर्माना दोनों लगाए जा सकते हैं। इधर खुद के कारोबार को बढ़ाने या किसी प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए महंगा गिफ्ट दिया तो वह भी आयकर के दायरे में आएगा।

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