Swing Trading क्या है - स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें?

Swing Trading क्या है? इसे कैसे करे? अगर आप भी यह जानना चाहते हैं। तो आज हम आपको इस लेख में swing trading के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास करुगा। आज अगर आप भी पार्ट टाइम ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

इसमें कमाएं गए छोटे छोटे प्रॉफिट आपको साल के अंत में एक अच्छा रिटर्न देता है। आयिये तो फिर पहले जानते हैं कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है?

Swing Trading क्या है? - Swing Trading In Hindi

Swing Trading एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है। जहा पर ट्रेडर्स शेयर को एक दिन से ज्यादा के लिए खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद बेच देते हैं। ट्रेडर्स शेयर को थोड़े दिनों तक इसी उम्मीद से होल्ड करते हैं ताकि उन्हें कुछ प्रॉफिट हो सके। आमतौर पर यह समय कुछ दिन या कुछ हफ्ते हो सकते हैं।

Swing Traders किसी भी स्टॉक का संभावित स्विंग का एक हिस्से को कैप्चर करने की कोशिश करता है। यानी मतलब यह हुआ कि एक स्विंग ट्रेडर बाजार या किसी भी स्टॉक के प्राइस का एक तरफा मूवमेंट को कैप्चर करने की कोशिश करता है। बाजार या स्टॉक का एक तरफा मूवमेंट को इसी उम्मीद से कैप्चर करने की कोशिश करता है कि उसे कुछ परसेंट का प्रॉफिट होगा। लेकिन अगर बाजार ठीक उसके उलट चला जाता है तो स्विंग ट्रेडर्स अपने नुकसान को बुक करने के बाद मार्केट से बाहर निकल जाता है। स्विंग ट्रेडिंग में हासिल किए गए छोटे छोटे मूवमेंट का लाभ वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।

एक अच्छा स्विंग ट्रेडर opportunity को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और कभी कभी फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करता है। साथ ही चार्ट के माध्यम से market trend और patterns का विश्लेषण करता है।

Swing Trading कैसे काम करती है?

Swing Trader किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड, शेयर कि कीमत में उतार-चढ़ाव, ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करता है। आमतौर पर swing traders लार्ज-कैप शेयरों यानी कि उन शेयरों पर विश्लेषण करते हैं जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है।

अन्य प्रकार के ट्रेडिंग से ज्यादा swing trading में risk ज्यादा होता है। इसमें आमतौर से gap risk शामिल होता है। यदि मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक बढ़ जाते हैं। ठीक इसका उल्टा भी हो सकता है। मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं। तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन देखने को मिलता हैं। इस तरह के रिस्क को overnight risk कहा जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे क्या है? - Advantages Of Swing Trading In Hindi

अन्य ट्रेडिंग प्रकार की तरह swing trading के भी कुछ फायदे और नुकसान होते है। आइए पहले स्विंग ट्रेडिंग के advantages जानते हैं।

1. स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ दिनों या कुछ हफ्ते तक होल्ड किया जाता है। इसलिए Intraday के मुकाबले लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है।

2. Swing Trading, ट्रेडर्स को बाजार के sideways होने पर एक अच्छा रिटर्न देता है।

3. स्विंग ट्रेडिंग उन लोगो के लिए सबसे अच्छा है जो जॉब या बिज़नेस करते हैं। यानी कि स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम किया जा सकता है।

4. Intraday के मुकाबले, स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम होता है।

5. स्विंग ट्रेडिंग में छोटे छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।

6. Intraday के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग आसान होती हैं। आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए।

7. स्विंग ट्रेडिंग में डे ट्रेडिंग के मुकाबले कम noisy होता है।

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है क्या है? - Disadvantages Of Swing Trading In Hindi

1. स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहेता है।

2. मार्केट का अगर किसी तरह से अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी नुकसान हो सकता है।

3. स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क शामिल रहता है।

4. डे ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में रिटर्न्स कम मिलता है।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है? - Swing Trading Strategy In Hindi

अभी तक आपने स्विंग ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है। अब हम आपको Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है swing trading के को कैसे किया जाता है इसे करने के लिए कौन कौन सी strategy को आप सीख सकते हैं। इसके बारे में जानकारी दूंगा। तो फिर आइए जानते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटजी बनाने के लिए ट्रेडर्स कई प्रकार के इंडिकेटर्स और चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं। उनमें से कुछ पॉपुलर चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर के बारे में नीचे बताया गया है।

Chart Patterns

  • Head & Shoulder Patterns
  • Cup & Handle Patterns
  • Candlestick Patterns
  • Triangle Patterns
  • Double Top & Double Bottom Patterns
  • Flag Patterns
  • Triple Top & Triple Bottom Patterns

Indicators

  • Simple Moving Average
  • Exponential Moving Average
  • Bollinger Band
  • RSI (Relative Strength Index)
  • MACD (Moving Average Convergence Divergence)
  • Moving Average Crossover
  • Pivot Support & Resistance
  • Fibonacci Retracement
  • VWAP (Volume Weighted Average Price)
  • Stochastics
  • SuperTrend

Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है?

1. Swing Trading में अधिक फायदा या नुकसान होने की संभावना रहती है। यह स्ट्रेटजी स्विंग ट्रेडर्स को intraday में होने वाले उथल पुथल से दूर रखती है।

2. स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ट्रेडर्स का बढ़े ट्रेड पर ध्यान केंद्रित करती है।

3. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपको बाजार में एंट्री और पोजिशन को square off करने का सही समय बताने की कोशिश करता है।

4. टेक्निकल पर आधारित होने के कारण आप स्पष्ट निर्णय ले सकते हैं।

निष्कर्ष

Swing Traders बाजार में अलग अलग तरीकों की स्ट्रेटेजी का प्रयोग करते हैं। यह सभी बताए गए चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर्स आपको अपनी खुद की भी स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करेगी। आप चाहे तो दो या इसे अधिक इंडिकेटर्स को मिलाकर एक स्ट्रॉन्ग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं। अंत में यह याद रखना कि कोई भी स्ट्रेटेजी आपको 100% एक्यूरेट रिजल्ट नहीं दे सकता है। मेरे द्वारा लिखी गई यह पोस्ट सिर्फ आपको Swing trading kya hai? के बारे में विस्तार से जानकारी देने कि कोशिश की गई है। उम्मीद करता हूं कि यह पोस्ट आपको कुछ इंफॉर्मेशन जानकारी दे पाई होगी।

Price Action Trading क्या होता है

जब भी आप किसी शेयर का भाव देख रहे होते हैं तो उसमें सारी चीजें जो वह कंपनी क्या करती है, आने वाले समय में वह जो करेगी, गवर्नमेंट की पॉलिसी, न्यूज़, सेंटीमेंट, और वह सब चीजें जिससे किसी शेयर के मूल्य प्रभावित होती है, यह हो सकती है इन सब का एक योग है! मार्केट को यह सारी चीजें पता होती है और उसके बाद ही वह किसी कंपनी का मूल्य तय करता है इसी लिए कहा जाता है कि भाव भगवान है !

Price Action Trading क्या है

जब हम किसी शेयर में निवेश या ट्रेडिंग उसके मूल्य और उसमें बदलाव होने के आधार पर करते हैं, तो उसे Price Action Trading कहते हैं ! शेयर मार्केट में आप जितने भी तरह के Indicator का उपयोग करते हैं वह सब Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है चीज Price से ही आता है, इसी कारण से यह ट्रेडिंग सबसे अच्छी तकनीकी कहलाती है! इसमें आप बिना Indicator के केवल Price को देख कर Trading और Investment करते है !

Price Action Trading कैसे करते हैं

इस तकनीक के माध्यम से ट्रेडिंग करने के लिए आपको प्राइस के पीछे पीछे चलना होता है जैसे अगर किसी शेयर का मूल्य बढ़ रहा है तो आपको उसमें खरीददारी करनी होती है और किसी शेयर का मूल्य घट रहा है तो उसमें बिकावली, इसके अलावा आपको प्राइस ने पहले किस जगह पर Resistance या Support लिया था और वहां पर प्राइस ने किस तरह का व्यवहार किया था इन सब को देखकर ट्रेडिंग करनी होती है ! कोई शेयर चाहे कितना भी अच्छा क्यों ना हो, News Channel, Analysis, कुछ भी बाता रहा हो, उस शेयर के लिए आपके मन चाहे जिस भी तरह के Emotion हो आपको केवल भाव को मानना है !

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सबसे अच्छा क्यों है

जितने भी तरह के ट्रेडिंग तकनीक है वह सभी Price से आई हुई है आप जिस भी तरह के इंडिकेटर का प्रयोग करते हैं वह सब इसी से बना हुआ है अगर सब इसी से बना हुआ है तो आप किसी और तकनीक के बजाय इससे Trading करेंगे तो आपको ज्यादा फायदा होगा लेकिन इसमें सिखने समझने में बहुत ही ज्यादा धैर्य की जरूरत होती है साथ ही साथ अगर आप ईसे सीखना चाहते हैं तो किसी तकनीक से इसमें अधिक समय लगता है !

किसी शेयर को सस्ते में खरीदने और महंगे में ना खरीद पाने के पीछे हमारे मन की Psychology काम करती है,जब किसी शेयर की कीमत कम से ज्यादा हो जाती है तब हमें डर लगने लगता है कि कहीं अगर हम इस शेयर को खरीदे और इसमें गिरावट….

How to start trading in 4 easy steps

With an OctaFX account, you can access the foreign exchange market and start trading. Once you register, you'll receive an email with your Personal Area login details, trading account credentials, and all the necessary instructions. You'll need to login to your Personal Area to manage your funds, get bonuses, and take part in our promotions. The trading account credentials are used to access the trading platform itself.

2. Make a deposit

Log in to your Personal Area to make a deposit without any commissions. At OctaFX, you can start trading with a minimum of $25. The minimum deposit can vary depending on your region and the payment method.

According to the Risk Management basics, the more funds you have, the fewer risks you are exposing yourself to.

3. Sign in to the web-based platform

The web-based platform requires no installation and allows you to trade from any device anytime. Alternatively, you can download a desktop version, or the OctaFX Trading App for your Android device. You can compare the platforms and choose the best one.

4. Start trading

Open an order

To open an order, you can simply select the volume of your position and press Buy or Sell.

Basically, you open a Buy order if you expect the price to go up and open a Sell order if you expect the price to go down. It means that you buy a certain amount at a lower price now to sell it back at a higher price later and gain profit from the price difference.

Price direction. Buy - Sell orders

Set leverage

Leverage reduces marginal requirements, the amount necessary to maintain a certain position, and helps you open orders with a volume larger than your balance would allow otherwise. It is important to note that the higher the volume of your order, the more you gain or lose for each pip.

Let's say, you have a trading account with 500 USD and a 1:500 leverage applied. You decide to open a position for 1 lot (100,000 units) on EUR/USD, when the price is at 1.13415. The required margin for this position is 226.83 USD, almost half of your funds. Each pip movement is then worth 10 USD. Therefore, the price only needs to drop to 1.13145 for you to lose nearly all of the money in your account. If you open a position for 0.5 lots, each pip will cost you only 5 USD. In this case, if the price falls to 1.13145, your loss will amount 135 USD.

This should be taken into account when making a trading decision and evaluating the potential risk of an adverse price fluctuation.

Predict the price movement

As a beginner, you can simply track the general direction of the price on the chart and open Buy orders when it goes up or Sell orders when it goes down. This may not get you a guaranteed profit every time, however, it is a good start for developing your strategy.

Predicting trends - Uptrend - Downtrend - Sidetrend

If you have little to no experience, it's better to avoid trading during major news releases, as the market tends to be highly volatile. Two more advanced methods of price prediction are technical analysis and fundamental analysis. Basic risk management techniques may also prove beneficial in reducing losses.

Make a profit

There are many strategies that allow you to profit from currency price fluctuations, for example, scalping, martingale, hedging, news trading, and many others. Read our article to find a detailed description of the most common strategies and choose the best one for you.

Close an order

Your order profit fluctuates depending on the current market price until the moment you close it. If you feel like you’ve gained substantial profit, open the Trade tab on your platform, find the open position, press on it to open a context menu, and select Close order.

Before you start

There are certain concepts and terms that are essential to get familiar with. We’ve covered them in the How to Trade Forex article. You can also explore our Education section. It'll help you expand your knowledge about the market in general and our services in particular. If you feel like practising with virtual funds before switching to real trading, you can open an OctaFX demo account.

Technical Analysis- 4th Post (Bollinger Bands – In Hindi)

टेक्निकल एनालिसिस पर चौथे पोस्ट में आपका स्वागत है मैनिएक्स 🙂 ! आज का विषय है बोलिंगर बैंड। बोलिंगर बैंड एक मूविंग एवरेज से ऊपर और नीचे रखा वोलैटिलिटी बैंड हैं। जब वोलैटिलिटी बढ़ जाती है तो बैंड स्वचालित रूप से चौड़ा जब वोलैटिलिटी घट जाती है तब बैंड संकीर्ण हो जाता है। बोलिंगर बैंड का उद्देश्य हाई और लो की एक परिभाषा प्रदान करना है। परिभाषा के अनुसार, अपर बैंड पर प्राइस हाई होता है और लोअर बैंड पर लो। बैंड एक मूविंग एवरेज के सापेक्ष से ओवरबोउग्ह्ट् और ओवेरसोल्ड लेवल का संकेत मिलता है।

BB

बोलिंगर बैंड के संघटक अंग

बोलिंगर बैंड संकेतक के तीन घटक हैं:- बोलिंगर बैंड दो बाहरी बैंड के साथ एक मध्यम बैंड से मिलकर बनता है।

  1. मूविंग एवरेज: डिफ़ॉल्ट रूप से, एक 20-अवधि सिंपल मूविंग एवरेज का प्रयोग किया जाता है।
  2. अपर बैंड: ऊपरी बैंड मूविंग एवरेज से ऊपर (क्लोजिंग डेटा की 20-अवधि से गणना) आम तौर पर दो स्टैण्डर्ड डेविएशन है।
  3. लोअर बैंड: निचले बैंड मूविंग एवरेज से नीचे आमतौर पर दो स्टैण्डर्ड डेविएशन है।

components

विवेचन

बोलिंगर बैंड की बुनियादी व्याख्या यह है कि प्राइस अपर और लोअर बैंड के भीतर रहने की ही कोशिश करते हैं। बोलिंगर बैंड के विशिष्ट विशेषता यह है की बैंड के बीच में अंतर प्राइस की वोलैटिलिटी के आधार पर अलग-अलग होते है। चरम प्राइस परिवर्तन (यानी, हाई वोलैटिलिटी) की अवधि के दौरान, बैंड चौड़ा हो जाता है। स्थिर प्राइस निर्धारण (यानी, लो वोलैटिलिटी) की अवधि के दौरान, बैंड प्राइस को रोकने के लिए संकीर्ण हो जाता है।

  • सिकुड़ता बैंड चेतावनी देता है कि मार्केट ट्रेंड में आने वाला है और बैंड पहले एक संकीर्ण गर्दन में संकीर्ण होता है, फिर तेज प्राइस मूवमेंट देता है।
  • जब प्राइस बैंड के बाहर मूव करते हैं, तो यह मजबूत ट्रेंड और जारी रहने की संभावना की ओर इशारा करता है, और मौजूदा ट्रेंड के एक निरंतरता निहित है इस ओर इशारा इशारा करता है।
  • बैंड के बाहर बनने वाले बॉटम और टॉप्स जब बैंड के अंदर बने बॉटम और टॉप्स का पीछा करते है तो ट्रेंड में रेवेर्सल की चेतावनी होती है।
  • एक बैंड पर शुरू होने वाली एक मूवमेंट दूसरे बैंड पर जाने की कोशिश करती है। प्राइस लक्ष्यों को सेट करने के लिए यह अवलोकन उपयोगी है।

हम व्यापार में बोलिंगर बैंड का उपयोग कैसे कर सकते हैं

बोलिंगर बैंड का उपयोग ट्रेडर्स के बीच व्यापक रूप से भिन्न होता है। कुछ ट्रेडर्स तब बाय करते हैं जब प्राइस लोअर बोलिंगर बैंड को छूता है और तब एग्जिट होते हैं जब प्राइस बैंड के केंद्र में मूविंग एवरेज को टच कर लेता है। अन्य ट्रेडर्स तब बाय करते हैं जब प्राइस अपर बोलिंगर बैंड के ऊपर टूटता है या तब सेल करते हैं जब प्राइस लोअर बोलिंगर बैंड के नीचे गिर जाता है।

ट्रेडिंग रणनीति

1. बैंड के भीतर ट्रेडिंग

यह इस तथ्य पर आधारित है कि सारे क्लोजिंग प्राइस विशाल बहुमत से बोलिंगर बैंड के बीच होने चाहिए। कहा गया है कि, तब एक शेयर का प्राइस बोलिंगर बैंड से बाहर जाता है, जो बहुत कम ही होता है, ज़्यादा टिकना नहीं चाहिए और “बीच में वापस लौटना” चाहिए, जिसका आम तौर पर मतलब 20 अवधि सिंपल मूविंग एवरेज से होता है।

  • एक ट्रेडर तब बाय या कवर करने के लिए बाय करता है जब प्राइस लोअर बोलिंगर बैंड से नीचे गिर जाता है।
  • सेल या एग्जिट के कवर करने के लिए बाय तब शुरू होती है, जब स्टॉक, फ्यूचर या करेंसी प्राइस अपर बोलिंगर बैंड के बाहर प्रवेश करता है।

बजाए इसके कि वास्तव में प्राइस के बोलिंगर बैंड को छूते ही बाय या सेल कर दिया जाए, जो अधिक आक्रामक रुख है, एक ट्रेडर इंतज़ार कर सकता है और देख सकता हैं कि जब प्राइस बोलिंगर बैंड के ऊपर या नीचे मूव करे और जब प्राइस वापस से बोलिंगर बैंड के अंदर क्लोज हो, तब बाय या सेल शार्ट होता है। इससे घाटे को कम करने में मदद करता है जब थोड़ी देर के लिए प्राइस बोलिंगर बैंड से ब्रेकआउट होता है। हालांकि, कई लाभदायक अवसरों खो जाते हैं। और, कुछ ट्रेडर्स तो अपने लॉन्ग या शार्ट एंट्री से एग्जिट हो जाते हैं जब प्राइस 20-दिन मूविंग एवरेज को छूता है।

trading within the bands

2. बैंड के बाहर ट्रेडिंग (ब्रेकआउट)

बोलिंगर बैंड का उपयोग करके ट्रेड करने के तरीकों में से एक रेंज को ढूंढना और फिर उसके ब्रेकआउट का इंतज़ार करना है। एकत्रीकरण की अवधि के बाद ब्रेकआउट होता है, जब प्राइस बोलिंगर बैंड के बाहर बंद होते Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है हैं। अन्य संकेतक जैसे सपोर्ट एंड रेज़िस्टेंस लाइन्स फायदेमंद साबित हो सकती है जब यह तय किया जा रहा हो कि ब्रेकआउट की दिशा में बाय या सेल किया जाये या नहीं।

  • अपर ब्रेकआउट:- जब प्राइस अपर बोलिंगर बैंड के ऊपर टूटता है प्राइस एकत्रीकरण की अवधि के बाद। अन्य पुष्टि संकेतकों का सुझाव दिया जाता है, जैसे चार्ट में रेज़िस्टेंस का टूटना।
  • लोअर ब्रेकआउट:- जब प्राइस लोअर बोलिंगर बैंड के नीचे टूटता है। अन्य पुष्टि संकेतकों के उपयोग का सुझाव दिया जाता है, जैसे सपोर्ट लाइन का टूटना।

आपको यह पता होना चाहिए कि एक रेंज ब्रेकआउट के बाद, सबसे पहले रेवेर्सल संकेत वास्तव में एक रेवेर्सल संकेत नहीं है। यह एक निरंतरता संकेत है। अगर कैंडलस्टिक मूवमेंट आपको उलझन में डालती हैं, तो आप समय-समय पर लाइन चार्ट की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं और रेंज के वास्तविक सुपोर्ट और रेज़िस्टेंस पता लगा सकते हैं।

Breakout

3. ट्रेंड ट्रेडिंग

यह एक मजबूत अपट्रेंड के दौरान होता है, जब प्राइस बोलिंगर बैंड के ऊपरी हिस्से में होता है, जहाँ 20-अवधि मूविंग एवरेज(बोलिंगर बैंड सेंटरलाइन) सपोर्ट का काम करती है। इसका उल्टा डाउनट्रेंड के दौरान सही होगा, जहाँ प्राइस बोलिंगर बैंड के निचले हिस्से में होगा और 20-अवधि मूविंग एवरेज डाउनवर्ड रेज़िस्टेंस के रूप में कार्य करेगी।

Trend trading

आज के लिए बस इतना ही दोस्तों! अगले पोस्ट में मिलते हैं। तब तक सीखते रहें 🙂 ।

Meta Trading क्या है,MT4, MT5, Kaise Kare, Paisa Kaise Kamaye | Meta Trading in Hindi

Meta Trading Kya Hai

वैसे तो पैसे कमाने के लाखों तरीके हैं और उन्हें तरीकों में से एक ट्रेडिंग है और ट्रेडिंग के अंदर भी बहुत प्रकार हैं जिनमें से किसी एक को करके आप ट्रेडिंग से पैसे कमा सकते हैं उन्हीं में से एक का नाम मेटा ट्रेडिंग है आपकी जानकारी के लिए बता दें लाखों लोग आज इसका प्रयोग करके महीने का करोड़ों कमा रहे हैं अगर आप भी ट्रेडिंग करके पैसा कमाना चाहते हैं और ट्रेडिंग में कभी घाटा नहीं खाना चाहते तो इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें मेटा ट्रेडिंग से संबंधित संपूर्ण जानकारी इस लेख में विस्तार पूर्वक बताई गई है।

Table of Contents

Meta Trading क्या है

फॉरेक्स ट्रेडिंग के अंदर मेटा ट्रेडिंग आती है फॉरेक्स ट्रेडिंग करने वालों को यह पता होता है लेकिन अगर आप इस फील्ड में नए हैं और मेटा ट्रेडिंग के बारे में जानना चाहते हैं तो या एक प्रकार से एक आर्टिफिशियल एजेंट एआई होता है जो ऑटोमेटिक ट्रेडिंग करता है और इससे यह बेनिफिट होता है कि आपको लॉस कम होता है और ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादा नॉलेज इकट्ठा करने पड़ती ऑटोमेटिक यह सारा काम कर देता है इसके बहुत सारे वर्जन है जैसे – meta trader 4, meta trader 5 की जानकारी नीचे विस्तार पूर्वक बताई गई है।

metatrader 4 kya hai

अगर आप एक ट्रेडर हैं आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपको इस सॉफ्टवेयर को जरूर यूज करना चाहिए इस सॉफ्टवेयर को अगर आप ट्रेडिंग के दौरान यूज करते हैं तो आपको बहुत फायदा होने वाला है या एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसमें अगर आप ट्रेडिंग करते हो तो यह उस ट्रेड की सारी जानकारी सही-सही देता है जिसकी वजह से आपको लास कम होता है और यह काम यह सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक कर देता।

meta trader 4 kaise use kare

Metatrader 4 यूज करने के लिए सबसे पहले आपको उसका एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा और अप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद आपको इस पर अपना अकाउंट बनाना होगा अकाउंट बनाना बहुत आसान है और एक और आने के बाद आप कुछ भी करेंसी पर ट्रेड करना है उसका करेंसी को सेलेक्ट कर लेना होता है यह हर ट्रेडिंग पर कुछ कमीशन लेता है और आपकी जानकारी के लिए बता दें अपना कमीशन ट्रेड करने के वक्त आप जो अमाउंट बुक करते हैं उसी समय पहले ही ले लेता है।

meta trader 5 क्या है

यह meta trader 4 का ही अपग्रेडेड वर्जन वर्जन है इसमें पुराने वर्जन के मुताबिक और ज्यादा नए फीचर्स ऐड किया गया इस वर्जन को यूज करके आप और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि इसका यूजर इंटरफेस पुराने वर्जन के मुकाबले ज्यादा अच्छा है और आप इसमें कस्टमाइजेशन भी बहुत कर सकते हैं जिसकी बदौलत MT5 ज्यादा ही अच्छा होता है MT4 के मुकाबले आप फॉरेक्स ट्रैडिंग के लिए Meta Trader 5 का इस्तेमाल कर सकते है।

Meta Trader 5 Kaise Use Kare

MT5 को यूज करने के लिए आपको इसका सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना होगा अगर आप अपने मोबाइल फोन में उसको यूज करना चाहते हैं तो आपको इसका फिकेशन डाउनलोड करना होगा या फिर आप पुराने वाले MT4 वर्जन को ही MT5 मैं अपडेट कर सकते हैं और इस नए वर्जन में आपको ज्यादा कस्टमाइजेशन का ऑप्शन मिल जाता है आप अपने हिसाब से आपके सारे फीचर्स को कस्टमाइज कर सकते हैं ट्रेडिंग करने का तरीका पुराने वर्जन जैसे ही है लेकिन meta trader 5 ट्रेडिंग करना और भी आसान है।

Meta Trader 4 vs Meta Trader 5

Meta Trader 4Meta Trader 5
MT4 का User Interface सिंपल ही जिसमे आप ज्यादा Custmization नहीं कर सकतेलेकिन MT5 में आपको Personlized User Interface मिलता है जिसको आप पूरी तरह से कस्टमाइज कर सकते है।
MT4 के अन्दर आपको Market Experts, Adviser और साथ ही में Custum Indicators भी मिल जाते है।लेकिन MT5 के अन्दर आपको केवल ecnomic calander ही मिलता है।
इसमें आप Crypto Trading और CFD Trading कर सकते है।MT5 में भी आप Crypto Trading और CFD Trading कर सकते है।
MT4 में Online Click Trading Tools नहीं मिलता।MT5 में अपको एडवांस One Click Trading Tools मिलता है।
MT4 में Stop Limits Order का ऑप्शन नहीं मिलता है.इसमें आपको Stop Limits Order का ऑप्शन भी मिलता है।

meta trader software कैसे यूज करे

मेटल ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर को यूज करने के लिए सबसे पहले आपको मेटा ट्रेडिंग एकाउंट खोल लेना है इसके बाद आप किसी अच्छे ब्रोकर का meta trading software download कर सकते है और इस सॉफ्टवेयर की सहायता से mt4 और mt5 में ट्रेडिंग करके पैसे कमा सकते है।

Meta Trading से पैसे कैसे कमाए

मेरा ट्रैफिक से पैसा कमाने के लिए सबसे पहले आपको किसी अच्छे ब्रोकर के पास अपना अकाउंट खुलवाना और उसके बाद आप जिस भी करेंसी पर ट्रेडिंग करना चाहिए उस करेंसी को सिलेक्ट करके अब ट्रेडिंग कर सकते हैं और अगर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग करके ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको मेटा ट्रेडिंग का इस्तेमाल करना होगा और मेटा ट्रेडिंग का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है इसके यूआई की सहायता से आप ट्रेडिंग करके ज्यादा पैसे कमा सकते हैं क्योंकि ऑटोमेटिक सारा काम कर देता है और आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती मेटल ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर को यूज करके आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

META TRADING FAQ’S

मेटा ट्रेडिंग क्या है?

यह एक सॉफ्टवेयर है जिसकी सहायता से आप अलग अलग देशों की करेंसीपर ट्रेड कर सकते है.

मेटा ट्रेडर कैसे यूज करे ?

मेटा ट्रेडर यूज करने के लिए आपको इसके सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन को इंस्टाल करना होगा.

MT4 वा MT5 क्या है ?

यह मेटा ट्रेडर के ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर के वर्जन है जिनका इस्तेमाल करके आप ट्रेडिंग कर सकते है।

मेटा ट्रैडिंग से पैसे कैसे कमाए ?

मेटा ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको इसका अकाउंट खोलना होगा उसके बाद आप ट्रेडिंग करके पैसे कमा सकते है.

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