Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi | Technical Analysis क्या है?

Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi कैसे करें इस आर्टिकल में आपको बताएंगे Technical Analysis क्या है? करने के लिए यदि आप शेयर मार्केट में नए हैं और टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं

जो लोग Share Market में मुनाफा कमाना चाहते हैं तो वह शेयर मार्केट में अपने पैसे को Invest करने से पहले वह एक बार जरूर Technical Analysis करता है अगर वह टेक्निकल एनालिसिस नहीं करता है तो वह शेयर मार्केट में पैसे नहीं कमा पाते हैं

Share Market में अपने पैसे Invest करने से पहले आपको सबसे पहले Share Market के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए अगर आपके पास शेयर मार्केट की बारे में पूरी जानकारी नहीं है तब आप शेयर शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? मार्केट में ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगे

आप बहुत सारे पैसे Share Market में गवां देंगे इसलिए आपको सबसे पहले Technical Analysis करना बहुत जरूरी होता है

अगर आप शेयर मार्केट के बारे में पूरी तरह जानना चाहते हैं कि शेयर मार्केट क्या है? शेयर मार्केट कैसे काम करता है? तब आप हमारा Ebook पढ़ सकते हैं इस Ebook के माध्यम से हमने आपको शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी दिए हैं जो कि एक नए लोगों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है तो चलिए जानते हैं Technical analysis in hindi

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Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi : जितने भी लोग Share Market से पैसा कमाते हैं वह लोग टेक्निकल एनालिसिस जरूर करता है Technical Analysis एक ऐसा तरीका है प्रॉफिट कमाने का जो कोई इस सीख लेता है वह शेयर मार्केट में प्रॉफिट बना लेता है

Share Market के 417 साल की इतिहास में किसी चीज को सबसे ज्यादा पसंद किया है तो वह है टेक्निकल एनालिसिस टेक्निकल ऐसा तरीका है जिससे इन्वेस्टर को शेयर मार्केट में प्रॉफिट बनाना बहुत ही आसान लगता है

इन सबके बाद भी Share Market में बहुत ही काम investor है जिनको शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस करना अच्छी तरह से आता है तो चलिए जानते हैं कि Technical Analysis in hindi और Technical analysis of stocks in hindi

Technical analysis kya hai? (WHAT IS TECHNICAL ANALYSIS)

जब हम Stock Market में Trading करते हैं तो हम किसी भी कंपनी के शेयर का Price देखकर उस कंपनी का Share खरीद लेते हैं और Short Term शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? में Share Price के मूवमेंट को देख कर अपना प्रॉफिट बनाना चाहते हैं लकिन Short Term में किसी भी Company का Share Price काफी जल्दी बदल जाता है कभी जल्दी से नीचे आ जाता है और कभी जल्दी से ऊपर चला जाता है

इस तरह हमें कैसे पता चलेगा कि हमें किस प्राइस पर किस तरह से ट्रेडिंग करना है ताकि हमें Profit हो सके तो इसी समस्या का समाधान करने के लिए Technical Analysis को बनाया गया था

Technical Analysis शेयर मार्केट का वह तरीका है किसी भी Share Price के हिस्ट्री को देखते हुए हम उस शेयर का प्राइस के मूवमेंट को जान सकते हैं की प्राइस ऊपर जाएगा या शेयर का प्राइस नीचे जाएगा

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Technical analysis क्या होता है? (What is technical analysis in Hindi)

Technical Analysis को हम इसे थोड़ा Example के साथ समझते हैं कई बार आपने तो TV पर मौसम का हाल तो सुना होगा मौसम विभाग टीवी पर बादलों की वर्तमान स्थिति और हवाओं का रुख देखकर आने वाले 24 घंटे में कैसा मौसम रहेगा और कहां बारिश होगी और कहां पर मौसम साफ रहेगा यह स्थिति स्पष्ट रूप से बता देता है

मौसम का बात हम इसलिए बताते हैं क्योंकि Technical Analysis कुछ इसी तरह काम करता है किसी भी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए किसी भी शेयर का भूतकाल और भविष्य काल को देख कर उसके शेयर का अंदाजा लगाता है

जिस तरह हवा का रुख बदल जाता है तो बादलों की भी स्थिति बदल जाती है उसी प्रकार जब Technical Analysis में कैंडल की स्थिति बदलती है तो बाजार का ट्रेंड भी बदल जाता है आसान भाषा में से समझे तो चार्ट के आधार पर किसी भी कंपनी के भविष्य का पता लगाया जा सकता है इसी चार्ट को Technical Analysis कहा जाता है

Technical analysis क्यों करना चाहिए

मान लीजिए की आपको कोई शहर जाना चाहते हैं और आपको किसी खास लोकेशन पर जाना है और आप गाड़ी लेकर चले गए हैं बिना किसी नक्शे के इस इस्थिति में आपको गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर लगा हुआ रहता है कुछ इसी प्रकार Technical Analysis काम करता है

मतलब की Technical Analysis आपके लिए एक तरह से नक्शे का काम करता है अगर आप चार्ट को को बिना सोचे समझे अपने पैसे को इन्वेस्ट किया तो वह अंधेरे में तीर चलाने जैसा होगा

Technical Analysis में चार्ट शेयर में कैसी स्थिति चल रही है यह आपको बताता है और यह तरीका काफी सटीक है आप इससे से अंदाजा लगा सकते हैं कि अब शेयर ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा

Note : जो लोग intraday Trading करते हैं उनके लिए मेरा हमेशा से ही Request है कि आप Technical Analysis अच्छे से करना सीख जाए उसके बाद ही intraday Trading करना शुरू करें नहीं तो आप अपना पैसा गवां सकते हैं

Conclusion This Article

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया कि टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Technical Analysis in hindi में पूरी जानकारी दिए हैं अगर आप अभी टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं तब आप हमें कमेंट में जरूर बताएं हम उस पर भी एक न्यू आर्टिकल लिखेंगे और यह पोस्ट पसंद आया है तो कमेंट में जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें

Technical Analysis in hindi FAQ

Q. टेक्निकल किसे कहते हैं

Ans. Technical Analysis से आप पता लगा सकते हैं शेयर का प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे

Q. Technical Analysis क्यों करना चाहिए

Ans. Technical Analysis अगर आप इंट्राडे में नहीं करते हैं तब आप बहुत बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहें

Q. Technical Analysis नहीं करे तो क्या होगा

Ans. Technical Analysis अगर आप इंट्राडे में नहीं करते हैं तब आप बहुत बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहें

ट्रेंड लाइन के आधार पर कैसे समझें निवेश का पैटर्न?

ट्रेंड लाइन एक प्रकार का तकनीकी संकेत है, जो दर्शाता है कि शेयर का भाव किस दिशा में जा रहा है.

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तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है.

जब बाजार में तेजी हावी होती है और यह अगली गिरावट का आधार तय करती है, तो ऐसी स्थिति में ट्रेड लाइन ऊपर बढ़ने के साथ-साथ हमेशा सपोर्ट स्तर प्रदान करती है, जो समय के साथ बदलता रहता है. इस स्थिति में ऐसी ट्रेंड लाइन के करीब की कीमतों पर खरीदारी करना फायदेमंद रहता है.

हालांकि, यदि सपोर्ट स्तर पार हो जाता है तो गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में कारोबारियों को इसी ट्रेंड लाइन पर अपनी स्टॉप लॉस कीमत निर्धारित करनी चाहिए. इसी प्रकार गिरावट के हावी रहने पर सपोर्ट स्तर की जगह रेसिस्टेंस दर्ज किया जाता है. निवेशकों को इस दौरान बिक्री करनी चाहिए.

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एक खास बात है कि कारोबारियों को वॉल्यूम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ट्रेंड लाइन पर किस कीमत पर क्या वॉल्यूम रहता है, यह आंकलन आपको कई बातें समझा सकता है. अमूमन अधिक वॉल्यूम का अर्थ होता है कि शेयर का मौजूदा दौर (तेजी या कमजोरी) जारी रहने वाला है.

यदि ट्रेंड लाइन टूट जाए तो
यदि किसी शेयर की ट्रेंड लाइन टूट जाती है या खंडित हो जाती है, तो माना जाता है कि उस शेयर से निवेशकों की उम्मीद बदल गई है. गिरावट दर्शा रही ट्रेंड लाइन का टूटने का अर्थ है कि शेयर खरीदारी के संकेत दे रहा है और तेजी दिखाने वाले ट्रेंड लाइन टूटने का अर्थ है कि शेयर को बेचना बेहतर होगा.

दोनों ही मामलों में स्टॉप लॉस रखना चाहिए. इस तरह के मामलों में भी वॉल्यूम काफी महत्वपूर्ण हो जाती है और हलचल तब अधिक होगी जब ट्रेंड लाइन टूटने के साथ वॉल्यूम में भी इजाफा हो.

ट्रेंड लाइन से जुड़े एंगल

यदि किसी शेयर की ट्रेड लाइन में एकाएक तेजी देखने को मिलती है, तो इसका अर्थ है कि वह शेयर ऊफान पर है. यह भी संभव है कि शेयर की तेजी ज्यादा समय तक जारी न रहे. इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं.

Ril Chart

दिए गए चार्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ट्रेंड लाइन है. लाल निशान वाली ट्रेंड लाइन दिखा रही है कि शेयर में एकाएक तेजी आई है, मगर कुछ ही समय बाद यह फिसल गया, मगर शेयर की थोड़ी-बहुत तेजी जारी रहे.

दूसरी तरफ, तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है. इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चार्ट में हरी रेखा पर गौर करें.

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शेयर का भाव पता करने में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस की भूमिका

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वैसे तो किसी को भी इस बात का ठीक ठीक अंदाजा नहीं होता कि – आने वाले समय में क्या होने वाला है, क्योकि शेयर का भाव कम होने और बढ़ने के एक नहीं बल्कि कई तरह के कारण होते है, और एक आदमी उन सभी कारणों को एडवांस में पहले से नहीं जान सकता है,

तो ऐसे में क्या करे, और कैसे पता लगाया जाये कि फ्यूचर में शेयर का भाव क्या रहने वाला है ?

तो आज के इस पोस्ट में मै आपसे बिल्कुल इसी टॉपिक के बारे में बात करने वाला हु –

आइये सबसे पहले जानते है कि – शेयर के भाव पता करने के लिए सबसे अधिक किन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है,

शेयर के भाव पता करने के लिए काम में लायी जाने वाली तकनीके –

किसी कंपनी के शेयर का भाव पता करने के लिए दो पोपुलर और सबसे मुख्य तकनीक है –

शेयर का भाव पता करने में फंडामेंटल एनालिसिस की भूमिका –

तो अब सवाल ये आता है कि – फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है और ये किस तरह से शेयर का भाव पता करने शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? में हेल्प करता है, यानि शेयर का भाव पता करने में फंडामेंटल एनालिसिस की क्या भूमिका है ?

तो इसका जवाब है – शेयर के भाव का फंडामेंटल रूप से क्या भाव होना चाहिए, यानि कोई शेयर /स्टॉक कितना लाभ कमाता है, और उतना लाभ कमाने के लिए उस स्टॉक का आज क्या भाव होना चाहिए , ये सब कुछ हमें फंडामेंटल एनालिसिस से पता चलता है,

इसके आलावा, फंडामेंटल एनालिसिस से किसी शेयर या स्टॉक के लॉन्ग टर्म /लम्बे समय में भाव के बढ़ने या गिरने का हिसाब किताब लगाया जाता है .

इस तरह फंडामेंटल एनालिसिस एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है, जिसके सहारे में हम तकनिकी रूप से किसी स्टॉक के फ्यूचर प्राइस को पहले ही पता लगा सकते है,

ध्यान दीजिए कि – बिल्कूल सही सही प्राइस की गणना किसी भी हालत में नहीं हो सकती है सिर्फ संभावनाओ के आधार पर ये बताया जा सकता है कि फंडामेंटल तकनीक के अनुसार किसी शेयर का भाव कितना तक जा सकता है,

शेयर का भाव पता करने में टेक्निकल एनालिसिस की भूमिका –

एक और सवाल ये है कि टेक्निकल एनालिसिस क्या है और किसी स्टॉक के वैल्यूएशन में इसकी क्या भूमिका है –

टेक्निकल एनालिसिस के ऊपर आप नीचे बताये गए अर्तिक्ल्स /पोस्ट पढ़ सकते है,

फिलहाल अगर बात की जाये तो शेयर का भाव पता करने में टेक्निकल एनालिसिस की भूमिका की बात की जाये, तो इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, और सभी छोटे बड़े ट्रेडर /म्यूच्यूअल फण्ड हाउसेस इसी के सहारे शेयर की भाव पता करने की कोशिस करते है,

इसमें कंप्यूटर से कुछ पहले से तय सिद्धांतो के आधार पर गणना की जाती है, और स्टॉक के फ्यूचर वैल्यू का पता लगाने की कोशिस की जाती है,

आशा है,

इस पोस्ट से आप समझ पाए होंगे किशेयर का भाव पता करने में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस की भूमिका,

आप इस पोस्ट के बारे में अपने सुझाव, सवाल और विचार को नीचे कमेंट करके जरुर बताये,

2. छोटी पूंजी के साथ शुरू करे

अब आपके मन एक प्रश्न होगा की investment के लिए कितने रुपयों की जरूरत होती है ?

तो स्टॉक मार्केट में आप काम से कम 100 रुपए से अपना निवेश शुरू कार सकते हो ।

अगर आपके पास के लिए ज्यादा फंड है तो भी आपको छोटे निवेश के साथ स्टॉक मार्केट में शुरुवात करें।

उससे फायदा ये है कि जब आप शुरुवात में आपके पास नॉलेज कम होने के कारण loss होने कि संभावना ज्यादा हो जाती है और रिस्क बढ़ जाता है ।

तो छोटे निवेश में Loss भी कम होगा और आप लंबे समय तक मार्केट में बने रहेंगे।

3 बेहतर इन्वेस्टर बनिये

तो दोस्तो इस पोस्ट में आप हम यह बता रहे है कि आप स्टॉक मार्केट में पैसा इन्वेस्ट कैसे करें? इसके लिए आपको यह समझना होगा कि Long term investing इसमें सही शेयर के साथ लंबे समय तक टिके रहना ।.

इसका मतलब है की आप जिस कम्पनी के शेयर खरीद रहे है आप उस कम्पनी के हिस्सेदार बन रहे है और वास्तव में उस कम्पनी के बिज़नेस में अपना पैसा लगा रहे है|

इसलिए जरुरी है की आप अपनी सेविंग को Intraday Trading या Short Term Trading ना लगायें और अच्छे शेयर्स के साथ लॉन्ग टर्म निवेश में Compounding का मैजिक देखे|

4 अच्छे शेयर्स सेलेक्ट करे

इसके बाद अब बात आती है कि स्टॉक मार्केट में अच्छे शेयर कोनेसे है जिनमे हमें ज्यादा प्रॉफिट हो?

तो में यहां पर आपको बता दू की मार्केट में एंटर करने से पहले आपको इससे अच्छी तरह समघना होगा ।

क्योंकि आपको जितना नॉलेज होगा आप उतना ही जायदा पैसा बना सकते हो ।

दूसरी बात आप जब तक आप खुद Practically उसे करना स्टार्ट नहीं करते और अपनी गलितियों से नहीं सीखते आप Expert नहीं बन पाते|

आप अच्छे स्टॉक सलेक्ट करने के लिए इन दो strategy का शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? उपयोग कर सकते है –

1 Fundamental Analysis

सबसे पहले आपको कम्पनी के Balance Sheet और Profit & Loss को समझना होगा, Fundamental Analysis किसी भी शेयर को खरीदने से पहले किया जाता है ताकि किसी भी शेयर की स्थिति को समझ सके की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है और भविष्य में कितनी तरक्की करने वाली है।
इन सभी बातो की जानकारी हमे कंपनी के मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) करने से मिलती है।

Fundamental Analysis Kaise Kare
  1. Balance Sheet पर नज़र डालना
  2. P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
  3. Cash Flow Statements को चेक करना
  4. Annual Report को देखना
  5. Financial Ratio को देखना
  6. PE Ratio नज़र डालना
  7. EPS Earning Per Share नज़र डालना
  8. Book Value को चेक करना
  9. Management Analysis नज़र डालना
  10. Profit And Sales Growth को देखना
  11. Opponent Company की जांच करना
  12. जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)

2 Technical Analysis

तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

एक बार जब कंपनी के डाटा को समझ लिया जाता है तब उस स्टॉक को खरीदने से पहले हम कम्पनी का टेक्निकल एनालिसिस करते है|

हमें यह देखना होता है की स्टॉक ट्रेंड में है या शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? नहीं यानी उसकी प्राइस किस तरह मूव कर रही है |

5 रिस्क मनेजमेंट

स्टॉक मार्केट में किसी भी शेयर की प्राइस कई तरह के फैक्टर्स से Effect होती है|

इसलिए जरुरी नहीं है की आपने जिस स्टॉक को Pick किया वो 100% ही Up जायेंगा|

क्योकि हर एक चीज की Accuracy होती है – अब ऐसे में हो सकता है की आपने सही Stock में निवेश किया हो, लेकिन Miss Management या किसी भी दूसरी चीज के कारण कम्पनी की शेयर प्राइस गीर जाती है|

सवाल यह है की ऐसे में आप कैसे उस Risk को Manage करते है|

क्योकि मैंने पहले ही बताया है कि यहाँ Capital को बचायें रखना बहुत ही जरुरी है|

इसलिए जरुरी है की आप सही समय पर अपना Loss Cut करके उस शेयर से बाहर निकल जायें|

Stock Market Trading: शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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Image credit: freepik

हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें? फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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