शेयर ट्रेडिंग में कीमत और वॉल्यूम के बीच क्या है संबंध?
वॉल्यूम से बाजार में ट्रेडर के एक्शन के बारे में पता चलता है. यह बाजार के सेंटिमेंट को समझने में बहुत मददगार हो सकता है.
बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है.
वॉल्यूम में बदलाव से शेयर से जुड़े सेंटिमेंट का शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? पता चलता है. इसके चलते ही शेयर की कीमत में बदलाव आता है. ट्रेडिंग वॉल्यूम का बढ़ना अच्छे बाय ऑर्डर का संकेत देता है. दूसरी तरफ, यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम घटता है तो उसे बिकवाली का सही समय नहीं माना जाता है. ध्यान देने वाली एक दूसरी बात यह है कि जब किसी शेयर में वॉल्यूम नीचे से ऊपर की तरफ जाता है तो यह मजबूत खरीदारी का संकेत होता है.
बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है. इसलिए वॉल्यूम का मतलब समझना और प्राइस और वॉल्यूम के बीच का संबंध समझना ट्रेडिंग और इनवेस्टिंग (निवेश) दोनों के लिए बहुत जरूरी है. एक निश्चित समय तक वॉल्यूम पैटर्न को देखने से किसी खास शेयर या बाजार में तेजी और गिरावट के पीछे की ताकत का पता चलता है.
वॉल्यूम को कुछ समय पहले के आंकड़ों के संदर्भ में देखा जा सकता है. आज शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? के वॉल्यूम की तुलना 10 साल पहले के आंकड़े से करने पर सही डेटा नहीं मिलेंगे. डेटा जितना हाल का होगा, नतीजे उतने ठोस मिलेंगे. यह समझना जरूरी है कि सिर्फ वॉल्यूम से हमें ठोस संकेत नहीं मिल सकता. वॉल्यूम और प्राइस के साथ हमें एंट्री और एग्जिट सिग्नल भी देखना होगा. इसमें संदेह नहीं कि वॉल्यूम का एक ट्रेंड होता है. हम यह कह सकते हैं कि दोनों एक सिक्के के दो हिस्से हैं. निवेशक को ट्रेडिंग में दोनों का ध्यान रखने की जरूरत है.
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शेयर बाजार में Volume को कैसे समझे ? हिंदी में।
शेयर बाजार में Volume क्या होता हैं ?
Table of Contents
Volume क्या होता हैं ?
Share market में दिन के दौरान जो Buying और Selling होती हैं उसके आधार पर जितनी trading हुई हैं वह संख्या हम Volume के आधार पर जान सकते हैं।
या फिर दिन के दौरान जो खरेदी और बिक्री की संख्या होती हैं उसे हम volume कहते हैं।
चार्ट पर Volume को कैसे देखे ?
१.Trend Continuation
Trend Continuation में शेयर का कोईभी ट्रेंड हो वह वॉल्यूम के साध बढ़ता ही जाता हैं।
१. Volume Increase – Price Up Trend
Volume Increase – Price Up Trend
जब किसी शेयर का प्राइस uptrend में जा रहा हैं और उसका volume भी बढ़ रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह तेजी का ट्रेंड चल रहा हैं वह आगे और तेजी से चलेगा।
अभी बाजार में बिकवाली नहीं करनी चाहिए।
२.Volume Decrease- Price Down Trend
Volume Decrease- Price Down Trend
जब किसी शेयर का प्राइस Down trend में जा रहा हैं और उसका volume भी कम हो रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह मंदी का ट्रेंड चल रहा हैं वह आगे और तेजी से चलेगा।
अभी बाजार में खरेदी नहीं करनी चाहिए।
२.Trend Reversal
१.Price increase – volume Decrease
Trend Reversal – Price increase volume Decrease
जब किसी शेयर का प्राइस uptrend में जा रहा हैं और उसका volume भी कम हो रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह तेजी का ट्रेंड चल रहा हैं वह किसी भी समय मंदी के ट्रेंड में बदल सकता हैं ।
अभी बाजार में खरेदी नहीं करनी चाहिए।
२.Price Decrease volume Increase
Trend Reversal – Price Decrease volume Increase
जब किसी शेयर का प्राइस downtrend में जा रहा हैं और उसका volume बढ़ रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह मंदी का ट्रेंड चल रहा हैं वह किसी भी समय तेजी के ट्रेंड में बदल सकता हैं ।
अभी बाजार में बिकवाली नहीं करनी चाहिए।
Volume को देखने का तरीका।
volume में ध्यान देने वाली बात यह हैं की एक या २ candle वॉल्यूम घटने या बढ़ने से बाजार के trend में कोई फरक नहीं पड़ता। कई लोग हैं जो हर candle में volume बढ़ता या घटता देखकर उससे प्रभावित होते हैं और अपने position में बदलाव करते है।
लेकिन ध्यान रहे वॉल्यूम को परख़ने ने के लिए हर candle को देखने की जरुरत नहीं हैं।
इस प्रकार से वॉल्यूम को analyses करने का तरीका पूरीतरह से गलत हैं।
शेयर बाजार में Volume को कैसे देखें ?
Volume को सही तरीकेसे एनालिसिस करने के लिए आप को चार्ट पर पिछले कुछ घंटे या कुछ दिनों का वॉल्यूम का जो एवरेज हैं उसको देखना चाहिये।
वॉल्यूम के एवरेज से ही आप को पता चलेगा की वॉल्यूम बढ़ रहा है या घट रहा हैं।
निष्कर्ष
Volume के आधार पर आप किसी भी प्रकार का ट्रेड नहीं ले सकते हैं , क्योकि वॉल्यूम आप को यह बताता हैं की भविष्य में दूसरे इंडीकेटर्स किस दिशा में जा सकते हैं।
वॉल्यूम के घटने या बढ़ने के साथ दूसरे इंडीकेटर्स बाजार में buying या selling के ट्रेंड पर इशारा करते हैं।
शेयर मार्किट में Volume क्या होता हैं ?
Share market में दिन के दौरान जो Buying और Selling होती हैं उसके आधार पर जितनी trading हुई हैं वह संख्या हम Volume के आधार पर जान सकते हैं।
Volume देखने से हमें क्या पता चलता हैं ?
Volume देखने से हमें दिन के दौरान जो खरेदी और बिक्री की संख्या होती हैं वह पता चलती हैं।
Volume को देखने का तरीका क्या हैं ?
Volume को सही तरीकेसे एनालिसिस करने के लिए आप को चार्ट पर पिछले कुछ घंटे या कुछ दिनों का वॉल्यूम का जो एवरेज हैं उसको देखना चाहिये।
वॉल्यूम के एवरेज से ही आप को पता चलेगा की वॉल्यूम बढ़ रहा है या घट रहा हैं।
शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? । Full details explained in hindi - pourit
0 Team ShortWiki September 06, 2022
वॉल्यूम इन शेयर मार्केट | वॉल्यूम पैटर्न | वॉल्यूम संख्या क्या है | शेयर मार्केट में वॉल्यूम का मतलब क्या होता है | शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है | वॉल्यूम का फॉर्मूला
शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? । Full details explained in hindi
स्वागत है अपका आज के इस ब्लॉग में जिसमे हम बात करने वाले है ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) के बारे में। तो ट्रेडिंग वॉल्यूम शेयर मार्केट का एक मुख्य हिस्सा है। ट्रेडिंग वॉल्यूम से हमे काफी चीजे पता चलती है जैसे कि विशेष समय पर कितना ट्रेडिंग हो रहा है जैसे अन्य चीजे पता चलती है।
इसलिए अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते है तो आपके लिए ट्रेडिंग वॉल्यूम या वॉल्यूम की जानकारी होना जरूरी हो जाता है। ट्रेडिंग वॉल्यूम (Volume hindi) के वजह से कोई भी ट्रेडर पता लगा सकता है कि शेयर की कीमत ऊपर जाएगी या नीचे। और ट्रेडर अच्छा खासा मुनाफा कमाते है वॉल्यूम की जानकारी होने के कारण। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम विस्तार से Trading Volume kya hota hai के बारे में बात करेंगे।
शेयर मार्केट में वॉल्यूम का मतलब क्या होता है (volume meaning in share market)
शेयर मार्केट में वॉल्यूम का मतलब होता है, किसी शेयर या स्टॉक में होने वाले खरीदारी और बिक्री की मात्रा।
अगर ट्रेड किए गए शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? शेयरों की संख्या ज्यादा होगी तो वॉल्यूम भी ज्यादा होगी। यानी कि अगर शेयर ज्यादा मात्रा में खरीदा और बेचा जाएगा तो वॉल्यूम की मात्रा भी ज्यादा होगी।
वही अगर मार्केट में मंदी हो या फिर तेजी ऐसे दोनो मामले में शेयर की वॉल्यूम बढ़ती हुई दिखती है। मंदी में वॉल्यूम बढ़ने का यह कारण होता है कि उस समय ज्यादा से ज्यादा लोग स्टॉक को बेचना चाहते है। और तेजी में वॉल्यूम बढ़ने का कारण यह होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्टॉक को खरीदना चाहते है।
शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है (share market me volume kya hota hai)
अगर कोई भी शेयर का ट्रेड होता है तो वॉल्यूम का निर्माण होता है। शेयर मार्केट में वॉल्यूम हमे यह बताती है कि किसी कंपनी का शेयर निश्चित समय में कितना बेचा और खरीदा गया है यानी कि जितने शेयर की संख्या का ट्रेड होता है उसे वॉल्यूम खहते है।
जैसे की मान लीजिए कोई XYZ कंपनी के 5000 शेयर को बेचना चाहता है और कुछ लोग XYZ कंपनी के 5000 शेयर को खरीदना चाहता है तो वहां पर 5000 Volume का निर्माण होता है। क्योंकि यहां पर 5000 शेयर की लेन देन हुई है।
अगर आपको लगता है कि 5000 शेयर बेचा गया और 5000 शेयर खरीदा गया तो वॉल्यूम 10,000 की बनेगी जोकि गलत है। अगर ट्रेड 1000 का हो रहा है तो वॉल्यूम भी 1000 का ही होगा।
वॉल्यूम का फॉर्मूला (Volume ka formula)
1st Trade - मान लीजिए कोई एक व्यक्ति 500 शेयर बेचना चाहता है और एक व्यक्ति वही शेयर के 500 मात्रा को खरीदा चाहता है है तो यह हमारा एक ट्रेड हुआ। और इस ट्रेड में को वॉल्यूम होगा, वो 500 का होगा क्योंकि 500 क्वांटिटी का ट्रेड हुआ है।
2nd Trade - अब कोई व्यक्ति 200 शेयर खरीदना चाहता है और वही शेयर के शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? 200 शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? मात्रा कोई sell करना चाहता है तो यहां पर 200 का वॉल्यूम बनेगा।
यानी कि हमारा दोनो मामले में हमारा कुल वॉल्यूम हुआ 500+200=700 का। तो हमारा ट्रेड वॉल्यूम हो जाएगा 700 का क्योंकि यहां पर "Total Number of Share" 700 का ट्रेड हुआ है। और यह प्रक्रिया चलता रहता है मार्केट खुलने से लेकर मार्केट बंद होने तक।
यहां पर हमने आपको 2 ट्रेड का उदहारण लेकर समझाने की कोसिस किया हु। मगर एक शेयर में सिर्फ 2 ट्रेड नही होता क्योंकि एक शेयर को खरीदने वाले भी बहुत है और बेचने वाले भी बहुत है।
इसलिए किसी कंपनी की वॉल्यूम किसी निश्चित समय की देखी जाती है। यानी कि किसी कंपनी में 5 मिनिट में कितना ट्रेड हुआ है फिर 30 मिनिट, 1 दिन, 1 महीने, या फिर 1 साल का ट्रेड वॉल्यूम देखा जाता है।
वॉल्यूम का क्या काम है
वॉल्यूम का काम मार्केट के लिक्विडिटी (Liquidity) को बताने का होता है। मार्केट की लिक्विडिटी ज्यादा तभी होती है जब शेयर की वॉल्यूम ज्यादा हो।
अब बात आती है कि लिक्विडिटी ज्यादा होना का क्या फायदा है। फायदा यही है कि किसी भी शेयर को आप बेचना चाहते है या फिर खरीदना चाहते है तो आपको आसानी होगी।
अगर किसी शेयर की लिक्विडिटी हाई (High) है तो इसका मतलब यह होता है कि उसकी वॉल्यूम ज्यादा होगी। और अगर वॉल्यूम ज्यादा है तो साधारण सी बात है कि उस विशेष शेयर के खरीदार और विक्रेता ज्यादा है। तो आपको उस स्टॉक में ट्रेड करने में आसानी होगी।
Charts में volume कहां पर दिखता है
यहां पर आपको Red और Green रंग की कैंडल दिखाई गई है जोकि वॉल्यूम है। Green candle स्ट्रॉन्ग buying वॉल्यूम दिखाता है Red candle selling वॉल्यूम दिखाता है।
हमारे द्वारा 1 minute Time - period candle दिखाई गई है। अलग - अलग Time - period में अलग-अलग वॉल्यूम बनते है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज हमने जाना शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है। अगर आपको कुछ और इनफॉर्मेशन चाहिए तो आप कॉमेंट कर के पूछ सकते है। और अगर आपको कुछ लगता है की पोस्ट में और भी कुछ इनफॉर्मेशन डालनी चाहिए तो आप कॉमेंट कर के बता सकते है।
प्रश्न. ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने पर इसका क्या मतलब है?
उत्तर - ट्रेडिंग का वॉल्यूम ट्रेड किए गए शेयरों की संख्या बताता है वही ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने का मतलब यह हो सकता है कि उस विशेष स्टॉक में लोगों की रुचि न होना। जिसके वजह से स्टॉक्स में अगर डाउंट्रेड का वॉल्यूम कम है तो शेयर "Bullish" का संकेत देता है और अगर अपट्रेड का वॉल्यूम कम होता है तो यह "Bearish" का संकेत देता है।
प्रश्न. स्टॉक मार्केट में स्टॉक का वॉल्यूम कैसे बनता है?
उत्तर - स्टॉक मार्केट में स्टॉक का वॉल्यूम शेयर के ट्रेड होने से बनता है। अगर असान भासा में समझे तो जितने भी buy और sell किसी विशेष शेयर में होती है तो स्टॉक का वॉल्यूम बनता है।
Share Market में निवेशकों की रडार पर रहे ये 9 शेयर, हाई वॉल्यूम में रहा कारोबार
Share Market Tips: शेयर मार्केट की तरफ लोगों का लगातार झुकाव देखने को मिल रहा है. लोग शेयर मार्केट में इंवेस्टमेंट के लिहाज से काफी पैसा भी इंवेस्ट करते हैं, जिसके कारण किसी शेयर की खरीद-बिक्री पर वॉल्यूम का भी असर पड़ता है.
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Stock Market News: शेयर बाजार में लोगों की भागीदारी काफी ज्यादा बढ़ रही है. पिछले दिनों काफी नए डीमैट अकाउंट भी खुले हैं. जितनी ज्यादा लोगों की भागीदारी होगी, उतना ही किसी शेयर के वॉल्यूम पर असर भी देखने को मिलेगा. वहीं शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर भी हैं, जिनमें हाई वॉल्यूम के साथ कारोबार देखने को मिला है. ऐसे शेयर पर लोगों की काफी नजरें होती हैं और छोटी-बड़ी खबर भी इन खबरों पर असर डालती है. हर दिन कोई न कोई शेयर ऐसा जरूर होता है जिसका वॉल्यूम हाई रहता है. इन शेयरों की शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है.
कई शेयर में हाई वॉल्यूम
बीते हफ्ते के आखिरी कारोबार के दिन भी कुछ शेयर में हाई वॉल्यूम देखने को मिला था. लोगों ने इन शेयरों में बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री की थी. ऐसे में जाहिर-सी बात है कि लोगों की रडार पर ये स्टॉक भी हैं. बीते शुक्रवार को हाई वॉल्यूम स्टॉक में 9 शेयर शामिल थे.
1. Jaiprakash Associates Limited (Volume- 102,070,211)
2. Trident Limited (Volume- 52,520,012)
3. Tata Teleservices (maharashtra) Limited (Volume- 108,904,776)
4. Reliance Power Limited (Volume- 461,789,015)
5. Jaiprakash Power Ventures Limited (Volume- शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? 265,301,191)
6. Suzlon Energy Limited (Volume- 156,280,546)
7. Yes Bank Limited (Volume- 53,454,387)
8. Idea Cellular Limited (Volume- शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है? 59,655,184)
9. Zomato Ltd (Volume- 137,946,710)
खरीद-बिक्री जारी
इन 9 शेयरों में बीते शुक्रवार को Yes Bank, Idea और Zomato का शेयर लाल निशान में बंद हुए थे. इनमें बिकवाली काफी हावी रही. हालांकि बाकी के 6 शेयर हरे निशान में बंद हुए थे. निवेशकों ने इस शेयर में खरीद की.
(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
Share Market में निवेशकों की रडार पर रहे ये 9 शेयर, हाई वॉल्यूम में रहा कारोबार
Share Market Tips: शेयर मार्केट की तरफ लोगों का लगातार झुकाव देखने को मिल रहा है. लोग शेयर मार्केट में इंवेस्टमेंट के लिहाज से काफी पैसा भी इंवेस्ट करते हैं, जिसके कारण किसी शेयर की खरीद-बिक्री पर वॉल्यूम का भी असर पड़ता है.
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Stock Market News: शेयर बाजार में लोगों की भागीदारी काफी ज्यादा बढ़ रही है. पिछले दिनों काफी नए डीमैट अकाउंट भी खुले हैं. जितनी ज्यादा लोगों की भागीदारी होगी, उतना ही किसी शेयर के वॉल्यूम पर असर भी देखने को मिलेगा. वहीं शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर भी हैं, जिनमें हाई वॉल्यूम के साथ कारोबार देखने को मिला है. ऐसे शेयर पर लोगों की काफी नजरें होती हैं और छोटी-बड़ी खबर भी इन खबरों पर असर डालती है. हर दिन कोई न कोई शेयर ऐसा जरूर होता है जिसका वॉल्यूम हाई रहता है. इन शेयरों की संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है.
कई शेयर में हाई वॉल्यूम
बीते हफ्ते के आखिरी कारोबार के दिन भी कुछ शेयर में हाई वॉल्यूम देखने को मिला था. लोगों ने इन शेयरों में बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री की थी. ऐसे में जाहिर-सी बात है कि लोगों की रडार पर ये स्टॉक भी हैं. बीते शुक्रवार को हाई वॉल्यूम स्टॉक में 9 शेयर शामिल थे.
1. Jaiprakash Associates Limited (Volume- 102,070,211)
2. Trident Limited (Volume- 52,520,012)
3. Tata Teleservices (maharashtra) Limited (Volume- 108,904,776)
4. Reliance Power Limited (Volume- 461,789,015)
5. Jaiprakash Power Ventures Limited (Volume- 265,301,191)
6. Suzlon Energy Limited (Volume- 156,280,546)
7. Yes Bank Limited (Volume- 53,454,387)
8. Idea Cellular Limited (Volume- 59,655,184)
9. Zomato Ltd (Volume- 137,946,710)
खरीद-बिक्री जारी
इन 9 शेयरों में बीते शुक्रवार को Yes Bank, Idea और Zomato का शेयर लाल निशान में बंद हुए थे. इनमें बिकवाली काफी हावी रही. हालांकि बाकी के 6 शेयर हरे निशान में बंद हुए थे. निवेशकों ने इस शेयर में खरीद की.
(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 208