शोधकर्ताओं ने पाया कि सामान्य बीएमआई, लेकिन वेस्ट-टू-हिप के अधिक अनुपात वाले लोगों की मौत का जोखिम सामान्य वेस्ट-टू-हिप रेशो वाले लोगों से 22 फीसद तक अधिक था। वहीं, सामान्य वजन और सामान्य कमर वाले लोगों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त लोगों और कमर के पास अधिक वजन वाले लोगों की जल्दी मौत होने का जोखिम अधिक था।

नीति आयोग के ऊर्जा एवं जलवायु सूचकांक में गुजरात ने किया टॉप, जानें क्या है देश के बाकी राज्यों का हाल

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत 101वें स्थान पर

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत 101वें स्थान पर |_40.1

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index – GHI) 2021 में 116 देशों में भारत का स्थान गिरकर 101वें स्थान पर आ गया है। 2020 में भारत 107 देशों में से 94वें स्थान पर था। भारत का 2021 जीएचआई स्कोर 50 में से 27.5 दर्ज किया गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसी देश जैसे नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) भी ‘खतरनाक (alarming)’ भूख श्रेणी में हैं, लेकिन भारत की तुलना में क्या संकेतक बेहतर है अपने नागरिकों को खिलाने में बेहतर प्रदर्शन किया है।

सूचकांक में शीर्ष देश

BMI की जगह, WTH रेशो है बेहतर, जानिए क्या है यह तरीका, कैसे हो सकता है फायदेमंद

BMI की जगह, WTH रेशो है बेहतर, जानिए क्या है यह तरीका, कैसे हो सकता है फायदेमंद

मल्टीमीडिया डेस्क। बॉडी क्या संकेतक बेहतर है मास इंडेक्‍स (BMI) को सही सेहत का पैमाना माना जाता है। मगर, अब वैज्ञानिकों का कहना है कि बीएमआई मोटापा मापने का क्या संकेतक बेहतर है तरीका पूरी तरह सही नहीं है। इसकी जगह वेस्ट-टू-हिप (WTH) रेशो को अधिक प्रभावी माना जा रहा है। जानते हैं दोनों के बारे में.

बीएमआई क्‍या है?

इससे पता लगाया जाता है कि शरीर के हिसाब से किसी व्यक्ति का वजन और हाइट कितनी होनी चाहिए। अधिक बीएमआई से पता चलता है कि शरीर में अतिरिक्‍त वसा जमा है। वहीं, कम बीएमआई से पता चलता है कि व्यक्ति को पोषण पूरी तरह नहीं मिल रहा है। अगर बीएमआई ठीक नहीं है, तो डायबिटीज, स्‍ट्रोक, हाई ब्‍लड प्रेशर, हाई एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल, हार्ट डिजीज और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्याएं हो सकती हैं।

वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भारत की क्या संकेतक बेहतर है रैंकिंग बेहतर हुई: राष्ट्रपति मुर्मू

PC: PTI

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक नवोन्मेष सूचाकांक में भारत की रैंकिंग 81वें स्थान से बेहतर होकर 40वें स्थान पर आ गई है ।

राष्ट्रपति ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा महिला उद्यमियों के लिये सृजित प्लेटफार्म ‘हरस्टार्ट’ की शुरूआत करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही ।

मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे सूचित किया गया है कि इस विश्वविद्यालय के 450 से अधिक स्टार्ट अप हैं । इनमें से 125 से अधिक की प्रमुख महिलाएं हैं ।‘’

उन्होंने कहा, ‘‘हरस्टार्ट प्लेटफार्म की शुरूआत करना मेरे लिये गर्व की बात है। यह उभरते हुए उद्यमियों के लिए सरकार की योजनाओं एवं निजी कोष के बीच सेतु का काम करेगा ।’’

12 – 18 महीनों के बच्चों में autism के संकेत क्या हैं?

Written by Editorial Team | Published : August 24, 2017 4:55 PM IST

सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के मुताबिक भारत में ऑटिज़्म (Autism) आम तौर पर हर 500 बच्चों में से एक बच्चे में देखा जाता है। या यूं कहें कि 0.20% या 2,160,000 से ज्यादा लोगों में यह देखा जाता है। लड़कियों की तुलना में लड़कों में यह 4 गुणा अधिक देखा जाता है। कई नए अध्ययनों से पता चला है कि ऑटिज्म वाले बच्चों का केवल एक बार निदान होता है जब वे स्कूल जाना शुरु करते हैं, जो कि आमतौर पर 4-5 वर्ष की उम्र में होता है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि 12 से 18 महीने की उम्र के बच्चों में ऑटिज़्म के गम्भीर लक्षणों का पता लगाना संभव नहीं होता, जो कि सच नहीं है। इसीलिए हमने बात की श्री विद्यासागर कांचपुर से, जो कॉर्नर स्टोन थेरपी सॉल्यूशंस के संस्थापक और निदेशक हैं। जिन्होंने कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बताया जो संकेत देते हैं क्या संकेतक बेहतर है कि आपका बच्चा ऑटिज़्म से पीड़ित हो सकता है।

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन का हिस्सा है भारत

बता दें कि राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बेहतर नीतियों की योजना बनाने और बदलती जलवायु के मद्देनजर अपने ऊर्जा संसाधनों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने के लिए उपयोगी होता है. इससे पहले, नीति आयोग के एक अधिकारी ने कहा, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सूचकांक का उपयोग करके अपने मानक की तुलना समकक्षों से करेंगे, बेहतर नीति व्यवस्था विकसित करने की संभावित चुनौतियों का विश्लेषण करेंगे और अपने ऊर्जा संसाधनों का दक्षतापूर्वक प्रबंधन करेंगे.

राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 विभिन्न सरकारी विभागों के सचिवों और ऊर्जा क्षेत्र के हितधारकों की उपस्थिति में जारी किया गया सूचकांक नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने जारी किया. इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत तथा सीईओ अमिताभ कांत, विभिन्न सरकारी विभागों के सचिव और ऊर्जा क्षेत्र के हितधारक उपस्थित रहे.

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