इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, लगातार 5वें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

केंद्रीय बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर हो गईं।

इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, लगातार 5वें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह तेजी आई है। पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

आपको बता दें कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। केंद्रीय बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर हो गईं।

इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य सप्ताह में 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया।

रुपया 82.75 प्रति डॉलर पर बंद: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 82.75 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर बंद हुआ। विदेशों में डॉलर के मजबूत होने और घरेलू शेयरों में भारी बिकवाली दवाब के कारण रुपया 82.89 रुपये प्रति डॉलर के निम्न स्तर को छू गया। कारोबार के अंत में रुपया एक पैसे की तेजी के साथ 82.75 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

गुरुवार को रुपया 82.76 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बता दें कि लगातार दूसरे सप्ताह, रुपये में गिरावट आई है और इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपया 47 पैसे घटा है।

Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार 547.25 अरब डॉलर पर पहुंचा, जानें कितने का हुआ इजाफा?

फॉरेक्स रिजर्व

18 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर हो गया है। आरबीआई ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। आरबीआई के आंकड़ों विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर के अनुसार 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में लगातार दूसरे हफ्ते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में अगस्त 2021 के बाद से उच्चतम साप्ताहिक वृद्धि के बाद यह 14.721 बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 544.715 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था।

18 नवंबर को विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर हो गया है। आरबीआई ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में लगातार दूसरे हफ्ते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में अगस्त 2021 के बाद से उच्चतम साप्ताहिक वृद्धि के बाद यह 14.721 बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 544.715 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद केंद्रीय बैंकों की ओर से लगातार ब्याज दरें बढ़ाने और वैश्विक दबाव के कारण इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये की रुपये को मजबूत बनाए रखने के लिए फॉरेक्स रिजर्व का इस्तेमाल करता है।

शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय अनुपूरक के अनुसार विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) जो कुल भंडार का एक प्रमुख घटक है 1.76 बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 484.288 बिलियन अमरीकी डालर हो गया है। डॉलर की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों में आई मजबूती या महंगाई के अपेक्षाकृत नरम पड़ने से इसमें वृद्धि दर्ज की गई है।


इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 315 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.011 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई ने कहा है कि उक्त सप्ताह में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 35.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.906 अरब डॉलर हो गया है।

आरबीआई ने प्राथमिक डीलरों को विदेशी मुद्रा से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए दी मंजूरी

मुंबई, 11 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्राथमिक डीलरों को एकल आधार पर उपयोगकर्ताओं को विदेशी मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति दे दी है। रिजर्व बैंक की तरफ से यह कदम मुद्रा जोखिम प्रबंधन के लिए ग्राहकों को व्यापक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार की अनुमति मिली हुई है। देश में फिलहाल सात एसपीडी और 14 बैंक प्राथमिक डीलर हैं। आरबीआई ने मंगलवार को जारी परिपत्र में कहा, ‘‘एसपीडी को प्रथम श्रेणी अधिकृत डीलरों की

रिजर्व बैंक की तरफ से यह कदम मुद्रा जोखिम प्रबंधन के लिए ग्राहकों को व्यापक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार की अनुमति मिली हुई है। देश में फिलहाल सात एसपीडी और 14 बैंक प्राथमिक डीलर हैं।

आरबीआई ने मंगलवार को जारी परिपत्र में कहा, ‘‘एसपीडी को प्रथम श्रेणी अधिकृत डीलरों की तरह उपयोगकर्ताओं को विदेशी मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह अनुमति नियमों और अन्य दिशानिर्देशों के अधीन है।’’

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RBI विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए समान संहिता बनाने पर रखे पक्ष : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने काले धन एवं बेनामी लेनदेन पर रोक लगाने के लिए विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित एक समान बैंकिंग संहिता लागू करने का आग्रह करने वाली याचिका पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अपना पक्ष रखने को कहा है.

RBI विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए समान संहिता बनाने पर रखे पक्ष : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने काले धन एवं बेनामी लेनदेन पर रोक लगाने के लिए विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित एक समान बैंकिंग संहिता लागू करने का आग्रह करने वाली याचिका पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अपना पक्ष रखने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सोमवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आरबीआई को नोटिस जारी किया. इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी. वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की तरफ से दायर इस याचिका में विदेशी कोष के अंतरण से संबंधित प्रणालीगत खामियों को दुरुस्त करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि नक्सली, माओवादी, कट्टरपंथी एवं आतंकवादी इन खामियों का फायदा उठाते रहे हैं.

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इस मामले में सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि याची ने एक गंभीर मसला उठाया है जिसपर सरकार की तरफ से गौर किया जाएगा.इस मामले में जवाब देने के लिए सरकार को छह हफ्ते का वक्त और दिया गया है. पहले भी गृह मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को नोटिस दिया गया था.

इस याचिका में यह सुनिश्चित करने की अपील की गई है कि आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीएस जैसी लेनदेन प्रणालियों का इस्तेमाल भारतीय बैंकों में विदेशी मुद्रा जमा करने में न किया जाए. याचिका में कहा गया है कि सभी भारतीय बैंकों से जुड़े खातों में विदेशी मुद्रा जमा करने से संबंधित समान प्रावधान किए जाएं. भारतीय बैंकों और भारत में स्थित विदेशी बैंकों की शाखाओं के जरिये किए जाने वाले विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित सूचनाएं दर्ज करने की भी अपील की गई है. इस बारे में आरबीआई को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.

मैनेजमेंट और स्पेशल एजुकेशन में करियर बनाने से पहले जाने इन सवालों के जवाब

एजुकेशन भास्कर के पाठक ई-मेल और एसएमएस के जरिए लगातार सवाल भेज रहे हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा सवालों के जवाब हम एक्सपर्ट्स की मदद से देते रहे विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर हैं। आज मैनेजमेंट की अलग-अलग स्ट्रीम्स और स्पेशल एजुकेशन में करियर से जुड़े सवालों के जवाब.

मेरी रुचि रियल इस्टेट सेक्टर में है। इसमें करियर बनाने के लिए कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहता हूं। इसके लिए जरूरी योग्यता क्या है?
>> देश की रियल इस्टेट इंडस्ट्री पिछले एक-डेढ़ साल से मुश्किल के दौर से गुजर रही है, लेकिन 2015 में इसमें फिर तेजी आने की संभावना है। 3 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए यह रोजगार का जरिया है और आने वाले वर्षों में ट्रेंड प्रोफेशल्स की मांग और बढ़ेगी। इस फील्ड में कॅरिअर बनाने के लिए कंस्ट्रक्शन मैेजमेंट एक बेहतर विकल्प है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट एंड रिसर्च से इसका पीजी कोर्स कर सकते हैं। इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर या प्लानिंग में बैचलर डिग्री ले चुके छात्र इसमें प्रवेश ले सकते हैं। कुछ संस्थानों में किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन कर चुके छात्रों को भी कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट के पीजी कोर्स में एडमिशन दिया जाता है। आईआईटी, दिल्ली और मुंबई में इसका एमटेक कोर्स मौजूद है।

मैं बीबीए फाइनल ईयर का छात्र हूं और टेक्सटाइल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहता हूं। इसमें नौकरी की संभावनाएं और संस्थानों के बारे में बताएं।
>> भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल और गारमेंट उत्पादक देश है। देश की जीडीपी में इसकी करीब 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह विदेशी मुद्रा का भी बड़ा जरिया है। करीब चार करोड़ लोगों के लिए यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार का जरिया है। टेक्सटाइल मैनेजमेंट का कोर्स कर कॉरपोरेट मैनेजमेंट, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, कॉस्ट एंड इन्वेंट्री कंट्रोल, मार्केटिंग आदि फील्ड में नौकरी मिल सकती है। कोयंबटूर में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल मैनेजमेंट इसके लिए देश के शीर्ष संस्थानों में शामिल है। किसी भी स्ट्रीम में ग्रैजुएशन कर चुके छात्र इसके पीजीडीएम कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।


मैं 12वीं का छात्र हूं और गारमेंट इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहता हूं। इसके लिए कौन सा कोर्स करना चाहिए।
>> गारमेंट इंडस्ट्री में एंट्री के कई रास्ते हो सकते हैं। फैशन, डिजाइनिंग, मैनेजमेंट, मैन्युफैक्चरिंग या टेक्नोलॉजी से संबंधित कोर्स कर आप इसमें प्रवेश ले सकते हैं। फैशन, डिजाइन और कम्युनिकेशन से संबंधित कोर्सेस के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी सबसे बेहतर विकल्प है। 10+2 कर चुके छात्र एंट्रेंस एग्जाम के जरिए इसमें प्रवेश ले सकते हैं। टेक्सटाइल या एपेरल टेक्नोलॉजी का कोर्स कर भी इसमें एंट्री मिल सकती है। ग्रैजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद एमबीए करके भी मार्केटिंग, सेल्स, प्रोडक्शन, ह्यूमन रिसोर्स, ऑपरेशंस आदि फील्ड में नौकरी की संभावना हो सकती है।

मैं ग्रैजुएशन का छात्र हूं और एजुकेशन सेक्टर में करियर बनाना चाहता हूं। स्पेशल एजुकेशन के यूजी और पीजी कोर्स के बारे में बताएं। यह किन संस्थानों से किया जा सकता है।
>> शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर छात्रों को रेगुलर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा एक बड़ी समस्या है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार शारीरिक अक्षमता के शिकार छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में 0.56 प्रतिशत सीटों पर ही प्रवेश मिलता है। इसका बड़ा कारण स्पेशल एजुकेशन में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है। रिहेबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में इसका यूजी और पीजी कोर्स मौजूद है। एसएनडीटी वुमन्स यूनिवर्सिटी, मुंबई से स्पेशल एजुकेशन का बीएड कोर्स कर सकते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से भी इसका एमएड कोर्स किया जा सकता है। अधिकतर संस्थानों में क्वालिफाइंग एग्जाम और इंटरव्यू के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।

एमबीए करने के बाद मैं एनसीएफएम के बिगनर्स टेस्ट की तैयारी कर रहा हूं। क्या यह सही विकल्प है? जॉब अपॉर्च्युनिटीज बढ़ाने के लिए और कौन सा कोर्स किया जा सकता है।
>> एनसीएफएम का बिगनर्स टेस्ट क्लियर कर आप स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों में नौकरी या स्टॉक ट्रेडिंग के लिए योग्यता हासिल कर सकते हैं। यह कोर्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा संचालित है। स्टॉक मार्केट में करियर बनाने के लिए यह बेहतर विकल्प है। इसके अलग-अलग मॉड्यूल हैं और आप एक से ज्यादा मॉड्यूल भी चुन सकते हैं। इसके अलावा आप एसएपी का पैकेज कोर्स भी कर सकते हैं। कॉरपोरेट सेक्टर में फाइनेंस और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है। चाहें तो कैपिटल मार्केट या इक्विटी से संबंधित कोई कोर्स भी कर सकते हैं।

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