Share Market Outlook: वैश्विक रुख तय करेगा शेयर बाजार की दिशा, कायम रहेगा उतार-चढ़ाव का दौर- विशेषज्ञ

विश्लेषकों का कहना है कि अनिश्चितता के बावजूद बाजार जुझारू क्षमता दिखा रहा है. हालांकि, वैश्विक धारणा में कमजोरी का यहां भी असर पड़ सकता है.

Share Market Outlook: वैश्विक रुख तय करेगा शेयर बाजार की दिशा, कायम रहेगा उतार-चढ़ाव का दौर- विशेषज्ञ

रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine crisis), मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं निपटान तथा कच्चे तेल की ऊंची कीमतों (Crude oil price) की वजह से इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रहने के आसार है. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति-पक्ष की चिंताएं निवेशकों की धारणा को प्रभावित करती रहेंगी. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह मार्च के वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) अनुबंधों का निपटान है, जिससे बाजार के दायरे के बारे में दिशा मिलेगी. वैश्विक बाजारों में भी अब सुधार और कुछ स्थिरता दिख रही है. हालांकि, रूस-यूक्रेन के मुद्दे की वजह से अभी अनिश्चितता कायम है और इससे बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा.’’

मीणा ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव तथा आपूर्ति-पक्ष की चिंता में कच्चे तेल के दाम फिर ऊंचाई पर पहुंच गए है. यदि इनमें और तेजी आती है, तो यह भारतीय बाजार की चिंता बढ़ाएगा. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा.

1 अप्रैल को व्हीकल सेल्स के डेटा का भी होगा असर

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार भागीदारों की निगाह एक अप्रैल को आने वाले वाहन कंपनियों के बिक्री आंकड़ों पर भी रहेगी. वैश्विक मोर्चे पर रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े घटनाक्रमों पर सभी की निगाह रहेगी. कच्चे तेल की कीमतों पर भी निवेशक विशेष निगाह रखेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा बाजार का रुख रुपए के उतार-चढ़ाव तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के रुख से भी तय होगा.

अभी बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा

रूस-यूक्रेन संघर्ष में किसी तरह की कमी नहीं आने के बीच बीते सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब एक प्रतिशत की गिरावट आई. इससे पिछले दो सप्ताह के दौरान इनमें लाभ दर्ज हुआ था. सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. चालू वित्त वर्ष के अंतिम मासिक निपटान के चलते बाजार की दिशा प्रभावित होगी.

बाजार जुझारू क्षमता दिखा रहा है

विश्लेषकों का कहना है कि अनिश्चितता के बावजूद बाजार जुझारू क्षमता दिखा रहा है. हालांकि, वैश्विक धारणा में कमजोरी का यहां भी असर पड़ सकता है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार वैश्विक घटनाक्रमों से दिशा लेगा. युद्ध समाप्त होने और कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ने से भारत अपनी जुझारू क्षमता को कायम रख सकता है. हालांकि, लघु अवधि में उतार-चढ़ाव चिंता का विषय रहेगा.’’

भारत में कैसे हुआ Online Share Market का 'जन्म'? यहां पढ़िए पूरी कहानी

History of Online Stock Market in Hindi: अगर आप शेयर बाजार में शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको Online Share Market History in Hindi के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जब तक आप शेयर मार्केट का इतिहास नहीं जान लेते तब तक आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं।

History of Online Stock Market in Hindi: भारत में फाइनेंसियल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इसके बहुत जल्द इंटरनेशनल एरिया में लीडर के रूप में उभरने की उम्मीद है। फाइनेंसियल मार्केट में यह उछाल भारतीय शेयर मार्केट के ग्रोथ को प्रोत्साहित कर रहा है जिससे निवेशकों को शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

भारत के शेयर बाजार का इतिहास (History of Indian Share Market) 1875 का है। भारत में पहले शेयर ट्रेडिंग एसोसिएशन का नाम 'नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन' (Native Share and Stock Broker's Association) था, जिसे बाद में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के रूप में जाना जाने लगा। इस एसोसिएशन की शुरुआत 318 सदस्यों के साथ हुई थी। आज भारत देश के विभिन्न हिस्सों में 24 शेयर बाजारों और कई वित्तीय मध्यस्थों का दावा कर सकता है जिनमें बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड आदि शामिल हैं।

भारत के शेयर बाजार डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं के बारे में

भारतीय शेयर बाजार (Capital Market) को दो खंडों में बांटा गया है-

  • प्राइमरी मार्केट
  • सेकेंडरी मार्केट

प्राइमरी मार्केट वह मार्केट है जहां जनता को नई सिक्योरिटीज (जैसे शेयर, डिबेंचर, सरकारी बांड, सीडी, सीपी आदि) जारी की जाती हैं।

निवेशक शेयरों के जारीकर्ता यानी कंपनी से सीधे नए शेयर खरीदने के लिए कंपनियों के IPO की सदस्यता ले सकते हैं। कंपनी इन शेयरों की बिक्री से आय प्राप्त करती है और इसका उपयोग अपने संचालन को फंड देने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए करती है। प्राइमरी मार्केट को न्यू इश्यू मार्केट के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं, सेकेंडरी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में ट्रेड होता है। एक बार शेयरों की प्रारंभिक बिक्री हो जाने के बाद, कंपनियों के शेयरों की खरीद और बिक्री उन व्यापारियों और निवेशकों के बीच की जा सकती है जो शेयर खरीदना चाहते हैं और वे शेयरधारक जो अपने शेयर बेचना चाहते हैं। ये ऑपरेशन सेकेंडरी मार्केट में किए जाते हैं। एक नए जारी किए गए IPO को प्राइमरी मार्केट ट्रेड माना डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं जाएगा जब शेयर पहली बार निवेशकों द्वारा सीधे हामीदारी निवेश बैंक से खरीदे जाते हैं, उसके बाद कारोबार किया गया कोई भी शेयर निवेशकों के बीच सेकेंडरी मार्केट में होगा।

प्राइमरी मार्किट में शेयर की कीमतें मर्चेंट बैंकरों द्वारा मूल्यांकन पद्धतियों का उपयोग करके निर्धारित की जाती हैं, जबकि सेकेंडरी मार्केट में शेयर की कीमतें आपूर्ति और मांग की बाजार शक्तियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। भारत के शेयर बाजार को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। SEBI का प्राथमिक उद्देश्य शेयर बाजार के स्वस्थ और व्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना और निवेशक सुरक्षा को सुरक्षित करना है। SEBI विदेशी निवेशकों और व्यापारियों द्वारा किए गए शेयर लेनदेन को भी कंट्रोल करता है और शेयर मार्केट में कदाचार के खिलाफ भी जांच करता है।

भारत में शेयर बाजार का दायरा पिछले कुछ वर्षों में काफी व्यापक हो गया है, इसके लिए कई तरह के प्रोडक्ट और सर्विस को लॉन्च किया गया है। शेयर मार्किट स्वभाव से अत्यंत अस्थिर होते हैं और इसलिए जोखिम कारक बिचौलियों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। इस जोखिम को कम करने के लिए डेरिवेटिव की अवधारणा सामने आती है। Derivatives ऐसे प्रोडक्ट हैं जिनकी वैल्यू एक या अधिक अंडरलाइंग एसेट से प्राप्त होती हैं। ये एसेट्स फॉरेन करेंसी, इक्विटी आदि हो सकती हैं। भारत में डेरिवेटिव मार्किट भी डेरिवेटिव का उपयोग करने वाले बाजार सहभागियों की बढ़ती संख्या के साथ अत्यधिक विस्तार कर रहा है।

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यह जानने में रुचि है कि विभिन्न मुद्रा जोड़े के व्यापार के लिए कौन से डेरिवेटिव बाजार के घंटे सबसे अच्छे हैं? चिंता डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं न करें, कई शुरुआती व्यापारियों के पास एक ही सवाल है। शुक्र है, यह कुछ ऐसा है जिसका उत्तर आसानी से केवल समय सारिणी का अध्ययन करके और अपने चुने हुए मुद्रा जोड़ी से खुद को परिचित करके दिया जा सकता है।

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डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं

MyQuestionIcon

Q. With reference to ‘National Bank for Financing Infrastructure and Development (NaBFID)’, consider the following statements:

Which of the statements given above is/are correct?

Q. 'राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण और विकास बैंक (NaBFID)' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

ग्लोबल मार्केट और टीकाकरण से तय होगी बाजार की चाल, जानें कैसा रहेगा सेंसेक्स-निफ्टी का हाल?

Stock market today

शेयर बाजारों (Stock Market) की दिशा इस सप्ताह वैश्विक संकेतों मानसून की प्रगति तथा टीकाकरण अभियान से तय डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं होगी. मार्केट ए . अधिक पढ़ें

  • भाषा
  • Last Updated : June 20, 2021, 13:10 IST

नई दिल्ली: शेयर बाजारों (Stock Market) की दिशा इस सप्ताह वैश्विक संकेतों मानसून की प्रगति तथा टीकाकरण अभियान से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. उनका कहना है कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़े नहीं आने हैं, इसलिए निवेशकों की निगाह वैश्विक बाजारों पर रहेगी. उन्होंने कहा कि मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार ज्यादातर समय तक एक दायरे में रहेगा. हमारा मानना है कि जून माह के डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. बाजार भागीदारों की निगाह वैश्विक बाजारों पर रहेगी.

जानें क्या है एक्सपर्ट की राय
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा मानसून की प्रगति तथा टीकाकरण अभियान से भी बाजार की दिशा तय होगी.’’ मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे चलकर मानसून और टीकाकरण की रफ्तार से डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं बाजार को दिशा मिलेगी.

टीकाकरण की रफ्तार का भी दिखेगा असर
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 130.31 अंक या 0.24 प्रतिशत नीचे आया. रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में निवेशकों की निगाह संक्रमण की दर, टीकाकरण की रफ्तार तथा मानसून की प्रगति पर रहेगी.’’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की नजर ब्रेंट कच्चे तेल, रुपये के डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं उतार-चढ़ाव और विदेशी कोषों के प्रवाह पर भी रहेगी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘लघु अवधि में बाजार में एकीकरण का चरण जारी रहेगा.’’

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