आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

कौन काटता चांदी, किनका होता डब्बा गोल!

अगर आप शेयरों की ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो डब्बा ट्रेडिंग का नाम ज़रूर सुना होगा। हर गैर-कानूनी काम की तरह यह भी हल्के-फुल्के मुंगेरीलाल टाइप लोगों को खूब खींचता है। कोई लिखा-पढ़ी नहीं, रिकॉर्ड नहीं, सारा लेनदेन कैश में, सारी कमाई काली। फिर इनकम टैक्स देने या रिटर्न भरने का सवाल ही नहीं। सारे सौदे स्टॉक एक्सचेंज के बाहर होते हैं तो सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन का सवाल ही नहीं उठता। साथ ही कोई दिक्कत आने या ठगे जाने पर एक्सचेंज या थाना-पुलिस से इसमें भाग लेनेवालों को कोई मदद नहीं मिल सकती। भारत सरकार ने डब्बा ट्रेडिंग को न तो मान्यता दे रखी है, न ही किसी रूप में इसे बढ़ावा देती है। लेकिन दशकों से यह धंधा इंदौर से लेकर सूरत, लुधियाना, कानपुर व रांची जैसे छोटे शहरों में बराबर चल रहा है।

जब हमारे स्टॉक एक्सचेंजों में इंट्रा-डे से लेकर डेरिवेटिव ट्रेडिंग तक की पूरी सहूलियत है, तब आखिर लोगबाग डब्बा ट्रेडिंग जैसे गलत व गैर-कानूनी काम करते ही क्यों हैं? इसके ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है कुछ बड़े साफ कारण हैं। पहला तो यह कि डब्बा ट्रेडिंग करानेवाला ऑपरेटर गैरकानूनी ट्रेडिंग कर रहा है तो वह ट्रेड करनेवालों से कोई स्पैन मार्जिन, मार्क टू मार्केट रकम वगैरह नहीं लेता, न ले सकता है। वो बहुत हुआ तो लोगों ने मोटामोटी सांकेतिक या. टोकन सिक्यूरिटी डिपॉजिट ले लेता है और उन्हें जैसा चाहें, वैसा ट्रेड करने का मौका दे देता है। ट्रेड एक्सचेंज के बाहर होता है तो एसटीटी या किसी भी तरह का कोई दूसरा टैक्स वगैरह नहीं लगता। इसलिए थोड़ा पैसा बचाने और ज्यादा कमाने की लालच में आकर लोगबाग फंस जाते और उलझते जाते हैं।

अपने शेयर बाज़ार में सक्रिय डब्बा ऑपरेटर दो तरह के होते हैं। एक जो आपके ट्रेड को एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर ले जाता है। लेकिन आप से सारी रकम कैश में लेता है। अपने खाते में अपने नाम से ही ट्रेड करता है। स्पैन से लेकर मार्क टू मार्केट मार्जिन तक देता है। यह ऑपरेटर चूंकि रिस्क ले रहा है तो इसके एवज में वो डब्बा ट्रेडर से पूरा ब्रोकरेज लेता है। दूसरा डब्बा ऑपरेटर वो है जिसके सौदे एक्सचेंज के सर्वर में जाते ही नहीं। वह बाहर ही बाहर ट्रेड करता है। डब्बा ट्रेडर के सामनेवाली पार्टी बन जाता है। डब्बा ट्रेडर को खरीदना हो तो ऑपरेटर बेचता है और बेचना हो तो खरीदता है। इस तरह ट्रेड पूरा कर लेता है। आधार स्टॉक एक्सचेंज के सौदे ही होते हैं। लेकिन सब कुछ एक्सचेंज के बाहर भरोसे पर सेटल होता है।

जो डब्बा ऑपरेटर स्टॉक एक्सचेंज के जरिए और ब्रोकर को शामिल करके आपके डब्बा ट्रेड को अंजाम देता है, वह यकीनन गैर-कानूनी काम करता है। लेकिन जो डब्बा ऑपरेटर एक्सचेंज का सहारा नहीं ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है लेता, वह इससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। वह चूंकि एक्सचेंज या किसी ब्रोकर को शामिल नहीं करता तो उसे न किसी तरह का मार्जिन देना होता है और न ही कोई ब्रोकरेज, इसलिए आपसे बहुत कम शुल्क लेता है। लेकिन वह अपनी कोई पूंजी नहीं लगाता और केवल आपकी पूंजी से खेलता है। आप जो भी डब्बा ट्रेड करते हैं, उसमें सामने की पार्टी वो डब्बा ऑपरेटर खुद होता है। आपका फायदा उसका नुकसान और आपका नुकसान ही उसका फायदा होता है। इसलिए उसके जरिए डब्बा ट्रेड करना अपना सिर शेर के मुंह में डाल देने जैसी मूर्खता है।

डब्बा ट्रेडिंग में ऐसे भी मामले होते हैं कि एक्सचेंज के सर्वर पर कोई सौदा होता ही नहीं। क्लाएंट को घाटा हो रहा होता है, फिर भी वह सौदा नहीं काटता। वह घाटे पर सौदा काट भी दे तो ऑपरेटर उसे क्रेडिट दे देता है। दरअसल, उसका सारा तंत्र हवा-हवाई होता है। बिना किसी सौदे के उसे क्लाएंट को चूना लगाना होता है। आपसे धन लेना होगा तो ऑपरेटर आपके घर रिकवरी एजेंट भेज देगा। लेकिन उसको धन देना होगा तो वह साफ बोल देगा कि नहीं देता, तू क्या कर लेगा मेरा, जो करना हो, कर ले। और, सचमुच आप उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि सौदे की कहीं कोई लिखत-पढ़त है नहीं। इसलिए न स्टॉक एक्सचेंज, न पूंजी बाज़ार नियामक सस्था सेबी और न ही कोई सरकारी महकमा ऑपरेटर के खिलाफ आपकी मदद कर सकता है।

शेयर बाज़ार में हो रही गैर-कानूनी डब्बा ट्रेडिंग से ट्रेड करनेवाले क्लाएंट को कोई फायदा नहीं होता। इसमें ऑपरेटर ही कमाते हैं। वे अपने जाल में कमज़ोर हैसियत वाले लोगों को फांसते हैं और उन्हें निचोड़ डालते हैं। अगर क्लाएंट ने कभी कमा भी लिया तो ऑपरेटर उसे भुगतान नहीं करता। फिर भी सेबी की सख्ती के बावजूद डब्बा ट्रेडिंग चल रही है तो इसकी वजह है मूर्ख लोगों की लालच और मक्कार ऑपरेटर का जाल। निष्कर्ष साफ है कि न तो आपको कभी डब्बा ट्रेडिंग करनी चाहिए और न ही किसी जान-पहचान वाले को ऐसा करने देना चाहिए। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करनी है तो सेबी और एक्सचेंज़ के नियमों का पालन करते हुए आधिकारिक रूप से उपलब्ध सुविधा का उपयोग करें। इसमें लागत थोड़ी ज्यादा है, लेकिन सुरक्षा पूरी है।

क्या शेयर बाज़ार में चल रही डब्बा ट्रेडिंग से स्टॉक्स के भावों पर कोई असर पड़ता है? य़ह पता लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि कोई नहीं जानता कि इस गैर-कानूनी बाज़ार का टर्नओवर क्या है, इसमें कितना आता और निकलता है। हां, इतना ज़रूर कहा जा सकता है कि डब्बा ट्रेडिंग का जो हिस्सा ऑपरेटर एक्सचेंज पर ले जाते हैं, उसका थोड़ा असर स्टॉक्स के भावों पर पड़ता होगा। बताते हैं कि डब्बा ट्रेडिंग में शुक्रवार को मार्क टू मार्केट सिस्टम के हिसाब से भुगतान होता है। उसी दिन पता चलता है कि आपको लेना है या देना है। लेकिन जिन सौदों में डब्बा ऑपरेटर ही काउंटर पार्टी होता है, उससे यकीनन बाज़ार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि रेत पर डंडा पीटने से समुंदर की लहरों पर कोई असर कैसे पड़ सकता है!

उम्मीद है कि डब्बा ट्रेडिंग पर दी गई जानकारी से आपकी जिज्ञासा शांत हुई होगी और इस गैर-कानूनी ट्रेडिंग का तिलिस्म टूट गया होगा। साफ समझ लें कि हम-आप ईमानदारी से टैक्स देनेवाले आम नागरिक हैं। हमें शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग के लिए मान्यता-प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों को ही चुनना चाहिए। आज तो इनका तंत्र ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए देश के कोने-कोने तक फैल चुका है। सौदे की लागत में ब्रोकरेज से लेकर, एक्सचेंज व सेबी के शुल्क और एसटीटी (सिक्यूरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स) को जोड़कर देखें। फिर गिनें कि कितना कमाने पर आपको फायदा होगा। हमेशा नियम-कायदों का पालन करते हुए सौदे करें। बाज़ार ने कमाने के लिए भरपूर मौके दे रखे हैं। वहां कोई अंधेरगर्दी नहीं। पूरा नियमन है और बाकायदा बाज़ार का नियामक है।

Market Scam: शेयर मार्केट में बर्बाद होने से बचना है तो इन 3 बातों का रखें ध्यान, Zerodha ने किया अलर्ट

Zerodha ने कहा, ऐसी स्टॉक टिप्स (stock tips) को फैलाने के लिए एसएमएस, टेलिग्राम और वाट्सऐप लंबे समय से सबसे ज्यादा लोकप्रिय चैनल बने हुए हैं

स्टॉक मार्केट में ‘पम्प एंड डम्प्स’ (Pump and Dump) सबसे पुराने घोटालों में से एक है। जिरोधा (Zerodha) ने कहा कि भले ही कुछ मामलों में जांच होती है, लेकिन ज्यादातर मामले सामने ही नहीं आ पाते हैं

Stock market Scam : स्टॉक मार्केट में ‘पंप एंड डंप’ (Pump and Dump) सबसे पुराने घोटालों में से एक है। जिरोधा (Zerodha) ने कहा कि भले ही कुछ मामलों में जांच होती है, लेकिन ज्यादातर मामले सामने ही नहीं आ पाते हैं। ऑनलाइन ब्रोकिंग एजेंसी ने कहा कि इस बारे में निवेशकों को शिक्षित किए जाने की जरूरत है। एजेंसी ने यह भी बताया कि ऐसे धोखों से बचने के लिए कैसे सतर्क रहा जा सकता है।

क्या है ‘Pump and Dum’?

Zerodha ने बताया, Pump and Dum स्कैम में ज्यादातर शेयर होल्ड करने वाले ऑपरेटर्स SMS, सोशल मीडिया के जरिये मेसेज फैलाकर कीमतें बढ़ाते हैं और फिर कीमतें बढ़ने पर अपने शेयर बेचकर निकल ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है जाते हैं।

Trading क्या है? Stocks में कितने प्रकार की होती है? हिंदी में(2022)

Trading

आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading शब्द का उपयोग व्यापार में प्राचीन काल से होता आ रहा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है किसी वस्तु का या किसी उत्पाद का विनिमय करके लाभ प्राप्त करना । अर्थात् जब व्यापारी किसी उत्पाद(product) या वस्तु को कम मूल्य पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेच दे उसे trading कहा जाता है।

शेयर बाजार मैं ट्रेडिंग का अर्थ होता है उसमें लिस्टेड कंपनियों में खरीदी तथा बिक्री करना इसकी समय सीमा 1 दिन से लेकर 1 साल तक होती है अर्थात यदि आप कोई कंपनी के शेयर 1 दिन से लेकर 1 साल तक अपने पास रखते हैं तो कह सकते हैं कि आप उसमे ट्रेडिंग कर रहे हैं। जिसमें कंपनी का शेयर ही ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है उसका उत्पाद होता है जिसमें लेनदेन का काम किया जाता है।

उदाहरण के रूप में हम इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि रिलायंस नाम की कंपनी है जिसका शेयर प्राइस ₹2000 है। एक व्यक्ति जिसका नाम प्रतीक है ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है वह उसके शेयरों को खरीदता है तथा जब शेयर की कीमत 2500 रुपए हो जाती है तो वह उसे बेच देता है तथा उस पर ₹500 का लाभ अर्जित करता है तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके यह पैसे कमाए हैं।

शेयर मार्केट मैं ट्रेडिंग बिना कंपनी के फंडामेंटल को समझें केबल प्राइस के आधार पर की जाती है जिसमें जैसे ही प्राइस बढ़ता है हम शेयर बेचकर पैसे कमा सकते हैं।

इस प्रकार की trading में चार्ट का महत्वपूर्ण स्थान होता है । क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट के विभिन्न पैटर्नो का अध्ययन किया जाता है।

जिसमें कंपनी के फंडामेंटल को समझें बिना केवल चार्ट के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है ।चार्टों के इस प्रकार के अध्ययन को tecnical analysis कहते है।

ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग को मुख्यतः 4 प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।

  1. Scalping
  2. Intraday trading
  3. Swing trading
  4. Positional trading

Scalping trading क्या होती है।

Scalping से तात्पर्य उस प्रकार की ट्रेडिंग से है जिसमे किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए खरीदा जाता है तथा फिर उसे बेच दिया जाता है ।

Scalping की समय सीमा 1मिनट से लेकर 15 मिनट तक होती है । ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है इसमें लाभ उस समय के बीच मार्केट में हुए उतार चढ़ाव के आधार पर की जाती है।

Scalping मार्केट में 9:15 से लेकर 9:20 के बीच कभी भी की जा सकती है। इस समय के दौरान आप मार्केट में ट्रेड करके पैसा बना सकते हैं।

Intraday trading क्या होती है?

वह ट्रेडिंग जिसमे किसी कम्पनी के शेयर्स को 1 दिन के के लिए खरीदा तथा बेचा जाता है intraday trading कहलाती है। जो buyers तथा sellers इसमें सक्रिय ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है रूप से trading करते है उन्हे intraday traders कहा जाता है।

Intraday trading की समय सीमा एक दिन के भीतर कितनी भी हो सकती है परंतु यह trading केवल 9:15 से 3:20 तक के बीच मे ही की जा सकती है यदि आप अपने शेयर्स 3:20 तक नहीं बेचते हो तो आपका स्टॉक ब्रोकर्स इन्हे सेल कर देगा ।

इस प्रकार की trading में चार्ट का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि चार्ट में मार्केट के छोटे से लेकर बड़े उतार चढ़ाव का ब्यौरा होता है चार्ट के अध्ययन के लिए इसमें बहुत सारे tools होते हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

Swing trading क्या होती है?

Swing trading से मार्केट में बहुत सारे लोगों ने पैसा बनाया है। एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी कंपनी के शेयरों को 1 दिन से अधिक समय के लिए रखा जाता है यह समय एक हफ्ता एक महीना तथा 1 साल तक हो सकता है।

Swing trading में भी चार्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण है इसमें दिए गए विभिन्न टाइम फ्रेम का यूज करके आप मार्केट में आए स्विंग का पता लगा सकते हैं और वहां से पैसा बना सकते हैं।

यह ट्रेडिंग इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको किसी शेयर में बढ़ोतरी के लिए अधिक समय मिल जाता है।

Positional trading क्या होती है?

पोजीशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमें शेयरों को एक से अधिक दिन के लिए रखा जाता है परंतु यदि स्वयं ट्रेडिंग 1 महीने से अधिक के लिए हो जाती हैं तो उसे हम पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं। पोजीशनल ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों को 1 महीने से 1 साल तक के लिए होल्ड किया जाता है तथा चार्ट की मदद से मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है।

आशा करता हूं कि आज के ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्रेडिंग क्या होती है तथा यह कितने प्रकार की होती है समझ में आ गया होगा। जिससे आप जब भी शेयर बाजार में शुरुआत करें आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रहे।

आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो या किसी तरह के finace या शेयर बाजार से संबंधित सवाल हो तो हमे comment करके बता सकते है हम आपको पूरी मदद करेंगे ।

Trading क्या होती है?

किसी व्यापार में ट्रेडिंग का तात्पर्य किसी वस्तु या उत्पाद को कम कीमत पर खरीद कर उसे ऊंचे दाम पर बेचकर लाभ प्राप्त करने को कहते हैं।
शेयर बाजार में उत्पाद की जगह कंपनी के शेयरों को खरीदा तथा बेचा जाता है।

Trading के कितने प्रकार होते है

ट्रेडिंग मुख्यतः चार प्रकार की होती है
Scalping, intraday ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है trading, swing trading,तथा positional trading ।

क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम बनाई जा सकती है?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर के आप रेगुलर इनकम बना सकते हैं बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इसे करके रेगुलर इनकम बनाई है परंतु इसमें पैसे कमाने के लिए आपको discipline के साथ यह करनी होगी तभी आप इसमें सफल हो सकते हो ।

नए साल 2023 में गौतम अडानी बन सकते हैं दुनिया के सबसे बड़े अरबपति

साल 2018 से 2021 तक जेफ बेजोस दुनिया के सबसे अमीर लोगों की रैंकिंग में शीर्ष पर थे। आज एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और हो सकत है कल भारत के गौतम अडानी पहले नंबर पर आ जाएं।

नए साल 2023 में गौतम अडानी बन सकते हैं दुनिया के सबसे बड़े अरबपति

पिछले एक दशक में दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों की सूची में कई बदलाव हुए हैं। टॉप-100 अमीरों की लिस्ट में कई नए चेहरे हैं, जो पहले कभी नहीं थे। साल 2018 से 2021 तक जेफ बेजोस दुनिया के सबसे अमीर लोगों की रैंकिंग में शीर्ष पर थे। आज एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और हो सकत है कल भारत के गौतम अडानी पहले नंबर पर आ जाएं।

100 बिलियन डॉलर की सीमा को पार करने वाले पहले अरबपति 2018 में जेफ बेजोस थे, जब उन्होंने बिल गेट्स से सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। हालाँकि, अब शीर्ष 10 सबसे अमीरों में 4 को छोड़कर सभी सेंटीबिलियनेयर हैं।

दिग्गजों ने अरबों डॉलर गंवाया

बता दें कोरोना महामारी के दौरान अमेजन के शेयर की कीमत बढ़ने के बाद 2020 में बेजोस 200 बिलियन डॉलर की संपत्ति हासिल करने वाले पहले व्यक्ति बन गए। हाल के महीनों में बेजोस की नेटवर्थ में गिरावट आई है। वहीं, टेस्ला के सीईओ और ट्विटर के मालिक एलन मस्क की संपत्ति इस साल अब तक काफी कम हुई है।

एलन मस्क ने इस साल अब तक 95.1 अरब डॉलर गंवाया

एलन मस्क की संपत्ति इस साल अब तक 95.1 अरब डॉलर घटकर 175 अरब डॉलर रह गई है। बर्नार्ड अर्नाल्ट करीब 11 अरब डॉलर गंवाकर 167 अरब डॉलर पर आ गए हैं। बिल गेट्स भी 24.4 अरब डॉलर गंवाकर 114 अरब डॉलर पर हैं। जेफ बेजोस 80 अरब डॉलर गंवा चुके हें और अब उनका नेटवर्थ केवल 112 अरब डॉलर रह गया है। वॉरेन बफेट की संपत्ति 2.53 अरब डॉलर घटकर 106 अरब डॉलर रह गई है। मुकेश अंबानी भी 243 मिलियन डॉलर गंवाकर 89.7 अरब डॉलर पर आ गए हैं। बाकी स्टीव वॉल्मर और लैरी पेज ने भी अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा इस दौरान खो दिया है।

Trading क्या है? Stocks में कितने प्रकार की होती है? हिंदी में(2022)

Trading

आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading शब्द का उपयोग व्यापार में प्राचीन काल से होता आ रहा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है किसी वस्तु का या किसी उत्पाद का विनिमय करके लाभ प्राप्त करना । अर्थात् जब व्यापारी किसी उत्पाद(product) या वस्तु को कम मूल्य पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेच दे उसे trading कहा जाता है।

शेयर बाजार मैं ट्रेडिंग का अर्थ होता है उसमें लिस्टेड कंपनियों में खरीदी तथा बिक्री करना इसकी समय सीमा 1 दिन से लेकर 1 साल तक होती है अर्थात यदि आप कोई कंपनी के शेयर 1 दिन से लेकर 1 साल तक अपने पास रखते हैं तो कह सकते हैं कि आप उसमे ट्रेडिंग कर रहे हैं। जिसमें कंपनी का शेयर ही उसका उत्पाद होता है जिसमें लेनदेन का काम किया जाता है।

उदाहरण के रूप में हम इसे इस तरीके से समझ ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है सकते हैं कि रिलायंस नाम की कंपनी है जिसका शेयर प्राइस ₹2000 है। एक व्यक्ति जिसका नाम प्रतीक है वह उसके शेयरों को खरीदता है तथा जब शेयर की कीमत 2500 रुपए हो जाती है तो वह उसे बेच देता है तथा उस पर ₹500 का लाभ अर्जित करता है तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके यह पैसे कमाए हैं।

शेयर मार्केट मैं ट्रेडिंग बिना कंपनी के फंडामेंटल को समझें केबल प्राइस के आधार पर की जाती है जिसमें जैसे ही प्राइस बढ़ता है हम शेयर बेचकर पैसे कमा सकते हैं।

इस प्रकार की trading में चार्ट का महत्वपूर्ण स्थान होता है । क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट के विभिन्न पैटर्नो का अध्ययन किया जाता है।

जिसमें कंपनी के फंडामेंटल को समझें बिना केवल चार्ट के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है ।चार्टों के इस प्रकार के अध्ययन को tecnical analysis कहते है।

ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग को मुख्यतः 4 प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।

  1. Scalping
  2. Intraday trading
  3. Swing trading
  4. Positional trading

Scalping trading क्या होती है।

Scalping से तात्पर्य उस प्रकार की ट्रेडिंग से है जिसमे किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए खरीदा जाता है तथा फिर उसे बेच दिया जाता है ।

Scalping की समय सीमा 1मिनट से लेकर 15 मिनट तक होती है । इसमें लाभ उस समय के बीच मार्केट में हुए उतार चढ़ाव के आधार पर की जाती है।

Scalping मार्केट में 9:15 से लेकर 9:20 के बीच कभी भी की जा सकती है। इस समय के दौरान आप मार्केट में ट्रेड करके पैसा बना सकते हैं।

Intraday trading क्या होती है?

वह ट्रेडिंग जिसमे किसी कम्पनी के शेयर्स को 1 दिन के के लिए खरीदा तथा बेचा जाता है intraday trading कहलाती है। जो buyers तथा sellers इसमें सक्रिय रूप से trading करते है उन्हे intraday traders कहा जाता है।

Intraday trading की समय सीमा एक दिन के भीतर कितनी भी हो सकती है परंतु यह trading केवल 9:15 से 3:20 तक के बीच मे ही की जा सकती है यदि आप अपने शेयर्स 3:20 तक नहीं बेचते हो तो आपका स्टॉक ब्रोकर्स इन्हे सेल कर देगा ।

इस प्रकार की trading में चार्ट का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि चार्ट में मार्केट के छोटे से लेकर बड़े उतार चढ़ाव का ब्यौरा होता है चार्ट के अध्ययन के लिए इसमें बहुत सारे tools होते हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

Swing trading क्या होती है?

Swing trading से मार्केट में बहुत सारे लोगों ने पैसा बनाया है। एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी कंपनी के शेयरों को 1 दिन से अधिक समय के लिए रखा जाता है यह समय एक हफ्ता एक महीना तथा 1 साल तक हो सकता है।

Swing trading में भी चार्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण है इसमें दिए गए विभिन्न टाइम फ्रेम का यूज करके आप मार्केट में आए स्विंग का पता लगा सकते हैं और वहां से पैसा बना सकते हैं।

यह ट्रेडिंग इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको किसी शेयर में बढ़ोतरी के लिए अधिक समय मिल जाता है।

Positional trading क्या होती है?

पोजीशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमें शेयरों को एक से अधिक दिन के लिए रखा जाता है परंतु यदि स्वयं ट्रेडिंग 1 महीने से अधिक के लिए हो जाती हैं तो उसे हम ट्रेडिंग स्टॉक केवल अमीर लोगों के लिए नहीं है पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं। पोजीशनल ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों को 1 महीने से 1 साल तक के लिए होल्ड किया जाता है तथा चार्ट की मदद से मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है।

आशा करता हूं कि आज के ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्रेडिंग क्या होती है तथा यह कितने प्रकार की होती है समझ में आ गया होगा। जिससे आप जब भी शेयर बाजार में शुरुआत करें आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रहे।

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Trading क्या होती है?

किसी व्यापार में ट्रेडिंग का तात्पर्य किसी वस्तु या उत्पाद को कम कीमत पर खरीद कर उसे ऊंचे दाम पर बेचकर लाभ प्राप्त करने को कहते हैं।
शेयर बाजार में उत्पाद की जगह कंपनी के शेयरों को खरीदा तथा बेचा जाता है।

Trading के कितने प्रकार होते है

ट्रेडिंग मुख्यतः चार प्रकार की होती है
Scalping, intraday trading, swing trading,तथा positional trading ।

क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम बनाई जा सकती है?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर के आप रेगुलर इनकम बना सकते हैं बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इसे करके रेगुलर इनकम बनाई है परंतु इसमें पैसे कमाने के लिए आपको discipline के साथ यह करनी होगी तभी आप इसमें सफल हो सकते हो ।

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