यूलिप को काफी पसंद किया जाता है क्योंकि इसमें एक साथ कई तरह के फायदे जुड़े हुए हैं.

यूलिप: यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान

बजट 2021 ने वार्षिक प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से अधिक होने पर यूलिप को छूट वापस ले ली है। यह यूनिट लिंक्ड पर लागू होगाबीमा 1 फरवरी, 2021 को/या उसके बाद खरीदे गए प्लान। ऐसे यूलिप को अब के रूप में माना जाएगाराजधानी संपत्तियां। ऐसे यूलिप से होने वाला लाभ अब कर योग्य होगा:पूंजीगत लाभ.

यूलिप क्या है?

यूलिप का मतलब यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान है। एक यूलिप है aमंडी लिंक्ड उत्पाद जो निवेश और बीमा दोनों का संयोजन है। यह से जुड़ा हुआ हैपूँजी बाजार और इक्विटी में एक लचीला निवेश विकल्प प्रदान करता है याडेट फंड के अनुसारजोखिम उठाने का माद्दा. इस प्रकार, इस दोहरे लाभ के कारण यूलिप निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है। पहली यूनिट-लिंक्ड बीमा योजना 2001 में शुरू की गई यूटीआई यूलिप थी। तब भारत सरकार ने विदेशी निवेश के लिए बीमा क्षेत्र को खोल दिया था। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) 2005 में यूलिप के लिए दिशानिर्देश जारी किए। कईबीमा कंपनी व्यापार में कूद गयाप्रस्ताव बीमा और निवेश दोनों की पेशकश करने वाले उत्पाद में निवेश करने के इच्छुक ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई तरह की योजनाएं।

ULIP

यूलिप योजनाओं के प्रकार

यूलिप को मुख्य रूप से वर्गीकृत किया जाता हैआधार जिस उद्देश्य से वे सेवा करते हैं:

सेवानिवृत्ति के लिए यूलिप

इस योजना में, आपको भुगतान करने की आवश्यकता हैअधिमूल्य आपके रोजगार के समय के दौरान, जिसे सीधे अधिशेष राशि के रूप में एकत्र किया जाता है। इस एकमुश्त राशि का भुगतान योजना धारक को वार्षिकी के रूप में उनके द्वारा किए जाने के बाद किया जाता हैनिवृत्ति.

धन सृजन के लिए यूलिप

इस योजना में, आपके पैसे को धीरे-धीरे काफी मात्रा में जमा करने ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है के लिए सहेजा जाता है। इन योजनाओं को आम तौर पर उन लोगों के लिए अनुशंसित किया जाता है जो बीसवीं या तीसवां दशक के उत्तरार्ध में हैं। यह उन्हें धन संचय करने और अपने भविष्य को निधि देने की भी अनुमति देता हैवित्तीय लक्ष्यों.

बच्चों की शिक्षा के लिए यूलिप

कोई भी अभिभावक किसी भी तरह से अपने बच्चे की पढ़ाई में बाधा नहीं डालना चाहेगा। बाजार में ऐसे कई यूलिप हैं जो नियमित अंतराल पर और आपके बच्चे के जीवन के महत्वपूर्ण चरणों में धन प्रदान करते हैं।

स्वास्थ्य लाभ के लिए यूलिप

सामान्य लाभों के साथ, यूलिप चिकित्सा या स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए कुशलतापूर्वक वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।

2016 में सर्वश्रेष्ठ यूलिप

Best-ULIPs

यूलिप एक अच्छा विकल्प क्यों है?

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान एक अच्छा विकल्प होने के कुछ कारण यहां दिए गए हैं:

  • पारदर्शी और क्रिस्टल स्पष्ट संरचना, विशेषताएं और शुल्क
  • फंड के बीच स्विच करने की सुविधा है
  • बीमा कवर
  • परिवर्तनीय प्रीमियम भुगतान आवृत्तियाँ
  • एक विस्तृतश्रेणी जोखिम उठाने वालों और जोखिम लेने वालों दोनों के लिए उपयुक्त निधियों का
  • अतिरिक्त शुल्क के साथ, राइडर विकल्प उपलब्ध है
  • के तहत एक कर लाभ हैधारा 80सी और 10(10डी)

यूलिप शुल्क

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान के साथ कुछ शुल्क जुड़े होते हैं जिन्हें आगे कई उप-श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। वे इस प्रकार हैं:

प्रीमियम आवंटन शुल्क

यह शुल्क क्लाइंट द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम पर पहले से लगाया जाता है। ये योजना जारी करने में कंपनी द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक लागतें हैं।

नीति प्रशासनिक शुल्क

बीमा कंपनी द्वारा वहन की गई लागतों की वसूली के लिए ये नियमित रूप से काटे गए शुल्क हैं औरबीमा नीति रखरखाव।

समर्पण शुल्क

समर्पण शुल्क के दौरान लगाया जाता हैकटौती योजना दस्तावेजों के अधीन समयपूर्व यूलिप इकाइयों के पूर्ण या आंशिक नकदीकरण के लिए। शुल्क फंड मूल्य या प्रीमियम के प्रतिशत के रूप में लगाया जा सकता है।

मृत्यु शुल्क

ग्राहक को जीवन बीमा प्रदान करने के लिए बीमा कंपनी द्वारा ये शुल्क ऊब जाते हैं। यह उम्र और पॉलिसी की सम एश्योर्ड के साथ बदलता रहता है और मासिक आधार पर काटा जाता है।

फंड प्रबंधन शुल्क

यूलिप फंड के माध्यम से एकत्र की गई राशि को इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है। बीमा कंपनी फंड प्रबंधन के लिए इन शुल्कों को वहन करती है जो फंड और योजना दोनों के अनुसार अलग-अलग होते हैं। कटौती की गई राशि की गणना शुद्ध संपत्ति मूल्य के अनुसार की जाती है (नहीं हैं) कोष का।

फंड स्विचिंग शुल्क

यूलिप आपको अपनी निवेश अवधि के दौरान विभिन्न फंडों के बीच स्विच करने का विकल्प प्रदान करता है। फंड के बीच स्विच करने के लिए बीमा कंपनी आपसे शुल्क लेगी।

बंद करने का शुल्क

यूलिप योजना के समय से पहले बंद होने पर, बीमाकर्ता एक छोटी राशि काट लेता है। ये शुल्क IRDA द्वारा निर्धारित किए गए हैं और सभी पॉलिसियों के लिए समान हैं।

यूलिप कैलकुलेटर

कई बीमा कंपनियां यूलिप कैलकुलेटर के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करती हैं। यह आपको कवर की राशि और आपको आवश्यक धन को समझने में मदद करता है। यूलिप कैलकुलेटर निवेश के भविष्य के मूल्य की गणना करता है। आपको यूलिप कैलकुलेटर में निवेश राशि, आवृत्ति, निवेश के लिए कई वर्षों आदि का विवरण डालना होगा, यह जानने के लिए कि कौन सा यूनिट-लिंक्ड निवेश आपके लिए सबसे उपयुक्त है।

निष्कर्ष

जोड़ने के लिए, यूलिप पारंपरिक और आधुनिक निवेश विकल्पों का एक बेहतरीन संयोजन है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि लोग बीमा और पूंजी की वृद्धि को अलग रखते हैं, यूनिट लिंक्ड प्लान दोनों का सर्वश्रेष्ठ लाने की कोशिश करता है। अतिरिक्त सुविधाओं और लचीलेपन के साथ ऑनलाइन यूनिट-लिंक्ड योजनाओं के उद्भव के साथ, यूलिप नई पीढ़ी के लिए निवेश का एक बढ़िया विकल्प बन गया है।

इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर! जल्द लागू होगा नियम, जानिए यूलिप स्कीम से जुड़ी सभी बातें

कई निवेशक अक्‍सर यूलिप (यूनिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस प्‍लान) को म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम से जोड़कर देखते हैं. यूलिप में निवेश करके उन्‍हें लगता है कि वे म्‍यूचुअल फंड की किसी स्‍कीम में पैसा लगा रहे हैं. उनका ऐसा सोचना सही नहीं है. ये दोनों अलग-अलग तरह के प्रोडक्‍ट हैं.

इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर! जल्द लागू होगा नियम, जानिए यूलिप स्कीम से जुड़ी सभी बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को पेश किए बजट में कई बड़े ऐलान किए है. इनमें से एक इंश्योरेंस यानी यूलिप को लेकर भी स्पीच में ऐलान हुआ है. बजट 2021 में प्रावधान किया गया है कि 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा प्रीमियम वाले यूलिप में एग्‍जेम्‍पशन नहीं मिलेगा. एक फरवरी 2021 या इसके बाद खरीदे जाने वाले यूलिप पर यह नियम लागू होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार का यह कदम निवेशकों को इंश्‍योरेंस और निवेश की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. इन्‍हें अब अलग-अलग तरह के प्रोडक्‍ट के तौर पर खरीदा जाएगा. इस मामले में म्‍यूचुअल फंड के साथ ज्‍यादा फ्लेक्सिबिलिटी है. ज्‍यादा प्रीमियम वाले नए यूलिप में टैक्‍स एडवांटेज खत्‍म होने के साथ इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में इन्फलो बढ़ना चाहिए.

क्या होती है यूलिप

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान वास्‍तव में इंश्योरेंस पॉलिसी और मार्केट लिंक इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट का कॉम्बिनेशन है. इस पॉलिसी के तहत प्रीमियम का एक हिस्सा इक्विटी या डेट फंड में निवेश किया जाता है.

इस प्रोडक्ट में इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट का कॉम्बिनेशन 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आता है. ग्राहकों को रिस्क के हिसाब से लार्ज, मिड या स्मॉल कैप, डेट या बैलेंस्ड इन्वेस्टमेंट में निवेश करने की छूट दी जाती है. इसी के साथ अलग-अलग फंडों में स्विच करने की भी अनुमति मिलती है. यूलिप में दो प्रकार के प्लान पेंशन और एंडोमेंट होते हैं

अब क्या होगा

बजट 2021 में प्रावधान किया गया है कि 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा प्रीमियम वाले यूलिप में एग्‍जेम्‍पशन नहीं मिलेगा. एक फरवरी 2021 या इसके बाद खरीदे जाने वाले यूलिप पर यह नियम लागू होगा.

इस तरह इन यूनिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस प्‍लान यानी यूलिप से हुए फायदे को कैपिटल गेंस माना जाएगा. ऐसे यूलिप पर इक्विटी फंडों की तरह टैक्‍स लगेगा.

अभी इंश्‍योरेंस पॉलिसी की मैच्‍योरिटी पर मिली रकम को सेक्‍शन 10(10डी) के तहत टैक्‍स छूट मिलती है. यही छूट यूलिप को इक्विटी फंडों के मुकाबले बढ़त देती है. यूलिप में निवेश और बीमा दोनों की मिलाजुलाकर पेशकश की जाती है.

दो साल पहले इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में 1 लाख रुपये से ज्‍यादा गेंस पर 10 फीसदी की दर से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स का प्रस्‍ताव किया गया था.

जानकार कहते हैं कि कुछ निवेशकों ने यूलिप में शायद सिर्फ 10 फीसदी टैक्‍स बचाने के लिए रुख कर लिया हो. अब जब यूलिप भी टैक्‍स के दायरे में आ गया है तो म्‍यूचुअल फंड एडवाइजर सकारात्‍मक हैं.

यूलिप से जुड़ी जरूरी बातें

एलोकेशन, पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन, मॉर्टेलिटी और फंड मैनेजमेंट चार्ज. फंड मैनेजमेंट के चार्जेज 1.35% हैं. आप यूलिप में निवेश कर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत डिडक्‍शन के ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है लिए क्‍लेम कर सकते हैं.

यूलिप को LTCG टैक्सेशन से छूट दी गई है जो पिछले साल के बजट में पेश किया गया था. यह एक EEE (छूट-छूट-छूट) प्रोडक्ट है, जिसमें सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स में ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है छूट के लिए क्लेम भी किया जा सकता है.

अगर आप यूलिप में निवेश करना चाहते हैं तो पहले ये विचार कर लें कि आप इस प्रोडक्ट को इन्वेस्टमेंट व्हीकल के रूप में देखते हैं या लाइफ कवर के रूप में. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास निवेश का लंबा समय होना चाहिए और बाजार से जुड़े उत्पादों के बारे में जानना चाहिए.

यूलिप एक लाइफ कवर प्रोडक्ट के तौर पर कुछ खास नहीं है क्योंकि इंश्योरेंस अमाउंट प्रीमियम अमाउंट प्रीमियम का 10-15 गुना तक ही सीमित है.

1 करोड़ कवर वाले यूलिप प्लान का प्रीमियम 2-3 लाख होगा, वहीं 1 करोड़ के कवर वाले टर्म प्लान का प्रीमियम 7000-8000 होगा. निवेश की बात की जाए तो यूलिप प्लान 5 साल के लॉक-इन-पीरियड के तहत आते हैं जबकि म्युचुअल फंड में एक्जिट के लिए काफी लचीलापन है.

ULIP में निवेश करना कितना फायदेमंद? इंश्योरेंस, इनवेस्टमेंट और टैक्स के लिहाज से क्या हैं इसकी खूबियां

यूलिप में निवेश का एक बड़ा फायदा यह है कि इक्विटी और डेट एसेट्स में निवेश के ज़रिए आप रटर्न जनरेट कर सकते हैं. लंबी अवधि के गोल्स के लिए यूलिप में निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

ULIP में निवेश करना कितना फायदेमंद? इंश्योरेंस, इनवेस्टमेंट और टैक्स के लिहाज से क्या हैं इसकी खूबियां

यूलिप को काफी पसंद किया जाता है क्योंकि इसमें एक साथ कई तरह के फायदे जुड़े हुए हैं.

ULIP : जब भी फाइनेंशिलय गोल्स की बात आती है, तो हम आमतौर पर ऐसी जगहों में निवेश करना चाहते हैं जहां ज्यादा फायदा हो. इस लिहाज से निवेशक यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) को काफी पसंद करते हैं क्योंकि इसमें एक साथ कई तरह के फायदे जुड़े हुए हैं. एक तरफ टर्म प्लान है जो एक लाइफ कवर प्रदान करता है. पॉलिसी अवधि के दौरान अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में लाभार्थी को इस प्लान के तहत एकमुश्त रकम दी जाती है. लेकिन इस ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है प्लान में किसी तरह का निवेश नहीं होता है. वहीं ULIP के तहत, आपको ना सिर्फ इंश्योरेंस कवर मिलता है, बल्कि आप निवेश भी कर सकते हैं. ULIP एक खास तरह का प्लान है, जिसमें दोहरा लाभ जुड़ा होता है. इसमें बीमा कंपनियां बीमा देने के साथ ही निवेशकों को निवेश का मौका भी देती है.

कैसे काम करता है यूलिप

इस प्लान के तहत निवेश के दो फायदे हैं. आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान की तरह लाइफ कवर तो मिलता ही है, इसके अलावा आप निवेश भी कर पाते हैं. इसके तहत, प्रीमियम का एक हिस्सा लाइफ कवर के लिए और दूसरे हिस्से को डेट या इक्विटी एसेट्स में निवेश करके रिटर्न जनरेट करने के ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है लिए इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई व्यक्ति यूलिप में निवेश करता है, तो उसे चयनित कवर अमाउंट के लिए एक फिक्स्ड प्रीमियम का भुगतान करना होता है. इस प्रीमियम का कुछ हिस्सा बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है, और शेष हिस्से को इक्विटी या डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है. इसमें निवेशकों के पास अपने इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए इक्विटी, डेट और बैलेंस्ड ऑप्शन के बीच किसी एक को चुनने की फ्लेक्सिबिलिटी होती है. इसके अलावा, उनके पास प्रीमियम भुगतान के दौरान इन्वेस्टमेंट प्लान्स के बीच स्विच करने का ऑप्शन भी होता है. फंड मैनेजर फंड के प्रकार के अनुसार निवेश को मैनेज करते हैं और डेट या इक्विटी इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि IRDAI के अनुसार, ULIP के लिए लॉक-इन पीरियड 5 साल है और इससे कितना रिटर्न जनरेट होगा यह मार्केट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है करता है.

Fixed vs Floating Rate Loan: ऊंची ब्याज दरों के दौर में क्या करें होम लोन लेने वाले? फिक्स्ड या फ्लोटिंग रेट लोन में क्या है बेहतर?

₹1 Crore Term Insurance Plan: हर दिन बचाएं 21 रुपये ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है और परिवार को दें 1 करोड़ की वित्तीय सुरक्षा, इतनी चुकानी होगी प्रीमियम

एक निवेश में हैं तीन फायदे

इंश्योरेंस

यूलिप के प्रमुख फायदों में से एक जीवन बीमा कवर है जो यह प्रदान करता है. यूलिप में निवेश करके कोई भी अपने परिवार को भविष्य की अनिश्चितताओं से बचा सकता है. इसके ज़रिए यह सुनिश्चित होता है कि बीमित व्यक्ति की असामयिक मृत्यु के मामले में परिवार की अच्छी तरह से देखभाल की जाए.

इनवेस्टमेंट

यूलिप में निवेश का एक और बड़ा फायदा यह है कि इक्विटी और डेट एसेट्स में निवेश के ज़रिए आप रटर्न जनरेट कर सकते हैं. लंबी अवधि के गोल्स के लिए यूलिप में निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. आप अपनी जरूरत, जोखिम की क्षमता और निवेश की अवधि के अनुसार डेट, इक्विटी या बैलेंस विकल्प में से चुन सकते हैं. यूलिप प्लान पॉलिसीधारकों को इक्विटी, बॉन्ड और हाइब्रिड फंड जैसे कई फंड विकल्पों के बीच स्विच करने की अनुमति देते हैं. आप कभी भी ऐसा कर सकते हैं और इसमें कोई पैसा भी नहीं लगता है. पॉलिसीधारक मौजूदा परिस्थिति के आधार पर अलग-अलग यूलिप फंडों के बीच भविष्य के प्रीमियम अलॉट करना चुन सकते हैं. बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने के लिए भविष्य के प्रीमियमों के आवंटन को इक्विटी से बॉन्ड या इसके विपरीत में भी बदल सकते हैं. समझदारी के साथ फंड चुनने पर, यूलिप आपको बाजार से पर्याप्त रिटर्न प्रदान कर सकता है बशर्ते आपको धैर्य रखते हुए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए. इसके तहत आपको काफी फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है.

टैक्स बेनिफिट

यूलिप को म्यूचुअल फंड की तुलना में टैक्स-एफिशिएंट साधन माना जाता है क्योंकि इसके ज़रिए पॉलिसीधारक सभी चरणों में टैक्स की बचत कर सकते हैं. यूलिप में, बिना किसी खर्च के फंड के बीच स्विच करने की अनुमति है, जबकि म्यूचुअल फंड में, योजनाओं के बीच स्विच करने पर टैक्स देना पड़ता है. यूलिप में फंड स्विच करते समय टैक्स-बेनिफिट के अलावा, इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स में छूट मिलती है. यूलिप की मैच्योरिटी रकम सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स-फ्री है. निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के डेट और इक्विटी के बीच स्विच करने की अनुमति देकर, यूलिप यह सुनिश्चित करते हैं कि एक निवेशक के रूप में आप एक बेहतर पोर्टफोलियो बना सकें. इससे जोखिम भी कम होता है.

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

भारत में यूलिप: मिस-सेलिंग से प्रभावित अच्छी संकल्पना

ईटी ब्यूरो द्वारा

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) इस समय भारत में सबसे अधिक दुरुपयोग किया गया वित्तीय उत्पाद है. हालांकि, यूलिप, जहां आपको बीमा और निवेश एक साथ मिलता है, पहले बुरा शब्द नहीं था.

भारतीय यूनिट ट्रस्ट (यूटीआई) ने भारत में पहले यूलिप का शुभारंभ1971 में किया था. दूसरा यूलिप 1989 में एलआईसी म्युचुअल फंड की ओर से आया, अर्थात, सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिए म्यूचुअल फंड उद्योग खोले जाने के बाद. दोनों ही अच्छी तरह से प्रबंधित योजनाएं थीं और मैं इनके बारे में शिकायत करने वाले किसी भी निवेशक से नही मिला हूँ.

संकल्पना के रूप में यूलिप, बीमा कंपनियों के 'पारंपरिक या एंडोमेंट प्लान' में बड़ा सुधार है. इसका कारण यह है कि एंडोमेंट प्लान पूरी तरह से अपारदर्शी होते हैं. निवेशक के रूप में, आपको पता नहीं होता है कि आपका कितना प्रीमियम बीमा कवर या निवेश के लिए जाता है, जहां पैसा निवेश किया जाता है, कितना रिटर्न उत्पन्न होता है, आदि. हालांकि बीमा कंपनियां बीच में कुछ 'वार्षिक बोनस' की घोषणा करती हैं लेकिन यह भी बेकार होता है क्योंकि निवेशक मैच्योरिटी तक ये बोनस निकाल नहीं सकते हैं.

वहीं दूसरी ओर, यूलिप का मुख्य लाभ इसकी पारदर्शिता है. इसमें सभी खर्चे स्पष्ट रूप से अग्रिम में बताए जाते हैं. ये खर्च हैं, पॉलिसी आवंटन शुल्क, पॉलिसी व्यवस्थापन शुल्क, अदला-बदली शुल्क, मोचन शुल्क, फंड प्रबंधन शुल्क, मृत्यु दर प्रभार, आदि. जहां एनएवी की गणना करते समय फंड प्रबंधन शुल्क ध्यान में रखा गया माना जाता है, वहीं, अन्य खर्चों को जितनी इकाइयां आप रखते हैं घटाकर ध्यान में रखा जाता है इस कारण से, यूलिप और म्यूचुअल फंडों की एनएवी श्रृंखला तुलनीय नहीं हैं.

निवेशकों को बीच में किसी भी कर आपतन के बिना इक्विटी और डेब्ट के बीच अदला-बदली करने की अनुमति दी जाती है और यह यूलिप का मुख्य लाभ है. यदि यूलिप एक अच्छी संकल्पना थी, कैसे यह 'घोटाले' के बराबर हो गया? ऐसा ज्यादातर निजी बीमा कंपनियों की कारस्तानियों की वजह से ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है हुआ जिन्होंने ऐसी यूलिप की श्रृंखला लांच की जो बहुत ही ज्यादा कमीशन का भुगतान करती थी, जो पहले वर्ष के प्रीमियम का 60% से लेकर 100% तक अलग-अलग होता था.

इस अग्रिम कमीशनों ने बड़े पैमाने पर ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है इसकी मिस-सेलिंग को प्रोत्साहित किया और यह घोटाले में एक अच्छी अवधारणा के परिवर्तित होने का मुख्य कारण था. इस समय 20 वर्ष के उत्पाद के लिए 60% अग्रिम कमीशन का भुगतान करने वाले बीमा कंपनी के सीईओ ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है द्वारा रखा गया तर्क कि यह 3% प्रति वर्ष के बराबर है, बिल्कुल गलत है. इसका कारण यह है इस गणना में पैसे के समय मूल्य पर विचार नहीं किया गया है.

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) इस बुराई के प्रति 2010 में जगा, लेकिन अधिकांश नुकसान पहले ही हो चुका था. कई निवेशक पहले ही यूलिप घोटाले में पैसा खो चुके थे और बीमा पूरी तरह से छोड़ दिया था. और ग्राहक हित के ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है बलिदान के इस मूर्ख कृत्य द्वारा, निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने आम जनता तक पहुँचने का अपना स्वर्णिम अवसर खो दिया था.

हालांकि यूलिप नए दिशा निर्देशों के बाद बेहतर उत्पाद बन गया है, लेकिन नुकसान पहले ही हो चुका है. और अब कम कमीशन की वजह से, कोई बीमा एजेंट इन्हें नहीं बेचता है. ये एजेंट अब 'सुरक्षित' परंपरागत योजनाओं के साथ निवेशकों का पीछा कर रहे हैं. आशा है कि इरडा इसके प्रति जगेगा और इससे पहले कि यह घोटाले के अनुपात पर पहुँचे परंपरागत योजनाओं के लिए कमीशन कम करेगा.

वित्तीय योजनाकारों द्वारा खैरात में दी गई सामान्य सलाह निवेश और बीमा अलग-अलग रखने की है (यानी बीमा कवर के लिए टर्म प्लान और बीमा के लिए म्युचुअल फंड). यह अधिकांश निवेशकों के लिए सबसे अच्छी रणनीति है. हालांकि, यूलिप अब भी 'विकसित' निवेशकों के लिए अच्छा उत्पाद है, जो प्रभारित खर्चों की भूलभुलैया को समझ सकते हैं और उनसे होकर पार उतर सकते हैं.

इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर! जल्द लागू होगा नियम, जानिए यूलिप स्कीम से जुड़ी सभी बातें

कई निवेशक अक्‍सर यूलिप (यूनिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस प्‍लान) को म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम ULIP किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड से अलग है से जोड़कर देखते हैं. यूलिप में निवेश करके उन्‍हें लगता है कि वे म्‍यूचुअल फंड की किसी स्‍कीम में पैसा लगा रहे हैं. उनका ऐसा सोचना सही नहीं है. ये दोनों अलग-अलग तरह के प्रोडक्‍ट हैं.

इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर! जल्द लागू होगा नियम, जानिए यूलिप स्कीम से जुड़ी सभी बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को पेश किए बजट में कई बड़े ऐलान किए है. इनमें से एक इंश्योरेंस यानी यूलिप को लेकर भी स्पीच में ऐलान हुआ है. बजट 2021 में प्रावधान किया गया है कि 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा प्रीमियम वाले यूलिप में एग्‍जेम्‍पशन नहीं मिलेगा. एक फरवरी 2021 या इसके बाद खरीदे जाने वाले यूलिप पर यह नियम लागू होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार का यह कदम निवेशकों को इंश्‍योरेंस और निवेश की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. इन्‍हें अब अलग-अलग तरह के प्रोडक्‍ट के तौर पर खरीदा जाएगा. इस मामले में म्‍यूचुअल फंड के साथ ज्‍यादा फ्लेक्सिबिलिटी है. ज्‍यादा प्रीमियम वाले नए यूलिप में टैक्‍स एडवांटेज खत्‍म होने के साथ इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में इन्फलो बढ़ना चाहिए.

क्या होती है यूलिप

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान वास्‍तव में इंश्योरेंस पॉलिसी और मार्केट लिंक इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट का कॉम्बिनेशन है. इस पॉलिसी के तहत प्रीमियम का एक हिस्सा इक्विटी या डेट फंड में निवेश किया जाता है.

इस प्रोडक्ट में इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट का कॉम्बिनेशन 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आता है. ग्राहकों को रिस्क के हिसाब से लार्ज, मिड या स्मॉल कैप, डेट या बैलेंस्ड इन्वेस्टमेंट में निवेश करने की छूट दी जाती है. इसी के साथ अलग-अलग फंडों में स्विच करने की भी अनुमति मिलती है. यूलिप में दो प्रकार के प्लान पेंशन और एंडोमेंट होते हैं

अब क्या होगा

बजट 2021 में प्रावधान किया गया है कि 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा प्रीमियम वाले यूलिप में एग्‍जेम्‍पशन नहीं मिलेगा. एक फरवरी 2021 या इसके बाद खरीदे जाने वाले यूलिप पर यह नियम लागू होगा.

इस तरह इन यूनिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस प्‍लान यानी यूलिप से हुए फायदे को कैपिटल गेंस माना जाएगा. ऐसे यूलिप पर इक्विटी फंडों की तरह टैक्‍स लगेगा.

अभी इंश्‍योरेंस पॉलिसी की मैच्‍योरिटी पर मिली रकम को सेक्‍शन 10(10डी) के तहत टैक्‍स छूट मिलती है. यही छूट यूलिप को इक्विटी फंडों के मुकाबले बढ़त देती है. यूलिप में निवेश और बीमा दोनों की मिलाजुलाकर पेशकश की जाती है.

दो साल पहले इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में 1 लाख रुपये से ज्‍यादा गेंस पर 10 फीसदी की दर से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स का प्रस्‍ताव किया गया था.

जानकार कहते हैं कि कुछ निवेशकों ने यूलिप में शायद सिर्फ 10 फीसदी टैक्‍स बचाने के लिए रुख कर लिया हो. अब जब यूलिप भी टैक्‍स के दायरे में आ गया है तो म्‍यूचुअल फंड एडवाइजर सकारात्‍मक हैं.

यूलिप से जुड़ी जरूरी बातें

एलोकेशन, पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन, मॉर्टेलिटी और फंड मैनेजमेंट चार्ज. फंड मैनेजमेंट के चार्जेज 1.35% हैं. आप यूलिप में निवेश कर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत डिडक्‍शन के लिए क्‍लेम कर सकते हैं.

यूलिप को LTCG टैक्सेशन से छूट दी गई है जो पिछले साल के बजट में पेश किया गया था. यह एक EEE (छूट-छूट-छूट) प्रोडक्ट है, जिसमें सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स में छूट के लिए क्लेम भी किया जा सकता है.

अगर आप यूलिप में निवेश करना चाहते हैं तो पहले ये विचार कर लें कि आप इस प्रोडक्ट को इन्वेस्टमेंट व्हीकल के रूप में देखते हैं या लाइफ कवर के रूप में. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास निवेश का लंबा समय होना चाहिए और बाजार से जुड़े उत्पादों के बारे में जानना चाहिए.

यूलिप एक लाइफ कवर प्रोडक्ट के तौर पर कुछ खास नहीं है क्योंकि इंश्योरेंस अमाउंट प्रीमियम अमाउंट प्रीमियम का 10-15 गुना तक ही सीमित है.

1 करोड़ कवर वाले यूलिप प्लान का प्रीमियम 2-3 लाख होगा, वहीं 1 करोड़ के कवर वाले टर्म प्लान का प्रीमियम 7000-8000 होगा. निवेश की बात की जाए तो यूलिप प्लान 5 साल के लॉक-इन-पीरियड के तहत आते हैं जबकि म्युचुअल फंड में एक्जिट के लिए काफी लचीलापन है.

रेटिंग: 4.80
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 692