नहीं दिखा प्रमोशन में आरक्षण का विरोध
बाराबंकी। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई हड़ताल का शुक्रवार को जिले में कोई असर नहीं दिखा। सभी कार्यालय खुले रहे और कर्मचारी आम दिनों की तरह अपना कार्य निपटाने में मशगूल थे। जानकारी पर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस प्रकार की कोई सूचना ही नहीं दी गई, फिर हड़ताल पर जाने का क्या मतलब है। पदोन्नति मेें आरक्षण का बिल लोकसभा में पेश करने के विरोध में प्रदेश में भले ही 18 लाख कर्मचारी इसके विरोध में हड़ताल पर चले गए हों पर जिले में इसका जरा भी असर नहीं दिखा। विकास भवन, लोक निर्माण विभाग, कोषागार, सीएमओ कार्यालय, कलक्ट्रेट, विपणन कार्यालय, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कृषि विभाग आदि कार्यालयों में कर्मचारी पूरे दिन यथावत कार्य करते रहे और अपनी सीटों पर काम निपटाते दिखे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह ने कहा कि हम हड़ताल के विरोध में नहीं हैं जरूरत पड़ी तो सहयोग भी करेंगे। जिले में इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर नहीं रहे। परिषद के मंत्री राजेश तिवारी ने बताया कि सम्मान के लिए हर आदमी लड़ता है लेकिन परिषद से जो निर्देश मिलेगा उस अनुसार कार्य किया जाएगा।
बाराबंकी। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई हड़ताल का शुक्रवार को जिले में कोई असर नहीं दिखा। सभी कार्यालय खुले रहे और कर्मचारी आम दिनों की तरह अपना कार्य निपटाने में मशगूल थे। जानकारी पर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस प्रकार की कोई सूचना ही नहीं दी गई, फिर हड़ताल पर जाने का क्या मतलब है। पदोन्नति मेें आरक्षण का बिल लोकसभा में पेश करने के विरोध में प्रदेश में भले ही 18 लाख कर्मचारी इसके विरोध में हड़ताल पर चले गए हों पर जिले में इसका जरा भी असर नहीं दिखा। विकास भवन, लोक निर्माण विभाग, कोषागार, सीएमओ कार्यालय, कलक्ट्रेट, विपणन कार्यालय, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कृषि विभाग आदि कार्यालयों में कर्मचारी पूरे दिन यथावत कार्य करते रहे और अपनी सीटों पर काम निपटाते दिखे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह ने कहा कि हम हड़ताल के विरोध में नहीं हैं जरूरत पड़ी तो सहयोग भी करेंगे। जिले में इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर नहीं रहे। परिषद के मंत्री राजेश तिवारी ने बताया कि सम्मान के लिए हर आदमी लड़ता है लेकिन परिषद से जो निर्देश मिलेगा उस अनुसार कार्य किया जाएगा।
अब आशा पर हेल्थ प्रमोशन की भी जिम्मेदारी
अब आशा वर्कर लोगों तक सिर्फ सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को नहीं पहुंचाएंगी। शासन ने इनकी जिम्मेदारी बढ़ा दी एसएमओ प्रमोशन क्या है है। अब तक सामुदायिक स्वास्थ्य प्रेरक के रूप में कार्य करने वाली आशा वर्कर अब हेल्थ प्रमोशन का भी काम करेंगी। स्वास्थ्य विभाग इन्हें हर माह हेल्थ प्रमोशन दिवस आयोजित कराने की जिम्मेदारी देने जा रहा है। खास बात यह है कि इसके लिए हर माह प्रति आशा वर्कर को 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इसको लेकर परिवार कल्याण की महानिदेशक डॉ। नीना गुप्ता ने बनारस समेत प्रदेश के सभी सीएमओ को निर्देश जारी किया है।
महानिदेशक के मुताबिक हेल्थ प्रमोशन दिवस के लिए हर माह अलग-अलग थीम निर्धारित होगी। एक से छह माह तक आयोजित होने वाला कार्यक्रम सातवें माह से दोहराया जाएगा। हर माह कार्यक्रम के जरिये स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में समुदाय को बताया जाएगा। हर माह होने वाले कार्यक्रम का मकसद ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति के सदस्यों व स्वयं सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त कर इन्हें मजबूत करना भी है।
इस कार्यक्रम के जरिए आशा वर्कर खुले में शौच करने से फैलने वाली बीमारियों आदि के बारे में बताने के साथ ही शौचालय के उपयोग के लिए प्रेरित करने का काम करेंगी। इसी क्रम में गांव में सामूहिक साफ-सफाई के लिए विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी।
गर्भवतियों पर भी फोकस
मातृ स्वास्थ्य दिवस पर गर्भवती महिलाओं का समय पर रजिस्ट्रेशन, प्रसव पूर्व समस्त जांच समय से कराने पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव और बच्चे के जन्म से पहले स्तनपान के फायदे बताने का भी काम आशा वर्कर करेंगी। इसके अलावा किशोर-किशोरी दिवस पर किशोरावस्था में होने वाले मनोवैज्ञानिक और व्यवहार सम्बन्धी शारीरिक बदलावों के बारे में बताया जाएगा।
बीमारियों से हो सकेंगे दूर
अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने और स्वास्थ्य विभाग की उपलब्ध सेवाओं के बारे में समुदाय को जागरूक करने में आशा वर्करों की अहम भूमिका होती है। इस तरह के आयोजनों के जरिये लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर उन्हें कई तरह की बीमारियों से दूर रखा जा सकता है। आशा वर्कर पूरी ऊर्जा के साथ इस कार्य को करें, इसके लिए प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि आशा वर्कर द्वारा समुदाय को इन गतिविधियों के लिए प्रेरित करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवहारों में परिवर्तन आएगा।
1-खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ)
4-मातृ स्वास्थ्य दिवस
5-किशोर-किशोरी स्वास्थ्य दिवस
6-स्वस्थ जीवन शैली प्रोत्साहन दिवस
आशा वर्करों को यह जिम्मेदारी देने के लिए परिवार कल्याण निदेशालय से निर्देश मिला है। योजना के तहत प्रति आशा वर्कर को 200 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है।
अब आशा पर हेल्थ प्रमोशन की भी जिम्मेदारी
अब आशा वर्कर लोगों तक सिर्फ सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को नहीं पहुंचाएंगी। शासन ने इनकी जिम्मेदारी बढ़ा दी है। अब तक सामुदायिक स्वास्थ्य प्रेरक के रूप में कार्य करने वाली आशा वर्कर अब हेल्थ प्रमोशन एसएमओ प्रमोशन क्या है का भी काम करेंगी। स्वास्थ्य विभाग इन्हें हर माह हेल्थ प्रमोशन दिवस आयोजित कराने की जिम्मेदारी देने जा रहा है। खास बात यह है कि इसके लिए हर माह प्रति आशा वर्कर को 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इसको लेकर परिवार कल्याण की महानिदेशक डॉ। नीना गुप्ता ने बनारस समेत प्रदेश के सभी सीएमओ को निर्देश जारी किया है।
महानिदेशक के मुताबिक हेल्थ प्रमोशन दिवस के लिए हर माह अलग-अलग थीम निर्धारित होगी। एक से छह माह तक आयोजित होने वाला कार्यक्रम सातवें माह से दोहराया जाएगा। हर माह कार्यक्रम के जरिये स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में समुदाय को बताया जाएगा। हर माह होने वाले कार्यक्रम का मकसद ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति के सदस्यों व स्वयं सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त कर इन्हें मजबूत करना भी है।
इस कार्यक्रम के जरिए आशा वर्कर खुले में शौच करने से फैलने वाली बीमारियों आदि के बारे में बताने के साथ ही शौचालय के उपयोग के लिए प्रेरित करने का काम करेंगी। इसी क्रम में गांव में सामूहिक साफ-सफाई के लिए विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी।
गर्भवतियों पर भी फोकस
मातृ स्वास्थ्य दिवस पर गर्भवती महिलाओं का समय पर रजिस्ट्रेशन, प्रसव पूर्व समस्त जांच समय से कराने पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव और बच्चे के जन्म से पहले स्तनपान के फायदे बताने का भी काम आशा वर्कर करेंगी। इसके अलावा किशोर-किशोरी दिवस पर किशोरावस्था में होने वाले मनोवैज्ञानिक और व्यवहार सम्बन्धी शारीरिक बदलावों के बारे में बताया जाएगा।
बीमारियों से हो सकेंगे दूर
अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने और स्वास्थ्य विभाग की उपलब्ध सेवाओं के बारे में समुदाय को जागरूक करने में आशा वर्करों की अहम भूमिका होती है। इस तरह के आयोजनों के जरिये लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर उन्हें कई तरह की बीमारियों से दूर रखा जा सकता है। आशा वर्कर पूरी ऊर्जा के साथ इस कार्य को करें, इसके लिए प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि आशा वर्कर द्वारा समुदाय को इन गतिविधियों के लिए प्रेरित करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवहारों में एसएमओ प्रमोशन क्या है परिवर्तन आएगा।
1-खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ)
4-मातृ स्वास्थ्य दिवस
5-किशोर-किशोरी स्वास्थ्य दिवस
6-स्वस्थ जीवन शैली प्रोत्साहन दिवस
आशा वर्करों को यह जिम्मेदारी देने के लिए परिवार कल्याण निदेशालय से निर्देश मिला है। योजना के तहत प्रति आशा वर्कर को 200 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है।
EOW के केस से मेरे प्रमोशन का क्या कनेक्शन
नीमच। नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने खुद के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि ईओडब्ल्यू में जो केस चल रहा है, उसका मेरे प्रमोशन से कोई लेना-देना नहीं है.
सीएमओ सविता प्रधान की तरफ से जारी संदेश में बताया गया कि मंडला में भारतीय जनशक्ति पार्टी के नेता रहे अनिल जैन नामक शख्स ने व्यक्तिगत द्वेष के कारण ये आरोप लगाए हैं. क्योंकि जब वे मंडला में पदस्थ थीं, तब उन्होंने अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई चलाई थी. जिसका भारतीय जनशक्ति पार्टी के नेता अनिल जैन ने कड़ा विरोध किया था और सीएमओ के चेंबर में घुसकर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई थी. उस दौरान तत्कालीन सीएमओ सविता प्रधान ने अनिल जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी, जिसके चलते शिकायतकर्ता को जेल जाना पड़ा था.
मंडला नगर पालिका में तत्कालीन सीएमओ सविता प्रधान के कार्यकाल में प्रशासन की एक कमेटी ने दुकानों का आवंटन किया था. जिसमें एसडीएम, एडीएम समेत तमाम अधिकारी शामिल थे. जिसमें गड़बड़ियों को लेकर अनिल जैन ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन व्यक्तिगत रंजिश के चलते सविता प्रधान को टारगेट बनाया गया.
RAS से IAS में प्रमोशन के लिए कार्मिक विभाग ने नाम भेजे, इन RAS ऑफिसर का प्रमोशन तय
प्रमोशन के लिए तीन गुणा अधिकारियों के नाम मांगे जाते हैं. जिसके लिए कार्मिक विभाग ने 1996 बैच के 15 अधिकारियों के नाम भिजवा दिए हैं.
7
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Jaipur: राजस्थान प्रशासनिक सेवा (Rajasthan Administrative Service) से भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) में प्रमोशन (Promotion) के लिए कार्मिक विभाग ने अधिकारियों के नाम सीएमओ (CMO)भेज दिए हैं. जहां से सीएम की मंजूरी के बाद इन्हें यूपीएससी (UPSC) भेजा जाएगा.
बोर्ड बैठक में इनके प्रमोशन पर मुहर लगेगी. आईएएस में प्रमोशन के लिए 2021-22 में 5 पद है. प्रमोशन के लिए तीन गुणा अधिकारियों के नाम मांगे जाते हैं. जिसके लिए कार्मिक विभाग ने 1996 बैच के 15 अधिकारियों के नाम भिजवा दिए हैं.
इन आरएएस के भेजे गए नाम
पुखराज सैन
श्रुति भारद्वाज
अरूण कुमार पुरोहित
मुकुल शर्मा
अजय सिंह राठौड़
प्रियंका गोस्वामी
जगजीत सिंह मोंगा
रामनिवास मेहता
अरूण गर्ग
राजेंद्र सिंह
राजेंद्र कुमार वर्मा
संचिता विश्नोई
हर्ष सावन सुखा
आशुतोष गुप्ता
भंवर सिंह संधू
इनका आईएएस बनना तय
पुखराज सैन
श्रुति भारद्वाज
अरूण कुमार पुरोहित
मुकुल शर्मा
अजय सिंह राठौड़
इन आरएएस का आईएएस के पद पर प्रमोशन तय माना जा रहा है. हालांकि वरिष्ठता में इनसे ऊपर भी 6 आरएएस अधिकारी है, लेकिन वो सब इस साल या अगले साल रिटायर हो रहे हैं. इसलिए उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा.
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