दूसरी तरफ इन नोटों और सिक्कों को बैंक तक पहुंचाना भी एक खर्चीला प्रॉसेस होता है. इस पूरी प्रक्रिया में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अच्छी रकम खर्च करनी होती है. डिजिटल रुपये के साथ इस तरह की कोई समस्या नहीं होगी.

प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण: बिना टेस्ट के ऐसे समझें, आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं

डेली अपडेट्स

भारत डिजिटल लेन-देन में भारी वृद्धि का साक्षी बन रहा है जहाँ वर्ष 2022 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेन-देन की मात्रा और मूल्य में 118% की वृद्धि दर्ज की गई। पारदर्शी और कुशल तकनीक पर आधारित भारत का ‘डिजिटल रुपया’ (Digital rupee) ग्राहकों को भुगतान प्रणाली तक निरंतर पहुँच प्रदान करेगा।

  • भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को अपना सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया या ई-रुपया (e-rupee) लॉन्च किया। यह नकदी का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है और मुख्य रूप से खुदरा लेन-देन पर लक्षित होगा। पायलट योजना आरंभ में चार शहरों—मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को दायरे में लेगी।
  • इस प्रसंग में यह समझना महत्त्वपूर्ण होगा कि CBDCs क्या हैं, वे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) और यूपीआई (UPI) लेन-देन से कैसे अलग हैं तथा इससे संबद्ध सुरक्षा संबंधी चिंताएँ क्या हैं।

CBDC या ई-रुपया

  • यह RBI द्वारा डिजिटल रूप में जारी वैध मुद्रा या लीगल टेंडर है। यह ‘फिएट करेंसी’ (Fiat currency) के समान है और फिएट करेंसी के साथ परस्पर विनिमेय है।
  • ई-रुपया (E-rupee) केंद्रीय बैंक पर दावे का प्रतिनिधित्व करने वाले डिजिटल टोकन के रूप में होगा और बैंक नोट के डिजिटल समतुल्य के रूप में प्रभावी रूप से कार्य करेगा जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक धारक से दूसरे धारक को स्थानांतरित किया जा सकता है।
  • डिजिटल रुपए के उपयोग और इसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के आधार पर, साथ ही पहुँच के विभिन्न स्तरों पर विचार करते हुए, RBI ने डिजिटल रुपए को दो श्रेणियों में विभाजित किया है:
    • खुदरा ई-रुपया (Retail E-rupee): यह मुख्य रूप से खुदरा लेन-देन के लिये नकदी का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है, जिसका संभावित रूप से करेंसी एक्स्प्लोरर लगभग सभी व्यक्तियों द्वारा उपयोग किया जा सकता है और यह भुगतान एवं निपटान के लिये सुरक्षित धन तक पहुँच प्रदान कर सकता है।
    • थोक CBDC (Wholesale CBDC): इसे चुनिंदा करेंसी एक्स्प्लोरर वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुँच के लिये डिज़ाइन किया गया है।
      • सरकारी प्रतिभूतियों (G-Sec) और इंटरबैंक लेन-देन से जुड़े वित्तीय लेन-देन को इस तकनीक के माध्यम से रूपांतरित किया जा सकता है।
      • यह परिचालन लागत, संपार्श्विक के उपयोग और तरलता प्रबंधन के संदर्भ में पूंजी बाज़ार को अधिक कुशल एवं सुरक्षित भी बनाता है।

      ई-रुपए के लाभ

      • डॉलर पर निर्भरता कम करना: भारत अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ व्यापार के लिये डिजिटल रुपए को एक अधिभावी मुद्रा (Superior Currency) के रूप में स्थापित कर सकता है, जिससे डॉलर पर उसकी निर्भरता कम हो सकती है।
        • यह प्रगति एक ऐसे समय हो रही है जब भारत पहले से ही रूस, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के साथ भारतीय रुपए में व्यापार के निपटारे के लिये वार्तारत है।
        • क्रिप्टो के विपरीत, ई-रुपया विनियमित मध्यस्थता (Regulated Intermediation) एवं नियंत्रण व्यवस्था से लैस है जो मौद्रिक एवं वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता और स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
        • इससे विदेशों में कार्यरत भारतीयों के लिये घर पैसा भेजना आसान और सस्ता हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप विश्व में विप्रेषण (Emittances) के शीर्ष प्राप्तकर्ता देश भारत के लिये बड़ी बचत होगी।

        आगे की राह

        • सुरक्षित डिजिटल वातावरण: व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन से बचने के लिये भारत की विनियामक प्रणालियों को डेटा गोपनीयता के उभरते जोखिमों को समझना होगा और बैंकिंग संस्थानों को उचित सुरक्षा एवं रोधी उपायों के कार्यान्वयन के लिये मार्गदर्शन प्रदान करना होगा।
        • सख्त केवाईसी मानदंड: डिजिटल रुपया एक वरदान सिद्ध हो सकता है, लेकिन आतंकवाद के वित्तपोषण या मनी लॉन्ड्रिंग हेतु डिजिटल मुद्रा के उपयोग को रोकने के लिये ‘अपने ग्राहक को जानो’ (Know Your Customer- KYC) मानदंडों के सख्त़ अनुपालन को लागू करने की आवश्यकता है।
          • इसके साथ ही, भारत के अभी भी विशाल ‘डिजिटल डिवाइड’ को देखते हुए, ऑफ़लाइन उपयोग के लिये भी एक प्रोटोकॉल तैयार किया जाना चाहिये।

          अभ्यास प्रश्न: भारतीय संदर्भ में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की क्या प्रासंगिकता है? इसके कार्यान्वयन से संलग्न प्रमुख चुनौतियों की भी चर्चा करें।

          क्या खरीद पाएंगे Digital Rupee, कैसे खर्च कर पाएंगे, किस ऐप से होगा इस्तेमाल? जानें जवाब

          Digital Rupee कहां से मिलेगी और आप कैसे खर्च पाएंगे?

          अभिषेक मिश्रा

          • नई दिल्ली,
          • 01 दिसंबर 2022,
          • (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)

          1 दिसंबर यानी आज से डिजिटल इंडिया के एक नए दौर की शुरुआत हो रही है. साइबर वर्ल्ड में आपने बहुत कुछ डिजिटल देखा होगा, लेकिन आज से RBI रुपये का भी डिजिटल रूप यानी Digital Rupee ला रहा है. हालांकि, इसे अभी पायलेट प्रोजेक्ट करेंसी एक्स्प्लोरर की तहत लॉन्च किया गया है, लेकिन इसे लेकर लोगों में मन में बहुत से सवाल हैं.

          कोई इसे UPI पेमेंट समझ रहा है, तो कोई इसकी तुलना क्रिप्टोकरेंसी से कर रहा है. हालांकि, डिजिटल रुपया इन दोनों से काफी अलग है, लेकिन इन सब में कई समानताएं भी हैं, जो लोगों को कन्फ्यूज कर रही हैं.

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          क्या है डिजिटल रुपया?

          सबसे पहले तो हमें ये समझना होगा कि डिजिटल रुपया क्या है? डिजिटल रुपया आपके कैश का ही डिजिटल अवतार है. यानी जिस तरह से आप आज कैश पैसे को खर्च कर रहे हैं, उसी तरह से आप डिजिटल रुपये को भी खर्च कर सकेंगे. फिलहाल आरबीआई ने इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया करेंसी एक्स्प्लोरर है.

          UPI या डिजिटल पेमेंट से कितना अलग है?

          आज के दौर में आप जो UPI पेमेंट करते हैं, ये सभी ट्रांजेक्शन डिजिटल रूप में भले ही होते हो, लेकिन सारा लेन देन कैश का ही. यानी आपने जो पेमेंट की है उसका तरीका सिर्फ डिजिटल था, लेकिन भुगतान कैश में ही हुआ है. अगर RBI इस पायलेट प्रोजेक्ट को पूरी तरह से लागू करता है, तो ये आने वाले वक्त में कैश ट्रांजेक्शन को रिप्लेस कर सकेगा.

          इसे कैसे खरीद सकते हैं?

          आप इसे खरीद नहीं सकते हैं. यानी डिजिटल रुपया (Digital Rupee) कोई चीज या क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, जिसे आप खरीद सकते हैं. ये अपने आप में एक करेंसी है और सिर्फ इसका स्वरूप बदला हुआ है. आसान भाषा में कहें तो क्या आप रुपये को खरीदते हैं? नहीं ना, तो फिर आप डिजिटल रुपये को कैसे खरीद सकते हैं.करेंसी एक्स्प्लोरर

          भारत में क्रिप्टोकरेंसी बैन करने की तैयारी, इन देशों में डिजिटल करेंसी से कर सकते हैं खरीदारी

           क्रिप्टोकरंसी को लेकर केन्द्र सरकार सख्त

          • News18Hindi
          • Last Updated : February 10, 2021, 14:35 IST

          नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को साफ किया कि एक उच्च-स्तरीय कमेटी ने सभी वर्चुअल करेंसी को भारत में बैन करने का सुझाव दिया है. हालांकि, किसी सरकार द्वारा जारी की गई वर्चुअल करेंसी पर कोई बैन नहीं लगाया जाएगा. वित्त मंत्री ने सरकार के रुख पर दोबारा जोर देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी या लीगल टेंडर या कॉइन का दर्जा नहीं दिया जाएगा. इन क्रिप्टो एसेट्रस को अवैध गतिविधियों व पेमेंट सिस्टम से खत्म करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार तत्परता से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की संभावनाओं को एक्सप्लोर कर रही ताकि डिजिटल इकोनॉमी को एक नया मुकाम तक पहुंचाया जाए.’


          पीरियड का मिस होना

          अगर आप बच्चे पैदा करने की उम्र में हैं तो एक हफ्ते या इससे ज्यादा दिन तक पीरियड नहीं हुआ है तो इसकी वजह प्रेग्नेंसी हो सकती है। हालांकि पीरियड मिस होने की कई और भी वजहें होती हैं। स्ट्रेस या हॉरमोन्स में उतार-चढ़ाव भी पीरियड मिस होने की वजह हो सकती है।

          पीरियड मिस होने के साथ अगर आपको टॉइलट सामान्य की अपेक्षा ज्यादा बार जाना पड़ रहा है तो ये लक्षण भी प्रेग्नेंसी की ओर इशारा है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर का खून बढ़ने से ब्लैडर में ज्यादा मात्रा में फ्लूइड इकट्ठा होता है।


          ब्रेस्ट में हल्का दर्द या भारीपन

          प्रेग्नेंसी की जब शुरुआत होती है तो हॉरमोन्स में बदलाव की वजह से ब्रेस्ट में भारीपन या हल्का दर्द महसूस हो सकता है। हॉरमोन्स के अडजस्ट होते ही कुछ हफ्तों में यह दिक्कत ठीक हो जाती है।

          सुबह उठते ही, दिन के किसी भी वक्त या रात में जी मिचलाना या उल्टी आना भी प्रेग्नेंसी का लक्षण है। ज्यादातर यह लक्षण प्रेग्नेंसी के पहले महीने में दिखता है।


          हल्का बुखार होना

          शरीर में बाहर से कुछ भी आता है तो इसका रिऐक्शन होता है। शरीर का तापमान बढ़ना भी एक तरह का ऐसा ही रिऐक्शन है। प्रेग्नेंसी होने पर आपको हल्की हरारत महसूस हो सकती है। फीवर आने की एक और वजह यह भी हो सकती है कि प्रेग्नेंट होने पर शरीर की इम्यूनिटी घट जाती है। ऐसा इसलिए होता है ताकि आपका प्रतिरक्षा तंत्र भ्रूण को खतरा समझकर उसे रिजेक्ट न करने लगे। इसलिए इस वक्त दूसरे इन्फेक्शंस की वजह से बुखार आ सकता है।

          कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआत में गर्भाशय में हल्का दर्द भी महसूस होता है। वहीं हॉरमोन्स में बदलाव होने की वजह से दस्त या कब्ज की शिकायत हो सकती है।


          टेस्ट और स्मेल में बदलाव


          प्रेग्नेंसी के दौरान खाने की कुछ चीजों की महक आपको बुरी लग सकती है। वहीं कुछ चीजें जो आपको पहले पसंद थीं उनका टेस्ट बुरा लग सकता है।


          नोट: यहां बताए ज्यादातर लक्षणों की वजह प्रेग्नेंसी हो ये जरूरी नहीं। कई और वजहों से भी शरीर में ऐसे बदलाव दिख सकते हैं। आप बच्चे पैदा करने की उम्र में हैं और फैमिली प्लानिंग की है तो इन लक्षणों से हिंट ले सकती हैं।।

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