Demat Account: जानें कितनी तरह के होते हैं डीमैट अकाउंट, शेयर बाजार में करनी है एंट्री तो खुलवाना होगा खाता

Demat Account Opening: भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले डीमैट खाता खुलवाना होगा. लिहाजा यहां पर आपको डीमैट खातों के टाइप के बारे में जानकारी दी जा रही है.

By: ABP Live | Updated at : 01 Dec 2021 12:03 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

डीमैट खाते के प्रकार

Demat Account: घरेलू शेयर बाजार में इस साल काफी अच्छी तेजी दर्ज की गई है, हाल फिलहाल की बात करें तो शेयर बाजार में बीते हफ्ते भारी गिरावट आई लेकिन आज स्टॉक मार्केट में जोरदार बढ़त देखी जा रही है. साल 2021 की तेजी ने ऐसे निवेशकों का ध्यान भी शेयर बाजार की तरफ खींचा है जो शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने से ये कहकर बचते हैं कि 'शेयर बाजार में पैसा लगाना अपने बस की बात नहीं'. इसीलिए हम आपको ये बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना इतना भी मुश्किल नहीं है और थोड़ी रिसर्च और एक्सपर्ट्स की राय लेकर आप इसमें निवेश डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं के लिए एंट्री कर सकते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए आपको डीमैट खाते की जरूरत पड़ेगी. यहां हम आपको डीमैट खाते के बारे में अहम जानकारी दे रहे हैं

डीमैट खातों को देखे तो ये 3 तरह के होते हैं और इन्हें इंवेस्टर्स की प्रोफाइल के हिसाब से तैयार किया जाता हैं. डीमैट खातों का मैनेजमेंट आपकी ब्रोकिंग फर्म ही करेगी. इन तीन तरह के डीमैट खातों का नाम जानें-

रेगुलर डीमैट खाता
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट

रेगुलर डीमैट खाता
अगर आप स्टॉक मार्केट में नई एंट्री करते हैं तो आपका रेगुलर डीमैट खाता बनाया जाता है जिसमें कोई भी इंडियन इंवेस्टर या ट्रेडर देश में ही रहकर शेयरों की खरीद-फरोख्त कर सकता है. आप ये रजिस्टर्ड ब्रोकर या ब्रोकिंग फर्म के पास खुलवा सकते हैं और किसी भी डिपॉजिट्री (NSDL/CDSL) में खुलवा सकते हैं.

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रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
एनआरआई (NRI) के लिए रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account) होता है. इसके जरिए वो इंडियन स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं और पैसा भी विदेश ट्रांसफर कर सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए उनके पास NRE अकाउंट होना चाहिए. इस अकाउंट में ज्वॉइंट होल्डर के साथ भी फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, बशर्ते वो ज्वाइंट होल्डर भारतीय सिटीजन हो. रिपाट्राइबल डीमैट खाता खुलवाने के प्रोसेस में एनआरआई को पासपोर्ट साइज फोटो, पासपोर्ट की कॉपी, अपना PAN कार्ड, विदेश में जहां रह रहे हैं वहां का एड्रेस और वीजा के डॉक्यूमेंट लगेंगे. इसके अलावा FEMA डिक्लियरेशन और एनआरई या एनआरओ खाते का कैंसिल्ड चेक भी देना पड़ेगा.

नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट
ये नॉन-रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Non-Repatriable Demat account) भी नॉन रेजीडेंट इंडियंस यानी एनआरआई के लिए होता है लेकिन इस अकाउंट के जरिए आप विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं. जिनकी इनकम भारत और विदेश दोनों में होती है ये अकाउंट उनके लिए होता है.

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Published at : 01 Dec 2021 12:03 PM (IST) Tags: Stock Market demat account Regular Demat Account Non-Repatriable Demat account Repatriable Demat account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

डीमैट अकाउंट क्या है, इसके प्रकार और Demat Account खोलने की प्रक्रिया 2022

जब कुछ साल पहले आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते थे, तो वो कंपनी आपको उन शेयर से जुड़े कुछ कागज़ात भेजती थी। वो कागज़ इस बात का सबूत होते थे की आपने उस कंपनी में निवेश किया है, कंपनी में शेयर खरीद रखें है पर Demat Account के आगमन के बाद से सब बदल सा गया है।

अब किसी भी कंपनी में शेयर खरीदने के बाद यानि किसी कंपनी में निवेश करने पर आपको जो सर्टिफिकेट और आपके शेयर की जानकारी इसी डीमैट अकाउंट के द्वारा दी जाती है। आप अपने मोबाइल में डीमैट अकाउंट लॉगिन करके ऑनलाइन सारी जानकारी देख सकते हैं। आइये जानते हैं, इसकी पूरी जानकरी विस्तार से.

आखिर ये डीमैट अकाउंट क्या है और ये इतना जरुरी क्यूँ है ?

जब कोई पहली बार बॉन्ड, स्टॉक, शेयर या सम्बंधित अन्य चीजों में निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो उनके सामने एक नया शब्द आता है Demat Account. डीमैट से आपके सारे दस्तावेज सुरक्षित रहते हैं, आप ट्रेडिंग से जुड़े धोखाधड़ी के नुकसान से भी राहत मिलती है इससे आप आसानी से लोन भी ले सकते हैं और ऑनलाइन ट्रेडिंग से समय की काफी बचत होती है। आप आसानी से शेयर्स को ट्रैक कर सकते हैं। यदि आप भी शेयर बाजार की यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो आज ही अपना डीमैट खाता खोलें।

डीमैट खाता का अर्थ क्या है या यह आपकी सहायता कैसे कर सकता है। डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं इस बारे में तो इस पोस्ट में चर्चा आगे करेंगे, उससे पहले कुछ महत्वपूर्ण बाते आपको जान लेनी चाहिए ।

डीमैट अकाउंट क्या है ?

शेयर खरीदने, बेचने और शेयर की जानकारी रखने के लिए जिस प्लेटफार्म की आवश्यकता होती है उसे डीमैट अकाउंट ( Demat Account ) कहते हैं।

डीमैट अकाउंट यानि डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट एक प्रकार का अकाउंट है जो किसी निवेशक के पास शेयर और सिक्योरिटीज़ की संख्या रिकॉर्ड करता है। सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा यह अनिवार्य है कि शेयर ट्रांज़ैक्शन ( शेयर की खरीद – बिक्री ) से पहले आपके पास एक डीमैट अकाउंट हो। डीमैट अकाउंट में कुछ न्यूनतम शुल्क जैसे डीमैट ओपनिंग फीस, वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क (एएमसी), कस्टोडियन फीस और ट्रांज़ैक्शन शुल्क शामिल हैं।

अकाउंट धारक डिपॉजिटरी प्रतिभागी के मध्यस्थता के साथ डीमैट अकाउंट का संचालन करता है। डिपॉजिटरी के कामकाज, रेगुलेशन और निरीक्षण को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।

10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।

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