स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

How to Find Book Value of Company in Hindi

Trading और investing के बीच क्या अंतर है ?

अच्छे से जानकरी नहीं होने से कुछ लोग ऐसे जगह पर पैसे लगा देते है जहाँ से return कम प्राप्त होता है.

ऐसे भी होता है की उनका फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हो जाता है.

इसलिए आपको इसमें जानकारी मिलेगी की Investing और Trading में क्या अंतर है.

इससे आप समझ जायेगें की Share Market में “Trading” करे या “Invest”, Investing और Trading में क्या अंतर है ? Investment अच्छा होता है की ट्रेडिंग. ज्यादा पैसा invest करने में है या trading करने में.

मार्केट में दो तरह के लोग होते हैं इनमे से जो लोग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें ट्रेडर कहते हैं. और जो Investing करते हैं उन्हें Investor कहते हैं.

अब इन सभी के बारे में आगे जानेंगे.

ट्रेडिंग क्या होता है ?

What is Trading meaning in Hindi?

Trading का मतलब व्यापार होता है. किसी चीज को खरीद/बिक्री किया जाने वाला प्रक्रिया ब्यापार होता है.

इसी प्रकार शेयर मार्केट में शेयर की खरीद बिक्री की जाती है.

Trading में शेयर्स को ज्यादा समय तक रखने के वजाए जल्द खरीदा और बेचा जाता है.

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग ३ प्रकार की होती है.

Intraday Trading:- इसमें same day trading होता है.

Swing Trading:- इसमें कई दिनों , हफ्तों या फिर कुछ महीनो तक में ट्रेडिंग कर सकते है.

Scalper Trading:- इसमें कुछ मिनटों में ट्रेडिंग होती है.

इन्वेस्टिंग क्या होता है ?

What is Investing meaning in Hindi?

Investing में long term के लिए पैसे को लगाया जाता है.

यानि एक लम्बे समय तक अपने पैसे को स्टॉक मार्केट , बैंक , व्‍यापार आदि में लगाना investing कहलाता है.

Investing में शेयर्स खरीदकर लम्बे समय तक होल्ड कर दिया जाता है. यह demat account में रहता है.

कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है?

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

बुक वैल्यू का शेयर बाज़ार में महत्त्व – Importance of Book Value in Stock Market in Hindi

  • बुक वैल्यू (Book Value) मूल्य निवेश रणनीति का उपयोग करने टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? वाले निवेशकों के लिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें यह शेयर बाज़ार में बेनिफिट वाले शेयर खोजने में सक्षम बनाता है।
  • बुक वैल्यू से (Book Value) यह पता किया जाता है कि अगर कंपनी अपने सभी देनदारी चुका दे और कंपनी के ऐसेट (Assets) बेचे जाये तो किसी कंपनी की क्या कीमत होगी।

बुक वैल्यू और फेस वैल्यू में अंतर – What is Difference Between Book Value and Face Value in Hindi

  • कंपनी के अवशिष्ट मूल्य को बुक वैल्यू (Book Value) दर्शाता है और बुक वैल्यू से यह पता चलता है। यदि कोई कंपनी किसी परिस्थिति में बंद हो जाए। तो कंपनी के शेयरहोल्डर्स को कितनी राशि प्राप्त होगी।
  • फेस वैल्यू (Face Value) किसी कंपनी के शेयर का नाममात्र मूल्य होता है। जो तय रहता है इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। लेकिन बुक वैल्यू का मूल्य नियमित रूप से बदलते रहता है।
  • शेयर मार्केट (Share Market) में होने वाले परिवर्तन यानी कि प्राइस में होने वाले उतार-चढ़ाव किसी भी कंपनी के बुक वैल्यू (Book Value) को प्रभावित कर सकते हैं।
  • फेस वैल्यू (Face Value) का उपयोग इसलिए किया जाता है कि इक्विटी और बॉन्ड पर कितना ब्याज देना है। शेयर बाज़ार में गिरावट या वृद्धि के कारण कंपनी के फेस मूल्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

अंतिम शब्द

दोस्तों हमने इस आर्टिकल में आपको बताया कि बुक ओके वैल्यू क्या होता है (What Is Book value of Share in Hindi) बुक वैल्यू और फेस वैल्यू में क्या अंतर है हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।

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Trading और Investing के बीच क्या अंतर है?

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Trading और Investing किसे कहते है और Difference Between Trading and Investing in Hindi की Trading और Investing में क्या अंतर है?

शेयर बाजार के दो खंड होते हैं, प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार। द्वितीयक बाजार में, मूल रूप से जारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री होती है। द्वितीयक बाजार के प्रतिभागियों को व्यापारियों, निवेशकों और सट्टेबाजों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

Trading और Investing के बीच सीमांकन की एक पतली रेखा होती है जो पैसा खर्च करते समय प्रतिभागी के इरादे में निहित होती है, यानी एक निवेशक अच्छे रिटर्न को ध्यान में रखकर एक निश्चित दृष्टिकोण के साथ पैसा निवेश करता है।दूसरी ओर, व्यापारियों टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? द्वारा पैसा कमाने के उद्देश्य से व्यापार किया जाता है।

Trading और Investing में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको हम Difference टेबल के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम Trading और Investing किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।

Difference Between Trading and Investing in Hindi

अभी तक ऊपर हमने जाना की Trading और Investing किसे कहते है अगर आपने ऊपर दी गयी सारी चीजे ध्यान से पढ़ी है तो आपको Trading और Investing के बीच क्या अंतर है इसके बारे में अच्छे से पता चल गया होगा।

अगर आपको अब भी Trading और Investing क्या होता है और इसमें क्या अंतर है इसको समझने में में कोई कन्फ़्युशन है तो अब हम आपको इनके बीच के कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे बताने जा रहे है।

BASIS FOR COMPARISON TRADING INVESTING
Meaning ट्रेडिंग, एक मूल्य के लिए स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से दो पक्षों के बीच वित्तीय साधनों की खरीद और बिक्री को संदर्भित करता है। निवेश का तात्पर्य किसी योजना, परियोजना, नीति या योजना के लिए धन आवंटित करना है, जो भविष्य में रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम है।
Term Short to Medium term Medium to Long term
Tool Technical Analysis Fundamental Analysis
Related to Day to day market trend Long term profitability potential
Risk involved High Comparatively low
Time to spent Regular continuous tracking of stock is required. Active watch on the investment is required.
Taxation Short term capital gain Not taxable, subject to the investment is held for more than a year.

ट्रेडिंग और निवेश के बीच महत्वपूर्ण अंतर

जहां तक ट्रेडिंग और निवेश के बीच अंतर का संबंध है, नीचे दिए गए बिंदु पर्याप्त हैं:

  • ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सुगम वित्तीय उत्पाद के हस्तांतरण की एक प्रणाली का संकेत देती है जिसमें विक्रेता खरीदार को एक मूल्य के लिए स्टॉक ट्रांसफर करता है, जिस पर पार्टियों द्वारा सहमति व्यक्त की जाती है। इसके विपरीत, निवेश का तात्पर्य समय के साथ धन को विकसित करने के लिए विभिन्न निवेश मार्गों पर काम करने के लिए धन को रखने के कार्य से है।
  • व्यापारिक उद्देश्य के लिए प्रतिभूति धारण करने की समय सीमा अल्पावधि है। दूसरी ओर, जब किसी परियोजना में पैसा लगाया जाता है, तो परिसंपत्ति को धारण करने की समय सीमा ट्रेडिंग के मामले में तुलनात्मक रूप से लंबी होती है।
  • ट्रेडिंग में, ट्रेडर ट्रेडिंग गतिविधि के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों द्वारा प्रतिभूतियों का विश्लेषण करने और भविष्य में उनके रुझानों का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक तकनीकी विश्लेषण करता है। के रूप में, निवेश में निवेशक को परियोजना, योजना या उत्पाद का विश्लेषण करने के लिए, इसके आंतरिक मूल्य का अनुमान लगाने के लिए मौलिक विश्लेषण करना पड़ता है।
  • व्यापार और निवेश दोनों बाजार के भविष्य के रुझानों पर निर्भर करते हैं, और भविष्य अनिश्चित है। हालांकि, निवेश की तुलना में ट्रेडिंग के मामले में जोखिम कारक अधिक है।
  • जब ट्रेडिंग की बात आती है, तो नुकसान को रोकने के लिए स्टॉक की नियमित निरंतर ट्रैकिंग की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, निवेश के लिए निवेशक द्वारा सक्रिय निगरानी की टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है? आवश्यकता होती है, ताकि बाजार में तेजी आने पर लाभ अर्जित किया जा सके।
  • ट्रेडिंग शेयरों की बिक्री पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ को आकर्षित करती है जिस पर कर @ 15% लागू होता है। इसके विपरीत, यदि निवेशक द्वारा निवेश को एक वर्ष से अधिक समय तक रखा जाता है, तो यह कर योग्य नहीं है। अन्यथा, यह कर योग्य है।
  • ट्रेडिंग बाजार में दिन-प्रतिदिन के रुझानों के बारे में अधिक है, जबकि निवेश योजना या योजना की दीर्घकालिक लाभप्रदता क्षमता से संबंधित है।

Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

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Image credit: freepik

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
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