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डीमैट खाता कैसे खोलें?

ऑनलाइन डीमैट खाता खोलते समय आपके पास निम्नलिखित दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी होनी चाहिए:

  • पहचान प्रमाण (पैन कार्ड अनिवार्य)
  • पता प्रमाण (आधार, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, आदि)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • आय प्रमाण (नवीनतम छह महीने का बैंक स्टेटमेंट, नवीनतम आईटीआर (ITR) कॉपी, तीन महीने की वेतन पर्ची)

डीमैट खाता ऑफलाइन कैसे खोलें?

  • केवाईसी (KYC) फॉर्म डाउनलोड करें।
  • एक प्रिंटआउट लें और सभी विवरण भरें।
  • अगर आपको खाता खोलने का फॉर्म भरने में मदद चाहिए तो आप हमें (+91 8061575500, +91 8045490850) पर कॉल कर सकते हैं।
  • खाता खोलने के दस्तावेजों की एक स्व-सत्यापित प्रति संलग्न करें।
  • केवाईसी (KYC) फॉर्म पर हस्ताक्षर करें और हार्ड कॉपी अलाइस ब्लू कॉर्पोरेट कार्यालय के पते पर भेजें।

डीमैट खाता खोलने का शुल्क

  • खाता खोलने का शुल्क: ₹ मिनट के लिए ट्रेडिंग 0/-
  • एएमसी (AMC) शुल्क: ₹400/- प्रति वर्ष।

एक बार जब आप खाता खोल लेते हैं तो आप शेयर खरीद सकेंगे लेकिन शेयरों को बेचने के लिए आपको पावर ऑफ अटॉर्नी ( POA) नामक एक दस्तावेज जमा करना होगा।

यह क्या है? जानने के लिए पढ़ते रहिये…

खाता खोलने की प्रक्रिया के बाद क्या करे?

पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) एक सीमित स्तर की अनुमति है जो आप हमें (ब्रोकर) डीमैट खाते से शेयर डेबिट करने के लिए देते हैं जब भी आप शेयर बेचते हैं।

यदि आपने POA जमा नहीं किया है, तो आप सीडीएसएल टीपिन मोड (CDSL TPIN Mode) का उपयोग करके शेयर बेच सकेंगे। इस मॉडल में प्रति दिन अधिकतम ₹1 करोड़ की बिक्री और लेनदेन का प्रतिबंध है।

यदि आपके पास ₹ 1 करोड़ से अधिक का पोर्टफोलियो है और आप एक दिन में अपनी होल्डिंग से ₹ 1 करोड़ से अधिक स्टॉक बेचना चाहते हैं, तो आपको हमें POA भेजना होगा।

आपका खाता सक्रिय होने पर आपको डाक द्वारा POA फॉर्म प्राप्त होगा या आप यहां पीओए (POA) फॉर्म पा सकते हैं ।

Vinayak Hagargi

Vinayak is Impressively Enthusiastic about Financial Markets, Research & Curating Layman-Friendly Content. He has been Successfully Contributing to the Financial Markets for over 2 years & has written over 100+ articles. He aims to continue sharing his knowledge to empower newbies with Relatable, & Easy to Understand Content.

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  • Corporate Office: No. 153/2, 3rd Floor, M.R.B.Arcade, Bagalur Main Road, Dwaraka Nagar, Yelahanka, Bengaluru - 560 063, Karnataka.
  • Registered Office: Old No.56/2 ,New No.58, LIC Nagar, Vinayagar Kovil Street, Erode -8,Tamil Nadu– 638002.
  • Alice Blue Financial Services (P) Ltd : NSE EQ | NSE FO | NSE CDS-90112 SEBI REG : INZ000156038
  • Alice Blue Financial Services (P) Ltd : BSE EQ | BSE FO | BSE CD-6670 SEBI REG : INZ000156038
  • Alice Blue Financial Services (P) Ltd : CDSL DP ID 12085300 DP SEBI REG : IN-DP-364-2018
  • Alice Blue Financial Services (P) Ltd : MCX-56710 SEBI REG : INZ000156038

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Prevent unauthorized transactions in your account update your mobile number/ email Id with your Stock Broker. Receive information of your transactions directly from Exchange on your mobile / email id at the end of the day."

Procedure to file a complaint on SEBI SCORES : Register on SCORES portal. Mandatory details for filing complaints on SCORES: Name, PAN, Address, Mobile Number, E-mail ID. Benefits: Effective Communication, Speedy redressal of the grievances

Investments in securities market are subject to market risks, read all the related documents carefully before investing.

For queries regarding account opening or activation, email to [email protected] and for fund updates, email to [email protected]

Disclaimer : Prevent unauthorised transactions in your account. Update your mobile numbers/email IDs with your stock brokers. Receive information of your transactions directly from Exchange on your mobile/email at the end of the day. Issued in the interest of investors. All clients have to update their email id and mobile number with Member : Investor Grievance [email protected]
KYC is a one time exercise while dealing in securities markets - once KYC is done through a SEBI registered intermediary (broker, DP, Mutual Fund etc.), you need not undergo the same process again when you approach another intermediary. No need to issue cheques by investors while subscribing to IPO. Just write the bank account number and sign in the application form to authorise your bank to make payment in case of allotment. No worries for the refund as the money remains in investor's account.

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Lower Circuit: क्यों शेयर बाजार में रोकनी पड़ी 45 मिनट तक ट्रेडिंग, ये 4 फैक्टर हैं जिम्मेदार

शेयर बाजार में आज शुरूआती कारोबार के दौरान ऐसी गिरावट आई कि निफ्टी और सेंसेक्स में लोअर सर्किट लग गया.

Lower Circuit: क्यों शेयर बाजार में रोकनी पड़ी 45 मिनट तक ट्रेडिंग, ये 4 फैक्टर हैं जिम्मेदार

शेयर बाजार में आज शुरूआती मिनट के लिए ट्रेडिंग कारोबार के दौरान ऐसी गिरावट आई कि निफ्टी और सेंसेक्स में लोअर सर्किट लग गया.

Lower Circuit Rule In Stock Market: शेयर बाजार में आज शुरूआती कारोबार के दौरान ऐसी गिरावट आई कि निफ्टी और सेंसेक्स में लोअर सर्किट लग गया. ऐसा 2088 के बाद यानी 12 साल के दौरान पहली बार हुआ, जब घरेलू शेयर बाजार में लोअर सर्किट लगा. सेंसेक्स में करीब 3200 अंकों और निफ्टी में 1050 अंकों से ज्यादा गिरावट आ गई. जिसके बाद 45 मिनट के लिए शेयर बाजार में कारोबार बंद करना पड़ा. फिलहाल सेंसेक्स और निफ्टी में फिर ट्रेडिंग शुरू हो मिनट के लिए ट्रेडिंग गई है. जानते हैं बाजार में गिरावट के पीछे कौन से फैक्टर रहे और क्यों क्या है लोअर सर्किट का नियम, जिससे बाजार में कारोबार बंद करना पड़ा.

लोअर सर्किट के नियम

आज शेयर मिनट के लिए ट्रेडिंग बाजार में कारोबार शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही ​पहले निफ्टी और फिर सेंसेक्स में 10 फीसदी की गिरावट आ गई. जिसके बाद कारोबार रोकना पड़ा. नियम के अनुसार अगर 10 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, जो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. 45 मिनट बाद 15 मिनट के प्री ओपन सेशन के बाद कारोबार दोबारा शुरू होता है.

वहीं, 10 फीसदी का लोअर सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुख जाता है. 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगने पर कारोबार जारी रहता है.

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15 और 20 फीसदी का सर्किट

अगर इंडेक्स में 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में 2 घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. दोपहर 1 बजे के बाद 15 फीसदी गिरावट आने पर एक घंटे के लिए कारोबार रुकता है. लेकिन 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का सर्किट लगे तो कारोबार जारी रहता है. लेकिन इंडेक्स में 20 फीसदी तक गिरावट आए तो कारोबार अगले ही दिन शुरू होता है.

बाजार में गिरावट के पीछे वजह

अमेरिकी बाजारों में 10 फीसदी तक गिरावट

कोरोना वायरस आउटब्रेक के चलते गुरूवार को प्रमुख अमेरिकी बाजारों में 10 फीसदी तक गिरावट रही. डाउ जोंस में कल के कारोबार में 1987 के बाद सबसे ज्यादा गिरावट रही और इंडेक्स 10 फीसदी टूट गया. नैसडेक और एसएंडपी 500 इंडेक्स में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली. वहीं, आज एशियाई बाजारों में भी भारी बिकवाली है.

भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है और सरकार इसे लेकर पूरी तरह से अलर्ट है. कोरोना के भारत में बढ़ते मामलों से भी निवेशकों में डर बना है. इससे कर्नाटक में एक शख्स की डेथ भी हुई है.

क्रूड की कीमतों में गिरावट जारी

ओपेक और नॉन ओपेक के बीच क्रूड को लेकर प्राइस वार छिड़ने से प्राइस वार जारी है. इससे क्रूड की कीमतों में भारी गिरावट बनी हुई है. शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन क्रूड में गिरावट रही और इसकी कीमतें 2 फीसदी गिरकर 32.55 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई. वीकली गिरावट 28 फीसदी रही जो 1991 के बाद सबसे ज्यादा है.

ग्रोथ का अनुमान घटा

ग्लोबल ब्रोकरेज UBS ने कोरोना वायरस के चलते भारत के लिए वित्त वर्ष 2020-21 की GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया गया है. ब्रोकरेज ने FY20 के लिए ग्रोथ अनुमान भी घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है.

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट

आज रुपये में भी रिकॉर्ड गिरावट रही और यह 74.42 प्रति डॉलर के नीचे चला गया.

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कोरोना वायरस के चलते अमेरिका के शेयर बाजार में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग

US Stock Market

राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस की चपेट में भारत समेत दुनियाभर के इंसानो के साथ ही शेयर बाजार भी आ गये है। कोरोना का बुरा असर अमेरिका में तब दिखा, जब अमेरिका के शेयर बाजार में ट्रेडिंग ही रोकनी पड़ गई। इतना ही नहीं अमेरिका के शेयर बाजार सूचकांक डाउ जोन्‍स और S&P में जो गिरावट दर्ज की गई उसे ऐतिहासिक गिरावट का दर्जा दिया गया है। क्योंकि, बहुत सालों में US के शेयर बाजार में ऐसी गिरावट दर्ज की गई है। कल भी भारत के शेयर बाजार के हाल काफी बुरे नजर आये थे। इसका काफी बुरा असर इन्वेस्टरों पर पड़ा था और उन्हें चंद मिनटों में ही अपने करोड़ों रूपये गवाने पड़ गए।

US में रोकनी पड़ गई ट्रेडिंग :

दरअसल, अमेरिका सहित दुनियाभर के शेयर बाजार में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, हालत ऐसे हो गए कि, अमेरिका के शेयर बाजार में डाउ जोन्‍स में ट्रेडिंग रोकनी पड़ गई। हालांकि, यह ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए ही रोकी गई थी, लेकिन इसके कारण इन 15 मिनट अमेरिकी शेयर बाजार में किसी भी तरह का कोई कारोबार नहीं हो सका। इसके बाद जब दोबारा ट्रेडिंग शुरू हुई और कारोबार शुरू हुआ तब तक डाउ जोन्‍स 10% यानी 2,352.60 अंक लुढ़क कर 21,200.62 अंक के स्‍तर पर आ चुका था। फिर इसी अंक के साथ बंद हुआ। ये गिरावट साल 1987 के बाद की आई सबसे बड़ी गिरावट है और इसी के साथ ही US शेयर बाजार का सबसे खराब प्रदर्शन भी। वहीं S&P भी 9.5% गिर कर ही बंद हुआ।

दूसरी बार रोकनी पड़ी ट्रेडिंग :

अमेरिका के शेयर बाजार में यह दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब ट्रेडिंग रोकनी पड़ी हो, इससे पहले सोमवार को भी ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी।

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Stock Exchange: जाने, शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट और लोअर सर्किट?

हम बताते हैं कि लोअर सर्किट और अपर सर्किट क्या है। लेकिन, स्टॉक ट्रेडिंग में लोअर सर्किट और अपर सर्किट को जानने से पहले यह जानते हैं कि शेयर का मूल्य घटने और बढ़ने के पीछे का सही कारण क्या होता है?

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

हाइलाइट्स

  • भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी
  • इस दिन कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी देखी गई
  • कुछ बैंकों के कारोबार पर सर्किट ब्रेकर भी लगा
  • आपको मालूम है कि क्या होता है सर्किट ब्रेकर
  1. क्यों घटता-बढ़ता है शेयर का मूल्य?
    सामान्य निवेशक इस बात को लेकर कभी कभी बहुत हैरान रहते हैं कि शेयर का मूल्य किस हिसाब से बढ़ता और घटता रहता है। शेयर का मूल्य दो कारणों से बढ़ता या घटता रहता है। पहला कारण शेयर की सप्लाई और डिमांड और दूसरा कारण कंपनी द्वारा मुनाफा कमाना या कंपनी का घाटा। लेकिन, अगर हम स्टॉक ट्रेडिंग में देखें तो शेयर की सप्लाई और डिमांड की वजह से अधिकतर शेयर का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। जब भी शेयर की डिमांड बढ़ती है यानी ज्यादा लोग खरीदते हैं तो उसका दाम बढ़ जाता है। और, जब लोग शेयर को बेचना स्टार्ट कर देते हैं तब शेयर का मूल्य घटने लगता है यह इस तरह से काम करता है।
  2. क्या है लोअर सर्किट?
    मान लीजिए आपके पास किसी कंपनी का शेयर हैं। किसी वर्ष के दौरान उस कंपनी को किसी कारणवश घाटा लगना शुरू हो जाता है। ऐसे में आप उस कंपनी का शेयर बेचने लगेंगे। ऐसे ही बहुत से लोग जो उस कंपनी के शेयर को लिए होंगे वह भी बेचना शुरू कर देंगे। जब सब बेचना शुरू कर देंगे तो एक ही दिन में उस कंपनी का शेयर शून्य तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में शेयर का मूल्य एक निश्चित सीमा तक गिरे इसके लिए NSE तथा BSE स्टॉक एक्सचेंज ने कुछ नियम बनाए हैं। जिनके अंतर्गत जब किसी कंपनी में अचानक सब मिनट के लिए ट्रेडिंग लोग शेयर बेचना शुरू कर दें तो एक निश्चित सीमा तक ही उस शेयर का मूल्य घटेगा। उसके बाद उस शेयर की ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। यह जो मूल्य घटने की सीमा है, उसे ही लोअर सर्किट कहते हैं।
  3. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
    लोअर सर्किट के तीन चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है। यदि 10 फीसदी की गिरावट दिन में 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 10 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुक जाता है। इसमें शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 03.30 बजे तक जारी रहता है।
  4. क्या है 15 फीसदी का सर्किट नियम?
    यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 15 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार के अंत तक यह लगा रहता है।
  5. क्या है अपर सर्किट
    अपर सर्किट को एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लीजिए कि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं। उस कंपनी को खूब मुनाफा होता है या किसी कारणवश उस कंपनी में निवेशकों की रूचि बढ़ जाती है। ऐसे में उस कंपनी के शेयर का दाम खूब चढ़ने लगता है। ऐसे में किसी कंपनी के शेयर का मूल्य एक ही दिन में आसमान में पहुंच जाएगा। इसी हालत से बचने के लिए शेयर बाजार में अपर सर्किट का प्रावधान है। उस निश्चित मूल्य सीमा तक उस कंपनी के शेयर का दाम पहुंचते ही उसमें अपर सर्किट लग जाएगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। जिस तरह से लोअर सर्किट पर 10, 15 और 20 फीसदी का नियम लागू होता है, वही नियम अपर सर्किट पर भी लागू होता है।
  6. कारोबार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है?
    सर्किट लगने पर कारोबार रुक जाता है। जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है। इसके बाद सामान्य कारोबार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत (जो भी पहले हो) तक जारी रहता है।
  7. सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
    सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं। इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके। बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है। ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है।
  8. भारतीय शेयर बाजार में कब से हुआ सर्किट का प्रावधान?
    भारतीय शेयर बाजार में अपर सर्किट और लोअर सर्किट का इतिहास 28 जून 2001 से शुरू होता है। उसी दिन बाजार नियामक सेबी ने सर्किट ब्रेकर की व्यवस्था की थी। यह व्यवस्था लागू होने के बाद इसका पहली बार इस्तेमाल 17 मई 2004 को हुआ था।

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