Cryptocurrency और NFT में क्या अंतर है?

दुनिया आज पारंपरिक वॉलेट से डिजिटल वॉलेट की ओर बढ़ रही है डिजिटल वॉलेट में डिजिटल करेंसी के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी और NFT भी हो सकती है। हम सब Cryptocurrency और NFT का नाम सुनते है लेकिन बहुत कम ही लोग इसके बारे में जानते है इसलिए आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Cryptocurrency और NFT किसे कहते है और Difference Between Cryptocurrency and NFT in Hindi की Cryptocurrency और NFT में क्या अंतर है?

Difference Between Cryptocurrency and NFT in Hindi-Cryptocurrency और NFT के बीच क्या अंतर है?

Cryptocurrency और NFT दोनों को ही ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनाया गया है लेकिन फिर भी क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी एक दूसरे से काफी अलग हैं। क्रिप्टोकुरेंसी एक प्रकार का पैसा है जो fungible और interchangeable होता है उदाहरण के लिए, यदि आपके पास एक क्रिप्टो-टोकन है, जैसे कि एथेरियम तो दूसरे के पास उपलब्ध एथेरियम टोकन की कीमत वही होगी जो आपके टोकन की है जबकि एनएफटी non-fungible हैं, जिसका अर्थ है कि एक एनएफटी दूसरे के मूल्य के समान नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग व्यापार या आदान-प्रदान के लिए किया जा सकता है। वे मूल्य में भी बराबर हैं जैसे कि एक बिटकॉइन हमेशा दूसरे बिटकॉइन के बराबर होता है। क्रिप्टो की फंगिबिलिटी इसे ब्लॉकचेन पर लेनदेन करने का एक विश्वसनीय साधन बनाती है।

दूसरी और एनएफटी क्रिप्टोकरेंसी से काफी अलग हैं। प्रत्येक NFT टोकन के पास एक डिजिटल सिग्नेचर होता है जो एनएफटी टोकन को दूसरे एनएफटी टोकन से अलग करता है इसलिए एक दूसरे के लिए या उसके बराबर आदान-प्रदान करना इसे असंभव बनाता है।

इसके आलावा भी Cryptocurrency और NFT में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है जिनको हम Difference टेबल के माध्यम से नीचे समझेंगे लेकिन उससे पहले हम Cryptocurrency और NFT किसे कहते है इसको और अच्छे से समझ लेते है।

What is Cryptocurrency in Hindi -क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है?

क्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। यह बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान है बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जा सकता हैं।

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी का एन्क्रिप्टेड रूप है जो लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वित्तीय संस्थानों पर निर्भर नहीं करता है बल्कि यह ब्लॉकचैन पर निर्धारित होता है। क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी पीयर-टू-पीयर सिस्टम, जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके काम करता है, किसी को भी भुगतान भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। जब कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी को स्थानांतरित करता है, तो लेनदेन एक सार्वजनिक खाता बही में दर्ज किया जाता है।

आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी इतनी पॉपुलर हो चुकी है कि कई संगठनों ने अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी जारी की है – जिन्हें अक्सर टोकन कहा जाता है – जो लोगों को विशेष रूप से कंपनी द्वारा प्रदान किए जाने वाले उत्पाद या सेवा के लिए व्यापार करने की अनुमति देती है।

What is NFT in Hindi -एनएफटी किसे कहते है?

एनएफटी (NFT) का मतलब होता है नॉन फंजिबल टोकन। फंजिबल एसेट उसे कहते हैं जिसका हाथों से लेन-देन हो सके उदहारण के लिए आपके पास 500-2000 रुपये के नोट होते हैं जिनका आप लेन-देन कर पाते हैं। ये नोट फंजिबल एसेट कहलाते हैं।

इसके उलट नॉन-फंजिबल एसेट होते हैं और एक नॉन-फंजिबल NFT एसेट हैं इसलिए यह बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी से भी अलग होता है। NFT की मदद से डिजिटल तरीके से किसी पेंटिंग, किसी पोस्टर, ऑडियो या वीडियो को सामान्य चीजों की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। बेचने वाले को बदले में डिजिटल टोकन मिलते हैं जिन्हें एनएफटी कहा जाता है।

NFT की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि अगर आप खुद की किसी पेंटिंग, किसी पोस्टर, ऑडियो या वीडियो की NFT कर रहे हैं तो आपको तब तक पैसे मिलते रहेंगे जब तक वो पेटिंग डिजिटल तरीके से बेची जाती रहेगी और आपको कमाई का एक हिस्सा मिलता रहेगा।

NFT की एक और खाशियत यह है की यह डिजिटल सर्टिफिकेट के जरिए ये भी सुनिश्चित करता है कि आपकी चीज का कॉपीराइट किसी अन्य लोगो के पास न जा सके।

आम तौर पर NFT क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही की जाती है। उदहारण के लिए अगर आप किसी पेंटिंग की NFT करना चाहते हैं तो उसके लिए जो ट्रांजैक्शन होगा वो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही होगा। यह असल में एक डिजिटल लेजर जिसे Blockchain कहा जाता है उसमे स्टोर किया गया एक विश‍िष्ट और गैर परिवर्तनीय डेटा यूनिट होता है।

How Does an NFT Work in Hindi-एनएफटी कैसे काम करता है?

एनएफटी एक ब्लॉकचेन पर मौजूद है, जो एक वितरित सार्वजनिक खाता (distributed public ledger) है जो लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। विशेष रूप से, एनएफटी आमतौर पर एथेरियम ब्लॉकचैन पर आयोजित किए जाते हैं, हालांकि अन्य ब्लॉकचेन भी उनका समर्थन करते हैं।

एनएफटी कैसे काम करता है? अगर इसकी बात करे तो एनएफटी एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए डिजिटल तरीके से वर्चुअल चीजों को खरीद और क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है बेच सकते है।

एनएफटी एक Individual Tokens हैं जिनमें मूल्यवान जानकारी संग्रहीत होती है। क्योंकि वे मुख्य रूप से बाजार और मांग द्वारा निर्धारित मूल्य रखते हैं, उन्हें अन्य भौतिक प्रकार की कलाओं की तरह ही खरीदा और बेचा जा सकता है। NFT के माद्यम से आप निम्नलिखित चीजों को खरीद और बेच सकते हैं।

  • Art
  • GIFs
  • Videos and sports highlights
  • Collectibles
  • Virtual avatars and video game skins
  • Designer sneakers
  • Music

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने जाना की Cryptocurrency और NFT किसे कहते है और Difference Between Cryptocurrency and NFT in Hindi की Cryptocurrency और NFT में क्या अंतर है।

Cryptocurrency पर सरकार का बड़ा फैसला, नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता

Cryptocurrency Bill को लेकर फिर एक बार नया डेवलपमेंट देखने को मिला है। खबर है कि इस बिल पर सरकार की तरफ से एक कैबिनेट नोट जारी किया गया है जिसमें ये कहा गया है कि इस बिल के ज़रिए सरकार की मंशा प्राइवेट Cryptocurrencies को रेगुलेट करने की है, ना कि इन्हें बैन करने की। मगर, इसके साथ ही इस cabinet नोट में ये भी साफ कर दिया गया है कि भारत में क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी । ये बिल Cryptocurrency को Cryptocurrency नहीं बल्कि Crypto asset के नाम से डिस्क्राइब करेगा ।

तो ये Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या फर्क है और इससे investors पर क्या फर्क पड़ेगा, आज बात करेंगे इसी के बारे में।

Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या अंतर है ये समझने से पहले ये समझ लीजिए कि currency किसे कहते हैं? मुद्रा या currency पैसे के उस रूप को कहते हैं जिससे हम रोजमर्रा के जीवन में किसी भी चीज़ या सेवा को खरीदते या बेचते हैं । इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। अब इसे ध्यान से सुन लीजिए। किसी देश में इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है और back भी की जाती है। इस नोट को ध्यान से देखिए। इस पर ये लिखा हुआ है कि मैं धारक को — रुपए देने का करता हूँ। ऐसा आपको हर नोट पर लिखा मिल जाएगा। भारत में रुपया और पैसा करेंसी है, दुबई की करेंसी दिरहम है, अमेरिका की डॉलर तो uk की करेंसी पौंड है।

अब क्योंकि भारत की सरकार किसी भी प्रकार की Cryptocurrency, फिर चाहे वो पब्लिक हो या प्राइवेट, को मान्यता नहीं देती, और ना ही आगे इन्हें मान्यता देने का कोई इरादा है, इसीलिए इन्हें करेंसी नहीं कहा जाएगा। यानी भारत में Cryptocurrency को “लीगल टेन्डर” नहीं माना जाएगा।

अब बड़ा सवाल ये है कि अगर Cryptocurrency को रेगुलेट किया जाएगा तो उसे किस प्रकार और कौन रेगुलेट करेगा?

बता दें Crypto asset को मौजूदा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से संचालित किया जाएगा जिसे Securities & Exchange Board of India यानी सेबी के द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसके अलावा Crypto asset रखने वालों के लिए इसे declare करने और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के अंदर लाने के लिए एक कट-ऑफ डेट भी निर्धारित की जाएगी।

कई लोगों को क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो-एसेट्स के बीच के अंतर के बारे में काफी confusion हैं। Cryptocurrency, जैसा कि हम सभी जानते हैं, virtual currency हैं, यानी ये नोट या सिक्के जैसे physical form में नहीं होती। अब आप पूछेंगे कि फिर ये जो bitcoin और Ethereum का जो सिकका हम देखते हैं वो क्या है? दरअसल वो सिर्फ representational images या सिक्के होते हैं। यानी आपके पास अगर ये सिक्के हैं तो आप इनसे वो चीज़ें भी नहीं खरीद सकते जिसके बदले में बिटकॉइन acceptable हो। आपको कोई भी क्रिप्टो ऐसेट डिजिटल फॉर्म में ही खरीदना या बेचना पड़ेगा।

Cryptocurrencies लेनदेन करने के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करती हैं। वे decentralized होती हैं, जिसका मतलब ये है कि उनहें किसी भी central authority या governing body रेगुलेट नहीं करती हैं।

दूसरी तरफ, Crypto Assets में सभी क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट किया जाएगा और इनका लेजर भी बनाया जाएगा। आसान भाषा में समझे तो Crypto Assets रेगुलेटेड Cryptocurrencies को कहा जा सकता है।

अब क्योंकि Crypto Assets का बकायदा लेजर मेंटेन किया जाएगा इसका मतलब अगर कोई इनका आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग समेत किसी भी तरीके से गलत इस्तेमाल करता है तो उसे Prevention of Money Laundering Act यानी PMLA के तहत सज़ा दी जाएगी।

खबरों की माने तो अगर कोई व्यक्ति exchange के provisions का उल्लंघन करता है तो उसे 1.5 साल तक की जेल और 5 से 20 करोड़ तक का फाइन भी उसपर लगाया जा सकता है।

इसके पहले भी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के गलत हाथों में जाने के जोखिम पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने ये भी कहा था कि डिजिटल करेंसी के विज्ञापनों को रोकने को ले कर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है।

सरकार सदन के इसी शीतकालीन सत्र में Cryptocurrency Bill ले कर आ रही है। ऐसे में ये नई तकनीक भारत का भविष्य बदलती है या भारत की सरकार इस तकनीक का भविष्य, ये देखना दिलचस्प होगा।

Cryptocurrency पर सरकार का बड़ा फैसला, नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता

Cryptocurrency Bill को लेकर फिर एक बार नया डेवलपमेंट देखने को मिला है। खबर है कि इस बिल पर सरकार की तरफ से एक कैबिनेट नोट जारी किया गया है जिसमें ये कहा गया है कि इस बिल के ज़रिए सरकार की मंशा प्राइवेट Cryptocurrencies को रेगुलेट करने की है, ना कि इन्हें बैन करने की। मगर, इसके साथ ही इस cabinet नोट में ये भी साफ कर दिया गया है कि भारत में क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी । ये बिल Cryptocurrency को Cryptocurrency नहीं बल्कि Crypto asset के नाम से डिस्क्राइब करेगा ।

तो ये Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या फर्क है और इससे investors पर क्या फर्क पड़ेगा, आज बात करेंगे इसी के बारे में।

Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या अंतर है ये समझने से पहले ये समझ लीजिए कि currency किसे कहते हैं? मुद्रा या currency पैसे के उस रूप को कहते हैं जिससे हम रोजमर्रा के जीवन में किसी भी चीज़ या सेवा को खरीदते या बेचते हैं । इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। अब इसे ध्यान से सुन लीजिए। किसी देश में इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है और back भी की जाती है। इस नोट को ध्यान से देखिए। इस पर ये लिखा हुआ है कि मैं धारक को — रुपए देने का करता हूँ। ऐसा आपको हर नोट पर लिखा मिल जाएगा। भारत में रुपया और पैसा करेंसी है, दुबई की करेंसी दिरहम है, अमेरिका की डॉलर तो uk की करेंसी पौंड है।

अब क्योंकि भारत की सरकार किसी भी प्रकार की Cryptocurrency, फिर चाहे वो पब्लिक हो या प्राइवेट, को मान्यता नहीं देती, और ना ही आगे इन्हें मान्यता देने का कोई इरादा है, इसीलिए इन्हें करेंसी नहीं कहा जाएगा। यानी भारत में Cryptocurrency को “लीगल टेन्डर” नहीं माना जाएगा।

अब बड़ा सवाल ये है कि अगर Cryptocurrency को रेगुलेट किया जाएगा तो उसे किस प्रकार और कौन रेगुलेट करेगा?

बता दें Crypto asset को मौजूदा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से संचालित किया जाएगा जिसे Securities & क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है Exchange Board of India यानी सेबी के द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसके अलावा Crypto asset रखने वालों के लिए इसे declare करने और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के अंदर लाने के लिए एक कट-ऑफ डेट भी निर्धारित की जाएगी।

कई लोगों को क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो-एसेट्स के बीच के अंतर के बारे में काफी confusion हैं। Cryptocurrency, जैसा कि हम सभी जानते हैं, virtual currency हैं, यानी ये नोट या सिक्के जैसे physical form में नहीं होती। अब आप पूछेंगे कि फिर ये जो bitcoin और Ethereum का जो सिकका हम देखते हैं वो क्या है? दरअसल वो सिर्फ representational images या सिक्के होते हैं। यानी आपके पास अगर ये सिक्के हैं तो आप इनसे वो चीज़ें भी नहीं खरीद सकते जिसके बदले में बिटकॉइन acceptable हो। आपको कोई भी क्रिप्टो ऐसेट डिजिटल फॉर्म में ही खरीदना या बेचना पड़ेगा।

Cryptocurrencies लेनदेन करने के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करती हैं। वे decentralized होती हैं, जिसका मतलब ये है कि उनहें किसी भी central authority या governing body रेगुलेट नहीं करती हैं।

दूसरी तरफ, Crypto Assets में सभी क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट किया जाएगा और इनका लेजर भी बनाया जाएगा। आसान भाषा में समझे तो Crypto Assets रेगुलेटेड Cryptocurrencies को कहा जा सकता है।

अब क्योंकि Crypto Assets का बकायदा लेजर मेंटेन किया जाएगा इसका मतलब अगर कोई इनका आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग समेत किसी भी तरीके से गलत इस्तेमाल करता है तो उसे Prevention of Money Laundering Act यानी PMLA के तहत सज़ा दी जाएगी।

खबरों की माने तो अगर कोई व्यक्ति exchange के provisions का उल्लंघन करता है तो उसे 1.5 साल तक की जेल और 5 से 20 करोड़ तक का फाइन भी उसपर लगाया जा सकता है।

इसके पहले भी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के गलत हाथों में जाने के जोखिम पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने ये भी कहा था कि डिजिटल करेंसी के विज्ञापनों को रोकने को ले कर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है।

सरकार सदन के इसी शीतकालीन सत्र में Cryptocurrency Bill ले कर आ रही है। ऐसे में ये नई तकनीक भारत का भविष्य बदलती है या भारत की सरकार इस तकनीक का भविष्य, ये देखना दिलचस्प होगा।

Cryptocurrency: '95 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी स्कैम और कचरा', डोज़कॉइन के को-फाउंडर को एलन मस्क ने ऐसा क्यों कहा?

Cryptocurrency News: डोज़कॉइन (Dogecoin) के को-फाउंडर बिली मार्कस ने एक ट्वीट किया है. लिखा है कि दुनियाभर के 95 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी प्रोजेक्ट स्कैम और कचरा हैं. इनसे जुड़े लोग बेवकूफ हैं.

By: ABP Live | Updated at : 24 May 2022 10:27 AM (IST)

Cryptocurrency Elon Musk: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना भयंकर जोखिम लेने जैसा है. सिर्फ इसलिए नहीं कि ये मार्केट बहुत उतार-चढ़ाव वाला है, बल्कि इसलिए भी कि कब कौन-सी करेंसी डूब जाए, किसी को नहीं पता चलता. टेरा (लूना) का ताजा उदाहरण सबके सामने है. एक हफ्ते से भी कम समय में लोगों की 100 फीसदी पूंजी स्वाह हो गई. ऐसे में लोगों को लगने लगा कि शायद क्रिप्टो में निवेश करना बेवकूफी भरा सौदा है.

दुनियाभर में लोगों के इसी अंदेशे पर क्रिप्टोकरेंसी डोज़कॉइन (Dogecoin) के को-फाउंडर बिली मार्कस ने भी मुहर लगा दी है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि 95 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी प्रोजेक्ट स्कैम हैं. उनके इस ट्वीट ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क (Elon Musc) का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है. एलन मस्क अक्सर डोज़कॉइन की तारीफ करते दिखते रहे हैं.

बिकी मार्केस का ट्वीट

एक रिपोर्ट के मुताबिक अपने ट्वीट में बिली मार्कस ने लिखा कि लोग 95 फीसदी क्रिप्टो को स्कैम और कचरा और क्रिप्टो से जुड़े लोगों को बेवकूफ इसलिए कहते हैं, क्योंकि 95 फीसदी क्रिप्टो स्कैम हैं और कचरा हैं और उनसे जुड़े हुए लोग भी बेवकूफ हैं. वो यहीं नहीं रुके इसके बाद उन्होंने लिखा कि आओ इसे बदलें. ये बदलाव आपसे शुरू होगा कि आप किसे सपोर्ट करते हैं और आप कैसे बिहेव करते हैं.

News Reels

एलन मस्क का जवाब

बिली मार्कस के ट्वीट के बाद एलन मस्क ने एक लाफिंग स्माइली (हंसने वाली स्माइली) से उनका रिप्लाई किया. एलन मस्क ने पहली बार बिली के ट्वीट पर रिप्लाई नहीं किया है. वे अक्सर ऐसा करते ही रहते हैं. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने 2021 में डोज़कॉइन को लेकर अपना प्यार जाहिर किया था. बिली ने इसी महीने 13 मई को भी एक ट्वीट करके लिखा था, “डोज़कॉइन को मैं केवल इसलिए पसंद करता हूं क्योंकि यह जानता है कि यह स्टूपिड (बेवकूफ) है.” इस पर मस्क ने रिप्लाई किया था, “इसमें एक करेंसी बनने की काबिलियत है.”

यह साल (2022) अब तक दुनियाभर के रेगुलेटेड शेयर बाजारों के लिए अच्छा नहीं रहा है तो अन-रेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी मार्केट भी भयंकर रूप से गिरी है. इस साल में बिटकॉइन ही 30 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. गिरावट की इस तपिश से डोज़कॉइन भी बच नहीं पाया है. इस महीने की शुरुआत से ही डोज़कॉइन में भी लगभग 35 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, जबकि एक साल में यह क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है क्रिप्टोकरेंसी 70 फीसदी तक गिर गई है.

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Published at : 24 May 2022 02:36 PM (IST) Tags: Money Elon Musk Cryptocurrency Investment market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Cryptocurrency kya hai?और काम कैसे करती है

आपने क्रिप्टोकरेंसी (What is cryptocurrency in Hindi )? क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है के बारे में कभी ना कभी कुछ तो जरुर सुना होगा.यदि नही सुना है,तो आज आप cryptocurrency के बारे बहुत कुछ सुने और जाने वाले है.क्योकि आप आज इस article के माध्यम से cryptocurrency kya hai ?क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है पूरा विस्तार में जाने वाले है,cryptocurrency के बारे में पूरी जानकारी के लिए आपको ये शुरू से अन्त तक इस लेख को पढ़ना ही होगा.

तो चलिए जानते है Cryptocurrency kya hai?

Cryptocurrency एक Virtual Currency है,जिसे Digital Money भी कहा जा सकता है.क्योकि इसकी उपलब्धता केवल Online ही है,क्योकि यह Physical currency की तरह मार्केट में उपलब्ध नही है.इसिलिये इसे digital money या virtual currency कहते है.और इसी वजह से आप cryptocurrency से सिर्फ और सिर्फ online ही लेन देन कर सकते है.

और इसीलिए आप दूसरी उपलब्ध currency जैसे Rupyees,Dollor,Euro इत्यादि जिन पर सरकारों या संस्थाओ का अधिकार होता है,और आप उन currency से physical लेन-देन कर पाते है.जबकि cryptocurrency से किसी भी प्रकार का physical लेन-देन नही किया जा सकता.क्योकि यह केवल online ही उपलब्ध है.

Cryptocurrency एक Decentrallized Currency है,और Decentrallize Currency का मतलब यह होता है.कि Currency पर किसी भी सरकार या एजेंसी का अधिकार नही होना.और इसिलिये cryptocurrency पर किसी भी सरकार या एजेंसी का कोई अधिकार नही है,और अधिकार ना होने की वजह भी बहुत वाजिब है.क्योकि क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है cryptocurrency की इजात ही बिचौलिये (mediator) को ख़त्म करने के लिए ही किया गया है.

शायद इसिलिये 6 अप्रैल 2018 को इसे भारतीय रिज़र्व बैंक यानि RBI ने इसे India में ban कर दिया था.लेकिन अब एक खुशखबरी उनके लिए है जो भारत में रह कर cryptocurrency का कारोबार करते थे.या करना चाह रहे है.खुशखबरी ये है कि Suprime Court of India ने RBI द्वारा लागए Ban को हटा दिया है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?cryptocurrency in hindi

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की virtual या digital currency जिसके माध्यम से किसी भी तरह की वस्तु या सेवा को ऑनलाइन भुगतान करके ख़रीदा जा सकता है,और आप के लेन-देन को कोई भी सरकार या एजेंसी नही देख सकती है.और यही वजह सरकारों के लिए चिंता का विषय है.क्योकि किसी भी तरह का डाटा सरकारों के पास ना उपलब्ध होने कारण,कुछ लोगो का मानना है कि,इसे गलत तरीके या अवैध वस्तुओं के लेन-देन किये जा सकते है.

Cryptocurrency के प्रकार (cryptocurrency kya hai?)

वैसे तो आज के समय में 1000 से ज्यादा cryptocurrency मार्केट में उपलब्ध है.लेकिन उनमें से कुछ ही जो बहुत ही प्रख्तात है.और आज हम आपको उन्ही के बारे में आपको बतायेंगे.तो चलिए प्रख्यात या प्रसिद्ध cryptocurrency के बारे में जान लेते है.

1.Bitcoin (BTC)

आप ने शायद Bitcoin के बारे में सुना हो,अगर नही सुना है तो आज सुन लेंगे.तो आइये जानते है Bitcoin क्या है.Bitcoin ही पहली cryptocurrency है,जिसे Satoshi Nakamoto ने 2009 में इजात किया था.और Nakamoto ने ही पहले Database Blockchain को बनया था cryptocurrency के लिए. Bitcoin एक डिजिटल currency है,जिसके माध्यम से ऑनलाइन किसी भी वस्तु या सेवा को खरीद सकते है.और यह भी एक Decentrallized Currency और इसी वजह से इस पर भी किसी Goverment या Agency का कोई अधिकार नही है.अगर इसके कीमत की बात करे तो 2013 में 1 Bitcoin की कीमत लगभग $13 थी और 2017 में इसकी कीमत लगभग $20000 हो गयी थी.इसी से आप इसके महत्व का अंदाजा लगा सकते है.

2.Ethereum (ETH)

Ethereum भी एक तरह का Decentrallized Currency.यह भी Bitcoin की जैसे ही एक cryptocurrency है.और इसका का भी ऊपयोग ऑनलाइन लेन-देन या tarding के लिए किया जाता है.और Bitcoin के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी cryptocurrency है.इसको July 2015 में Vitalik Buterin ने बनाया था.उस समय इसकी किम कीमत लगभग Rs.100 के बराबर थी,लेकिन आज इसकी कीमत लगभग Rs.60000 के बराबर है.इसी बात से इसके महत्व के बारे में अनुमान लगया जा सकता है.

3.Litecoin (LTC)

Litecoin भी Bitcoin और Ethereum की तरह से एक Open source Decentrallized currency है.इसे 2011 में Bitcoin के alternative के तौर पर लॉन्च किया गया था.

Litecoin कैस Bitcoin से अलग है

  • माना जाता है कि Litecoin तेजी से लेन-देन की सुविधा देता है।
  • बिटकॉइन के लिए limit 21 मिलियन और लिटकोइन के लिए limit 84 मिलियन है।
  • दोनों ही अलग-अलग alogrithms पर काम करते हैं, लिटकोइन का “Scrpty” और बिटकॉइन का “SHA-256” है।

4.Ripple (XRP)

Ripple (XRP) को 2012 में जारी किया गया था.जो वित्तीय लेनदेन के लिए cryptocurrency और डिजिटल भुगतान नेटवर्क दोनों के रूप में कार्य करता है। यह एक ग्लोबल सेटलमेंट नेटवर्क है जिसे पैसे ट्रांसफर करने का तेज़, सुरक्षित और कम लागत वाला तरीका बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Ripple, USD और Bitcoin से लेकर सोने और EUR तक किसी भी प्रकार की मुद्रा का आदान-प्रदान करने की अनुमति देती है और अन्य मुद्राओं के विपरीत बैंकों से जुड़ती है। रिपल भी अन्य प्रकार की डिजिटल मुद्राओं से अलग है क्योंकि इसका प्राथमिक ध्यान व्यक्ति-से-व्यक्ति के लेन-देन के लिए नहीं है, बल्कि बड़े पैमाने पर धन के चलन के लिए है।

Cryptocurrency के नुकसान

  • यदि आप किसी को cryptocurrency के जरिये paise transfer करते है,इसके बाद आप चाह कर भी अपने paise को दुबरा वापिस नही ले सकते.क्योकि इसमें reverse जैसा कोई भी feature उपलब्ध नही है.
  • यदि आपके wallet में virtual cryptocurrency है और आप अपनी wallet ID खो या भुला देते है.तो आप दुबारा अपनी ID को वापस नही पा सकते.इसका मतलब आपका पैसा भी आपकी ID के साथ गया.

मुझे उम्मीद है,कि आपको Cryptocurrency kya hai ?से जुड़े आपके सारे सवालों के जवाब मिल गये होंगे.यदि इसके बाद भी आपकी कोई समस्या इससे जुडी रह गयी होते आप उसे कमेंट करके पूछ सकते है.कोशिश रहेगी की आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द दिया जाये.

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