Net Worth क्या होता है और नेट वर्थ (Calculate) कैसे निकाली जाती है?
दोस्तों आज हम आपको नेट वर्थ के बारे में बता रहे हैं कि नेटवर्क क्या होता है और Net Worth कैलकुलेशन कैसे निकालते हैं। नेटवर्क को हिंदी में कुल मूल्य कहते हैं नेटवर्क एक फाइनेंशली कंडीशन है वह किसी व्यक्ति की भी हो सकती है और किसी इंडिविजुअल कंपनी की भी हो सकती है इससे जुड़ी सभी जानकारी हम आपको दे रहे हैं क्यों कि आज के जमाने में भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो नेट वर्थ के बारे में नहीं जानते होंगे इसलिए हमारी यह जानकारी ऐसे लोगों के लिए है जो नेट वर्थ के बारे में नहीं जानते।
Table of Contents
नेटवर्थ क्या होता है?
नेट वर्थ को हम एक फाइनेंसियल टर्म कह सकते हैं जो किसी इंडिविजुअल व्यक्ति अथवा किसी कंपनी के वर्तमान फाइनेंशियल स्थिति का पता लगाने का कार्य करती है। अगर आपको किसी कंपनी की नेटवर्थ की गणना करनी है तो उसकी टोटल प्रॉपर्टी में से कुल देनदारी को माइनस करना है यानी घटाना है। तो आपको उसकी नेटवर्थ का पता चल जाएगा। नेटवर्क को सही तरीके से समझना बहुत ही आवश्यक माना गया है क्योंकि इससे किसी व्यक्ति या किसी कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन का पता चलता है कि वह कंपनी कितनी मजबूत है और कितनी कमजोर है इससे इन दोनों बातों का पता चलता है अगर आप शेयर मार्केट से शेयर खरीदना चाहते हैं और आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आपको उस कंपनी का Net Worth पता होना चाहिए कि वह कंपनी घाटे में चल रही है या फायदे में चल रही है।
Net Worth का महत्व
नेटवर्क का एक आम आदमी के जीवन में बहुत बड़ा महत्व है हर आदमी को अपने फाइनेंसियल कंडीशन जानने का पूरा हक है इसके लिए आपको सही तरीके से Net Worth का कैलकुलेशन समझना होगा अगर आप की वर्तमान वित्तीय स्थिति अच्छी है तो आप कोई भी फाइनेंशियल डिसीजन आसानी से ले सकते हैं मिसाल के तौर पर आप किसी अच्छी कंपनी में जॉब करते हैं और आपकी सैलरी भी अधिक है और आपको एक छोटा सा मकान खरीदना है और अगर आपकी नेटवर्क अच्छी है तो कोई भी बैंक आपको आसानी से होम लोन दे सकता है
अगर आपने अपनी नेटवर्क कैलकुलेट किए बगैर ही होम लोन ले लिया तो आपको भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि नेटवर्थ हमेशा बदलती रहती है इसलिए समय-समय पर अपनी नेटवर्क निकालते रहना चाहिए नेटवर्क ना पता होने की वजह से कभी-कभी फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
नेट वर्थ की गणना करने का तरीका
- नेटवर्क की कैलकुलेशन करना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है
- आपको अपनी टोटल संपत्ति में से टोटल देनदारी घटाने होती है इसका फार्मूला यह
- Total Assets – Total Liabilities = Net Worth
- इस कैलकुलेशन को समझने से के लिए पहले आपको assets और liability के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए इसको समझने के लिए हम दोनों को अलग अलग समझा रहे हैं।
- Assets – ऐसैट्स को समझने के लिए यह जानना होगा कि ऐसैट्स कहते किसे हैं यह एक फाइनेंशियल टर्म है इसके तहत जो चीज आती हैं वह यह है जमीन, घर, गाड़ी, गहने बैंक बैलेंस वगैरा।
- Liabilities– लिएबिलिटी के तहत वह चीज आती हैं जो पैसा आपकी देनदारी है यानी कि आपको देने हैं जैसे कर्जा, ईएमआई वगैरा।
- आपको अपनी नेटवर्थ की गणना करने के लिए अपने ऐसैट्स और लीएबिलिटी की एक लिस्ट तैयार करनी होगी।
आपके Assets के तहत आने वाली वस्तुऐं –
- बैंक बैलेंस
- गाड़ियों की मौजूदा कीमत
- इन्वेस्ट किया हुआ पैसा
- घर और जमीन की मौजूदा कीमत
- गहने
आपके Liabilities के तहत आने वाली वस्तुएं –
- आपकी देनदारी
- कार लोन
- होम लोन
- क्रेडिट कार्ड भुगतान
लीएबिलिटी के तहत आने वाली वह वस्तुए हैं जिसका आपको कर्जा चुकाना है इसलिए आप अपना कुल जमा रकम और कुल देनदारी जान लेंगे तो आप अपनी नेटवर्क निकाल सकते हैं।
मिसाल के तौर पर आपकी तमाम संपत्ति 8 करोड़ रुपए है और आपकी तमाम देनदारी 5 करोड़ रुपए है तो आप की टोटल नेटवर्क कितनी होगी इसके लिए कोई फार्मूला लगाएंगे जो कि हमने आपको ऊपर बताया था।
Total Assets – Total Liabilities = Net Worth
₹ 8 करोड़ – ₹ 5 करोड़ = ₹ 3 करोड़
तो दोस्तों इस तरह से आप अपनी नेटवर्थ निकाल सकते हो और नेटवर्थ निकालने के बाद आपको भविष्य में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पर्सनल नेट वर्थ क्या है ?
किसी व्यक्ति के पर्सनल नेट वर्थ निकालने की बात करे तो यहाँ पर भी उसकी कुल प्रॉपर्टी में मकान, अन्य रियल इस्टेट, वाहन / कार ,ज्वैलरी, सेविंग, कैश, म्यूच्यूअल फंड्स व अन्य प्रॉपर्टी हो सकती है। और खर्चो अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे में किसी भी प्रकार का लोन, क्रेडिट कार्ड बिल, नियमित खर्च आदि शामिल होते है, जिन्हें घटाकर उसकी Net Worth पता चलती है।
पर्सनल नेट वर्थ कैसे निकले
अपनी सभी संपत्तियों की लिस्ट बनाये
आपकी सभी प्रॉपर्टी की लिस्ट बनाये और उनकी वर्तमान मार्केट वैल्यू पता करें। जैसे –
Swing Trading कैसे करे | Swing Trading Strategies in Hindi
आज के इस लेख में हम आपको Swing trading in Hindi, Swing trading strategy in Hindi आदि के बारे में पूरी जानकारी दी है। जिस किसी को नहीं पता है की स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? उसे इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए। लंबे समय के निवेश के लिए अधिक रिटर्न मिलता है लेकिन इंतजार भी अधिक करना होता है । कई बार तो 4–5 वर्ष का इंतजार भी करना होता है। इसमें रिस्क रेश्यो भी कम होता है लेकिन निवेश के लिए अधिक पैसों की जरूरत होती है।
स्विंग ट्रैडिंग क्या है [What is Swing Trading in Hindi]
स्विंग ट्रेडिंग के केवल एक ही उद्देश है की शेयर की कीमत को गिराबट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजीशन को होल्ड करना होता है। इसका समय 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों और तक का होता है। लेकिन लंबे समय के निवेशों में अधिक
मुनाफा कमाने के लिए अधिक समय तक इंतजार करना होता है। Swing trading के माध्यम से निवेशक छोटे–छोटे मुनाफा प्राप्त करते है क्योंकि कम अवधि में अच्छा मुनाफा कमा सकते है। मार्किट में शेयर की कीमत का अनुमान लगाने के लिए ज्यादातर सभी ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते है जिससे हमे शेयर की सही स्थिति का अनुमान लग जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे [Swing trading strategy in Hindi ]
Swing trading करने के लिए आपको सबसे पहले अकाउंट खोलना होगा। कुछ कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती है जिसके उपयोग से ट्रेडिंग को समझने में आसानी होती है और लाइव ट्रेडिंग करने से पहले कुछ अनुभव भी हो जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद एनालिसिस की जरूरत होती है, इसमें मदद के लिए financial tools उपलब्ध होते है जिससे हमे उचित रास्ता मिलता है।
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर कैसे चुने ?
जब आप समझ चुके है की Swing trading in Hindi क्या है। अब आप अपनी जरूरत के हिसाब से जोखिम उठाने के लिए तैयार हो जाएं , क्योंकि अब आपको एक ऐसे शेयर की खोज करनी होगी जो आपके रिस्क सहने के हिसाब से हो।
रिस्क मैनेज कैसे करे?
ऐसा जरूरी नहीं हैं कि आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही साबित हो और आपको हमेशा मुनाफा हो, कई बार आपका अनुमान और स्ट्रेटजी अचानक उलट जाती है। आपको अपनी financial risk के अनुसार मुनाफा और हानि दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए। Swing trading in Hindi
अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे?
आपको अपने शेयर की कीमत को समय–समय पर देखते रहना है कि का वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नही। फायदा दिखते ही मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना ठीक रहता है क्योंकि ज्यादा कीमत बढ़ने के लालच में नुकसान भी हो जाता है। मार्केट में लाभ के अलावा नुकसान भी होता है कभी–कभी नुकसान होने के बाद भी मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना होता है।
Buy Now – Swing Trading
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
मार्केट ट्रेडिंग के लिए बेहतरी स्टॉक को कैसे चुने। ज्यादातर ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार ही शेयर को खरीदते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छे स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उससे जुड़ी हुई सभी खबरों पर ध्यान देना होगा। आपकी पूरी कोशिश हो कि शेयर अच्छा प्रदर्शन करता हो।
मार्केट ट्रेंड : बहुत से ऐसे ट्रेडर होते है जो मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ही शेयर को चुनते है। कंपनी की स्थति जानने के लिए, उससे जुड़ी हुई सभी खबरों को समझना होगा। स्टॉक को किसी भी तरह से चुने लेकिन वह प्रदर्शन अच्छा कर रहा होना चाहिए।
लिक्विडिटी स्टॉक : इस लिक्विडिटी स्टॉक का मतलब होता है कि वह शेयर जो ट्रेडिंग मार्केट में अधिक मात्रा में खरीदे या बेचे जाते है। इनका प्रदर्शन कुछ इस तरह का होता है कि मार्केट में उस शेयर की जरूरत काफी अधिक है। बेहतर लिक्विडिटी वाले शेयर में कम मात्रा में रिस्क होता है।
दूसरे स्टॉक के साथ तुलना:
बेहतर स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के साथ तुलना करनी होती है इससे हमे ये पता लगता है कि किस शेयर का प्रदर्शन अच्छा है और किसका खराब है।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न जरूर देखे : आपको जिस स्टॉक का प्रदर्शन अच्छा लग रहा हो, उसके बाद आप स्टॉक के पुराने ट्रेंडिंग पैटर्न को देखना काफी जरूरी होता है इससे हमे stock के भविष्य में कीमत के उतार-चढ़ाव के बारे में अनुमान लग जाता है। एक चीज और देखनी है शेयर की कीमत में थोड़ा ज्यादा उतार-चढ़ाव होगा तो समझो शेयर उतना ही अच्छा होता है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: कुछ ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयर को पसंद नही करते है क्योंकि उसमे पैटर्न को समझने में समस्या होती है। वह उन शेयर में निवेश करते जिसमे सामान्य रूप से कम उछाल या गिरावट दिखती है क्योंकि इससे उनको पैटर्न को समझने में आसानी होती है।
Asset Coverage Ratio क्या है?
एसेट कवरेज अनुपात क्या है? [What is Asset Coverage Ratio?] [In Hindi]
इक्विटी निवेशक कंपनी के मालिक होते हैं, इसलिए यदि कंपनी लाभदायक नहीं है तो उन्हें अपने निवेश पर कोई रिटर्न नहीं मिलेगा। हालांकि, Debt Investor को सभी परिस्थितियों में नियमित अंतराल पर ब्याज (और कई मामलों में मूलधन) का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थितियों में जब कंपनी लाभदायक नहीं है, ऋण निवेशकों को चुकाने के लिए Management को कंपनी की संपत्ति बेचने के लिए मजबूर किया जा सकता है। Equity और Debt दोनों निवेशक कुल संपत्ति कवरेज अनुपात का उपयोग कर सकते हैं ताकि कंपनी की ऋण बाध्यता बनाम संपत्ति का कितना मूल्य हो, इसका सैद्धांतिक बोध प्राप्त किया जा सके।
विश्लेषक इस अनुपात का उपयोग किसी कंपनी की वित्तीय स्थिरता, पूंजी प्रबंधन और समग्र जोखिम को मापने के लिए भी करते हैं। अनुपात जितना अधिक होगा, निवेशक के दृष्टिकोण से उतना ही बेहतर होगा क्योंकि इसका मतलब यह है कि परिसंपत्तियों की संख्या देनदारियों से काफी अधिक है। दूसरी ओर, एक कंपनी, एक स्वस्थ परिसंपत्ति कवरेज अनुपात को बनाए रखने की तुलना में उधार ली जा सकने वाली राशि को अधिकतम करना चाहेगी।
एसेट कवरेज अनुपात का उपयोग कैसे किया जाता है ? [How is the asset coverage ratio used?]
कंपनियां जो फंड जुटाने के लिए स्टॉक या इक्विटी के शेयर जारी करती हैं, उन फंडों को निवेशकों को वापस भुगतान करने के लिए वित्तीय दायित्व नहीं होता है। हालांकि, जो कंपनियां बांड की पेशकश के माध्यम से ऋण जारी करती हैं या बैंकों या अन्य वित्तीय कंपनियों से पूंजी उधार लेती हैं, उनका दायित्व समय पर भुगतान करना होता है और अंत में, उधार ली गई मूल राशि का भुगतान करना होता है।
परिणामस्वरूप, किसी कंपनी का ऋण धारण करने वाले बैंक और निवेशक यह जानना चाहते हैं कि कंपनी की आय या लाभ भविष्य के ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन वे यह भी जानना चाहते हैं कि यदि आय में कमी आती है तो क्या होगा।
दूसरे शब्दों में, Asset coverage ratio एक Solvency ratio है। यह मापता है कि कोई कंपनी अपनी संपत्तियों के साथ अपने अल्पकालिक ऋण दायित्वों को कितनी अच्छी तरह से कवर कर सकती है। एक कंपनी जिसके पास अल्पकालिक ऋण और देयता दायित्वों की तुलना में अधिक संपत्ति है, ऋणदाता को इंगित करता है कि कंपनी के पास उस धन को वापस भुगतान करने का एक बेहतर मौका है जो कंपनी की आय में ऋण को कवर नहीं कर सकता है। Asset Class क्या हैं?
एसेट कवरेज अनुपात के साथ समस्याएं [problems with asset coverage ratio]
इस अनुपात के परिणाम की व्याख्या करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसमें संभावित रूप से गलत धारणा है कि अंश में सूचीबद्ध संपत्ति को उसी मात्रा में नकदी में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है। निम्नलिखित कारणों से धारणा गलत हो सकती है:
मैं बिनेंस पर INR में बिटकॉइन कैसे खरीदूं?
पिछले एक साल में बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में अपनी रुचि दिखाई है। वैश्विक महामारी से उत्पन्न अनिश्चितताओं के अलावा, भारतीयों ने मई 2021 के अंत तक हजारों करोड़ रुपये जमा किए हैं। इस जबरदस्त निवेश उछाल का कारण दुनिया भर में प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी द्वारा प्रदान किए गए निवेश पर प्रतिफल (रिटर्न) है। अकेले पिछले एक साल के निचले स्तर के बावजूद, बिटकॉइन की कीमत चार गुना और एथेरियम दस गुना से अधिक बढ़ गई है।
हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विनियमन अस्थिर रहा है, फिर भी भारत में क्रिप्टो निवेशों ने महत्वपूर्ण संकर्षण प्राप्त किया है। 15 मिलियन से अधिक भारतीयों ने डिजिटल मुद्राएं खरीदी या बेची हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी आईटी आबादी वाले देश में कई क्रिप्टो उत्साही मानते हैं कि भारतीय निवेशकों द्वारा प्रदान की गई वर्तमान मात्रा बड़े पैमाने पर आपनाये जाने के मामले में केवल हिमशैल का सिरा है।
बिनेंस पर INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए इन चरणों का पालन करें:
बिनेंस दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है, जिस पर दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ता भरोसा करते हैं। हमारे प्लेटफॉर्म में भारतीय निवेशकों के लिए INR में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने का विकल्प है। भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए कदमों अथवा चरणों का पालन करें।
चरण 1: अपना बिनेंस खाता बनाएं
बिनेंस के साथ साइन अप करें और अपना ईमेल पता या मोबाइल फोन नंबर जैसे आवश्यक विवरण भरें। अपने क्रिप्टो वॉलेट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड चुनना याद रखें। आप अपना बिनेंस खाता बनाने के लिए मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं। आप सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करते हुए, 2FA या दो-कारक अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे प्रमाणीकरण (two-factor authentication) के साथ अपने खाते की सुरक्षा भी कर सकते हैं। प्रोफ़ाइल टैब के अंतर्गत "सुरक्षा" (“Security”) विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 2: अपना केवाईसी सत्यापन (verification) पूरा करें
केवाईसी (KYC- Know your customer) एक वित्तीय संस्थान द्वारा ग्राहक की पहचान का अनिवार्य सत्यापन है। केवाईसी प्रक्रिया में विभिन्न दस्तावेज शामिल हैं जिनका उपयोग आपकी पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है जैसे वैध पहचान पत्र, उपयोगिता बिल, और इसी तरह। प्रोफाइल टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पहचान (identification) विकल्प चुनें।
चरण 3: अपनी पहचान सत्यापित (verify) करें
अपना केवाईसी विवरण दर्ज करने के बाद, सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए वेरीफाई (verify) बटन पर क्लिक करें। कृपया ध्यान दें कि जमा किए गए दस्तावेज़ केवल आपकी राष्ट्रीयता के अधिकारियों द्वारा जारी किए हुए होने चाहिए।
चरण 4: सत्यापन (verification) पूरा करें
पुष्टि करें कि आपके केवाईसी सत्यापन को स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत किए गए विवरण सटीक हैं। सत्यापन प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, जिसके बाद आपका खाता ट्रेडिंग के लिए तैयार हो जाएगा। आपके पास बुनियादी (basic) से उन्नत (advanced) सत्यापन मॉडल पर स्विच करने का विकल्प भी होगा।
चरण 5: बिनेंस पी2पी के माध्यम से INR में बिटकॉइन खरीदें
बिनेंस पी2पी (पीयर-टू-पीयर एक्सचेंज) एक ऐसा बाज़ार है जहाँ लोग लगभग किसी भी देश में अपनी शर्तों पर एक-दूसरे के साथ सीधे क्रिप्टो व्यापार कर सकते हैं। 70 से अधिक फिएट मुद्राओं के साथ, पी2पी मार्केटप्लेस भारतीय निवेशकों के लिए भारतीय रुपये में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना और बेचना आसान बनाता है।
मार्केटप्लेस पर जाने के लिए, वॉलेट टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पी2पी विकल्प पर क्लिक करें। आप यहां क्लिक करके भी मार्केटप्लेस जा सकते हैं।
चरण 6: बिटकॉइन खरीदने के लिए अपनी आवश्यकताओं को भरें
व्यापार करने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी के रूप में बीटीसी का चयन करें, और फिर 'खरीदें' विकल्प चुनें। वह राशि दर्ज करें जिसे आप फिएट मुद्रा के रूप में INR के साथ खरीदना चाहते हैं। उस भुगतान विकल्प का चयन करें जिसे आप मौजूद विभिन्न विकल्पों में से चुनना चाहते हैं। बिनेंस द्वारा सत्यापित व्यापारियों की सूची के साथ बिटकॉइन से INR मूल्य और, उनकी न्यूनतम और अधिकतम बिक्री की सीमा के लिए "केवल व्यापारी विज्ञापन दिखाएं" (“only show merchant ads “) विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 7: व्यापारियों से बिटकॉइन खरीदना
उपयुक्त मर्चेंट का चयन करने के बाद, बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") विकल्प पर क्लिक करें और अपनी चयनित फिएट मुद्रा में खरीदारी करने के लिए राशि भरें।
बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") पर क्लिक करने के बाद, आपके पास पहले चुने गए भुगतान विकल्प के माध्यम से मर्चेंट को फंड ट्रांसफर करने के लिए 15 मिनट की समय सीमा होगी। भुगतान करें, और फिर "स्थानांतरित, अगला" (“Transferred, NEXT”) पर क्लिक करें।
चरण 8: व्यापारी से बिटकॉइन प्राप्त करना
व्यापारी को आपके खाते में खरीदे गए बिटकॉइन की राशि को स्थानांतरित करने के लिए एक सूचना मिलेगी। आपको व्यापारी से कुछ ही मिनटों में अपना बिटकॉइन प्राप्त हो जाएगा।
देरी होने पर, आप हमेशा "अपील उठा सकते हैं"। आपके द्वारा “स्थानांतरित, अगला” (“Transferred, NEXT”) विकल्प पर क्लिक करने के तुरंत बाद ही यह विकल्प उपलब्ध है। अगला कदम होगा "अपील का कारण" के लिए सबूत के साथ अपने तर्क का समर्थन करना।
अपने बिनेंस खाते से भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए बस इतना ही करना है। यह आसान और तेज़ है। आप इस विशेष मार्गदर्शिका का उपयोग बिनेंस पी2पी मार्केटप्लेस के माध्यम से अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए भी कर सकते हैं।
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Let's learn how to most productively use Lightroom Classic to edit your photos, finding the most effective path from import to finished product.
22 Best Photo Editing Software for PC in 2021 (Free and Paid)
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