Investment Tips: आसान है गोल्ड ईटीएफ में निवेश,अच्छा रिटर्न देने में भी है आगे
गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कुछ ज्यादा ही बढ़ा हुआ दिख रहा है क्योंकि रिटर्न के मामले में पिछले पांच साल दौरान इसका रिकार्ड काफी अच्छा रहा है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 11 Nov 2020 01:27 PM (IST)
पिछले कुछ महीनों के दौरान गोल्ड के दाम में इजाफे के साथ ही इसमें निवेश का रुझान भी बढ़ा है. निवेशक, महंगा होने के बावजूद फिजिकल गोल्ड खरीद रहे हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगा रहै हैं. गोल्ड फंड में पैसा लगा रहे हैं और गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश कर रहे हैं.
गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों का रुझान
गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कुछ ज्यादा ही बढ़ा हुआ दिख रहा है क्योंकि रिटर्न के मामले में पिछले पांच साल दौरान इसका रिकार्ड काफी अच्छा रहा है. गोल्ड के निवेशक हमेशा फायदे में रहते हैं क्योंकि यह महंगाई की वजह से रिटर्न में कमी को रोकने में मदद करता है. गोल्ड ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कमोडिटी आधारित म्यूचुअल फंड है, जो गोल्ड में निवेश करता है. स्टॉक एक्सचेंजों पर गोल्ड ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है. यह डीमैटेरिलाइज्ड और पेपर दोनों फॉर्म में होता है. फर्क सिर्फ इतना है कि निवेशक मेटल की जगह ईटीएफ में निवेश करता है.
गोल्ड ने दिया बेहतरीन रिटर्न
पिछले तीन महीने में गोल्ड ने अच्छा रिटर्न दिया है. आज, सालाना 24 फीसदी रिटर्न के साथ सोना सबसे अच्छा एसेट बन गया है. कोई भी निवेश इंस्ट्रूमेंट्स इतना रिटर्न नहीं दे रहा है. पिछले एक साल में इसमें 50 फीसदी तेजी आई है. घरेलू बाजार में इसकी कीमत ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुकी है. इसके बावजूद गोल्ड में निवेशकों को फायदा मिलने की उम्मीद है. इसलिए गोल्ड ईटीएफ आपके लिए बेहतर निवेश विकल्प हो सकता है.
Published at : 11 Nov 2020 01:21 PM (IST) Tags: Gold return Gold investment Gold ETF Gold fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स News in Hindi
जिओडेटिक सर्वेक्षण उपकरणों में कुल स्टेशन साधन
HTS-220R कुल स्टेशन साधन भू सर्वेक्षण में बीहड़ और सटीक, उच्च प्रदर्शन प्रिज्म ट्रैकिंग और शक्तिशाली लंबी दूरी की EDM, साथ ही सुरक्षा और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए विशेष ब्लूटूथ संचार के साथ हाय लक्ष्य सुविधा पावर।
कुल स्टेशन एक इलेक्ट्रॉनिक / ऑप्टिकल उपकरण है जिसका उपयोग कोण माप, दूरी माप और समन्वय के मापन के लिए किया जाता है। कुल स्टेशनों को दूर से नियंत्रित किया जा सकता है और सर्वेक्षण करने वाले तिपाई पर लगाया जा सकता है। कुल स्टेशन एक मापक लक्ष्य के रूप में एक सर्वेक्षण प्रिज्म का उपयोग करता है, और इन लक्ष्यों को दूर से नियंत्रित करने या स्वचालित रूप से ट्रैक करने की क्षमता एक सहायक कर्मचारी की आवश्यकता को समाप्त करती है।
विशेषताएं:
मापा गया कई कोणों का औसत।
मापा गया कई दूरी का औसत।
किन्हीं दो बिंदुओं के बीच की दूरी।
वस्तुओं की ऊंचाई और
देखे गए बिंदुओं के सभी तीन निर्देशांक।
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फेस्टिव सीजन में गोल्ड में लगाना है पैसा, ये तरीके हैं मौजूद
आज का भारतीय केवल गोल्ड ज्वैलरी पहनकर इतराता नहीं है, बल्कि वह सोने को अच्छे रिटर्न वाले निवेश इंस्ट्रूमेंट के तौर पर भी देखता है.
देश में त्योहारों (Festive Season) की धूम शुरू हो गई है. दशहरा, करवाचौथ, ईद, धनतेरस, दिवाली, भाईदूज, छठ. पूरा अक्टूबर महीना त्योहारों से भरा हुआ है और इसके गुजरने के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा. फेस्टिव सीजन और शादियों के सीजन में शॉपिंग अपने जोरों पर रहती है. फिर चाहे वह कपड़ों की शॉपिंग हो, घर के सामान की, गिफ्ट्स की या फिर गोल्ड आइटम्स की. सोने (Gold) की चीजों, खासकर गहनों के साथ तो भारतीयों का लगाव तो जगजाहिर है. लेकिन आज का भारतीय केवल गोल्ड ज्वैलरी पहनकर इतराता नहीं है, बल्कि वह सोने को अच्छे रिटर्न वाले निवेश इंस्ट्रूमेंट के तौर पर भी देखता है. त्योहारों और शादियों के सीजन में तो सोने की बिक्री पीक पर होती है. आइए जानते हैं इन त्योहारी सीजन में आप गोल्ड में कैसे निवेश कर सकते हैं.
फिजिकल गोल्ड
भारत में फिजिकल गोल्ड की खरीद सबसे ज्यादा पॉपुलर है. त्योहारों के दौरान सबसे ज्यादा फिजिकल गोल्ड ही बिकता है. फिजिकल गोल्ड यानी गोल्ड ज्वैलरी, गोल्ड बार या सिक्के. कई गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स लोग इसे सोने में इन्वेस्टमेंट का सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका मानते हैं. लेकिन याद रहे कि फिजिकल गोल्ड की खरीद पर 3% GST है. अगर आप गोल्ड ज्वैलरी के माध्यम से सोने में निवेश करना चाहते हैं तो BIS हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी ही खरीदें. यह सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है.
डिजिटल गोल्ड
सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड का विकल्प भी है और यह तेजी से पॉपुलर हो रहा है. कई बैंक, मोबाइल वॉलेट और ब्रोकरेज कंपनियों ने MMTC-PAMP या सेफगोल्ड के साथ साझेदारी की हुई है. इसी की मदद से वे डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा देते हैं. डिजिटल गोल्ड में छोटे-छोटे अमाउंट में सोने में पैसा लगा सकते हैं, 1 रुपये में भी सोना खरीदा जा सकता है. डिजिटल तरीके से 24 कैरेट यानी 99.99 फीसदी शुद्ध सोना डिजिटली सुरक्षित रखा जा सकता है, जब चाहे इसे बेचा जा सकता है और चाहें तो फिजिकल फॉर्म में यानी बिस्किट, कॉइन या ज्वेलरी के रूप में डिलीवरी भी पाई जा सकती है. Paytm, Google Pay और PhonePe यूजर्स को डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री की सुविधा दे रहे हैं.
गोल्ड ETF
आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं, हालांकि भारत में ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) आपकी कैपिटल को फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है और यह सोने की कीमत के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. गोल्ड ETF के तौर पर मिनिमम 1 ग्राम सोने में भी निवेश किया जा सकता है, निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है. गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी सोने में निवेश का एक तरीका है. यह गोल्ड ETF में निवेश करता है. म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में भी SIP शुरू कर सकते हैं. इससे 500 रुपये की छोटी रकम से भी सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं. SIP की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है. गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सोने में निवेश का एक माध्यम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक RBI, सरकार की ओर से जारी करता है. लेकिन इनमें कभी भी निवेश नहीं किया जा सकता है. सरकार समय-समय पर विभिन्न चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री के लिए विंडो ओपन करती है. एक वित्त वर्ष में कितनी विंडो ओपन की जाएंगी, यह पहले से तय होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को हर साल 2.5% का ब्याज हासिल होता है. आमतौर पर SGB का लॉक इन पीरियड 5 साल है और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है. निवेशक को कम से कम एक गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा. कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.
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पर्सनल फाइनेंस: ज्वैलरी नहीं गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना रहेगा सही, इसमें आपको मिलेगा ज्यादा फायदा और सोना भी रहेगा सुरक्षित
कोरोना महामारी के कारण निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है, लेकिन इस बीच सोने की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 38 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। ऐसे में आप भी बेहतर रिटर्न के लिए सोने में निवेश कर सकते हैं लेकिन ये निवेश ज्वैलरी या अन्य फिजीकल गोल्ड में होने की बजाए डिजिटल गोल्ड यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में करना सही रहेगा। आज हम आपको गोल्ड ईटीएफ के बारे में बता रहे हैं।
भारत में 2007 से चल रहे गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सोना खरीद/बेच सकते हैं और आर्बिटेज गेन (एक मार्केट से खरीदकर दूसरे मार्केट में बेचने पर लाभ) ले सकते हैं। भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 से चल रहे हैं और एनएसई और बीएसई में रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। इन्हें कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिए खरीद सकते हैं, जो बुलियन, माइनिंग या सोने के उत्पादन से जुड़े सहयोगी बिजनेसों में निवेश करती हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के कई फायदे हैं, जो इसे सोने के अन्य विकल्पों से बेहतर बनाते हैं।
काम मात्रा में भी खरीद सकते हैं सोना
ईटीएफ के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। इससे कम मात्रा में या एसआईपी (सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के जरिए सोना खरीदना आसान हो जाता है। वहीं भौतिक (फिजिकल) सोना आमतौर पर तोला (10 ग्राम) के भाव बेचा जाता है। ज्वैलर से खरीदने पर कई बार कम मात्रा में सोना खरीदना संभव नहीं हो गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स पाता।
मिलता है शुद्ध सोना
गोल्ड ईटीएफ की कीमत पारदर्शी और एक समान होती है। यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन का अनुसरण करता है, जो कीमती धातुओं की ग्लोबल अथॉरिटी है। वहीं फिजिकल गोल्ड की अलग-अलग विक्रेता/ज्वैलर अलग-अलग कीमत पर दे सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है, जो कि सबसे उच्च स्तर की शुद्धता है। आप जो सोना लेंगी उसकी कीमत इसी शुद्धता पर आधारित होगी।
नहीं आता ज्वैलरी मेकिंग का खर्च
गोल्ड ईटीएफ खरीदने में 0.5% या इससे कम का ब्रोकरेज लगता और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है। यह उस 8 से 30 फीसदी मेकिंग चार्जेस की तुलना में कुछ भी नहीं है जो ज्वैलर और बैंक को देना गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स पड़ता है, भले ही आप सिक्के या बार खरीदें।
सोना रहता है सुरक्षित
ईटीएफ सोना बेचने या खरीदने में ट्रेडर्स को सिर्फ ब्रोकरेज देना होता है। वहीं फिजिकल गोल्ड में लाभ का बड़ा हिस्सा मेकिंग चार्जेस में चला जाता है और यह सिर्फ गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स ज्वैलर्स को ही बेचा जा सकता है, भले ही सोना बैंक से ही क्यों न लिया हो। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड डीमैट एकाउंट में होता है जिसमें सिर्फ वार्षिक डीमैट चार्ज देना होता है। साथ ही चोरी होने का डर नहीं होता। वहीं फिजिकल गोल्ड में चोरी के खतरे के अलावा उसकी सुरक्षा में भी खर्च करना होता है।
इसे खरीदना है आसान
गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें एनएसई पर उपलब्ध गोल्ड ईटीएफ के यूनिट आप खरीद सकते है और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ईटीएफ आपके अकाउंट में डिपाजिट हो जाते हैं।
पिछले 1 साल में सोने ने दिया 38 फीसदी का रिटर्न
पिछले एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 38 फीसदी का उछाल आया है। 19 जुलाई 2019 को सोने की कीमत 35,382 रुपए थी जो अब 49 हजार रु. प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना लम्बे समय तक चलता है और इसके कारण बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है तो इसकी कीमत और बढ़ेगी।
80 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच सकती है कीमत
दुनियाभर में फैल चुके कोरोनावायरस संक्रमण के कारण शेयर बाजार और बॉन्ड में गिरावट का माहौल बना हुआ है। मौजूदा हालातों को देखते हुए निवेशकों ने अब सोने में निवेश बढ़ा दिया है। इससे सोने की कीमतों में लगातार उछाल जारी है। इस बीच बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज (BofA Sec) के एनालिस्टों ने अनुमान जताया है कि 2021 के अंत तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत 3000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। 3000 डॉलर को यदि आज के भारतीय रुपए में कन्वर्ट किया जाए तो यह राशि 2,28,855 रुपए बैठती है।
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