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डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं

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5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग

ऑप्शन ट्रेडिंग है क्या? क्या हैं इसके फायदें? कौन कर सकता है ऑप्शन ट्रेडिंग? क्या हैं इसकी जरूरी शर्तें? इन सवालों के सभी जबाव 5 मिनट में .

5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग

क्या हैं ऑप्शंस ट्रेडिंग?
यह वायदा कारोबार की तरह का डेरिवेटिव्स प्रॉडक्ट होता है. लेकिन इसमें बायर का जोखिम सीमित लेकिन प्रॉफिट अनलिमिटेड होता है. फ्यूचर ट्रेडिंग में हेजिंग का विकल्प नहीं मिलता है डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं लेकिन ऑप्शन में यह सुविधा है. एक तरह से इसमें कुछ प्रीमियम चुकाकर नुकसान का बीमा कवर मिलता है. यह बिल्कुल उसी तरह होता है जैसे कार में स्क्रेच आ जाता है या चोरी या एक्सीडेंट हो जाने पर कुछ प्रीमियम चुकाने पर बीमा कंपनी नुकसान क भरपाई करती है. उसी तरह ऑप्शन ट्रेडिंग में कुछ प्रीमियम चुकाने से नुकसान सीमित हो जाता है. ब्रोकरेज फर्म ट्रस्टलाइन के कमोडिटी रिसर्च हेड राजीव कपूर का कहना है कि कीमतों में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ऑप्शन अच्छा विकल्प है.

इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 1000 रुपये टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है तो एक लॉट पर आपको एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपये प्रति दस ग्राम प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपये रह जाता है.

फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे अलग है ऑप्शन ट्रेडिंग
फ्यूचर बाज़ार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं . अगर स्टॉपलॉस लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है लेकिन नुकसान जरूर होता है. स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है. जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं. इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिये नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं.

क्या है कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन
कॉल ऑप्शन तब इस्तेमाल होता है जब आपको लगता है कि किसी कमोडिटी में आप तेजी पर दांव लगाते हैं. काल ऑप्शन में आपको प्रीमियम भरना होता वहीं आपका अधिकतम नुकसान होता है. दूसरी ओर पुट ऑप्शन का इस्तेमाल तब होता है जब आपको लगता है कि बाज़ार में आगे मंदी के आसार है.

कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट में ऑप्शंस कैसे चलेगा?
एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि जो ऑप्शंस एक्सपायरी पर आउट ऑफ द मनी रह जाएंगे वे लॉस में कटेंगे. जिन ऑप्शन होल्डर्स के ऑप्शंस इन द मनी रहेंगे उनको अपनी पोजिशन प्रॉफिट में काटने या फिर उनको फ्यूचर्स पोजिशन में कनवर्ट करने की सहूलियत होगी.

सेबी ने यूरोपियन स्टाइल के ऑप्शंस लॉन्च को मंजूरी दी है
इक्विटी मार्केट के उलट कमोडिटी मार्केट में ऑप्शंस एक्सपायरी पर फ्यूचर्स प्राइस पर सेटल होंगे और ऑप्शन होल्डर को अपनी पोजिशन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में कनवर्ट करने का ऑप्शन होगा. इक्विटी मार्केट में एक्सपायरी पर ऑप्शन का सेटलमेंट स्टॉक या इंडेक्स के कैश यानी स्पॉट मार्केट रेट पर होता है. इक्विटी मार्केट में सेबी कैश मार्केट को रेगुलेट करता है जबकि एग्री कमोडिटी में सेबी कैश नहीं सिर्फ फ्यूचर्स को रेगुलेट करता है. यहां का कैश वाला कमोडिटी मार्केट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है.

ट्रेडिंग अकाउंट होना है जरूरी
कमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. अगर आपका पहले से फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं. अगर आप नया खाता खुलवा रहे हैं तो फ्यूचर की तरह ऑप्शन में कारोबार के लिए अलग से फार्म भरना पड़ेगा.

यह ट्रेडिंग खुलवाते समय जिस ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट खोल रहे है वह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल डेरेवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईक्स) का सदस्य जरूर हो. साथ ही बाज़ार में इस ब्रोकर की ठीक-ठीक पहचान हो. इसके लिए आप इन दोनों एक्सचेंज की बेवसाइट पर जाकर इन ब्रोकर्स के बारे जानकारी जुटा सकते हैं.

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकउंट की आईडी मुहैया कराता. इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं. इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.

ऑप्शन ट्रेडिंग के 5 बड़े फायदे

1-वायदा के मुकाबले कम रिस्क, रिटर्न ज्यादा

2- प्रीमियम पर टैक्स लगेगा इसलिए वायदा के मुकाबले टैक्स कम

3-हेजिंग का टूल होने से निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी

4-कमोडिटी में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी, कमोडिटी बाज़ार को बूस्टर मिलेगा

निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो

एक निवेशक के रूप में, आप बाजारों में भाग लेने के इच्छुक हैं, लेकिन अपने पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने के लिए समय नहीं दे सकते; आप पोर्टफोलियो प्रबंधन की जड़ों को नहीं जानते हैं। इंटेलीजेंट एडवाइज़री पोर्टफोलियो (आई.ए.पी) इक्विटी उत्पादों का एक तैयार मिश्रण है जिसे आप तुरंत निवेश कर डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं सकते हैं।

  • निर्देशित परामर्श
  • नियमित निगरानी
  • मुद्रा प्रबंधन
  • व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि
  • समय की बचत
  • सक्रिय भागीदारी

शिकायत डैशबोर्ड - निवेश सलाहकार

शिकायतों की संख्या - नवंबर 2021

महीने के दौरान हुआ हल

महीने के दौरान प्राप्त

महीने के दौरान हल की गई

महीने के अंत में लंबित

लंबित होने के कारण: जांच प्रक्रियाधीन

इंटेलीजेंट एडवाइज़री पोर्टफोलियो (आई.ए.पी) को क्यों चुनें

  • ए.आई - संचालित निवेश
  • कोई लॉक इन अवधि नहीं
  • विवेकाधिकार की शक्ति
  • वास्तविक - समय पुनः संतुलन
  • 24 / 7 पोर्टफोलियो ट्रैकिंग

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निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो

व्यापारियों और निवेशकों दोनों के लिए आदर्श पूर्व-पैकेज्ड उत्पादों की एक विविध श्रेणी जो बाजारों में भाग लेना चाहते हैं लेकिन उनके पास अपने पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।

न्यूनतम निवेश ₹2,50,000

  • होराइज़न

न्यूनतम निवेश ₹2,50,000

  • होराइज़न

न्यूनतम निवेश ₹2,50,000

  • होराइज़न

एनएस इंडस्ट्री चैंप

न्यूनतम निवेश ₹2,50,000

  • होराइज़न

एनएस मिड कैप और स्मॉल कैप

न्यूनतम निवेश ₹2,50,000

  • होराइज़न

अभी भी उलझन में है कि कौन सा उत्पाद लें?

हमारे रोबो-सलाहकार को निवेश में आपकी सहायता करने दें
सही उत्पाद में

हमारे ग्राहक क्या कहते हैं

एम.ओ के ग्राहकों और समुदाय से समीक्षाएं, टिप्पणियाँ

इंटेलीजेंट एडवाइज़री पोर्टफोलियो

पोर्टफोलियो का संचालन बहुत पेशेवर रूप से किया जाता है और यह बहुत पारदर्शी है। यह निवेश करने के लिए एक अच्छा उत्पाद है

इंटेलीजेंट एडवाइज़री पोर्टफोलियो

आई.ए.पी में निवेश करने से मुझे अपने निवेश में अनुशासन लाने में सहायता मिली है

आई.ए.पी एफ.ए.क्यू

मैं इंटेलीजेंट एडवाइज़री पोर्टफ़ोलियो में कैसे निवेश कर सकता हूँ?

निवेश करने के 2 तरीके हैं: एम.ओ इन्वेस्टर ऐप और एम.ओ इन्वेस्टर वेब।

निवेश प्रक्रिया कैसे कार्य करती है?

1. वांछित उत्पाद का चयन करें 2. निवेश का एक मोड चुनें (एकमुश्त/एस.आई.पी) 3. सदस्यता या लाभ साझा करने के मॉडल का चयन करें (केवल एकमुश्त के लिए सदस्यता मॉडल) 4. जोखिम प्रोफाइलर भरें 5. नियम और शर्तें स्वीकार करें 6. निवेश राशि दर्ज करें और आगे बढ़ें 7. पोर्टफ़ोलियो कुछ ही मिनटों में उत्पन्न हो जाएगा 8. पोर्टफ़ोलियो के लिए उत्पन्न ऑर्डर को स्वीकार करें

क्या मैं चुन सकता हूँ कि कौन से स्टॉक खरीदने या बेचने हैं?

आपके पास ऑर्डर स्वीकार करने या न करने का विकल्प होगा। हालाँकि, यह डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं पूरे ऑर्डर के लिए लागू होता है जो उत्पन्न होता है। आप विशिष्ट शेयरों को अस्वीकार नहीं कर सकते।

यदि मैं ऑर्डर को स्वीकार करना भूल जाता हूँ तो क्या होता है?

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जब तक स्टॉक को सलाह दिया गया है, आपके द्वारा मंजूरी न देने तक आपको ऑर्डर मिलते रहेंगे। हालांकि, निश्चिंत रहें डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं कि किसी भी दिन, आपको सर्वश्रेष्ठ अनुशंसाएँ मिलेंगी।

क्या एस.आई.पी के लिए न्यूनतम अवधि होती है?

एस.आई.पी के लिए कोई न्यूनतम अवधि नहीं होती, आप एक एस.आई.पी को किसी भी समय बंद कर सकते हैं।

मैं ऑर्डर की पुष्टि कैसे कर सकता हूँ?

1. ईमेल - ईमेल में एक लिंक भेजा जाता है, केवल लिंक पर क्लिक करें और ऑर्डर्स स्वीकृत हो जाएँगे। 2. एस.एम.एस - एस.एम.एस पर एक लिंक भेजा जाता है, केवल लिंक पर क्लिक करें और ऑर्डर्स स्वीकृत हो जाएँगे। 3. एम.ओ निवेशक ऐप अधिसूचना - स्वीकार पर क्लिक करें और ऑर्डर स्वीकृत हो जाएँगे। 4. एम.ओ निवेशक वेब - लॉगइन करें और ऑर्डर स्वीकार करें और ऑर्डर स्वीकृत हो जाएँगे। 5. स्वचालित आई.वी.आर कॉल - अपने डायल पैड पर 1 का चयन करें और ऑर्डर स्वीकृत हो जाएँगे। 6. अपने सलाहकार को कॉल करें - आपका सलाहकार ओ.टी.पी उत्पन्न करेगा, उसे उसके साथ शेयर करें और ऑर्डर स्वीकृत हो जाएँगे। 7. जीमेल ऑटो रिप्लाई - अगर आपके पास जीमेल खाता है, तो आप हर ऑर्डर सत्यापन ईमेल के लिए ऑटो प्रतिक्रिया निर्धारित कर सकते हैं

क्या मैं लाभ शेयर करने के बजाय सदस्यता शुल्क का विकल्प चुन सकता हूँ?

हाँ आप कर सकते हैं, सदस्यता शुल्क एक निश्चित शुल्क है जो हर वर्ष चार्ज किया जाता है। सदस्यता शुल्क प्रारंभिक निवेश राशि का 2 % है।

मैं अपने ऑर्डरों को कैसे स्वीकृति दे सकता हूँ?

आप एस.एम.एस / ईमेल / मोबाइल ऐप सूचनाएँ / वेब लॉगइन / स्वचालित वॉयस कॉल के माध्यम से अपने ऑर्डर को स्वीकृत कर सकते हैं। अगर आपको कोई कठिनाई आती है तो आप अपने सलाहकार के माध्यम से अपने ऑर्डर को एक ओ.टी.पी उत्पन्न कर स्वीकृत कर सकते हैं।

मेरा खाता पी.ओ.ए खाता नहीं है। क्या मैं निवेश कर सकता हूँ?

हाँ आप कर सकते हैं, हालांकि बिक्री ऑर्डर केवल तभी निष्पादित किए जाएँगे जब आप स्टॉक्स को गैर पी.ओ.ए से पी.ओ.ए तक ले जाएँ।

शेयर घाटे में क्यों हैं?

आई.ए.पी उत्पाद स्टॉक को ट्रैक करते हैं न कि उनकी कीमतों को। यदि प्रणाली पहचान करती है कि पोर्टफ़ोलियो में कोई शेयर अच्छा नहीं है, तो चाहे जो भी कीमत हो, एक्ज़िट अनुशंसा दी जाएगी।

भारतीय पूंजी बाजार में घोटालों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, भारत सरकार ने _______ को नियामक शक्तियां सौंपी हैं।

Key Points

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1992 को हुई थी।
  • इसका गठन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था।
  • सेबी के मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना और प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना और उससे जुड़े मामलों के लिए और इसके साथ जुड़े मामलों या आकस्मिक उपचार के लिए हैं।

Additional Information

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आर बी आई) भारत का केंद्रीय बैंक है जिसका प्राथमिक कार्य देश की वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन और संचालन करना है।
  • नीति आयोग नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) एक भारत सरकार की नीति है, जिसे योजना आयोग को बदलने के लिए स्थापित किया गया है।
  • नीति आयोग का उद्देश्य देश को सहकारी संघवाद बनाने पर जोर देने के साथ आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भागीदारी और भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
  • केंद्रीय ब्यूरो जांच (सी बी आई) भारत की शीर्ष-एजेंसी है जो पूरे देश से बहुत गंभीर मामलों की जांच करती है।
  • यह संगठन कार्मिक, लोक शिकायत और संघीय सरकार के पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आता है, जो आगे एक कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में है जो सीधे प्रधानमंत्री के लिए रिपोर्ट करने योग्य है
  • सीबीआई को 1941 में भारत सरकार ने विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में पाया था।

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Last updated on Oct 1, 2022

The Gujarat Public Service Commission (GPSC) has released a new notification for the GPSC Engineering Services Recruitment 2022. The commission has released 28 vacancies for the recruitment process. Candidates can apply for the applications from 15th October 2022 to 1st November 2022 and their selection will be based on Prelims, Mains and Interview. Candidates with a Graduation degree as the basic GPSC Engineering Services Eligibility Criteria are eligible to appear for the recruitment process. The finally selected candidates will get a salary range between Rs. 53100 to Rs. 208700.

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भारतीय इक्विटी बाजार में डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं रिटेल निवेशकों ने जमाया सिक्का, मार्केट शेयर बढ़कर 45% हुआ

Retail Investors: एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 2021 की शुरुआत से हर दिन लगभग एक लाख नए निवेशक इक्विटी डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं बाजार में रजिस्टर हो रहे हैं.

  • राहुल ओबरॉय
  • Publish Date - May 7, 2021 / 03:17 PM IST

भारतीय इक्विटी बाजार में रिटेल निवेशकों ने जमाया सिक्का, मार्केट शेयर बढ़कर 45% हुआ

अपसाइड की बात करें तो 18 हजार का आंकड़ा मार्केट में तेजी के लिए ट्रिगर लेवल हो सकता है. इस स्तर से एक स्थायी कदम नवंबर 2021 के दौरान बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है

वित्त वर्ष 2021 में जब संस्थागत निवेशकों ने ट्रेडिंग में अपनी भागीदारी घटाई है. तब रिटेल निवेशकों (Retain Investors) ने एग्रेसिव रुख अपनाया है और कोरोना महामारी की अनिश्चितता के बीच बाजार में उनकी भागीदारी बढ़कर 45 फीसदी हो गई है. मतलब ये कि अगर स्टॉक एक्सचेंज पर रोजाना का औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 70 हजार करोड़ रुपये है तो उसका लगभग आधा आम निवेशकों के ट्रेड हैं.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध डाटा दिखाता है कि सीधे शेयरों में निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों की भागीदारी पिछले 6 साल में अच्छी वृद्धि हुई है. इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स का मार्केट शेयर वित्त वर्ष 2021 में 12 फीसदी उछलकर 45 फीसदी पर पहुंच गया है. इसके सापेक्ष में वित्त वर्ष 2016 में 33 फीसदी की हिस्सेदारी थी. ये डाटा दिखलाता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों का शेयर घटा है.

वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2020 के बीच कुल टर्नओवर के डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं लिहाज से घरेलू संस्थागत निवेशकों का मार्केट शेयर स्थिर था लेकिन इस वित्त वर्ष में ये 7 फीसदी घटा है. कॉरपोरेट्स की हिस्सेदारी भी इस दौरान आधी हो गई है डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं – 10 फीसदी से घटकर 5 फीसदी तक.

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Retail Investors: रिटेल हिस्सेदारी में क्यों आई बढ़त?

औरम कैपिटल के को-फाउंडर नितेन एस धर्मावत का कहना है, “बाकी एसेट क्लास में तुलनात्मक तौर पर खराब रिटर्न और बैंक डिपॉजिट पर घटती ब्याज दरों की वजह से ये तेजी आई है. कई निवेशक पहली बार पैसा लगा रहे हैं. इन डेरिवेटिव बाजार में भागीदार कौन हैं सब के साथ ही टेक्नोलॉजी के विस्तार से लोगों को महामारी के समय घर बैठे मार्केट का ऐक्सेस मिल रहा है.”

वित्त वर्ष 2021 में इंडिविजुअल निवेशकों के मार्केट शेयर में बढ़त इस वजह से भी है कि साल 2020-21 में नए निवेशकों के रजिस्ट्रेश में वृद्धि हुई है.

इक्विनॉमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के फाउंडर जी चोकलिंगम् के मुताबिक, “पहली बात ये कि मार्च 2020 में आई बड़ी गिरावट से सस्ते वैल्यूएशन पर आए शेयरों ने निवेशकों को आकर्षित किया. इसके बाद 2 करोड़ नए रिटेल निवेशकों ने बाजार में एंट्री ली जब उन्हें मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में दमदार तेजी दिखी. वे लगातार खरीदारी कर रहे हैं. साल 2021 की शुरुआत से हर दिन लगभग एक लाख नए निवेशक इक्विटी बाजार में रजिस्टर हो रहे हैं.”

वायदा बाजार में भागीदारी

NSE के मुताबिक, पिछले 6 साल में कैश मार्केट में निवेश के साथ ही इंडिविजुअल निवेशकों की इक्विटी के वायदा बाजार में भागीदारी बढ़ी है. जहां उनका इक्विटी डेरिवेटिव प्रीमियम टर्नओवर करीब 2 फीसदी बढ़ा है तो वहीं देशभर के टर्नओवर के लिहाज से इस दौरान इसमें 7 फीसदी की बढ़त आई है.

वहीं दूसरी ओर मार्केट में प्रोप्रायटी ट्रे़डर्स का हिस्सा धीरे-धीरे घटा है. कुल इंडेक्स फ्यूचर नेशनल टर्नओवर में जहां वित्त वर्ष 2016 में उनका हिस्सा 31 फीसदी था वहीं वित्त वर्ष 2021 में ये 29 फीसदी रहा है. इसके बाद कॉरपोरेट्स की हिस्सेदारी में भी 6 फीसदी की गिरावट आई है जो 14 फीसदी से फिसलकर 8 फीसदी पर आई है. इनकी भागीदारी में आई गिरावट की भरपाई रिटेल निवेशकों के मार्केट शेयर से हुई जो इस दौरान 32 फीसदी से बढ़कर 39 फीसदी हो गई है.

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वायदा बाजार में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी

किस सेक्टर में एक्सपोजर ज्यादा?

ट्रेडिंग, फाइनेंस, IT, टेक्सटाइल, फार्मा, कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग रिटेल निवेशकों के पसंदीदा सेक्टर हैं. इन सेक्टर्स में हाई नेटवर्थ वाले निवेशकों का भी रुझान है. वहीं दूसरी ओर पोर्ट्स, ई-कॉमर्स, कुरियर और इंश्योरेंस सेक्टर में इनका निवेश सबसे कम है.

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