अब संभव नहीं होगा Netflix Password को शेयर करना, जानिए किस कारण से लिया कंपनी ने यह ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है बड़ा फैसला?
लोगों के बीच में काफ़ी प्रचलित ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स अब जल्द ही Netflix Password शेयर करने की सुविधा को समाप्त करने वाला है। बताया जा रहा है कि यूजर्स की कमी इसका मुख्य कारण है।
by Anuradha Audichya
Netflix Password शेयर करके अगर आप भी इस ओटीटी प्लेटफार्म पर फ़िल्म और शो देखना पसंद करते हैं तो शायद अब आपको इस प्लेटफार्म का सब्सक्रिप्शन लेने के बारे में सोचना पड़ सकता है। कंपनी की नयी गाइडलाइन्स में पासवर्ड को आपस में शेयर करने की सुविधा खत्म की जा सकती है। इस सुविधा के चलते काफ़ी सारे लोग एक साथ लॉग इन करके अपने पसंद के शो और फ़िल्में देख लेते हैं। ऐसे में पेड यूजर्स (पैसा देकर सुविधा लेने वाले लोगों) की संख्या लगातार कम होती जा रही है। इस मुद्दे को देखते हुए ही शायद कंपनी अब पासवर्ड शेयरिंग बंद कर सकती है।
नयी नहीं है पासवर्ड शेयरिंग रोकने की यह नीति
वाशिंगटन जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार Netflix Password साझा करने की इस सुविधा को रोकने का विचार कंपनी काफ़ी समय से कर रही थी किन्तु अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इसे अगले साल से लागू किया जा सकता है। कंपनी का कहना है कि हो सकता है कि Netflix Password शेयरिंग की इस सुविधा को रोकने से उन्हें नुकसान भी उठाना पड़े लेकिन इसे अचानक से लागू न करते हुए इस नियम को धीरे धीरे आगे बढ़ाया जायेगा। आगे चलकर इससे कंपनी को नये ग्राहक मिलने की उम्मीद है।
कंपनी ने एक आंकड़े के तहत यह जानकारी सामने रखी कि Netflix Password शेयर करने से अधिकांश उपभोक्ता खुद इसका खर्च वहन नहीं करते हैं बल्कि वे अपने परिवार के लोगों से या फिर दोस्तों से इसका पासवर्ड ले कर प्लेटफार्म का प्रयोग करते हैं। अगर अमेरिका और कनाडा के 30 मिलियन लोग आपस में पासवर्ड शेयर करना बंद कर दें तो नेटफ्लिक्स को करीब 721 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिल सकता है।
हो सकता है कि यह नया नियम कंपनी को आगे ले कर जाये लेकिन इस प्लेटफार्म का ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है प्रयोग करने वाले लोगों के लिए Netflix Password शेयरिंग की सुविधा रोकने की यह खबर अच्छी नहीं होगी।
Rohtas वाहन मालिकों पर 3.28 करोड़ का जुर्माना बकाया, ऑडिट रिपोर्ट के बाद हुआ खुलासा, 3687 वाहनों की परमिट, ओटीटी की राशि अब तक विभाग में नहीं जमा की गई
बिहार न्यूज़ डेस्क वाहन मालिकों द्वारा वाहनों के संचालन के बाद भी विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने में कोताही बरती जा रही है. जिस कारण परिवहन विभाग का परमिट, टैक्स के अलावा विभिन्न मदों से आने वाला राशि नहीं मिल पा रही है.
परिवहन विभाग का वाहन मालिकों पर तीन करोड़ 28 लाख 48 हजार 194 रुपए का जुर्माना अथवा विभिन्न प्रकार का टैक्स बकाया है. परिवहन विभाग की ऑडिट रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट आने के बाद से परिवहन विभाग की नींद उड़ गयी. पिछले करीब छह वर्षों से वाहन मालिकों द्वारा टैक्स जमा नहीं किया गया है. ऑफ लाइन के समय वाहन मालिकों द्वारा अच्छी-खासी टैक्स चोरी की गई है. हालांकि परिवहन विभाग भी वैसे वाहनों की सूची तैयार कर नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है. ब्याज के साथ वाहन मालिकों अथवा ऑपरेटरों से टैक्स की वसूली होगी. 3687 विभिन्न वाहनों के परमिट, टैक्स, ओटीटी (वन टाइम टैक्स) ट्रेड आदि ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है से संबंधित राशि जमा नहीं किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2015-16, वित्तीय वर्ष 2016-17 व वित्तीय वर्ष 2019-20 तक विभिन्न टैक्स जमा नहीं किया गया हैं. ऐसे में परिवहन विभाग पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है.विदित हो कि पहले भी कई परिवहन पदाधिकारी आए व गए. लेकिन, टैक्स जमा नहीं करने के मामले को छुपाया गया था. नहीं तो जब कभी ऑडिट की गई होगी, इसका खुलासा हो जाता.
लेकिन, तत्कालीन परिवहन पदाधिकारियों द्वारा राशि जमा कराने में हिलाहवाली की गई. ऐसे में रिपोर्ट सामने आने के बाद परिवहन कार्यालय वैसे वाहनों की सूची तैयार कर नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है. जमा नहीं करने पर नीलाम पत्र वाद दायर कर राशि की वसूली की जाएगी. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परमिट में 2930 वाहनों का 5435700 रुपए, टैक्स से संबंधित 274 वाहनों का 14507805 रुपए, ओटीटी का 478 वाहनों का 2615649 रुपए के अलावा अस्थायी निबंधन में 4801 वाहनों का करीब 10050890 रुपए जमा नहीं कराया गया.
Gold Price Today: सोने-चांदी के भाव में आई गिरावट, जानिए आज के ताजा रेट
Gold-Silver Price: पिछले दिनों सोने और चांदी की कीमत में आई तेजी के बाद अब दोनों कीमती धातु में गिरावट देखी जा रही है. शुक्रवार को लगातार तीसरा दिन है जब सोना और चांदी टूटकर नीचे आ गया. आइये जानते है आज के ताजा रेट.
HR Breaking News (ब्यूरो) : अक्टूबर में सोने की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल देखा गया था. उस समय जानकारों ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है की तरफ से जताई गई उम्मीद के अनुसार सोने और चांदी में तेजी आई लेकिन शुक्रवार को इसमें गिरावट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है आई.
नवंबर में पूरे महीने के दौरान सोना 2600 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा चढ़ गया था. इसी तरह चांदी में भी 6000 रुपये प्रति किलो की तेजी आई थी. शुक्रवार को मल्टी- कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और सर्राफा बाजार दोनों में ही सोने-चांदी के रेट में गिरावट का रुख रहा.
MCX पर नरम रहा सोना-चांदी
अभी सोने की कीमत रिकॉर्ड लेवल से दूर हैं. अगस्त 2020 में गोल्ड ने 56,200 रुपये का रिकॉर्ड बनाया था. शुक्रवार को मल्टी- कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दोपहर करीब 1.30 बजे गोल्ड फ्यूचर के रेट में 14 रुपये की गिरावट देखी गई और इसे 54093 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करते देखा गया.
वहीं, चांदी में 405 रुपये की बड़ी गिरावट देखी गई और यह टूटकर 67413 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही है. इससे पहले सेशन में सोना 54107 रुपये पर और चांदी 67818 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी.
सर्राफा बाजार में सोने-चांदी का हाल
सर्राफा बाजार में भी शुक्रवार को वायदा बाजार की ही तरह चाल रही. यहां भी सोने और चांदी के रेट में गिरावट देखी गई. सर्राफा बाजार में इंडिया बुलियंस एसोसिएशन (https://ibjarates.com) की तरफ से जारी कीमत के अनुसार 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 9 रुपये की गिरावट के साथ 53885 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई.
इसके अलावा 999 प्योरिटी वाली चांदी 261 रुपये गिरकर 66307 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. 23 कैरेट वाले सोने का रेट 53670 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट 49358 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट 40413 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.
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Rohtas वाहन मालिकों पर 3.28 करोड़ का जुर्माना बकाया, ऑडिट रिपोर्ट के बाद हुआ खुलासा, 3687 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रही है वाहनों की परमिट, ओटीटी की राशि अब तक विभाग में नहीं जमा की गई
बिहार न्यूज़ डेस्क वाहन मालिकों द्वारा वाहनों के संचालन के बाद भी विभिन्न प्रकार के टैक्स जमा करने में कोताही बरती जा रही है. जिस कारण परिवहन विभाग का परमिट, टैक्स के अलावा विभिन्न मदों से आने वाला राशि नहीं मिल पा रही है.
परिवहन विभाग का वाहन मालिकों पर तीन करोड़ 28 लाख 48 हजार 194 रुपए का जुर्माना अथवा विभिन्न प्रकार का टैक्स बकाया है. परिवहन विभाग की ऑडिट रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट आने के बाद से परिवहन विभाग की नींद उड़ गयी. पिछले करीब छह वर्षों से वाहन मालिकों द्वारा टैक्स जमा नहीं किया गया है. ऑफ लाइन के समय वाहन मालिकों द्वारा अच्छी-खासी टैक्स चोरी की गई है. हालांकि परिवहन विभाग भी वैसे वाहनों की सूची तैयार कर नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है. ब्याज के साथ वाहन मालिकों अथवा ऑपरेटरों से टैक्स की वसूली होगी. 3687 विभिन्न वाहनों के परमिट, टैक्स, ओटीटी (वन टाइम टैक्स) ट्रेड आदि से संबंधित राशि जमा नहीं किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2015-16, वित्तीय वर्ष 2016-17 व वित्तीय वर्ष 2019-20 तक विभिन्न टैक्स जमा नहीं किया गया हैं. ऐसे में परिवहन विभाग पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है.विदित हो कि पहले भी कई परिवहन पदाधिकारी आए व गए. लेकिन, टैक्स जमा नहीं करने के मामले को छुपाया गया था. नहीं तो जब कभी ऑडिट की गई होगी, इसका खुलासा हो जाता.
लेकिन, तत्कालीन परिवहन पदाधिकारियों द्वारा राशि जमा कराने में हिलाहवाली की गई. ऐसे में रिपोर्ट सामने आने के बाद परिवहन कार्यालय वैसे वाहनों की सूची तैयार कर नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है. जमा नहीं करने पर नीलाम पत्र वाद दायर कर राशि की वसूली की जाएगी. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परमिट में 2930 वाहनों का 5435700 रुपए, टैक्स से संबंधित 274 वाहनों का 14507805 रुपए, ओटीटी का 478 वाहनों का 2615649 रुपए के अलावा अस्थायी निबंधन में 4801 वाहनों का करीब 10050890 रुपए जमा नहीं कराया गया.
‘अगला वित्तीय संकट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की वजह से आएगा, इसको बैन करो’- RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
नई दिल्ली: बिजनेस स्टैंडर्ड’ द्वारा आयोजित BFSI Insight Summit 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी महत्वपूर्ण टिप्पणी की.
उन्होंने आगे कहा कि प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के वजह से अगला वित्तीय संकट आने वाला है. क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Ban on Cryptocurrency) लगाया जाना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी की अंतर्निहित वैल्यू को लेकर RBI गवर्नर ने उठाए सवाल
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा क्रिप्टोकरन्सी में किसी तरह की अंतनिर्हित वैल्यू नहीं होती है और यह मैक्रो इकोमेनिक एवं वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है.
काफी समय से भारतीय रिजर्व बैंक यह दृष्टिकोण रहा है कि वित्तीय स्थिरता के लिए प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी खतरा है इसके इस्तेमाल के वैध बनाये जाने के खिलाफ रहा है. भारत ने इस इश्यू से निपटे के लिए हाल ही में अपनी क्रिप्टोकरेंसी लांच की है.
हाल ही में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबिशंकर ने कहा था कि सभी उपलब्ध डेटा भ्रामक है. उन्होंने डिजिटल करेंसी क्या है और उनका उद्देश्य क्या है, इस विषय की स्पष्ट समझ के लिए सभी तरह के नियम बनाने का आह्वान किया था.
क्रिप्टो मार्केट में हुआ बड़ा उतर चढाव
बहुत अधिक उतार-चढ़ाव के बीच एसटीएक्स जैसा प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज दिवालिया हो चुका है. करीब 90 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी अधिक कम हो चुका है. महज दो फीसदी क्रिप्टो कॉइन को हेल्दी लिक्विडिटी सपोर्ट मिल रहा है. एक नए अध्ययन में ये बातें सामने आई हैं.
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