Best Stocks to Buy: 100 रु से सस्ते ये 5 स्टॉक दे सकते हैं 57% तक रिटर्न, क्या आपके पोर्टफोलियो में हैं शामिल
Stocks to Buy: एक्सपर्ट निवेशकों को क्व लिटी शेयरों पर फोकस करने की सलाह दे रहे हैं. हमने यहां कुछ ऐसे शेयरों का चुनाव किया है जो कीमत के मामले में सस्ते हैं, लेकिन आउटलुक दमदार नजर आ रह है.
बाजार में मौजूद कुछ निगेटिव डोमेस्टिक और ग्लोबल फैक्टर के चलते आगे भी दबाव बना रह सकता है. (image: pixabay)
Stocks Tips: शेयर बाजार में हालिया रिकवरी के बाद फिर करेक्शन देखने को मिल रहा है. रेट हाइक साइकिल के आगे भी जारी रहने और मंदी की आशंका के चलते बाजार वोलेटाइल बना हुआ है. बाजार में मौजूद कुछ निगेटिव डोमेस्टिक और ग्लोबल फैक्टर के चलते आगे भी बाजार पर दबाव बना रह सकता है. ऐसे में एक्सपर्ट निवेशकों को क्वालिटी शेयरों पर फोकस करने की सलाह दे रहे हैं. हमने यहां कुछ ऐसे शेयरों का चुनाव किया है जो कीमत के मामले में तो 100 रुपये से सस्ते हैं, लेकिन उनका आउटलुक दमदार नजर आ रह है. मजबूत आउटलुक के चलते उन पर ब्रोकरेज हाउस बुलिश हैं.
RBL Bank
टारगेट प्राइस: 125 रुपये
करंट प्राइस: 98 रुपये
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रिटर्न अनुमान: 28 फीसदी
RBL Bank में ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने निवेश की सलाह दी है और टारगेट 125 रुपये का दिया है. करंट प्राइस 98 रुपये के लिहाज से इसमें 28 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. RBL Bank ने कहा है कि उसके बोर्ड ने लेंडर के बिजनेस के ग्रोथ के लिए 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दी है. फंड जुटाना शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगा.
Ashoka Buildcon
टारगेट प्राइस: 110 रुपये
करंट प्राइस: 76 रुपये
रिटर्न अनुमान: 45 फीसदी
Ashoka Buildcon में ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने 110 रुपये के टारगेट के साथ निवेश की सलाह दी है. करंट प्राइस 76 रुपये के US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका लिहाज से इसमें 45 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. ब्रोकरेज हाउस शेयरखान भी इसे लेकर बुलिश है और 100 रुपये के टारगेट के साथ निवेश की सलाह दी है.
Marksans Pharma
टारगेट प्राइस: 80 रुपये
करंट प्राइस: 51 रुपये
रिटर्न अनुमान: 57 फीसदी
ब्रोकरेज हाउस अरिहंत कैपिटल ने Marksans Pharma में 80 रुपये के टारगेट के साथ निवेश की सलाह दी है; करंट प्राइस 51 रुपये के लिहाज से इसमें 57 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. यह एक फार्मा कंपनी है जो जेनेरिक फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन के रिसर्च, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग में काम करती है. कंपनी का की फोकस एरिया ओवर द काउंटर (OTC) और प्रेस्क्रिप्सन ड्रग है.
टारगेट प्राइस: 95 रुपये
करंट प्राइस: 78 रुपये
रिटर्न अनुमान: 22 फीसदी
ब्रोकरेज हाउस शेयरखान ने CESC में निवेश की सलाह दी है और टारगेट प्राइस 95 रुपये तय किया है. करंट प्राइस 78 रुपये के लिहाज से इसमें 22 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 5.5 फीसदी बढ़कर 286 करोड़ रुपये रहा है. पावर सेल्स वॉल्यूम में सालाना आधार पर 17.5 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली है. पावर डिमांड मजबूत होने का भी फायदा कंपनी को मिला है.
टारगेट प्राइस: 96 रुपये
करंट प्राइस: 78 रुपये
रिटर्न अनुमान: 22 फीसदी
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने SAIL में निवेश की सलाह दी है और शेयर के लिए 96 रुपये का टारगेट दिया है. करंट प्राइस 78 रुपये के लिहाज से इसमें 22 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 16 फीसदी बढ़ा है, हालांकि तिमाही आधार पर इसमें 22 फीसदी गिरावट आई है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
US Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में पूरे साल तेजी के आसार, S&P 500 ETF में निवेश दे सकता है बेहतर रिटर्न
अमेरिका के S&P 500 Index में पूरे साल तेजी बने रहने की संभावना पर फंड मैनेजर्स को काफी भरोसा है, उनका मानना है कि 2021 के अंत तक इस इंडेक्स में कम से कम 10% की तेजी देखने को मिल सकती है.
S&P 500 Index में इस साल यानी जनवरी 2021 से अब तक 19.22% का उछाल आ चुका है.
Investing in US Market, S&P 500 Index: भारतीय निवेशक अगर अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें क्या करना होगा? इस सवाल का सबसे सीधा जवाब है, S&P 500 ETF में निवेश करके वे अपने इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. जैसा कि इसके नाम से भी पता चलता है, S&P 500 इंडेक्स US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका में अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियां शामिल हैं. जाहिर है, S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले किसी ईटीएफ में निवेश का मतलब है, आपका निवेश इस इंडेक्स में आने वाली तेजी के साथ-साथ बढ़ने की पूरी संभावना रहेगी.
S&P 500 पर फंड मैनेजर्स को क्यों है इतना भरोसा?
अमेरिका की टॉप कंपनियों के शेयर्स की चाल को दर्शाने वाले S&P 500 इंडेक्स में जनवरी से अब तक 19.22 फीसदी की तेजी दर्ज की जा चुकी है. इसके मुकाबले भारत के Nifty 50 इंडेक्स में इसी दौरान 12.86 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. फंड मैनेजर्स का मानना है कि S&P 500 में 2021 के अंत तक अभी और 10 फीसदी की तेजी आ सकती है.
बैंक ऑफ अमेरिका के जुलाई महीने के फंड मैनेजर सर्वे के मुताबिक 82 फीसदी निवेशकों को उम्मीद है कि S&P 500 इंडेक्स इस साल के अंत तक कम से कम 10 फीसदी और बढ़ेगा. इतना ही नहीं, कई निवेशक तो यह उम्मीद भी कर रहे हैं कि अगरे छह महीने में अमेरिकी बाजार में बुल रन यानी शानदार तेजी का दौर भी देखने को मिल सकता है.
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ETF के जरिए आसान है S&P 500 इंडेक्स में निवेश
सवाल यह है कि अमेरिकी कंपनियों के S&P 500 इंडेक्स में शानदार तेजी की संभावना का फायदा भारतीय निवेशक कैसे उठा सकते हैं? इसका एक आसान रास्ता एक अच्छे S&P 500 ETF में निवेश करना हो सकता है. यानी एक ऐसा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जो न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियों के S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करता हो. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के रिटर्न आम तौर पर उस इंडेक्स की चाल के साथ ही चलते हैं, जिसे वे ट्रैक करते हैं. हालांकि इसमें कई बार थोड़ा-बहुत ट्रैकिंग एरर आ सकता है.
ये हैं S&P 500 में निवेश करने वाले टॉप ETF:
S&P 500 में शामिल कंपनियों में निवेश करने वाले तीन सबसे बड़े ETF हैं :
Vanguard S&P 500 ETF: 753 अरब अमेरिकी डॉलर के नेट एसेट्स वाला Vanguard सबसे बड़ा S&P 500 ETF है. इसका औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 39.8 लाख है. जनवरी 2021 से अब तक इसमें 19.27 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
SPDR S&P 500 ETF Trust: 374.03 अरब अमेरिकी डॉलर के नेट एसेट वाला SPDR S&P 500 ETF Trust दूसरा सबसे बड़ा S&P 500 ETF है. इस साल में यह अब तक 19.29 फीसदी बढ़ चुका है. जनवरी 1993 में लॉन्च किया गया SPDR S&P 500 ETF अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट हुआ पहला एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है.
iShares Core S&P 500 ETF: 286.99 अरब डॉलर के नेट एसेट वाला iShares Core S&P 500 ETF अमेरिका का तीसरा सबसे US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका बड़ा S&P 500 ETF है. इस फंड में इस साल अब तक 19.32 फीसदी का इजाफा हो चुका है. इसका औसत वॉल्यूम 45.3 लाख का है.
इन तीनों टॉप ईटीएफ के अलावा कई और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के लीवरेज्ड (leveraged) और इक्वल-वेटेड (equal-weighted) जैसे अलग-अलग वैरिएंट भी बाजार में मौजूद हैं.
ETF के जरिए निवेश का फायदा
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ETF को ईटीएफ ब्रोकर्स की मदद से शेयर बाजार के कारोबारी समय के दौरान कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है. शेयर्स की तरह ही इनका भी अपना खास टिकर सिंबल होता है. इसका एक बड़ा फायदा यह है कि निवेशक शेयर बाजार के कारोबारी घंटों के दौरान इनके भाव पर लगातार नज़र रख सकते हैं. साथ ही ETF में निवेश करने की लागत भी काफी कम होती है. S&P 500 ETF जिस S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, उसमें माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), ऐपल (Apple), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook), गूगल (Google) और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं.
स्टॉक मार्केट: भारतीयों ने अमेरिकी शेयर बाजार में 3200 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया, पांच साल में निवेश 120% बढ़ा
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश की खबरें हम आए दिन पढ़ते हैं, लेकिन भारतीयों द्वारा विदेशों में निवेश की खबरें कम ही आती हैं। इसीलिए दैनिक भास्कर ने यह जानने की कोशिश की कि भारतीयों द्वारा अमेरिकी स्टॉक मार्केट में कितना निवेश किया जाता है। अमेरिकी मार्केट में निवेश की सुविधा की शुरुआत करने वाले एचडीएफसी सिक्युरिटीज के डिजिटल और डिस्ट्रीब्यूशन के हेड नंदकिशोर पुरोहित ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान भारतीयों ने अमेरिकीस्टॉक मार्केट में 431 मिलियन डॉलर (करीब 3224 करोड़ रुपए) का निवेश किया।
फेसबुक, एपल, अमेजन जैसे स्टॉक्स निवेशकों की पहली पसंद
हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टिंग सर्विस शुरू करने वाले अलंकित लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकित अग्रवाल ने बताया - नए निवेशक फेसबुक, एपल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में निवेश करना पसंद करते हैं। ग्लोबल निवेशक डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो रखते हैं और अमेरिकी स्टॉक मार्केट में इसके लिए सुनहरा मौका रहता है।
सेफ इन्वेस्टमेंट के लिए अमेरिकी मार्केट में निवेश होता है
नंदकिशोर पुरोहित बताते हैं कि जब भारतीय बाजार गिरावट में और अमेरिकी बाजार अच्छी स्थिति में होता है तब कई ग्राहक अपने निवेश को शिफ्ट करने के लिए अकाउंट खोलते हैं। इसके अलावा निवेशकों को करंसी का भी फायदा मिलता है, क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया अक्सर कमजोर होता रहता है। अमेरिकी बाजारों के मुख्य मुनाफों में विनिमय और अनुकूलता है, जो US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका भारतीय ग्राहकों को नास्डेक स्टॉक मार्केट की और आकर्षित करते हैं।
पश्चिम और दक्षिण भारत से ज्यादा निवेश होता है
अंकित अग्रवाल बताते हैं कि भारत से अमेरिकी स्टॉक मार्केट में गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से ज्यादा निवेश होता है। इसी तरह दक्षिण भारत के राज्यों में कर्नाटक और तामिलनाडु से अधिक निवेश किया जाता है। हाल के कुछ समय से उत्तरी भारत के राज्यों में से भी निवेश बढ़ा है। अमेरिकी मार्केट में विदेशी निवेशकों आईपीओ में निवेश नहीं कर सकते हैं, लेकिन लिस्टिंग बाद उन कंपनियों के शेयर में निवेश कर सकते हैं।
सिक्युरिटीज कंपनियों को इन्वेस्टमेंट बढ़ने की आशा
एचडीएफसी सिक्युरिटीज में अभी 30,000 से भी ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स और 10,000 से ज्यादा अकाउंट हैं। कंपनी ने मार्च 2020 के अंत तक 50000 अकाउंट खोलने का लक्ष्य रखा था। इसी तरह अलंकित लिमिटेड ने मार्च तक 36,000 अकाउंट खोलने का लक्ष्य रखा था। एचडीएफसी के ग्राहकों का औसत निवेश 9000 डॉलर (करीब 6-7 लाख रुपए) है। आरबीआई के नियमों के अनुसार विदेशों में व्यक्ति सालाना 2.5 लाख डॉलर (करीब 1.86 करोड़ रुपए) तक का ही निवेश कर सकता है।
शेयर बाजार में निवेश का सही मौका और तरीका जानना है तो सुनें SBI म्यूचुअल फंड के डिप्टी MD की बात
निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.
SBI म्युचुअल फंड के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह ने कहा कि इस साल निफ्टी-50 ने बड़ी गिरावट के बाद शानदार र . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 15, 2022, 17:10 IST
हाइलाइट्स
SBI म्युचुअल फंड के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह से मनीकंट्रोल से की बात.
कहा- निवेश के लिए मार्केट में प्रवेश करने का सही समय कब आएगा, इसका इंतजार न करें.
पहली बार शेयरों में पैसा लगाने वाले निवेशक कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं.
नई दिल्ली. दुनियाभर के देशों में चल रही राजनीतिक उठापटक, रूस-यूक्रेन विवाद और चीन-ताइवान तनाव के कारण कई तरह की आर्थिक चुनौतियां उभरकर सामने आ रही हैं. परंतु, इन सबके बावजूद तुलनात्मक रूप से भारत में माहौल अब भी अच्छा है. पिछले कुछ हफ्तों में शेयर बाजार में भी काफ़ी सुधार देखा गया है.
विदेशी निवेशकों (Foreign Institutional Investors) ने फिर से भारतीय बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया है. पिछले साढ़े तीन महीनों में विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से भारतीय स्टॉक मार्केट में 65 हजार करोड़ रुपये लगाए है. भारतीय शेयर बाजार में जब सबकुछ इतना ठीक चल रहा है तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर आप इस समय निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए क्या करना सही रहेगा?
लंबी अवधि के निवेश पर करें ज्यादा फोकस
इस सवाल का जवाब जानने के लिए Network18 ग्रुप की वेबसाइट मनीकंट्रोल (MoneyControl) ने एसबीआई म्यूचुअल फंड के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह से बात की. सिंह ने कहा US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका कि इस साल निफ्टी-50 ने बड़ी गिरावट के बाद शानदार रिकवरी दिखाई है. जो छोटे निवेशक (Retail Investors), निवेश करने के लिए अब तक सही मौके का इंतजार कर रहे थे, उन्हें धीरे-धीरे शेयरों में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए. निवेश के लिए मार्केट में उतरने के लिए सही समय का इंतजार न करें. निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश पर ज्यादा फोकस करना चाहिए. क्योंकि लंबी अवधि के निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है.
निवेशकों के लिए क्या है सही
डीपी सिंह का कहना है कि निवेशकों को सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वे शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हैं या नहीं. यह तय हो जाने पर उन्हें एक्टिवली-मैनेज्ड फंड में निवेश शुरू करना चाहिए. इसका कारण यह है कि इस तरह के फंड्स का रिटर्न मार्केट के बेंचमार्क की तुलना में ज्यादा रहता है. इनमें निवेश करने से पहले आपको फंड के पिछले एक साल या अगले एक साल के रिटर्न को देखने की जरूरत नहीं है. बाजार के एक बिजनेस साइकिल में शेयर या किसी सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा हो सकता है. लेकिन यह जरूरी नहीं कि दूसरे साइकिल में भी उसका प्रदर्शन अच्छा रहेगा. इसलिए किसी भरोसेमंद फंड हाउस के फंड मैनेजर की स्कीम में अपना निवेश करते रहें.
कहां से करें शुरुआत
शेयर बाजार में पहली बार पैसा लगाने जा रहे निवेशकों के लिए सिंह ने कहा कि पहली बार शेयरों में पैसा लगाने वाले निवेशक कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं. क्योंकि ये फंड अपना 25 फीसदी शेयरों में इनवेस्ट करते हैं और बाकी 75 फीसदी डेट (बॉन्ड्स) में निवेश करते हैं.
क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी
शेयरों में अपने निवेश को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए. वैश्विक स्तर पर माहौल काफ़ी तनावपूर्ण रहा है. रूस यूक्रेन की लड़ाई जारी है. चीन और ताइवान में भी टकराव की स्थिति बनी हुई है. यह वास्तव में चिंता की बात है. लेकिन इसी बीच क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी आई है, जो भारत के लिए के लिए अच्छी बात है.
आगे उन्होंने कहा कि रूस ने अमेरिका और यूरोपीय देशों पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उससे भारत को फायदा होता दिख रहा है. इस समय भारत रूस से बहुत कम दाम पर क्रूड आयल खरीद रहा है. चीन के पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं इसका भी भारत फायदा उठा सकता है.
आईपीओ में पैसे लगाना कितना सही?
आईपीओ में पैसे लगाने के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह निवेश करने वाले की क्षमता पर निर्भर करता है. इसके लिए सबसे पहले कंपनी के बारे में विश्लेषण करना जरूरी है. एक फंड हाउस जिस तरह से किसी कंपनी के मैनजेमेंट और उसकी बुनियादी बातों को समझ सकता है, वह किसी रिटेल इनवेस्टर के लिए मुमकिन नहीं है. अगर आप कंपनी के बारे में पूरी तरह से जानते हैं तो फिर आप आईपीओ में निवेश कर सकते हैं.
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शेयर बाजार में कल Diwali की छुट्टी, फिर भी होगी 1 घंटे की Muhurat Trading
Muhurat Trading 2022: ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान निवेश करने से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि इस विशेष सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 23 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 4:32 PM IST)
शेयर बाजार (Stock Market) में कल 24 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर छुट्टी (Diwali Holiday) रहेगी. लेकिन निवेशकों को छुट्टी के दिन भी एक घंटे के लिए ट्रेडिंग करने का मौका मिलेगा. जी हां, स्टॉक मार्केट में दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) की परंपरा है, जिसके तहत घंटे भर के लिए मार्केट को ओपन किया जाता है. ये एक परंपरा के तौर पर लंबे समय से जारी है.
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पुरानी
Diwali का पर्व हिंदू नव वर्ष कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है. पूरे भारत में इस उत्सव को धन, समृद्धि और सौभाग्य के स्वागत के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है. ऐसे में शेयर बाजार इन्वेस्टर्स (Share Bazar Investors) भी इस दिन को निवेश की शुरुआत करने के लिए बेहद खास मानते हैं और एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) में जमकर दांव लगाते हैं. निवेशकों का मानना है कि इस दिन इन्वेस्टमेंट करके पूरी साल फायदा होता है. इसी धारणा के चलते सालों से शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा चल रही है.
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इस समय पर खुलेगा बाजार
स्टॉक एक्सचेंज दिवाली की छुट्टी के दिन सोमवार 24 अक्टूबर 2022 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक एक घंटे के विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए खुलेंगे. ब्लॉक डील सेशन 5.45 बजे से 6 बजे तक रहेगा, जबकि प्री-ओपनिंग सेशन शाम 6 बजे से लेकर 6.08 बजे तक होगा. पुराने आंकड़ों को देखें तो शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान जोरदार तेजी देखी जाती रही है. इस बार भी उम्मीद है कि इस विशेष ट्रेडिंग में सेंसेक्स 60 हजार के पार निकलेगा.
2021 पर बाजार रहा था गुलजार
पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 104.25 अंक चढ़कर 59,307.15 के स्तर पर बंद हुआ था. बीते साल 4 नवंबर, 2021 को दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था.
एक्सपर्ट्स की सलाह आएगी काम
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों में निवेश को लेकर कुछ खास बातों का ध्यान रखने से आप घाटे में नहीं रहेंगे, बल्कि जैसा सोचा है उसी हिसाब से मुनाफा मिल सकता है. इसके लिए शेयर बाजार एक्सपर्ट्स ने टिप्स बताए हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश के मूल सिद्धांतों के साथ बने रहें और कम अवधि में त्वरित रिटर्न के लिए जल्दबाजी में निर्णय बिल्कुल भी न लें. उन्होंने निवेशकों को मध्यम से लंबी अवधि के निवेश की सलाह दी है.
पांच दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
Stock Market में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.
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